Rani Bhatiyani Temple Jasol In Hindi, रानी भटियाणी मंदिर जसोल में स्थित है। रानी भटियाणी मंदिर में खास रूप से मंगियार बार्ड समुदाय द्वारा पूजा जाता है। क्योंकि इसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में माता के आश्रिवाद से एक मंगनियार को दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। जिस वजह से मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है, जहाँ दूर –दूर से भक्तगण माता के दर्शन और आश्रीबाद लेने के लिए एकत्रित होते और इस मंदिर की देवी के सम्मान में गीत या भजन भी गाते हैं। पौराणिक कथा की माने तो मंदिर की देवी एक राजपूत राजकुमारी थीं जिन्हें देवी बनने से पहले स्वरूप के नाम से जाना जाता था। यदि आप भी इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
रानी भटियाणी मंदिर जसोल का इतिहास – Rani Bhatiyani Temple Jasol History In Hindi
रानी भटियाणी मंदिर की देवी एक राजपूत राजकुमारी थीं जिन्हें देवी बनने से पहले स्वरूप कुंवर के नाम से जाना जाता था। उनका विवाह राजपूत राजकुमार कल्याण सिंह से हुआ था। माना जाता है की रानी भटियाणी की मृत्यु के तुरंत बाद, कल्याण सिंह का परिवार आपदाओं से घिर गया था और फिर उन्होंने परिवार में शांति लाने के लिए और अपनी मृत पत्नी को सम्मानित करने के लिए जसोल में एक धर्मस्थल का निर्माण करवाया, जिसे रानी भटियाणी मंदिर के नाम से जाना गया।
और पढ़े : बांसवाड़ा का इतिहास, राजस्थान के इतिहास से अलग कैसे है?
जसोल के रानी भटियाणी मंदिर की कहानी – Rani Bhatiyani Temple Jasol Story In Hindi
पोराणिक कथायों के अनुसार रानी भटियाणी का जन्म जैसलमेर में एक छोटे से राज्य की राजकुमारी के रूप में हुआ था और उनका नाम स्वरूप कुंवर था। उनका विवाह राजपूत राजकुमार कल्याण सिंह से हुआ था,लेकिन कल्याण सिंह दूसरी महिला से शादी करने के लिए रानी भटियाणी से छुटकारा पाना चाहता था। इसलिए, उन्होंने एक युद्ध में अपने स्वयं के निधन के बारे में एक अफवाह फैला दी और वास्तव में, युद्ध के मैदान में उनके भाई की मृत्यु हो गई जैसा कि विधवाओं के लिए सती होने की प्रथा थी।
जिसके बाद रानी रानी भटियाणी ने भी सती होने का निर्णय लिया और जब तक कि उन्हें उस साजिश के बारे में पता चलता तब तक कल्याण सिंह के भाई और अपने जेठ के अंतिम संस्कार की चिता में कूद कर सती हो गई। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, कल्याण सिंह का परिवार आपदाओं से घिर गया था और फिर उन्होंने परिवार में शांति लाने के लिए और अपनी मृत पत्नी को सम्मानित करने के लिए जसोल में एक धर्मस्थल रानी भटियाणी मंदिर का निर्माण करवाया।
रानी भटियाणी मंदिर जसोल खुलने और बंद होने का समय – Rani Bhatiyani Temple Jasol Timing In Hindi
अगर आप रानी भटियाणी मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे है तो हम आपको वता दे की वैसे तो मंदिर 24 घंटे खुला रहता है लेकिन आप सुबह 6.00 बजे से रात 9.00 बजे के बीच माता भटियाणी के दर्शन के लिए जा सकते है।
रानी भटियाणी मंदिर का प्रवेश शुल्क – Rani Bhatiyani Temple Jasol Entry Fees In Hindi
बता दे रानी भटियाणी मंदिर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के प्रवेश और माता के दर्शन के लिए निशुल्क है यहाँ आप बिना किसी प्रवेश शुल्क का भुगतान किये मंदिर में घूम सकते है।
रानी भटियाणी मंदिर जसोल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Rani Bhatiyani Temple Jasol In Hindi
अगर आप रानी भटियाणी मंदिर बाड़मेर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान के इस खूबसूरत शहर को देखने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के महीनों के बीच है। क्योंकि इन महीनों के दौरान रेतीले क्षेत्र में साल के इस हिस्से के दौरान मौसम सुहावना रहता है। लेकिन अगर आप गर्मियों के दौरान रानी भटियाणी मंदिर का दौरा कर रहे हैं तो हल्के सूती कपड़ों के साथ यात्रा करना सही रहेगा। रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण गर्मियों के मौसम में यहां भीषण गर्मी पड़ती है और तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है।
और पढ़े : चित्तौड़गढ़ कालिका मंदिर के दर्शन की जानकारी
रानी भटियाणी मंदिर जसोल के आसपास के पर्यटन स्थल – Best Places To Visit Near Rani Bhatiyani Temple Jasol In Hindi
अगर आप बाड़मेर में रानी भटियाणी मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे बाड़मेर में रानी भटियाणी मंदिर, के अलावा भी अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जिन्हें आप अपनी बाड़मेर की यात्रा दोरान घूम सकते हैं।
- बाड़मेर का किला
- गढ़ मंदिर
- श्री नाकोड़ा जैन मंदिर
- देव सूर्य मंदिर
- विष्णु मंदिर
- किराडू मंदिर
- जूना फोर्ट और मंदिर
- चेतामणि पारसनाथ जैन मंदिर
- सफ़ेद अखाडा
और पढ़े : जोधपुर के दर्शनीय स्थलों की जानकारी
रानी भटियाणी मंदिर जसोल कैसे जाये – How To Reach Rani Bhatiyani Temple Jasol In Hindi
अगर आप राजस्थान के प्रमुख शहर बाड़मेर में रानी भटियाणी मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो आप देश के प्रमुख शहरों से सड़क, हवाई और ट्रेन मार्ग से यात्रा करके रानी भटियाणी मंदिर बाड़मेर पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से रानी भटियाणी मंदिर जसोल कैसे पहुँचे – How To Reach Rani Bhatiyani Temple Jasol By Air In Hindi
अगर आप हवाई मार्ग से रानी भटियाणी मंदिर बाड़मेर की यात्रा करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि बाड़मेर का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है जो बाड़मेर से लगभग 220 किमी की दूरी पर स्थित है। जोधपुर हवाई अड्डा के लिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर और उदयपुर से लगातार उड़ानें उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे से रानी भटियाणी मंदिर बाड़मेर जाने के लिए आप टैक्सी, केब या बस से यात्रा कर सकते हैं।
ट्रेन से रानी भटियाणी मंदिर जसोल कैसे जाये – How To Reach Rani Bhatiyani Temple Jasol By Train In Hindi
अगर आप रानी भटियाणी मंदिर की यात्रा ट्रेन द्वारा करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि रानी भटियाणी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन बाड़मेर रेलवे स्टेशन है जो जोधपुर और अन्य प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्व्रारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप ट्रेन से यात्रा करके बाड़मेर रेलवे स्टेशन पहुंच सकते है और रेलवे स्टेशन से रानी भटियाणी मंदिर जाने के लिए आप टैक्सी, ऑटो या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद ले सकते हैं।
सड़क मार्ग से रानी भटियाणी मंदिर जसोल कैसे पहुंचे – How To Reach Rani Bhatiyani Temple Barmer By Bus In Hindi
अगर आप सड़क मार्ग से बाड़मेर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि बाड़मेर बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। बाड़मेर के लिए आपको जोधपुर, जयपुर, उदयपुर सहित राज्य के अधिकांश शहरों से बसें मिल जायेंगी। उसके अलावा आप टैक्सी, केब या अपनी निजी कार के माध्यम से भी रानी भटियाणी मंदिर पहुंच सकते हैं।
और पढ़े : बाड़मेर जिले में घुमने लायक आकर्षण स्थल की जानकारी
इस आर्टिकल में आपने जसोल के प्रसिद्ध रानी भटियाणी मंदिर के बारे में जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
रानी भटियाणी मंदिर जसोल का नक्शा – Rani Bhatiyani Temple Jasol Map
रानी भटियाणी मंदिर की फोटो गैलरी – Rani Bhatiyani Temple Jasol Images
और पढ़े :
- राजस्थान के 20 सबसे प्रमुख मंदिर
- वराह मंदिर पुष्कर के दर्शन की जानकारी और पर्यटन स्थल
- महाराणी श्री पद्मिनी महल घूमने की पूरी जानकारी
- आभानेरी के प्रसिद्ध हर्षद माता मंदिर के दर्शन की जानकारी
- बांसवाड़ा के मशहूर कल्पवृक्ष के बारे में जानकारी
Featured Image Credit: