Vashisht Temple In Hindi, वशिष्ठ मंदिर मनाली का एक प्रमुख मंदिर है जो शहर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है, आपको बता दें कि यह मंदिर वशिष्ठ नाम के गांव में स्थित है जो अपने शानदार गर्म पानी के झरनों और वशिष्ठ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के पास स्थित गर्म पानी के झरनों को बेहद पवित्र माना जाता है और इसमें किसी भी बीमारी को ठीक करने की शक्ति है। वशिष्ठ मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है, जो भगवान राम के कुल गुरु थे।
यह मंदिर मनाली में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। माना जाता है कि वशिष्ठ मंदिर 4000 साल से अधिक पुराना है। मंदिर के अंदर धोती पहने ऋषि की एक काले पत्थर की मूर्ति स्थित है। वशिष्ठ मंदिर को लकड़ी पर उत्कृष्ट और सुंदर नक्काशी से सजाया गया है इसके अलावा मंदिर का इंटीरियर एंटीक पेंटिंग के साथ अलंकृत हैं। यहां पर वशिष्ठ मंदिर के अलावा एक और मंदिर स्थित है जिसको राम मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के अंदर राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित हैं। यदि आप भी वशिष्ठ मंदिर मनाली घूमने जाने को प्लान कर रहे है या फिर इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो आप हमारे इस लेख को जरूर पढ़े –
वशिष्ठ गुरु हिंदू धर्म के सात ऋषियों में से एक है और उनकी के नाम पर गांव का नाम रखा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि वशिष्ठ इस बात से दुखी थे कि उनके बच्चों को विश्वामित्र ने मार दिया था। ऋषि वशिष्ठ ने एक नदी में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन नदी ने उन्हें मारने से मना कर दिया था। इसके बाद ऋषि ने यहां पर गांव में एक नया जीवन शुरू किया। जिस नदी में ऋषि आत्महत्या करने गए थे उसका नाम विपाशा था अब उसी नदी को ब्यास नदी के नाम से जाना जाता है।
वशिष्ठ हॉट वाटर स्प्रिंग इस स्थान के प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक है। बता दें कि इस हॉट स्प्रिंग्स का अपना औषधीय महत्व है। स्प्रिंग्स कई त्वचा रोगों का इलाज करने के लिए जाना जाता है। बहुत से लोग अपनी त्वचा संक्रमण और बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए वशिष्ठ झरने में स्नान करने के लिए जाते हैं। यहां पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए अलग-अलग बाथरूम भी बने हुए हैं।
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वशिष्ठ मंदिर खुलने का समय : सुबह 7 से रात 9 बजे तक।
वशिष्ठ स्नान का समय: सभी दिन सुबह 7 से 1 बजे और दोपहर 2 से 9 बजे।
वशिष्ठ मंदिर के पास में मनाली कई तरह के रेस्तरां, कैफे और बार के साथ एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने पर्यटकों की हर जरुर का ख्याल रखता है। आपको मनाली में एक समृद्ध विविधता और मेनू में स्वादिष्ट भोजन के साथ अनगिनत रेस्तरां मिलेंगे। पर्यटक मनाली में यहां के लोकप्रिय तिब्बती राजवंशों के साथ इतालवी, चीनी, कोरियाई, महाद्वीपीय, थाई, भारतीय, जापानी, वियतनामी भोजन का स्वाद ले सकते हैं। यहां के कैफे युवा भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और दिन भर पिज्जा, मोमोज, बनाना पेनकेक्स और एप्पल पाई जैसे स्वादिष्ट फास्ट फूड परोसते हैं। इसके अलावा आप स्ट्रीट फूड में समोसे, आलू टिक्की, ब्रेड पकोड़े, पाव भाजी, गुलाब जामुन का स्वाद चख सकते हैं। इसके अलावा शहर में स्थनीय हिमाचल भोजन काफी मशहूर है।
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वशिष्ठ मंदिर मनाली में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, अगर आप इस मंदिर के अलावा इसके आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो आपको वशिष्ठ मंदिर के पास के इन पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी जरुर होना चाहिए।
ओल्ड मनाली कई विचित्र कैफे और रेस्तरांओं के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा शॉपिंग विशेष रूप से कपड़े और चेरी के लिए लोकप्रिय है। ओल्ड मनाली अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
नग्गर हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू जिले में स्थित है। यह एक छोटा शहर है जो अपनी आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह पर्यटन स्थल उन लोगों के लिए बेहद खास जगह है जो प्रकृति की गोद में रहकर आराम करना चाहते हैं। नग्गर में आप ट्रेकिंग और कैंपिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। आपको बता दें कि नग्गर में एक महल भी स्थित है जिसको अब एक रिटेज होटल में बदल दिया गया है, जहां पर कोई भी जा सकता है। इसके अलावा नग्गर में एक लोक कला संग्रहालय और एक गर्म पानी का झरना है, जहां पर्यटकों को जरुर जाना चाहिए।
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नग्गर कैसल जोगिनी एक महल हुआ करता था जिसको अब एक एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। नग्गर कैसल लकड़ी और पत्थर से निर्मित यूरोपीय और हिमालयी वास्तुकला का एक संयोजन है। मध्ययुगीन नग्गर कैसल का निर्माण कुल्लू के राजा सिद्ध सिंह द्वारा 1460 के आसपास किया था। नग्गर कैसल अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित है जो ब्यास घाटी के जंगलों की शानदार दृश्यों की वजह से अब भी पर्यटकों का पसंदीदा है।
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हिडिम्बा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के मनाली शहर में स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा मंदिर है, जो महाकाव्य महाभारत के भीम की पत्नी हिडिम्बी देवी को समर्पित है। यह मनाली में सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसे ढुंगरी मंदिर (Dhungiri Temple) भी कहा जाता है। मनाली आने वाले पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर आते हैं। इस मंदिर की इमारत चार मंजिला संरचना है जो जंगल के बीच में स्थित है। इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति स्थापित नहीं है बल्कि इसमें हिडिम्बा देवी के पदचिह्नों को पूजा जाता है।
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कसोल पार्वती घाटी के तट पर स्थित एक छोटा सा गाँव है जो एडवेंचर, बाइकिंग और खीरगंगा, चायल, तोश घाटी, मलाणा, मैजिक वैली जैसी ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है।
मनाली अभयारण्य एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो हिमाचल प्रदेश में एक आश्चर्यजनक और प्रभावशाली वन्यजीव अभ्यारण्य है। यह अभयारण्य मनाली शहर के केंद्र से पैदल दूरी पर स्थित हैऔर यह कई तरह के समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का पता लगाने के लिए एक आदर्श स्थान है। मनाली वन्यजीव अभयारण्य सभी जानवरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए पृथ्वी पर एक स्वर्ग है। इस अभयारण्य को घूमने के लिए भारी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
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रोहतांग दर्रा मनाली घूमने के लिए आने वालों लोगों के लिए यहां की बर्फबारी आकर्षण का केंद्र है। यहाँ की बर्फबारी आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यह पर्यटन स्थल मनाली बस स्टैंड से 51 किमी की दूरी पर स्थित है।
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मणिकरण साहिब मनाली में स्थित सिखों का प्रसिद्ध गुरुद्वारा और तीर्थ स्थान है। यह वशिष्ठ मंदिर से करीब 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गुरुद्वारे का संबंध सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक से संबंधित है। इस गुरुद्वारे अलावा यहां गर्म पानी के झरने हैं। मणिकरण साहिब, मनाली बस स्टैंड से 24 किमी की दूरी पर स्थित है।
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गायत्री मंदिर प्रसिद्ध वशिष्ठ मंदिर से 9 किमी दूर स्थित है जिसमें संगमरमर से बनी देवी गायत्री की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर की वास्तुकला शैली काफी शानदार है। गायत्री मंदिर की यात्रा करने के साथ आप इसके आस-पास के मंदिर जैसे शिकारा शैली शिव मंदिर की यात्रा भी कर सकते हैं।
भंटर एक हरियाली भरी जगह है जहां पर कई मंदिर स्थित है। भंटर एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां आपको एक बार जरुर जाना चाहिए। यहां आप बहने वाली ब्यास नहीं में वाइट वाटर राफ्टिंग के लिए भी जा सकते हैं। भंटर हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन और भीड़ भाड़ वाले पर्यटन स्थलों से अलग एक सरल और शांत जगह है।
सुल्तानपुर पैलेस पहले रूपी पैलेस कहा जाता था। इसको नए रूप में पुराने अवशेषों पर बनाया गया था जो भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। इस महल में विभिन्न वाल पेंटिंग और पहाड़ी शैली की वास्तुकला और औपनिवेशिक शैली का अद्भुत मिश्रण है। बता दें कि इस पैलेस में महल कुल्लू घाटी के पूर्ववर्ती शासकों का निवास स्थान है।
कोठी उन लोगों के लिए एकदम सही जगह है जो कम यात्रा वाले रास्तों को पसंद करते हैं। हिमाचल प्रदेश के हलचल वाले पर्यटन स्थलों से दूर यह गांव एक बहुत ही शांत जगह है।यहां से आप आस-पास की पहाड़ियों और घाटियों के शानदार दृश्यों को देख सकते हैं। यह रोहतांग और इसके आस-पास की चोटियों पर ट्रैकिंग करने वाले लोगों के लिए आधार शिविर का कम करता था।
गुलाबा मनाली के पास एक सुंदर सा गांव है जो अपने खूबसूरत दृश्यों से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। पर्यटक इस क्षेत्र में ट्रेकिंग कर सकते हैं। अधिकांश पर्यटक गुलाबा एक्स्प्लोर करने के लिए भृगु झील की ओर जाते हैं। बता दें कि बॉलीवुड की हिट फिल्म ये जवानी है दीवानी के कुछ दृश्यों की शूटिंग गुलाबा में हुई है। गुलाबा प्रकृति प्रेमियों और उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो शांति पसंद करते हैं।
सियाली महादेव मंदिर मनाली में सबसे पुराने मंदिरों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। सियाली महादेव मंदिर काफी सुंदर है और अक्सर इस मंदिर में भगवान शिव के भक्तों द्वारा पूजा की जाती है। दूर से मंदिर को देखने का नजारा हर किसी को आश्चर्यचकित कर देता है।
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अर्जुन गुफा को एक पौराणिक प्राकृतिक निर्माण माना जाता है। यह गुफा पर्यटकों और स्थानीय लोगों का एक पसंदीदा पिकनिक स्थल है और अंदर से सृष्टि की खोज के रोमांच के लिए भी प्रसिद्ध है। अर्जुन गुफा ब्यास नदी के बाईं ओर स्थित है और सुंदर प्रिंसी गांव के बहुत करीब है। गुफा तक की चढ़ाई के दौरान आप यहां के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। अर्जुन गुफा एक पहाड़ी में एक संकीर्ण रास्ता है। इस पूरी गुफा को एक्स्प्लोर करने में आपको करीब 45 मिनट लगते हैं।
रहला फॉल्स मनाली बस स्टैंड से करीब 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो रोहतांग दर्रे के रास्ते में स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है। यहां का पानी काफी ठंडा होता है क्योंकि यह हिमालय में स्थित पिघलने वाले ग्लेशियर से निकलता है। रहला फॉल्स के आसपास देवदार और सिल्वर बर्च के पेड़ों के साथ वनस्पति है। आप हिमालय की बर्फ की चोटियों को रहला झरने आस-पास के विभिन्न स्थानों से देखे सकते हैं।
जगत्सुख एक बहुत ही खूबसूरत गांव है जो अपने प्राकृतिक दृश्यों और प्राचीन जगत्सुख मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिर हैं। यह मंदिर भगवान शिव और देवी संध्या देवी को समर्पित हैं। आमतौर पर आप जगात्सुख को एक दिन में घूम सकते हैं।
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गौरी शंकर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जो मनाली के नग्गर गाँव में स्थित है। यह मंदिर पत्थरों से उकेरी गई एक छोटी और आकर्षक संरचना है, लेकिन इस क्षेत्र में इसका ऐतिहासिक महत्व है। देवी गौरी और भगवान शिव के दिव्य स्वर को अभी भी मंदिर में देखा जा सकता है। इस मंदिर की नक्काशीदार संरचना शोधकर्ताओं, वास्तुकला प्रेमियों और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करती है।
रोजी वाटरफॉल्स मनाली से रोहतांग मार्ग पर स्थित है और एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। लम्बे देवदार के पेड़ों, घने जंगल और प्रकृति की हरियाली में लिप्त रोजी वाटरफॉल्स एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है।
बड़े- बड़े देवदार के पेड़ों से सजी और हरे रंग के कालीन से सुसज्जित, मनाली में वन विहार प्रकृति प्रेमियों और एविफ़ुना उत्साही लोगों के लिए लिए एक आश्रय स्थल है। वन विहार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है। वन विहार शहर के नगर निगम द्वारा संचालित और रखरखाव किया जाता है।
नेहरु कुंड को अपना नाम भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरु के नाम से लिया गया है। यह इस कुंड का पानी नेहरू के लिए दिल्ली तक ले जाया जाता था क्योंकि उन्हें इस कुंड का पानी बेहद पसंद था। जब जवाहरलाल नेहरु मनाली दौरे पर आये थे तो वो इस कुंड के पानी को पीकर मंत्रमुग्ध हो गए थे। नेहरु कुंड यहाँ पर चलने वाले ठंडे पानी और पहाड़ों और घाटियों के लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है।
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चंद्रताल बारालाचा एक आदर्श ट्रेक डेस्टिनेशन है जो प्रकृति की सुंदरता और रोमांच और शांति से भरपूर है। चंद्रताल 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो हिमालय क्षेत्र में ऊंचाई वाली झीलों में से एक है।
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सोलांग घाटी मनाली में घूमने वालों के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स, पैराशूटिंग, पैराग्लाइडिंग और जोरबिंग(Zorbing), रोपवे और ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है। सोलांग घाटी मनाली बस स्टैंड से 14 किमी की दूरी पर स्थित है।
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वशिष्ठ मंदिर मनाली से 3 किमी दूर स्थित है जहां सार्वजनिक वाहन टैक्सी या कैब से कर सकते हैं। वशिष्ठ मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंद्रनगर रेलवे स्टेशन है जो मनाली से लगभग 165 किलोमीटर दूर है। वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए किराये की टैक्सी या कैब या सार्वजनिक वाहन की मदद ले सकते हैं। वशिष्ठ मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा भुंतर में कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है, जो वशिष्ठ मंदिर से 55 किलोमीटर की दूरी स्थित है।
वशिष्ठ मंदिर मनाली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। अगर आप वशिष्ठ मंदिर के लिए यात्रा हवाई जहाज से करना चाहते हैं तो बता दे कि इसका निकटतम हवाई भुंतर में कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है जो वशिष्ठ मंदिर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए आप हवाई अड्डे से टैक्सी ले सकते हैं या फिर राज्य परिवहन द्वारा चलने वाली बसों से यात्रा कर सकते हैं।
दिल्ली से मनाली के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं। दिल्ली से मनाली 570 किमी की दूरी पर है। शिमला, धर्मशाला, लेह और चंडीगढ़ से भी मनाली के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। अगर आप बस से सफर नहीं करना चाहते तो आप मनाली की यात्रा के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। हालांकि ये सुनिश्चित करें कि चालक को पहाड़ी क्षेत्रों में ड्राइव करने का अनुभव है। मनाली से वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए पर्यटक टैक्सी या कैब की मदद ले सकते हैं।
अगर आप ट्रेन से वशिष्ठ मंदिर या मनाली जाने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि मनाली का निकटतम रेलवे स्टेशन अंबाला कैंट या चंडीगढ़ है। ट्रेन की मदद से चंडीगढ़ या अंबाला पहुंचने के बाद आपको मनाली के लिए बस से यात्रा करनी होगी।
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इस आर्टिकल में मनाली के प्रसिद्ध वशिष्ठ मंदिर के दर्शन और आसपास के पर्यटन स्थल की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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