Best Historical Places Of Madhya Pradesh, भारत के “ह्रदय प्रदेश” के रूप में प्रसिद्ध, मध्य प्रदेश ऐतिहासिक स्थानों के रूप में कुछ अमूल्य रत्नों जैसे -साँची स्तूप, खुजराहो,भीम बैठिका रॉक व अन्य स्मारकों से परिपूर्ण है। अपनी सीमाओं से परे मध्यप्रदेश ने अपने ऐतिहासिक स्मारकों को एक सराहनीय शैली में संरक्षित किया है। जो देश में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। राज्य एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ प्राचीन मंदिरों और भव्य मस्जिदों से लेकर भव्य महलों और अभेद्य किलों तक आपके दिल को खुश कर देने वाली प्रभावशाली संरचनाएं हैं। मध्य प्रदेश में विरासत स्थल अपने प्रभावशाली वास्तुशिल्प और जटिल नक्काशी के लिए प्रमुख रूप से लोकप्रिय हैं। ये स्थल मुगल वास्तुकला से लेकर समकालीन मंदिर वास्तुकला तक विभिन्न स्थापत्य शैली का प्रदर्शन करते हैं। जो प्रत्येक बर्ष स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करता है।
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों की पूरी जानकारी के लिए हमारे इस लेख को पूरी अवश्य पढ़े, जहाँ हमने आपके लिए मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों की सूची तैयार की है-
सांची स्तूप मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 46 कि.मी. की दूरी पर उत्तर-पूर्व में बेतबा नदी के किनारे पर स्थित है। यह स्थल अपनी आकर्षित कला कृतियों के लिए विश्व विख्यात है, और मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। जिसे यूनेस्को द्वारा 15 अक्टूबर 1982 को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। साँची स्तूप का निर्माण मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक की आज्ञानुसार तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बौद्ध अवशेषों को सम्मानित करने के लिए किया गया था। इस स्थान पर मौजूद मूर्तियों और स्मारकों में बौद्ध कला और वास्तु कला की अच्छी झलक देखी जा सकती है। साथ ही आपको बता दे सांची नगर एक पहाड़ी के ऊपर बसा हुआ है और हरे-भरे बागानों से घिरा हुआ है। जिससे यहा आने वाले पर्यटकों को शांति और आनंद का एहसास होता है।
और पढ़े : साँची स्तूप घूमने की जानकारी और इसके पर्यटन स्थल
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक खुजराहो मंदिर मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र छतरपुर जिले में स्थित है। खुजराहो मंदिर अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए देश भर में ही नहीं बल्कि, दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ खजुराहो के 22 मंदिरों का एक समूह है, जो विश्व भर के यात्रियों के लिए आकर्षण के केंद्र बना हुआ है। यहाँ कि जटिल नक्काशी और बेहतरीन कामुक मूर्तिकला किसी भी इतिहास और कला प्रेमी को खजुराहो आने के लिए सम्मोहित कर सकती है। खजुराहो के मंदिरों को तीन श्रेणियों में देखा जा सकता है, पश्चिमी समूह, दक्षिणी समूह और पूर्वी समूह, जिनके बीच मंदिरों के पश्चिमी समूह ने अधिकतम प्रसिद्धि प्राप्त की है। जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में में भी सूचीबद्ध किया गया है। मध्य प्रदेश का यह छोटा शहर खजुराहो इतिहास में गहरी रुचि रखने वालों के लिए एक अद्भुत टूरिस्ट प्लेस हो सकता है।
मुगल सम्राट बाबर द्वारा ‘भारत में किलों के बीच मोती’ के रूप में संदर्भित, “ग्वालियर का किला” पूरे उत्तरी और दक्षिणी भारत में स्थित सबसे अभेद्य किलों में से एक है। इस स्थान के महत्व को अमर बनाने के लिए भारतीय डाक सेवा द्वारा एक डाक टिकट जारी किया गया है। मध्यप्रदेश में ग्वालियर के पास एक विशाल चट्टानी पहाड़ की चोटी पर स्थित, यह भव्य संरचना ग्वालियर शहर की पहचान है, जो मध्यप्रदेश के प्राचीन स्थलों में शुमार है। ग्वालियर फोर्ट का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था,और तब से कई राजाओं, मुगलों और ब्रिटिशों ने इस जगह पर राज किया और उन्होंने यहाँ कई स्थानों का निर्माण भी करवाया। मध्यप्रदेश के“अभेद्य किला” के रूप विख्यात ग्वालियर फोर्ट निश्चित रूप से मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। जो प्रत्येक बर्ष हजारों पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है।
और पढ़े : ग्वालियर का किला घूमने की जानकारी और इतिहास
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसे 430,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में बनाया गया है और यह एक समय में 1,75,000 लोगों को समायोजित कर सकती है। ताज-उल-मस्जिद केवल मध्य प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश में सबसे प्रमुख ऐतिहासिक संरचनाओं में से एक है। यह मध्य भारत में मुगल वास्तुकला और शिल्प कौशल के बेहतरीन नमूनों में से एक है। संगमरमर की गुंबद और लंबे मीनारों की विशेषता वाली इस मस्जिद का निर्माण 19 वीं शताब्दी में शुरू हुआ था। ताज-उल-मस्जिद मुस्लिमों के लिए धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल है। जहाँ देश और दुनियाभर के तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग प्रर्थना करने के लिए इस जगह का दौरा करते है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख पुरातात्विक स्थल और ऐतिहासिक स्थानों में से एक भीमबेटका गुफ़ाएँ (भीमबेटका रॉक शेल्टर या भीमबैठका) मध्य-प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है, जो भारतीय उपमहाद्वीप पर मानव जीवन के शुरुआती निशानों को प्रदर्शित करता है। भीमबेटका यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और इस स्थल को सन 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है। सात पहाड़ियाँ में से एक भीमबेटका की पहाड़ी पर 750 से अधिक रॉक शेल्टर (चट्टानों की गुफ़ाएँ) पाए गए है जोकि लगभग 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए है। भीमबेटका भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन की उत्पति की शुरुआत के निशानों का वर्णन करती है। इस स्थान पर मौजूद सबसे पुराने चित्रों को आज से लगभग 30,000 साल पुराना माना जाता है। माना जाता है कि इन चित्रों में उपयोग किया गया रंग वनस्पति था। जोकि समय के साथ-साथ धुंधला होता चला गया।
और पढ़े ; भीमबेटका की जानकारी इतिहास, पेंटिंग
मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक, ओंकारेश्वर मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय हिन्दू मंदिरों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी में शिवपुरी नामक एक द्वीप पर स्थित है जो ओम प्रतीक के आकार जैसा दिखता है। यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है क्योंकि यह शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यह मंदिर कम से कम एक हज़ार साल पुराना है। अकल्पनीय संख्या में तीर्थयात्री हर साल ओंकारेश्वर की तीर्थ यात्रा करते हैं, और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं।
और पढ़े : ओंकारेश्वर पर्यटन स्थल और दर्शनीय स्थल की जानकरी
इंदौर में प्रसिद्ध कजुरी मार्केट के पास स्थित, राजवाड़ा एक शानदार और ऐतिहासिक महल है। जिसका निर्माण होलकरों द्वारा लगभग 200 साल से भी पहले किया गया था। राजवाडा छत्रियों के पास स्थित एक सात मंजिला संरचना है जो शाही भव्यता और वास्तु कौशल के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में कार्य करता है। कजुरी बाज़ार की भीड़-भाड़ वाली सड़कों के बीच बसे और शहर के मुख्य चौक के सामने, राजवाड़ा महल में एक अच्छी तरह से सजाया हुआ बगीचा है, जिसमें रानी अहिल्या बाई की मूर्ति, एक कृत्रिम झरना और कुछ खूबसूरत फव्वारे इसकी शोभा बढ़ाते हैं। राजवाड़ा इंदौर में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों और सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है। जो हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
ओरछा मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने भव्य महलों और जटिल नक्काशीदार मंदिरों के लिए जाना जाता है। प्रसिद्ध रूप से महलों के शहर के रूप में जाना जाता है, यह क्लासिक भित्ति चित्रों, फ्रेस्कोस और छत्रिस (सेनोटाफ्स) के लिए विश्व प्रसिद्ध है जो बुंदेला शासकों के स्मरण के लिए बनाए गए थे। ओरछा के पुराने विश्व आकर्षण ने दुनिया भर के पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। बुंदेला राजपूत प्रमुख द्वारा 1501 में स्थापित, ओरछा का शाब्दिक अर्थ है ‘एक छिपी हुई जगह’। यह भारत में बुंदेलों पर शासन करने वाले सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक था।
दतिया झील के पास स्थित बीर सिंह पैलेस महल सात मंजिला प्राचीन संरचना है, जो मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। 1614 में निर्मित बीर सिंह पैलेस बुंदेला वास्तुकला परिभाषित करता है। महल परिसर के अंदर के चित्रों और कलाकृतियों के साथ बुंदेला राजवंश की समृद्ध संस्कृति और कला देखी जा सकती है, जो महल इतिहास के का वर्णन करता है। बीर सिंह पैलेस इतिहास शोकिनो और पर्यटकों के लिए मध्यप्रदेश की लोकप्रिय जगहों में से एक है, जो हजारों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
और पढ़े : दतिया महल की जानकारी और इससे जुड़ी रोचक बातें
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थानों में से एक भोजेश्वर भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण राजा भोज ने 11 वीं शताब्दी में शुरू करबाया था जिसमे 18 फीट लंबा लिंग स्थापित है। लेकिन भोजेश्वर मंदिर का निर्माण पूरा होने से पहले छोड़ दिया गया था। भोजपुर की ओर मुख वाली एक पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में साल भर भक्तों और पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। मंदिर से जुड़ी कहानियों के साथ, इसकी बेहतरीन वास्तुकला और नक्काशी इसे मध्य प्रदेश के सबसे प्रभावशाली विरासत स्थलों में से एक बनाती है।
और पढ़े :
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…