Buland Darwaza In Hindi : बुलंद दरवाजा का निर्माण मुगल शासक सम्राट अकबर द्वारा गुजरात पर अपनी जीत के रूप में 1601 ए. डी. में करवाया गया था। बुलंद दरवाजे को “विक्ट्री ऑफ गेट” के नाम से भी जाना जाता हैं। बुलन्द दरवाजा फतेहपुर सीकरी में महल का मुख्य प्रवेश द्वार है और आगरा शहर से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बुलंद दरवाजा दुनिया के सबसे ऊंचे प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। इस दरवाजे में मुगल वास्तुकला का जीता जागता उदाहरण देखने को मिलता है।
बुलन्द दरवाजा अकबर के विशाल और वैभवशाली साम्राज्य की गाथा बयां करता हैं। फतेहपुर सीकरी में निर्मित किए गए अन्य स्थलों की तरह ही बुलंद दरवाजा का निर्माण भी बलुआ पत्थरों और संगमरमर से किया गया हैं। बुलंद दरवाजे का सबसे प्रमुख आकर्षण सामने के खंभे और सेनेटाफ पर कुरान के शिलालेख हैं।
यदि आप बुलंद दरवाजा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
1. बुलंद दरवाजा का इतिहास – History Of Buland Darwaza In Hindi
बुलंद दरवाजा के इतिहास में जाने पर हम पाते हैं कि यह दरवाजा फतेहपुर सीकरी के किले का एक अहम हिस्सा है। फतेहपुर सीकरी सन 1570 से 1585 के दौरान लगभग 12-15 वर्षो तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रह चुकी हैं। मुगल शासक सम्राट अकबर ने अपनी राजधानी को आगरा से स्थानांतरित करके फतेहपुर सीकरी में स्थापित किया था। हालाकि बाद में पानी की कमी के कारण पुनः अपनी राजधानी आगरा स्थानांतरित कर दी थी। लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी विजय के रूप में बुलंद दरवाजा का निर्माण 16 वीं शताब्दी में करवाया था। बुलंद दरवाजा को “गेट ऑफ मैग्निफिसेंस” के नाम से भी जाना जाता हैं।
2. बुलंद दरवाजा की संरचना – Architecture Of Buland Darwaza In Hindi
बुलंद दरवाजा का निर्माण सम्राट अकबर के आदेशानुसार लाल बलुआ पत्थर से किया गया था। जिसकी सजावट सफेद और काले संगमरमर से की गई थी और यह मस्जिद के प्रांगण से भी अधिक ऊंचा है। बुलंद दरवाजा के केंद्र में गैल्ररी कियोस्क है सबसे ऊपर खूबसूरत छत्रियां बनी हुई हैं। इसके अलावा स्टाइलिश बकलर लड़ाई, छोटे मिनार स्पियर्स, सफेद और काले संगमरमर के साथ-साथ बुलंद दरवाजा अपनी प्रसिद्धी फैला रहा हैं। बुलंद दरवाजा की संरचना की कुल ऊंचाई जमीनी स्तर से लगभग 54 मीटर है। फतेहपुर सीकरी के दक्षिणी प्रवेश द्वार के रूप में बुलंद दरवाजा अपनी भूमिका निभाता हुआ 15 मंजिला प्रवेश द्वार हैं। गेट की संरचना 42 चरण में मानी जाती हैं, गेट के दोनों तरफ दो छोटे-छोटे ट्रिपल मंजिला पंख हैं और इसके सिर पर तीन कियोस्क जोकि 13 गुम्बद वाले कियोस्क से घिरे हुए हैं। प्रवेश द्वार के आसपास छोटे बुर्ज बने हुए हैं।
विस्तार से मेहराब, छोटे छतरियों और संगमरमर को आकर्षित बनाया गया हैं। जामा मस्जिद का आंगन प्रिंसिपल आर्च तीन प्रोजेक्टिंग पक्षों के मध्य में है और एक गुंबद के ऊपर है। केन्द्रीय मेहराब को तीन पंक्तियों में तोडा गया हैं। प्रवेश द्वार के आसपास छोटे बुर्ज बने हुए हैं। विस्तार से मेहराब, छोटे छतरियों और संगमरमर को आकर्षित बनाया गया हैं। पुष्ट आभूषण वास्तव में बहुत बड़े और बोल्ड है लेकिन जब नीचे से देखा जाता हैं तो छोटे और नाजुक दिखाई देते हैं। फुटपाथ के ऊपर से बुलंद दरवाजा की कुल ऊंचाई 176 फीट है।
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3. बुलंद दरवाजा की ऊंचाई कितनी है – Buland Darwaza Ki Height In Hindi
बुलंद दरवाजा की ऊंचाई 54 मीटर (Buland Darwaza Ki Uchai Kitni Hai) जोकि दुनिया के सबसे उंचे प्रवेश द्वारों में से एक है। 15 मंजिला भव्य प्रवेश द्वार सम्राट अकबर की महानता और सफलता का इतिहास बयान कर रहा हैं।
4. बुलंद दरवाजा किसने और कब बनबाया था – Buland Darwaza Kisne Aur Kab Banvaya Tha In Hindi
सन 1601 में मुगल शासक सम्राट अकबर ने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा बनबाया था।
5. बुलंद दरवाजा कहाँ स्थित है – Where Is Buland Darwaza Located In India In Hindi
बुलंद दरवाज भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा डिस्ट्रिक्ट के फतेहपुर सीकरी में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक हैं।
6. बुलंद दरवाजा के शिलालेख – Inscription Of Buland Darwaza In Hindi
मुख्य प्रवेश द्वार पर एक इस्लामी शिलालेख लिखा गया है, जिसमें लिखा गया है कि ‘दुनिया एक पुल है इसके ऊपर से गुजरो लेकिन इस पर कोई घर नहीं बनाओं क्योंकि जो एक दिन के लिए आशा करता हैं वहज अनन्त काल तक की भी आशा कर सकता हैं। इस शिलालेख में यीशु अपने आनुयाइयों को दुनिया में स्थाई घर न बनाने की सलाह दे रहे हैं। कुरान के छंद शीर्ष के साथ नकाशी (लिपि) में उकेरे गए हैं। ये लेख शेख सलीम चिश्ती के शिष्य ख्वाजा हुसैन चिश्ती के द्वारा तैयार गए थे।
7. बुलंद दरवाजे से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts Related To Buland Darwaza In Hindi
- बुलंद दरवाजे का निर्माण गुजरात पर अपनी जीत के प्रतीक के रूप में किया गया था।
- बुलंद दरवाजा विजय के प्रतीक के रूप में बनबाया गया था।
- बुलंद दरवाजा की संरचना हिन्दू और पर्सियन स्टाइल का मिश्रण हैं।
- बुलंद दरवाजा के निर्माण में लगभग 12 साल का समय लग गया था।
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8. बुलंद दरवाजा के नजदीक प्रमुख पर्यटन स्थल – Tourist Places To Visit Nearby Buland Darwaza In Hindi
बुलंद दरवाजा के नजदीक पर्यटकों के लिए घूमने वाली कई जगह मौजूद हैं। यदि आप इन आकर्षित और ऐतिहासिक स्थानों के बारे में जानना चाहते है और यहां घूमने के बारे सोचते हैं तो नीचे पूरी जानकारी दी जा रही हैं। आप इस लेख को नीचे तक जरूर पढ़े।
8.1 फतेहपुर सीकरी (बुलंद दरवाजा)के पास के दर्शनीय स्थल पांचाल महल – Panchal Mahal Fatehpur Sikri In Hindi
पांचाल महल फतेहपुर शिकारी में जोधाबाई महल के नजदीक स्थित एक ऐतिहासिक महल है। इस महल की संरचना फारसी शैली में की गई है। यह महल पांच मंजिला ईमारत हैं। यह एक हवा टॉवर की तरह कार्य करता है। इस ईमारत की प्रत्येक मंजिल में विशाल खंभे बने हुए हैं। इस विशाल ईमारत की पहली मंजिल पर 84 खंभे हैं, दूसरी मंजिल में 56 खंभे, तीसरी मंजिल पर 20 खंभे हैं और चौथी मंजिल में 12 खंभे बने हुए हैं जबकि पांचवीं मंजिल पर छत्रियों के आकार का चौकोर सुंदर रूप प्रदर्शित किया गया है। पांचाल महल में प्रत्येक स्तंभ का ऊपरी हिस्सा पुष्प कलश, मेहराब या रोसेट पैटर्न नक्काशी द्वारा डिजाइन किया गया है।
8.2 जोधा बाई का रौजा फतेहपुर सीकरी आकर्षण स्थान- Jodha Bai Ka Rauza Fatehpur Sikri In Hindi
बुलंद दरवाजा के नजदीक देखने वाली जगहों में फतेहपुर सीकरी में स्थित जोधा बाई का रौजा एक ऐतिहासिक स्थान हैं। रौजा मुगल शासक अकबर ने अपनी सबसे पसंदीदा राजपूत रानी जोधा या हीरा कुवंर के लिए बनबाया था। अकबर अपने आदर्शों में बहुत धर्मनिरपेक्ष था और जोधा बाई को भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने की अनुमति देता हैं। हिन्दू-मुस्लिम के इस विवाह के चलते 16वीं शताब्दी में जोधाबाई का रौजा सामने आया।
8.3 फतेहपुर सीकरी में देखने लायक जगह बीरबल भवन – Birbal Bhavan Fatehpur Sikri In Hindi
फतेहपुर सीकरी में देखने लायक स्थानों में बीरबल भवन जोधाबाई महल और बुलंद दरवाजे के नजदीक ही हैं। फतेहपुर सीकरी में बीरबल भवन की निर्माण सन 1571 में मुगल शासक अकबर के हरम के एक हिस्से के रूप में करबाया गया था। इसका निर्माण खास तौर पर उनकी दो पसंदीदा रानीयों के लिए किया गया था। लेकिन बाद में इसे उनके दरबारी बीरबल के भवन के रूप में दर्जा दिया गया। इस ईमारत में लाल बलुआ पत्थर के मेहराब और खम्बे हैं।
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8.4 फतेहपुर सीकरी में घूमने वाली जगह शासकीय संग्रहालय भरतपुर – Government Museum Bharatpur In Hindi
बुलंद दरवाजा के नजदीक घूमने वाला पर्यटन स्थल शासकीय संग्रहालय जोकि भरतपुर में स्थित हैं और बुलंद दरवाजे से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 11 नवंबर सन 1944 में भरतपुर के लोहागढ़ किले में इस ऐतिहासिक सरकारी संग्रहालय की स्थापना की गई थी। संग्रह में खासतौर पर पत्थर की मूर्तियां, टेराकोटा, स्थानीय कला रूप और जाट महाराजाओं के द्वारा उपयोग किए गए अस्त्र-शस्त्र, हथियारों को रखा गया हैं।
8.5 बुलंद दरवाजा के पास पर्यटन स्थल नेहरू पार्क भरतपुर – Nehru Park Bharatpur In Hindi
बुलंद दरवाजा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर भरतपुर शहर के केंद्र स्थित नेहरु पार्क एक सुव्यवस्थित पार्क है। यह पार्क जिसे मनोरंजन गतिविधियों और पिकनिक के लिए उपयोग किया जाता हैं। नेहरु पार्क से ही लोहागढ़ महल की सुन्दरता देखने लायक होती हैं।
8.6 बुलंद दरवाजा के नजदीक के दर्शनीय स्थान लोहागढ़ किला – Buland Darwaza Ke Kareeb Ghumne Wali Jagah Lohagarh Fort In Hindi
बुलंद दरवाजा के आसपास घूमने लायक स्थानों में लोहागढ़ एक ऐतिहासिक स्थान हैं जिसका अर्थ हैं “लोहे का गढ़” जोकि राजस्थान के भरतपुर शहर में स्थित हैं और बुलंद दरवाजा से भरतपुर की दूरी लगभग 24 किलोमीटर हैं। लोहागढ़ किले का निर्माण 18वीं शताब्दी के दौरान मुगलों और अंग्रेजों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में महाराजा सूरज मल के द्वारा करबाया गया था।
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8.7 बुलंद दरवाजा के नजदीक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर – Keoladeo National Park In Hindi
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान की बुलंद दरवाजे से दूरी लगभग 27 किलोमीटर हैं। इस नेशनल पार्क को पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता था। सर्दियों के मौसम में इस पार्क में अफगानिस्तान, चीन, साइबेरिया और तुर्की के प्रवासी पक्षियां अपना डेरा जमा लेते हैं। पर्यटकों के लिहाज से यह स्थान काफी अच्छा है।
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9. बुलंद दरवाजा खुलने का समय – Buland Darwaza Opening Time In Hindi
बुलंद दरवाजा पर्यटकों के लिए प्रति दिन सुबह 8 बजे से शाम के 7 बजे तक खुला रहता हैं। इस समय के दौरान पर्यटक फतेहपुर सीकरी स्थित बुलंद दरवाजा घूमने जा सकते हैं।
10. बुलंद दरवाजा घूमने जाने का प्रवेश शुल्क – Buland Darwaza Entry Fee Or Ticket Price In Hindi
यदि आप बुलंद दरवाजा घूमने जा रहे हैं तो हम आपको यहां लगने वाली एंट्री फीस की जानकारी उपलब्ध करा देते हैं।
- भारतीय नागरिको के लिए प्रति व्यक्ति – 10 रूपये
- विदेशी पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति – 750 रूपये
11. बुलंद दरवाजा घूमने का सही समय क्या है – Best Time To Visit Buland Darwaza Fatehpur Sikri In Hindi
बुलंद दरवाजा घूमने के लिए आप किसी भी मौसम में जा सकते है लेकिन फतेहपुर सीकरी स्थित बुलंद दरवाजा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का माना जाता हैं। जुलाई के महीने में इस क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होती हैं।
12. बुलंद दरवाजा के नजदीक कहां रुके – Where To Stay In Fatehpur Sikri Near Buland Darwaza In Hindi
बुलंद दरवाजा और इसके आसपास के पर्यटन स्थलों पर घूमने के बाद यदि आप बुलंद दरवाजे के नजदीक किसी होटल या आवास के तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें कि आपको यहां लो-बजट से लेकर हाई-बजट के होटल मिल जाएंगे। इनमे से कुछ होटल के नाम हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।
- होटल गोवर्धन टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स
- रीजेंटा रिज़ॉर्ट भरतपुर
- कदम्ब कुंज रिज़ॉर्ट
- होटल सूर्या विलास पैलेस
- लक्ष्मी विलास पैलेस होटल
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13. बुलंद दरवाजा कैसे पहुंचे – How To Reach Buland Darwaza In Hindi
बुलंद दरवाजे की यात्रा पर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी भी साधन की मदद ले सकते हैं।
13.1 बुलंद दरवाजा फ्लाइट से कैसे पहुंचे – How To Reach Buland Darwaza By Flight In Hindi
बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में स्थित हैं और फतेहपुर सीकरी पहुंचने के लिए आगरा का खेरिया हवाई अड्डा सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। फतेहपुर सीकरी से इसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। यह हवाई अड्डा दुनिया भर के प्रमुख शहरो से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से आप स्थानीय साधनों की मदद से बुलंद दरवाजा तक पहुंच जाएंगे।
13.2 ट्रेन से बुलंद दरवाजा कैसे पहुंचे – How To Reach Buland Darwaza By Train In Hindi
बुलंद दरवाजा घूमने जाने के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि आगरा कैंट रेल्वे स्टेशन फतेहपुर सीकरी से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन हैं जोकि आगरा में स्थित हैं। यहां से बुलंद दरवाजे की दूरी लगभग 40 किलोमीटर हैं। रेल्वे स्टेशन से यहां चलने वाले स्थानीय साधनों के माध्यम से आप बुलंद दरवाजा तक पहुंच जायेंगे।
13.3 बस से बुलंद दरवाजा कैसे पहुंचे – How To Reach Buland Darwaza By Bus In Hindi
बुलंद दरवाजा जाने के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया है, तो हम आपको बता दें कि फतेहपुर सीकरी अपने पडोसी शहरो से सडक मार्ग के जरिए बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए पर्यटक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) द्वारा संचालित की जाने वाली बसों या अपने निजी साधन के माध्यम से भी बुलंद दरवाजा की यात्रा पर आ सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने बुलंद दरवाजा से जुड़ी पूरी जानकारी को डिटेल जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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14. बुलंद दरवाजा का नक्शा – Buland Darwaza Map
15. बुलंद दरवाजा की फोटो गैलरी – Buland Darwaza Images
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