List Of National Parks And Sanctuaries Of Uttarakhand In Hindi, उत्तराखंड भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं, जिसे पहले उत्तरांचल के नाम में भी जाना जाता था। उत्तराखंड एक ऐसा स्थान है जो न केवल हिमालय की खूबसूरती का दावा करता हैं। बल्कि समृद्ध जैव विविधता और भारत की बिभिन्न प्रजातियों के साथ –साथ दुनिया की कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों होने का भी दावा करता है। उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान पर्यटको के लिए प्राकृतिक सुन्दरता से लेकर वन्यजीवों तक बिभिन्न आकर्षण प्रदान करता है। हमारा विश्वास करें, उत्तराखंड के राष्ट्रीय अभयारण्य आपके परिवार के साथ अपने दोस्तों ,साथी के साथ या एक साहसिक यात्रा के लिए एक आदर्श हॉलिडे डेस्टिनेशन है।
तो आज हम यहाँ अपने लेख में उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों जैसे कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क, नन्दा देवी नॅशनल पार्क जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों की सूची पेश करने जा रहे हैं-
उत्तराखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों के नाम और विस्तृत जानकारी – Names And Detailed Information Of Major National Parks Of Uttarakhand In Hindi
उत्तराखंड के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के साथ –साथ भारतीय पर्यटन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करते है। उत्तराखंड के मशहूर राष्ट्रीय उद्यान घूमने के लिए हमारे द्वारा नीचे दी गयी जानकारी को पूरा अवश्य पढ़े –
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क – Jim Corbett National Park In Hindi
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में हिमालय पर्वत की तलहटी और रामगंगा नदी के किनारे स्थित है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है जिसको 1936 में बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की सबसे खास बात यह है कि इसमें रॉयल बंगाल टाइगर की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती है। जिम कॉर्बेट नेशनल में पेड़ों की लगभग 50 प्रजातियों पाई जाती है जो 500 से अधिक वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई हैं। और जानवरों की 50 प्रजातियों के अलावा के साथ 580 पक्षियों की प्रजातियां और 25 सरीसृप की प्रजातियां पाई जाती है।
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राजाजी राष्ट्रीय उद्यान – Rajaji National Park In Hindi
राजाजी नेशनल पार्क शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के साथ फैला हुआ उत्तराखंड का लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यान है, जिसमें जीवों और वनस्पतियों की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफर के लिए स्वर्ग के सामान है। राजाजी नेशनल पार्क में आप टाइगर, किंग कोबरा, पैंथर, भालू, चीतल, सांभर, एशियाई हाथियों, जंगली सूअर, काकर, अजगर, जंगली बिल्लियों, मॉनिटर छिपकली, जैसी कई प्रजातियों को देख सकते हैं। आपको बता दे राजाजी नेशनल पार्क खास तौर पर बाघों और हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। और पार्क को हाल ही में भारत सरकार द्वारा टाइगर रिजर्व का दर्जा भी मिला है। जीप सफारी या एलिफेंट सफारी के साथ 34 किमी का जंगल ट्रैक इस पार्क का मुख्य आकर्षण है। जो पर्यटकों और वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है।
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नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान – Nanda Devi National Park In Hindi
नंदा देवी नेशनल पार्क उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी चोटी के समीप स्थित है, जो भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में सबसे अधिक जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। और दुनिया में कुछ दुर्लभ और अद्वितीय ऊंचाई वाले वनस्पतियों और जीवों का घर है। लुभावने दृश्य, जीवमंडल की समृद्धि के साथ, इस राष्ट्रीय उद्यान को देश में स्थित सभी अन्य स्थानों से अलग रखा गया है।
इस पार्क को वर्ष 1982 में क्षेत्र में विदेशी वनस्पतियों, जीवों की रक्षा और संरक्षण और साथ ही पर्यावरणीय क्षरण से बचाने के लिए एक राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्रों में से एक है। जहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों, पक्षियों, स्तनधारियों जीवो, और तितलियों की बिभिन्न प्रजातियों को देखा सकता है। इसके आलवा नंदा देवी नेशनल अपने पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग और लंबी पैदल यात्रा के लिए अद्भुत अवसर प्रदान करता है।
वैली ऑफ फ्लावर्स उत्तराखंड – Valley of Flowers Uttarakhand In Hindi
वैली ऑफ फ्लावर्स उत्तराखंड के चमोली जिले (बद्रीनाथ के पास) में स्थित है, जो ऋषिकेश के उत्तर में लगभग 300 किमी दूर है। यह एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है, जो पश्चिमी हिमालय की सुंदरता को दर्शाता है। फूलों की घाटी की खोज 1931 में की गई थी और यह सफेद चोटियों से घिरा एक विश्व धरोहर स्थल है। वैली ऑफ फ्लावर्स हिमालयी जल-प्रपात, जलधाराओं और हरे भरे पेड़ पौधे के बीच घूमने के लिए उत्तराखंड के सबसे मनोरम स्थानों में से एक है। जहाँ आपको भी अपना कुछ समय निकालकर अपने परिवार या दोस्तों के साथ हिमालय पर्वतमाला की गोद में बसी इस आकर्षक जगह अवश्य घूमने जाना चाहियें।
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बिनसर वन्यजीव अभयारण्य – Binsar Wildlife Sanctuary In Hindi
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अल्मोड़ा पर्यटन स्थल से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बता दें कि बिनसर वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही हैं। बिनसर कोई शहर या गांव नही बल्कि यह एक वन क्षेत्र हैं जोकि पर्यटकों को ओक के पेड़ों की सुंदरता के लिए आकर्षित करता हैं। 200 से अधिक प्रजातियों के पेड़ो के लिए जाना जाने वाला यह स्थान 1988 में स्थापित किया गया था। बिनसर वन्यजीव अभयारण्य एक और बड़ा आकर्षण हिमालय का राजसी मनोरम दृश्य है, जो हमारे पड़ोसी देश नेपाल में 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला हुआ है।
गंगोत्री नेशनल पार्क – Gangotri National Park In Hindi
गंगोत्री नेशनल पार्क उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। बता दे इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम गंगोत्री ग्लेशियर से लिया गया है। गढ़वाल क्षेत्र के प्राकृतिक परिवेश में स्थित, यह राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रसिद्ध उच्च ऊंचाई वाला वन्यजीव अभयारण्य है। हिमाच्छादित जगह और भव्य शंकुधारी पेड़ों की भव्यता गंगोत्री नेशनल पार्क की आकर्षक दृष्टि को परिभाषित करती है। साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क की चुनौतीपूर्ण ट्रेक और बर्फ,पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बनी हुई है, जो हर साल हजारों पर्यटकों की मेजबानी करता है।
गोविंद पशु विहार वन्यजीव अभयारण्य – Govind Pashu Vihar Wildlife Sanctuary In Hindi
उत्तरकाशी जिले में स्थित गोविंद पशु विहार वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उधानो में से एक है। गोविंद पशु विहार वन्यजीव अभयारण्य विविध वनस्पतियों और बिभिन्न वन्य जीवों के लिए आश्रय स्थल के रूप में कार्य करता है। साथ ही गोविंद पशु विहार वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड का लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण केंद्र भी है, जहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक और वन्य जीव प्रेमी इस आकर्षक स्थल का दौरा करते है। आपकी जानकारी के लिए बता दे गोविंद पशू विहार को शुरू में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था जिसे सन 1955 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ।
अस्कोट अभयारण्य – Ascot Sanctuary In Hindi
पिथौरागढ़ से 54 किमी की दूरी पर और समुद्र तल से 5412 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अस्कोट अभयारण्य समृद्ध और भव्य परिवेश से घिरा है। अस्कोट अभयारण्य वन्य जीव प्रेमियों और वनस्पति विज्ञान के प्रति उत्साही के लिए एक स्वर्ग के समान है, जो वनस्पतियों और जीवों की विस्तृत श्रृंखला से सुसज्जित है। पिथौरागढ़ के इस शानदार परिवेश में चीयर, तीतर, कोकला, भील, हिमालयी काला भालू, चौकोर, हिम तेंदुए और कस्तूरी मृग आदि जानवर देखने को मिलते है। जानवरों के अलावा अस्कोट में कई आकर्षक मंदिर भी है। जिन्हें आप अपनी अस्कोट अभयारण्य की यात्रा दौरान घूम सकते हैं।
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कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य – Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary In Hindi
कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य उत्तराखंड का प्रमुख वन्य जीव अभयारण्य और चोपता का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। जोकि चंद्रशिला तुंगनाथ पर्यटन के प्रमुख आकर्षण में शामिल हैं। कस्तूरी मृग उत्तराखंड का राष्ट्रीय पशु है और जो भी पर्यटक वन्य जीवों में रूचि रखते है यह अभ्यारण्य उनके लिए बहुत ही आकर्षित स्थान है। साथ ही इस अभ्यारण्य में बहुत प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है। कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य में इतने प्रकार के हिरण की प्रजाति पाई जाती है कि वैज्ञानिक भी अभी तक उन सारी प्रजातियों का पता नही लगा पाए है। लगभग 5 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से लोकप्रिय बनता जा रहा है।
बेनोग वन्यजीव अभयारण्य मसूरी – Benog Wildlife Sanctuary Mussoorie In Hindi
राजाजी नेशनल पार्क का एक हिस्सा, बेनोग वन्यजीव अभयारण्य लाइब्रेरी एंड रोड से लगभग 11 किमी दूर स्थित है, जो 339 हेक्टेयर में फैला हुआ है। और इस भव्य पहाड़ी शहर के सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक है। बेनोग वन्यजीव अभयारण्य लगभग विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजातियों जैसे हिरणों, तेंदुओं और लाल-बिली का आश्रय स्थल है। जबकि वनस्पतियों के बात करे तो इस अभयारण्य में देवदार के पेड़ों के अलावा कुछ औषधीय पौधे भी पाये जाते है। वन्य जीवों की बिभिन्न प्रजातियों के साथ बेनोग वन्यजीव अभयारण्य एक ताज़ा सैर के लिए हिमालय की चोटियों से घिरे पाइन-क्लैड ढलानों का एक उत्कृष्ट मार्ग प्रदान करता है। यह आसपास के चौखम्बा और बंदरपंच चोटियों के भव्य दृश्यों को देखने और कैप्चर करने के लिए एक आदर्श स्थल है।
जबरखेत वन्यजीव रिजर्व – Jabarkhet Wildlife Reserve, Mussoorie In Hindi
जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी और धनोल्टी मार्ग पर शहर के केंद्र से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो लगभग 100 एकड़ भूमि के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। जबरखेत नेचर रिजर्व उत्तराखंड में स्थित पहला निजी स्वामित्व और संचालित वन्यजीव अभयारण्य है। यह भारत में निजी स्वामित्व वाला एक मात्र केंद्र हैं। पक्षियों, जानवरों, सरीसृपो और पौधो की कई प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध जबरखेत वन्यजीव रिजर्व समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर हैं। आपको बता दे जबरखेत वन्यजीव रिजर्व संपत्ति के मालिक विपुल जैन और संरक्षणवादी सेजल वराह के बीच की अद्भुत पहल का नतीजा है। जिनका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के सतत विकास, संरक्षण, इकोटूरिज्म और स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों को रोजगार का बढ़ावा देना है।
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