Arbuda Devi Temple in Hindi : अर्बुदा देवी मंदिर राजस्थान के माउंट आबू का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर राजस्थान राज्य की समृद्ध स्थापत्य विरासत एक प्रमाण है। अर्बुदा देवी को कात्यायनी देवी का अवतार माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि इस जगह पर माता पार्वती के होंठ गिरे थे, जिसकी वजह से इस मंदिर को अधर शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर भारत में स्थापित 51 शक्तिपीठों में से एक अर्बुदा देवी मंदिर का निर्माण ठोस चट्टानों से किया गया है और यह भारत में रॉक-कट मंदिरों के सर्वश्रेष्ठ नमूनों में से एक है। नवरात्री के समय इस मंदिर में बहुत भीड़ रहती है, इस दौरान माता के भक्त दर्शन के लिए घूमने आते हैं। माता के दर्शन करने के लिए आपको करीब 365 सीढ़ियों की चढ़ाई करके जाना होता है। भले ही यह आपके लिए एक कठिन चढ़ाई हो सकती है लेकिन यहां की सुंदर मूर्तियाँ और दृश्य चढ़ाई को सार्थक बनाते हैं।
अगर आप अर्बुदा देवी मंदिर दर्शन के लिए जाना चाहते हैं या मंदिर के बारे में अन्य जानकारी जैसे इतिहास, पौराणिक कथा, जाने का अच्छा समय, और कैसे पहुंचे के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, इसमें हमने अर्बुदा देवी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दी है।
1. अर्बुदा माता का इतिहास और पौराणिक कथा- Arbuda Devi Temple History In Hindi
अर्बुदा देवी कात्यायनी देवी का अवतार हैं, जो नौ देवियों में से 6 वीं देवी हैं। बताया जाता है कि अरबुद” नामक एक सांप नंदीवर्धन को इस पर्वत पर वापस लेकर आया था जिसके कारण मुनि वशिष्ठ ने वरदान दिया था कि आप में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करेंगे। और यही कारण है कि इस मंदिर को यहां पर स्थापित किया गया। यह भी बताया जाता है कि इस स्थान पर मुनि वशिष्ठ ने भगवान शिव की पूजा की और काशीविश्वनाथ के दर्शन किए। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि परमार शासकों की उत्पत्ति ‘अग्निकुंड’ से माउंट आबू में हुई थी, इस वजह से अर्बुदा देवी अभी भी परमार क्षत्रियों की पैतृक देवी हैं। मंदिर के पास एक दूध के रंग के पानी का पवित्र कुआँ भी स्थित है जिसको यहाँ के स्थानीय लोग कामधेनु (पवित्र गाय) के रूप में मानते हैं, यह कुआँ मंदिर के लिए पानी का मुख्य स्रोत भी है।
मां अर्बुदा या कात्यायनी के बासकली वध को लेकर भी एक पौराणिक कथा है। बता दें कि दानव राजा कली जिसे बासकली के नाम से भी जाना जाता था, उस दानव ने कई हजार सालों तक तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया। शिव जी ने उस दानव को अजय होने का वरदान दिया। इस वरदान को पाकर दानव बासकली को अपने आप पर घमंड हो गया। वरदान मिलने के बाद बासकली देवलोक में इंद्र सहित सभी देवताओं को परेशान करने लगा। बासकली के उत्पाद से परेशान होकर सारे देवता जंगलों में छुप गए। इसके बाद देवताओं ने अर्बुदा देवी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की, जिसके बाद देवी तीन रूप में प्रकट हुई। देवताओं ने देवी से बासकली से बचाने की प्रार्थना की। माता ने देवताओं और ऋषियों को तथास्तु कहा। भगवान शिव का वरदान पाने वाले बासकली को मां ने अपने चरणों के नीचे दबा कर उसका संहार कर दिया। इसके बाद से अर्बुदा मंदिर के पास स्थित माता के पादुका की पूजा होने लगी।
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2. अर्बुदा देवी मंदिर में अनुष्ठान- Rituals At Arbuda Devi Temple in Hindi
अर्बुदा देवी के बारे में यह भी कहा जाता है कि नवरात्री के दौरान माता के सिर्फ दर्शन करने से ही भक्तों को सारे दुखों से मुक्ति मिल जाती है। यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों के सारे दुःख दर्द दूर हो जाते हैं। नवरात्र के पूरे नौ दिनों में माता के मंदिर में भक्तों की भीड़ बनी रहती है। नवरात्री के छटवे दिन मां अर्बुदा यानि कात्यायनी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जमा होने लगती है। नवरात्र के बाद भी अर्बुदा देवी की पूजा कई दिनों तक की जाती है। बता दें कि यहाँ माता के चरण पादुका मंदिर भी जो यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों के आकर्षण का केंद्र है। यहाँ अर्बुदा देवी की पादुका है जिसके नीचे उन्होंने बासकली राक्षस का वध किया था।
3. अर्बुदा देवी मंदिर आने का सबसे अच्छा समय क्या है – Best Time To Visit Arbuda Devi Temple In Hindi
अर्बुदा देवी मंदिर राजस्थान के माउंट आबू का एक प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल है। समृद्ध वनस्पतियों से घिरे होने की वजह से माउंट आबू में साल के पूरे समय अच्छी जलवायु होती है। यहाँ फूलों की झाड़ियाँ और शंकुधारी वृक्ष भी मौजूद हैं। माउंट आबू या अर्बुदा देवी मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मानसून और सर्दियों का मौसम होता है। इसका मतलब यह है कि आप जुलाई से लेकर फरवरी के महीने में यहां की सैर कर सकते हैं। इसके साथ ही अर्बुदा देवी मंदिर में नवरात्री के दौरान भक्तों की भारी भीड़ होती है।
4. अर्बुदा देवी मंदिर के पास रेस्तरां और स्थानीय भोजन – Restaurants And Local Food Near Arbuda Devi Temple In Hindi
अर्बुदा देवी मंदिर, माउंट आबू के पास स्थित हैं, जहाँ पर प्रकृतिक शुद्ध शाकाहरी भोजन मिलता है। एक जैन तीर्थ स्थल होने की वजह से यहां पर ज्यादातर शुद्ध-शाकाहारी रेस्तरां हैं, इसलिए यहां पर मांसाहारी भोजन मिलने की उम्मीद काफी कम होती है। माउंट आबू में स्थानीय राजस्थानी, पंजाबी और चीनी भोजन भी आसानी से उपलब्ध हैं। पंजाबी और चीनी भोजन का स्वाद आप शहर के केंद्र के पास स्थित रेस्तरां में ही ले पाएंगे, इसलिए बेहतर होगा कि आप स्थानीय राजस्थानी भोजन के लिए ही जाएँ।
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5. अर्बुदा देवी मंदिर कैसे पहुंचे- How To Reach Arbuda Devi Temple In Hindi
अर्बुदा देवी मंदिर माउंट आबू के मुख्य शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक संकरी गुफा के माध्यम से हुए तीर्थ तक पहुंचा जाता है। यह मंदिर चट्टान के एक विशाल ठोस टुकड़े से बना है, जिसकी वजह से इसको भारत में रॉक कट मंदिरों के सर्वश्रेष्ठ नमूनों में से एक माना जाता है।
6. हवाई मार्ग से अर्बुदा देवी मंदिर कैसे पहुंचे- How To Reach Arbuda Devi Temple By Air In Hindi
अगर आप हवाई मार्ग से माउंट आबू के लिए यात्रा कर रहे हैं तो बता दें कि माउंट आबू में अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। इसका निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर शहर में स्थित है। उदयपुर हवाई अड्डे से माउंट आबू 177 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसके लिए सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करने में आपको 3 घंटे का समय लगेगा। मुंबई, जयपुर और दिल्ली से आपको उदयपुर के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। उदयपुर से माउंट आबू या अर्बुदा देवी मंदिर जाने के लिए आप टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं।
7. ट्रेन के माध्यम से अर्बुदा देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Arbuda Devi Temple By Train In Hindi
अगर आप ट्रेन से अर्बुदा देवी मंदिर या फिर माउंट आबू के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि इसके लिए आपको जयपुर और अहमदाबाद से कई ट्रेन मिल जाएँगी। लेकिन अगर आप जयपुर और अहमदाबाद के अलावा भारत के दूसरे किसी शहर से माउंट आबू की यात्रा कर रहे हैं तो बता दें कि यहां आने के लिए आप टैक्सी को प्राथमिकता दें, क्योंकि ट्रेन यात्रा करने में आपको असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। ट्रेन से माउंट आबू जाने के लिए आपको एक लंबे मार्ग से जाना होगा।
8. सड़क मार्ग से अर्बुदा देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Arbuda Devi Temple By Road In Hindi
माउंट आबू के अर्बुदा देवी की यात्रा करने के लिए आपको शहर तक जाने के लिए राज्य परिवहन की बस मिल जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए माउंट आबू पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका दिल्ली से उदयपुर के लिए फ्लाइट पकड़ना है। इसके बाद उदयपुर से सड़क मार्ग द्वारा निजी कार या टैक्सी की मदद से मंदिर पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने भारत में स्थित 51 शक्तिपीठो में से अर्बुदा देवी मंदिर का इतिहास और मंदिर की यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को विस्तार से जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट् करके जरूर बतायें।
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9. अर्बुदा देवी मंदिर की लोकेशन का मैप – Arbuda Devi Temple Location
10. अर्बुदा देवी मंदिर की फोटो गैलरी – Arbuda Devi Temple Images
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