Grishneshwar Temple In Hindi : घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद में एल्लोरा गुफा के बिल्कुल निकट स्थित हैं। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं जोकि भगवान शिव को समर्पित हैं और यह दर्शनीय स्थान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हैं। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की यात्रा के दौरान पर्यटकों को एक परमसुख की अनुभूति होती हैं। घृष्णेश्वर मंदिर 13 वीं शताब्दी के दौरान का शिव मंदिर हैं, जोकि एलोरा गुफा में स्थित हैं। घृष्णेश्वर मंदिर को घुश्मेस्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं।
यह स्थान भगवान शिव की आलौकिक कथा के साथ जुड़ा हुआ तीर्थ स्थल हैं। यदि आप भी भगवान शिव के चमत्कारी घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल की यात्रा करना चाहते हैं,तो हमारे इस आर्टिकल को एक बार पूरा जरूर पढ़े –
1 . घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास – Grishneshwar Temple History In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की स्थापना की वास्तविक तिथि ज्ञात नही हैं, लेकिन इस मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि यह मंदिर 13 वीं शताब्दी से भी पहले निर्मित किया गया था। मुगल साम्राज्य के दौरान यह मंदिर बेलूर क्षेत्र में स्थित था, जिसे वर्तमान में एल्लोरा केव्स के रूप में जाना जाता हैं। मंदिर के आसपास के क्षेत्र में 13 वीं और 14 वीं शताब्दी के बीच कुछ विनाशकारी हिंदू-मुस्लिम संघर्ष देखे गए हैं, जिसमे यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था। 16 वीं शताब्दी के दौरान बेलूर के प्रमुख के रूप में छत्रपति शिवाजी महाराज के दादा मालोजी भोसले ने इस मंदिर को दोबारा निर्मित करवाया था। हालाकि 16 वीं शताब्दी के बाद मुगल सेना ने घृष्णेश्वर मंदिर पर कई हमले किए। 1680 और 1707 के दौरान हुए मुगल मराठा युद्ध में यह मंदिर फिरसे क्षतिग्रस्त हुआ और अंतिम बार इसका पुनर्निर्माण 18 वीं शताब्दी में इंदौर की महारानी रानी अहिल्या बाई ने करबाया था।
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2. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की संरचना – Grishneshwar Temple Architecture In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पारंपरिक दक्षिण भारतीय वास्तुकला को देखा जा सकता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में आंतरिक कक्ष और एक गर्भगृह बना हुआ है। यह संरचना लाल रंग के पत्थरों से बनी हुई है और इसका निर्माण 44,400 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग मंदिर है। मंदिर परिसर में पांच स्तरीय लंबा शिखर और कई स्तंभ बने हुए हैं, जोकि पौराणिक जटिल नक्काशियों के रूप में निर्मित किए गए हैं। मंदिर परिसर में बनी लाल पत्थर की दीवारें ज्यादातर भगवान शिव और भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाती हैं। गर्भगृह में पूर्व की ओर शिवलिंग है और इसके मार्ग में नंदिस्वर की मूर्ती के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
3. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की कहानी – Grishneshwar Jyotirlinga Story In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की कहानी पति पत्नी के जोड़े सुधर्मा और सुदेहा की कहानी से शुरू होती हैं। दोनों अपने विवाहिक जीवन में खुश थे, लेकिन वह संतान सुख की प्राप्ति से वंचित थे और सुदेहा कभी माँ नही बन सकती है यह प्रमाणित हो चुका था। इसलिए सुदेहा ने अपनी छोटी बहन घुश्मा के साथ अपने अपने पति सुधर्मा का विवाह करवा दिया। समय व्यतीत होने लगा और घुश्मा के गर्व से एक खूबसूरत बालक ने जन्म लिया। लेकिन धीरे-धीरे अपने हाथ से पति, प्रेम, घर-द्वारा, मान-सम्मान को छिनते हुए देख सुदेहा के मन में ईर्ष्या के बीज अंकुरित होने लगे और एक दिन उसने मौका देखकर बालक की हत्या कर दी और उसके सव को उसी तालाब में डाल दिया जिसमे घुश्मा भगवान शिव के शिवलिंग का विसर्जन करती थी।
सुधर्मा की दूसरी पत्नी घुश्मा जोकि भगवान शिव की परम भक्त थी नित्य प्रतिदिन सुबह उठकर भगवान शिव के 101 शिवलिंग बनाकर पूजन करती और फिर एक तालाब में डाल देती थी। बालक की खबर सुनकर चारो ओर हाहाकार मच गया लेकिन घुश्मा प्रतिदिन की तरह उस दिन भी भगवान शिव के शिवलिंग बनाकर शांत मन से पूजन करने में लगी रही और जब वह शिवलिंग को तालाब में विसर्जन करने के लिए गई तो उसका पुत्र तालाब से जीवित बाहर निकल आया। साथ ही साथ भगवान शिव ने भी घुश्मा को दर्शन दिए, भोलेनाथ सुदेहा की इस हरकत से रुस्ट थे उसे दंड और घुश्मा को वरदान देना चाहते थे। लेकिन घुश्मा ने सुदेहा को माफ़ करने के लिए विनती की और जन कल्याण के लिए शंकर भगवान से यही निवास करने की प्रार्थना की। घुश्मा की विनती स्वीकार करके भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में यही निवास करने लगे और यह स्थान घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।
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4. शिरडी से घृष्णेश्वर की दूरी – Grishneshwar Temple To Shirdi Distance In Hindi
शिरडी से घृष्णेश्वर की दूरी लगभग 95 किलोमीटर हैं।
5. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Grishneshwar Temple Timing In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलता हैं और शाम को 9 बजे बंद हो जाता हैं। हालाकि श्रवण माह में (अगस्त से सितम्बर माह) में सुबह 3 बजे से रात के 11 बजे तक मंदिर यहां आने वाले भक्तो के लिए खुला रहता हैं।
6. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का प्रवेश शुल्क – Grishneshwar Jyotirlinga Mandir Entry Fees In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में किसी तरह की कोई एंट्री फीस नही लगती हैं, यह मंदिर भी अन्य मंदिरों की तरह ही बिल्कुल फ्री हैं।
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7. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के आसपास के प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Places To Visit Near Grishneshwar Mandir In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एक परम दर्शनीय स्थल हैं और मंदिर की यात्रा के बाद आप इसके नजदीकी पर्यटन स्थलों पर भी घूमने जा सकते हैं।
7.1 अजंता की गुफा – Ajanta Caves In Hindi
अजंता की गुफा महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अजंता की प्राचीन गुफा भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक हैं जो भारतीय गुफा कला का सबसे महान जीवित उदाहरण हैं। अजंता की गुफाएं वाघुर नदी के किनारे पर एक घोड़े की नाल के आकार की चट्टानी क्षेत्र को काटकर बनाई गई है। इस घोड़े के नाल के आकार के पहाड़ पर 26 गुफाओं का एक संग्रह है।
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7.2 एलोरा की गुफा – Ellora Caves In Hindi
एलोरा गुफा भारत के महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद जिले में स्थित यूनेस्को की एक विश्व विरासत स्थल है। एल्लोर केव्स औरंगाबाद के उत्तर-पश्चिम में लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह गुफा दुनिया के सबसे बड़े रॉक-कट मठ-मंदिर गुफा परिसरों में से एक है। जिसमें बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म से सम्बंधित स्मारकों की विशेषता और कलाकृति देखने को मिलती है। पर्यटक अजंता और एलोरा गुफा की यात्रा करना बहुत अधिक पसंद करते हैं।
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7.3 बीबी का मकबरा – Bibi Ka Maqbara In Hindi
बीबी के मकबरे का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब ने अपनी पत्नी की याद में वर्ष 1661 में करबाया था। यह मकबरा राबिया-उद-दौरानी या दिलरास बानो बेगम के संग्रहालय के रूप में जाना जाता हैं। बीबी के मकबरे की सबसे खास बता यह हैं कि इसकी बनाबट ताजमहल से मेल खाती हैं। बीबी का मकबरा पर्यटकों द्वारा बहुत अधिक संख्या में देखा जाता हैं। बीबी का मकबरा ढक्कन के ताज के नाम से भी जाना जाता हैं।
7.4 दौलताबाद किला औरंगाबाद – Daulatabad Fort Aurangabad In Hindi
दौलताबाद किला घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के प्रमुख पर्यटन स्थलो में से एक हैं और इसे महाराष्ट्र राज्य के सात अजूबों’ में से एक माना जाता हैं। दौलताबाद किला औरंगाबाद सिटी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पर्यटकों को अपनी ओर बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। दौलताबाद किले का निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था और यह किला देवगिरी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
7.5 बौद्ध गुफाएं औरंगाबाद – Buddhist Caves Aurangabad In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की यात्रा में घूमने लायक पर्यटन स्थल में 12 बौद्ध गुफाओं में ज्यादातर विहार या मठ शामिल हैं। इन गुफाओं की मठों में कई मंदिर हैं जोकि बुद्ध, बोधिसत्व, संतों के चित्रों और मूर्तियों से बने हुए हैं। इन सबके बीच चैत्य हॉल गुफा संख्या 10 सबसे अधिक लौकप्रिय मानी जाती हैं। गुफा के केंद्र में 15 फिट ऊँची भगवान बौद्ध की प्रतिमा बनी हुई हैं।
7.6 सिद्धार्थ गार्डन औरंगाबाद – Siddharth Garden Aurangabad In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा में औरंगाबाद के सिद्धार्थ गार्डन का एक अलग ही महत्व हैं। सिद्धार्थ गार्डन पेड़ों, फूलों, मछलीघर, सवारी और एक चिड़ियाघर के साथ बनाया गया हैं। पर्यटक इस गार्डन में घूमने आते हैं और यह गार्डन आराम करने के लिए अतिउत्तम जगह हैं। हरा-भरा प्राकृतिक रूप से सम्पन होने के साथ-साथ इस चिड़ियाघर में कई जानवर जैसे बाघ, शेर, मगरमच्छ, हाथी, तेंदुआ आदि के अलावा भी बहुत सारे जानवरों को आप देख सकते हैं।
7.7 सलीम अली झील औरंगाबाद – Salim Ali Lake Aurangabad In Hindi
सलीम अली लेक एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती हैं जोकि पर्यटकों को बहुत अधिक लुभावन लगता हैं। प्राकृतिक सोंदर्य से घिरे हुए इस स्थान पर आप कई पक्षियों को देख सकते हैं। मानसून और सर्दियों के मौसम में पर्यटक यहाँ नौका बिहार का आनंद लेते हुए देखे जाते हैं।
7.8 बानी बेगम गार्डन औरंगाबाद – Bani Begum Garden Aurangabad In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल बानी बेगम गार्डन औरंगाबाद शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर फब्बारे, फ्लुतेड खंभे और बड़े पैमाने पर गुंबदों के साथ शानदार दृश्य प्रदान करता हैं और यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। मुगल वास्तुकला के साथ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए यह गार्डन प्रसिद्ध हैं।
7.9 जैन गुफाएं औरंगाबाद – Jain Caves In Hindi
एलोरा की गुफाओं में स्थित गुफा संख्या 34 जैन धर्म से सम्बंधित एक अधूरा चार-स्तंभ वाला हॉल है और इसे जैन गुफा के नाम से जाना जाता हैं। घृष्णेश्वर मंदिर की यात्रा पर आने वाले यात्री इस गुफा में घूमने जरूर जाते हैं।
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7.10 पंचाकी औरंगाबाद – Panchakki Aurangabad In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पर्यटन में शामिल पंचाकी औरंगाबाद में बीबी का मकबरा के करीब स्थित हैं और यह एक जल परिसर के रूप में जाना जाता हैं। पंचाकी पर्यटन स्थल पर एक मंत्री का निवास स्थान, एक मदरसा, मस्जिद, महिलाओं को समर्पित निवास स्थान और एक सरई हैं। नीले-हरे रंग से भरा हुआ यह पंचाकी एक आदर्श पिकनिक स्थान हैं।
7.11 खुल्दाबाद औरंगाबाद – Khuldabad Aurangabad In Hindi
खुल्दाबाद पर्यटन स्थल एक छोटा सा शहर है जो औरंगाबाद से लगभग 13 किलोमीटर और अजंता-एलोरा गुफाओं के नजदीक हैं। यह स्थान पहले रौजा के रूप में जाना जाता था, जिसका अर्थ स्वर्ग का बगीचा होता हैं। वैली ऑफ सेंट्स के रूप में प्रसिद्ध खिल्दाबाद शहर को 14वीं शताब्दी में सूफी संतो के द्वारा बसाया गया था। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यात्रा में यह पर्यटकों के बीच लौकप्रिय स्थान हैं।
7.12 कैलासा मंदिर औरंगाबाद – Kailash Temple Aurangabad In Hindi
भगवान शिव को समर्पित कैलाश मंदिर एक दर्शनीय स्थल हैं जोकि एलोरा की गुफाओं में स्थित हैं। इन गुफाओं को विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्मारकों के रूप में भी जाना जाता है। कैलाश मंदिर हिन्दू धर्म से सम्बंधित एक प्रसिद्ध मंदिर जोकि पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर केन्द्रित करता हैं।
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7.13 जामा मस्जिद औरंगाबाद – Jama Masjid Aurangabad In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का एक अन्य पर्यटन स्थल जामा मस्जिद अरक किला के पास स्थित है। 10 बहुभुज स्तंभों की पांच पंक्तियों को मेहराब की एक प्रणाली के द्वारा जोड़ा जाता है। यह एक बौद्धिक रूप से निर्मित संरचना है। जामा मस्जिद के सामने बने एक विशाल दरबार में यात्रियों के लिए तीन तरफ से खुली इमारत की शानदार और आकर्षित संरचना बनी हुई हैं।
7.14 भद्र मारुति मंदिर औरंगाबाद – Bhadra Maruti Aurangabad In Hindi
भद्र मारुती मंदिर औरंगाबाद के पास खुल्दाबाद में स्थित हिंदू धर्म से सम्बंधित देवता हनुमान जी महाराज को समर्पित है। यह मंदिर भारत के उन तीन मंदिरों में से एक है जहां पर पीठासीन देवता पवन पुत्र हनुमान जी महाराज की मूर्ति को भव समाधि या शयन मुद्रा में देखा जाता है। अन्य दो मंदिर इलाहाबाद और मध्य प्रदेश में स्थित हैं। भद्र मारुति हनुमान जी महाराज का मंदिर एलोरा गुफा से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
7.15 सोनेरी महल औरंगाबाद – Soneri Mahal Aurangabad In Hindi
सोनेरी महल एक राजपूत महल और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का एक जीताजागता नमूना है। यह ईमारत चूने और पत्थर से बने संग्रहालय में परिवर्तित हो गया है। सोनेरी महल मिट्टी के बर्तनों, कला, कपड़े आदि को संग्रहीत करता है। इसका नाम सोनेरी पैलेस इसलिए रखा गया है क्योंकि यह सुंदर जटिल स्वर्ण चित्रों से सजाया गया था।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के इन पर्यटन स्थलों के अलावा भी यहाँ अन्य कई पर्यटक स्थलों का दौरा भी कर सकते हैं – जैसे
- नौखंडा पैलेस
- एच टू ओ वाटर पार्क औरंगाबाद (H2O वाटर पार्क)
- प्रोजोन मॉल औरंगाबाद
- हिमायत बाग औरंगाबाद
- हजूर साहिब नांदेड़
- गोगा बाबा पहाड़ी
- दरगाह बाबा शाह मुसाफिर
- पीतलखोरा गुफाएं
- औरंगाबाद जैन मंदिर
- किला अरक
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8. घृष्णेश्वर मंदिर के आसपास स्थानीय भोजन – Local Food Near Grishneshwar Jyotirlinga Mandir In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के स्थानीय भोजन के रूप में हम औरंगाबाद का स्वादिस्ट भोजन चख सकते हैं। औरंगाबाद न केवल ऐतिहासिक स्मारकों के लिए बल्कि स्वादिस्ट व्यंजनों के लिए भी बहुत अधिक प्रसिद्ध है। औरंगाबाद में मिलने वाली स्वादिस्ट भोजन सामग्री में पानी पुरी, दक्षिण भारतीय भोजन, चाय/टी, मिसल पाव, रगडा समोसा, जूस, बाजरी सैंडविच, बड़ापाव, पुलाव और बिरयानी आदि बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं।
9. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा में कहां रुके – Where To Stay In Grishneshwar Jyotirlinga Temple In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि मंदिर के नजदीक ही औरंगाबाद में लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल आपको मिल जायेंगे, जिसका चुनाव आप अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
- जोस्टेल औरंगाबाद
- एलोरा हेरिटेज रिजॉर्ट
- होटल लोटस
- द मीड़ोव्स
- होटल प्रीतम
10. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Grishneshwar Mandir In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से फरवरी का माना जाता हैं। सर्दियों का मौसम घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा हैं। हालाकि आप यहां वर्ष में किसी भी समय आ सकते हैं। सावन का महिना भक्तो के लिए बेहद खास होता हैं।
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11. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कैसे जाये – How To Reach Grishneshwar Temple In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
11.1 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर फ्लाइट से कैसे पहुंचे – How To Reach Grishneshwar Mandir By Flight In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दे कि औरंगाबाद शहर का हवाई अड्डा घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर हैं। आप यहाँ से बस या टैक्सी की सहायता से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर आसानी से पहुँच जाएंगे।
11.2 ट्रेन से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Grishneshwar Temple By Train In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि औरंगाबाद रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन से बहुत अच्छी तरह से जुडा हुआ हैं। आप यहा से बस या टैक्सी की मदद से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर आसानी से पहुँच जायेंगे जोकि लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
11.3 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Grishneshwar Temple By Bus In Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि औरंगाबाद बस स्टैंड से आप एलोरा गुफा के लिए बस पकड़ सकते हैं। एलोरा केव्स से लगभग 1-2 किलोमीटर की दूरी पर ही घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हैं।
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इस आर्टिकल में आपने घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन और यात्रा की जानकरी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का नक्शा – Grishneshwar Mandir Map
13. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की फोटो गैलरी – Grishneshwar Mandir Images
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