Baidyanath Temple In Hindi, बैद्यनाथ धाम मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र मंदिर है जिसे “बैद्यनाथ धाम” के नाम से भी जाना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे भगवान शिव का निवास माना जाता है। झारखंड राज्य के देवघर मंडल में स्थित इस विशाल मंदिर परिसर का प्रमुख बाबा बैद्यनाथ मंदिर है जहां पर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इसके अलावा मंदिर परिसर में 20 अन्य आकर्षक मंदिर भी स्थित है। जो भी लोग अपने मन को शांत करना चाहते हैं वे लोग इस मंदिर में अदभुद शांति प्राप्त कर सकते हैं।
बैद्यनाथ मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसका अपना मजबूत इतिहास है जिसका इसका उल्लेख कई प्राचीन शास्त्रों में मिलता है। बता दें कि इस ज्योतिर्लिंग मंदिर की मूल कथा त्रेता युग में भगवान राम के काल से जुड़ी हुई है। ऐसा भी कहा जाता है कि लंका के राजा रावण ने इस स्थान पर शिव की पूजा की थी, जहां पर आज यह मंदिर स्थित है। इसी तरह बैद्यनाथ मंदिर के इतिहास से जुड़ी ऐसी कई बाते हैं जो आपको हैरान कर देंगी। अगर आप बैद्यनाथ मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको मंदिर की पौराणिक कथा और यात्रा के बारे में बता रहें हैं –
1. देवघर मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा – Baba Baidyanath Dham History In Hindi
देवघर मंदिर से एक पुरानी कहानी जुडी हुई है जो इस मंदिर की उत्पत्ति का हिस्सा है और यह पढ़ने लायक है। बता दें कि जब एक बार राजा रावण को लगा कि उसकी राजधानी अधूरी सी है। तो उसने भगवान शिव से अपने साथ लंका जाने के लिए प्रार्थना की। इसके लिए रावण ने भगवान शिव की निरंतर तपस्या की जिसके बाद भगवान शिव प्रसन्न होकर उसे कहा कि वे रावण के साथ लंका नहीं जा सकते हैं लेकिन उन्होंने एक शिवलिंग को लंका ले जाने की अनुमति दी। इसके साथ ही उन्होंने रावण को कहा कि इस शिव लिंग रास्ते में कहीं न रखें क्योंकि इसे जिस जगह पर रख दिया जायेगा, यह वहीँ स्थापित हो जायेगा।
लेकिन अन्य देवता यह नहीं चाहते थे कि रावण शिवलिंग को अपने साथ लंका ले जाए क्योंकि अगर शिव लिंग वहां पहुंच गया तो रावण के बुरे कामों से दुनिया को खतरा होगा। इसलिए सभी देवताओं ने जल के देवता वरुण से अनुरोध किया कि वे रावण के पेट में प्रवेश करें। रावण के पेट में पानी बढ़ने के वजह से उसे लघुशंका यानि मूत्र विसर्जन करने की इच्छा होने लगी। इसके बाद उसने सोचा की ज्योतिर्लिंग किसी को सौंपकर लघुशंका कर लेता हूं। उस समय एक ग्वाले के रूप में भगवान विष्णु उस स्थान पर प्रकट हुए और रावण ने उसे शिव लिंग सौंप यह कहा कि उसे लघुशंका आ रहा है, लेकिन इस शिव लिंग को वह धरती पर न रखे। जब रावण मूत्र विसर्जन करने गया तो उस ग्वाले ने शिव लिंग को नीचे रख दिया। जब रावण लौटकर आया तो उसने शिवलिंग को उठाने की बहुत कोशिश की लेकीन वो टस से मस नहीं हुआ। इसके बाद रावण को खाली हाथ लंका जाना पड़ा। रावण के लंका लौट जाने के बाद में सभी देवताओं ने इस शिव लिंग को स्थापित किया और यहां पूजा की।
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2. बैद्यनाथ धाम मंदिर में लगने वाला प्रसिद्ध श्रावण मेला – Baidyanath Dham Mandir Ka Famous Shravan Mela In Hindi
बैद्यनाथ मंदिर में हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में श्रावण मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के सभी भागों से लगभग 7 से 8 मिलियन भक्त इस स्थान पर आते हैं और इस जीवंत उत्सव का हिस्सा बनते हैं। यहां आने वाले भक्त सुल्तानगंज से गंगा का पानी एकत्र करते हैं और फिर नंगे पांव बैद्यनाथ तक जाते हैं जो कि 108 किलोमीटर दूर है।
3. बाबा बैद्यनाथ मंदिर के खुलने का समय और अनुसूची – Baidyanath Temple Timings And Schedule In Hindi
- बाबा बैद्यनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंगम की पूजा सुबह 4:00 बजे शुरू होती है।
- सुबह 4:00 बजे से 5:30 बजे तक सरकार पूजा होती है।
- पूजा अनुष्ठान दोपहर 3:30 बजे तक जारी रहता है, इसके बाद मंदिर बंद हो जाता है।
- बता दें कि यहां आने वाले लोगों के लिए मंदिर शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है और इसके बाद पूजा फिर से शुरू होती है। इस समय मंदिर में श्रृंगार पूजा होती है।
- इसके बाद मंदिर रात 9 बजे फिर से बंद कर दिया जाता है।
4. बाबा धाम यात्रा करने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Baidyanath Temple In Hindi
अगर आप देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर जाने की योजना बना रहें हैं तो आपको बता दें कि यहां की बाबा धाम यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों में है। ग्रीष्मकाल के समय यहां बहुत तेज गर्मी पड़ती है और मानसून भी आपकी यात्रा का मजा किरकिरा कर सकता है। इसलिए हम आपको सलाह देना चाहते हैं कि आप इस पवित्र मंदिर की यात्रा अक्टूबर से मार्च तक के महीनों के दौरान करें।
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5. बाबा बैद्यनाथ मंदिर देओघर, झारखण्ड कैसे पहुंचे – How To Reach Bada Baidyanath Temple Deoghar In Hindi
अगर आप बैद्यनाथ मंदिर की यात्रा करने जा रहें हैं तो बता दें कि यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन बैद्यनाथ धाम है। जसीडीह जंक्शन यहां का एक और रेलवे स्टेशन है जो देवघर से 7 किमी दूर है और यह दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर स्थित है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा पटना में स्थित है जो 230 किमी की दूरी पर स्थित है।
5.1 हवाई जहाज से बैद्यनाथ मंदिर तक कैसे पहुंचे – How To Reach Baba Baidyanath Dham By Flight In Hindi
बैद्यनाथ मंदिर के लिए कोई सीधी उड़ान कनेक्टिविटी नहीं है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा लोकनायक जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो पटना (230) में स्थित है।
5.2 सड़क मार्ग से बाबा धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Baidyanath Temple By Road In Hindi
बैद्यनाथ मंदिर के नियमित बस सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। कोई भी पटना, रांची आदि स्थानों से दिन या रात में बस द्वारा मंदिर के लिए यात्रा कर सकता है। इसके अलावा आप इस मार्ग पर मंदिर जाने के लिए टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं।
5.3 रेल मार्ग से देवघर बाबा धाम कैसे जाये – How To Reach Baba Baidyanath Mandir By Train In Hindi
बैद्यनाथ मंदिर रेलवे के माध्यम से शेष भारत से अच्छी तरह से जुड़ा है। बैद्यनाथ धाम जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए आप भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन ले सकते हैं।
5.4 बैद्यनाथ मंदिर के पास स्थानीय परिवहन – Local Transport At Baidyanath Temple In Hindi
बैद्यनाथ मंदिर के पास आप रिक्शा या टैक्सी से यात्रा कर सकते हैं।
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इस लेख में आपने बैद्यनाथ मंदिर घूमने जाने की पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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6. बाबा बैद्यनाथ मंदिर देओघर, झारखण्ड का नक्शा – Bada Baidyanath Temple Deoghar Map
7. बाबा बैद्यनाथ मंदिर की फोटो गैलरी – Bada Baidyanath Temple Images
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