Tripura Sundari Temple In Hindi, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, देवी त्रिपुर सुंदरी को समर्पित बाँसवाड़ा का एक प्रमुख मंदिर है जो बांसवाड़ा – डूंगरपुर मार्ग पर 19 किमी दूरी स्थित है। इस मंदिर की देवी को ’तरतई माता के नाम से भी जाना जाता है। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में एक काले पत्थर की सुंदर मूर्ति है जिसमें 18 भुजाएं हैं। यह हिंदुओं के ‘शक्ति पीठों’ में जानी जाती है। मां त्रिपुरा सुन्दरी का यह मंदिर देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। चैत्र एवं अश्विन नवरात्रि के दौरान यही संख्या हजारों में हो जाती है जो माता से मनोकामना मांगते हैं।
अगर आप बांसवाड़ा घूमने जा रहें हैं तो आपको त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के दर्शन करने के लिए भी अवश्य जाना चाहिए। लेकिन यदि आप अभी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के दर्शन के लिए नही जा पा रहे है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम आपको त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के बारे में बताने जा रहे है –
मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का इतिहास – History Of Tripura Sundari Temple Banswara In Hindi
देवी त्रिपुर सुंदरी को समर्पित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का इतिहास लगभग 500 साल पुराना माना जाता है त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निर्माण 1501 में महाराजा धन्या माणिक्य देबबर्मा द्वारा किया गया था। कहा जाता है कि राजा के द्वारा युद्ध के मैदान में देवी त्रिपुर सुंदरी माता की छोटि मूर्ति को ले जाया गया था।
बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की वास्तुकला – Tripura Sundari Temple Banswara Architecture In Hindi
1501 में निर्मित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की संरचना कछुए के कूबड़ के आकार के छत के साथ एक कछुए के समान है। गौरवशाली मंदिर के अंदर, एक ही देवता माता दुर्गा की दो छवियां मौजूद हैं। इन्हें त्रिपुर सुंदरी नाम दिया गया है जिनमे एक 5 फीट ऊंची और दूसरी 2 फीट ऊंची है। मंदिर में स्थापित मूर्ति को कस्तूरी पत्थर से बनाया गया है जिस पर काले रंग का रंग है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा में पूजा और उत्सव – Banswara Tripura Sundari Temple Festivals In Hindi
हर साल दिवाली पर त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के पास एक बहुत प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे लगभग दो लाख से अधिक तीर्थयात्री शामिल होते है। दीवाली वह त्यौहार है जो व्यापक रूप से देवी सती या मां काली की प्रार्थना करने के लिए देश भर में सबसे अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंदिर में अन्य सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में दुर्गा पूजा और काली पूजा भी शामिल हैं।
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त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की यात्रा के लिए टिप्स – Tips For Visiting Tripura Sundari Temple In Hindi
- यदि आप बाँसवाड़ा में त्रिपुर सुंदरी मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे है तो हम आपको बता दे त्रिपुर सुंदरी मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
- त्रिपुर सुंदरी मंदिर में प्रवेश द्वार के बाहर जूते अवश्य उतार दें।
- मंदिर के पूर्वी हिस्से में स्थित कल्याण सागर झील में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा खुलने और बंद होने का समय – Banswara’s Tripura Sundari Temple Timing In Hindi
- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर ग्रीष्मकाल : 5.00 और सर्दियों में : 5.30 बजे खुलता है
- अभिषेक श्रृंगार : ग्रीष्मकाल में सुबह 5.00 बजे से 6.00 बजे तक और सर्दियों में सुबह 5.30 बजे से 7.00 बजे तक किया जाता है।
- दर्शन का समय : ग्रीष्मकाल में सुबह 6.00 और सर्दियों में सुबह 7.00 बजे से
- मंगला आरती : ग्रीष्मकाल में सुबह 7.00 बजे और सर्दियों में सुबह 7.30 बजे की जाती है।
- भोग : दोपहर 12:00 बजे
- विश्राम : दोपहर 1:00 बजे से 2:30 बजे तक
- संध्या आरती : ग्रीष्मकाल में 7:15 बजे, और शीतकाल में शाम 6:30 बजे की जाती है।
- मंदिर का समापन : ग्रीष्मकाल: 9:00 बजे और शीतकाल में 8:30 बजे रात किया जाता है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का प्रवेश शुल्क – Tripura Sundari Mandir Entry Fees In Hindi
आपको बता दे त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में श्रद्धालुयों के प्रवेश और माता के दर्शन के लिए कोई शुल्क नही है।
मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Tripura Sundari Temple In Hindi
वैसे तो आप त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा की यात्रा साल के किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन फिर भी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों (अक्टूबर से फरवरी) के दौरान होता है क्योंकि इस समय बाँसवाड़ा का मौसम खुशनुमा रहता है जिससे यहाँ के दर्शनीय स्थलों की यात्रा का पूरा मजा उठाया जा सकता है। बाँसवाड़ा एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां सर्दियों के मौसम में यात्रा करना काफी अच्छा होगा। और आपको बता दे मार्च से शुरू होने वाली ग्रीष्मकाल के दौरान बाँसवाड़ा की यात्रा से बचें क्योंकि इस समय बाँसवाड़ा राजस्थान का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है जो आपकी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा की यात्रा को हतोत्साहित कर सकता है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थल – Best Tourist Places Around Tripura Sundari Temple In Hindi
अगर आप राजस्थान के प्रसिद्ध शहर बाँसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर घूमने जाने की योजना बना रहे है तो हम आपकी जानकारी के लिए अवगत करा दें की बाँसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के अलावा भी अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जिन्हें आप अपनी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा की यात्रा के दोरान अवश्य घूम सकते हैं –
आनंद सागर लेक – Anand Sagar Lake In Hindi
बांसवाडा में स्थित आनंद सागर झील राजस्थान की एक कृत्रिम झील है। इस झील को बाई तालाब के नाम से भी जाना जाता है। आनंद सागर झील का निर्माण महारानी जगमाल सिंह की रानी लंची बाई ने करवाया था। आनंद सागर झील जिले के पूर्वी भाग में स्थित है। आपको बता दें कि यह स्थान पवित्र पेड़ों से घिरा हुआ है, जो ‘कल्पवृक्ष’ के रूप में जाना जाता है। यह जगह यहां आने वाले यात्रियों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रसिद्ध है।
अब्दुल्ला पीर दरगाह –Abdullah Pir Dargah In Hindi
अब्दुल्ला पीर एक बोहरा मुस्लिम संत का एक लोकप्रिय दरगाह है। यह दरगाह अब्दुल रसूल की जो शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इस दरगाह को अब्दुल्ला पीर के नाम से जाना जाता है। यहां बोहरा समुदाय के द्वारा उर्स बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। अगर आप बांसवाड़ा की यात्रा करने जा रहें हैं तो अब्दुल्ला पीर दरगाह पर भी जा सकते हैं। बता दें कि यह दरगाह जिला मुख्यालय से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोई भी पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा यहां बड़ी ही आसानी से पहुँच सकता है।
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अंदेश्वर पार्श्वनाथजी –Andeshwar Parshwanath In Hindi
अंदेश्वर पार्श्वनाथजी एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है जो कुशलगढ़ तहसील की एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर 10 वीं शताब्दी के दुर्लभ शिलालेख का घर है। आपको बता दें कि यहां पर दो दिगंबरा जैन पार्श्वनाथ मंदिर भी हैं। यह मंदिर बांसवाड़ा से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहाड़ी पर शिव मंदिर स्थित है और इसके साथ ही उत्तर दिशा में दक्षिणमुखी हनुमान और पीर दरगाह भी स्थित है। जहां पर सभी धर्म के लोग आते हैं।
रामकुण्ड – Ram Kund In Hindi
रामकुण्ड यहां का एक बेहद पवित्र स्थल है जो तलवाड़ा से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें कि इस स्थल को फटी खान के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह पहाड़ी के नीचे स्थित एक गहरी गुफा है। इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के समय इस जगह पर आये थे। यह स्थान खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर्यटक चारो तरफ हरियाली देख सकते हैं। यहां का कृतिक सौन्दर्य हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
विठ्ठल देव मंदिर – Vitthal Dev Temple In Hindi
विठ्ठल देव मंदिर बांसवाड़ा से कुछ किलोमीटर दूर पर स्थित है जो एक सुंदर लाल मंदिर है जो भगवान के भक्तों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है। यह मंदिर कृष्ण को समर्पित है। अगर आप बांसवाड़ा की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस मंदिर को अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
डायलाब झील – Dialab Lake In Hindi
डायलाब झील बाँसवाड़ा शहर का प्रमुख पर्यटक स्थल है जो बाँसवाड़ा शहर से जयपुर जाने वाले मार्ग पर पड़ती है। वैसे तो यह झील अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जानी जाती है लेकिन यहां स्थित हनुमान मंदिर के काफी संख्या में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए हर साल भारी संख्या में श्रृद्धालु आते हैं।
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कागदी पिक अप वियर – Kagdi Pick Up Weir In Hindi
कागदी पिक अप वियर रतलाम रोड पर स्थित शहर से 3 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। आपको बता दें कि यहां स्थित आकर्षक फव्वारों, बगीचों और जल निकायों को देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां की यात्रा पर्यटक अपने बच्चों के साथ भी कर सकते हैं, क्योंकि यहाँ पर बच्चों के लिए पार्क, झूले और बोटिंग की सुविधा भी है। अगर आप अपने परिवार या बच्चों के साथ बांसवाड़ा जिले की यात्रा कर रहें हैं तो आपको कागदी पिक अप वियर की सैर जरुर करना चाहिए।
पराहेडा – Paraheda In Hindi
पराहेडा एक प्राचीन शिव मंदिर है जो बांसवाड़ा से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पराहेडा मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में राजा मांडलिक ने किया था। एक विशाल क्षेत्र में फैला शिव मंदिर अपनी पुरानी राजपूत वास्तुकला की विशिष्ट शैली का अनुसरण करता है। पराहेडा शिव मंदिर के चारों ओर कई छोटे-छोटे शिव मंदिर और रैगिंग धर्मशालाएं हैं।
माही डैम – Mahi Dam In Hindi
बांसवाड़ा से 18 किमी की दूरी पर स्थित माही डैम संभाग का सबसे बड़ा बाँध है। आपको बता दें कि इस डैम में 6 गेट हैं और यह 3.10 किमी लंबा है। माही बजाज सागर परियोजना के तहत माही नदी पर माही बांध और कई नहरें बनाई गई है। मानसून के मौसम में जब बंद गेटो को खोला जाता हैं तो एकाएक यहां से निकलने वाले पानी की प्रचंडता और कोलाहल मचाती हुई आवाज दूर से सुनी जा सकती हैं और पानी के साथ एक मनोहर दृश्य बनाता है। माही बांध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जो पर्यटकों के घूमने के लिए बाँसवाड़ा के सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक बना हुआ है।
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राज मंदिर –Raj Mandir In Hindi
राज मंदिर पुराने राजपूत वास्तुकला की शैली का एक अदभुद नमूना है। इस मंदिर को सिटी पैलेस के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी के दौरान किए गया था जो एक पहाड़ी पर स्थित है। पहाड़ी के ऊपर से इस मंदिर के पास से पूरा शहर नज़र आता है। आज भी यह मंदिर शाही परिवार का है। यह महल वास्तुकला प्रेमियों के लिए बेहद खास है। अगर आप वास्तुशिल्प में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको बांसवाड़ा के इस मंदिर में जरुर जाना चाहिए।
तलवाड़ा मंदिर –Talwara Temple In Hindi
तलवाड़ा टैंपल एक प्राचीन मंदिर है जो बाँसवाड़ा का प्रमुख आस्था केंद्र है। यहां स्थित सिद्धि विनायक एक प्रमुख मंदिर है जिसे आमलीया गणेश के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के साथ ही यहां स्थित सूर्य मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सांभरनाथ के जैन मंदिर, भगवान अमलिया गणेश, महा लक्ष्मी मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर प्रमुख हैं। अगर आप बांसवाड़ा की यात्रा के दौरान किसी आध्यात्मिक जगह पर जाना चाहते हैं तो तलवाड़ा की यात्रा जरुर करना चाहिए। यहां आकर विभिन्न मंदिरों के दर्शन करने के बाद आपके मन को अदभुद शांति मिलेगी।
मदारेश्वर मंदिर – Madareshwar Temple In Hindi
बांसवाड़ा शहर से उत्तर-पूर्व की ओर स्थित मदारेश्वर महादेव मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर पहाड़ी के अंदर गुफा मंदिर है। इस मंदिर का प्राकृतिक स्वरूप पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। शिवरात्रि के दौरान यहां पर जिले का सबसे बड़ा मेला लगता है। जहां राजस्थान के बिभिन्न जगहों से श्रद्धालु शामिल होते है।
कल्पवृक्ष – Kalpa Virksha In Hindi
कल्पवृक्ष रतलाम मार्ग पर स्थित एक भव्य पेड़ है जिसे समुद्र मंथन में उत्पन्न चौदह रत्नों में से एक माना गया है। पीपल एवं वट वृक्ष तरह विशाल यह यह वृक्ष लोगों को मनोकामना को पूरा करता है। यह दुर्लभ वृक्ष है जिसका अपना धार्मिक महत्व है। आपको बता दें कि यहां कल्पवृक्ष जोडे़ यानि नर-मादा के रूप में स्थित है। जिन्हें राजा-रानी के रूप में जाना जाता है। इन दोनों में से नर का तना पतला है और रानी यानि मादा का तना मोटा है।
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सवाईमाता मंदिर – Samai Mata Mandir In Hindi
सवाईमाता मंदिर 3 किमी की दूरी पर स्थित है जहां 400 सीढ़ियाँ आपको सवाईमाता के मंदिर तक ले जाती हैं। यहां भण्डारिया मंदिर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है, जो हनुमानजी का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां का वातावरण प्राकृतिक सौन्दर्य के भरा हुआ है। यहां आने के बाद पर्यटकों को एक अदभुद शांति मिलती है। नवरात्रि के मौके पर यहां पर भारी मात्रा में श्रृद्धालु आते हैं। यहां पहाड़ से शहर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है। अगर आप नवरात्रि के मौके पर शहर की यात्रा कर रहें हैं तो आपको माता के इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए। लेकिन बता दें कि नवरात्रि के समय आपको यहां काफी भीड़ देखने को मिल सकती है।
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मानगढ़ धाम – Mangarh Dham In Hindi
मानगढ़ धाम को राजस्थान के जलियांवाला बाग़ के नाम से जाना जाता है। यह बांसवाड़ा से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें कि इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां 17 नवम्बर 1913 को गोविन्द गुरू के नेतृत्व में मानगढ़ की पहाड़ी पर सभा के दौरान लोग अंग्रेजों से स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे, तभी अंग्रेजों ने 1500 राष्ट्रभक्त आदिवासियों पर गोलियां बरसा दी और उनकी हत्या कर दी। प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दौरान यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश से हज़ारों श्रृद्धालु शामिल होते हैं। बता दें कि वर्तमान में इसे एक राष्ट्रीय शहीद स्मारक के रूप में विकसित किया जा रहा है। जो भी पर्यटक बांसवाड़ा के दर्शनीय स्थल घूमने की योजना बना रहें हैं, उन्हें अपनी लिस्ट में मानगढ़ धाम को जरुर शामिल करना चाहिए।
छींछ मंदिर – Cheech Temple In Hindi
छींछ 12 वीं शताब्दी के समय निर्मित भगवान ब्रह्मा का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसमें आदमी की उंचाई के बराबर ब्रह्मा जी की मूर्ति है। आपको बता दें कि यह मंदिर तालाब के किनारे स्थित है जो पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है। बताया जाता है कि यहां मंदिर में ब्रह्माजी के बाएं तरफ विष्णु की दुर्लभ प्रतिमा भी स्थापित है।
सिंगपुरा – Singpura In Hindi
सिंगपुरा राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से 10 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव है। आपको बता दें कि यहां पर एक सुंदर झील भी स्थित है। यहां की छोटी पहाड़ी, जंगल और चारों ओर हरियाली इस जगह को बेहद खास बनाती है। अगर आप अपनी बांसवाड़ा यात्रा के दौरान किसी प्रकृतिक जगह घूमना चाहते हैं, तो आपको यहाँ की यात्रा जरुर करना चाहिए। भले ही सिंगपुरा राजस्थान के एक छोटा गाँव है लेकिन यह पर्यटकों को एक सुखद और शांति भरा अनुभव देता है।
जुआ झरने – Jua Falls In Hindi
जुआ झरने राजस्थान में स्थित बांसवाड़ा का प्रमुख आकर्षण है। यह जगह अनगिनत संख्या छिपे हुए रत्नों का घर है और जिन में से कुछ आज भी अनदेखें हैं। जुआ झरने की यात्रा करना बरसात में करना पर्यटकों को बेहद खास अनुभव दे सकता है। क्योंकि इस दौरान यह झरना बेहद खूबसूरत नज़र आता है। अगर आप किसी शांति वाली जगह की तलाश में हैं तो आपको यहां की यात्रा अवश्य करना चाहिए।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा कैसे जाये – How To Reach Tripura Sundari Temple Banswara In Hindi
अगर आप बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर घूमने जाने की योजना बना रहें हैं और यह जानना चाहते हैं कि हम बांसवाड़ा कैसे पहुँचें ? तो हम आपको बता दें आप परिवहन के विभिन्न साधनों सड़क, ट्रेन और हवाई मार्ग के माध्यम से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंच सकते है।
फ्लाइट से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा कैसे पहुंचे – How To Reach Tripura Sundari Temple Banswara By Flight In Hindi
अगर
आप हवाई जहाज द्वारा त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा जाने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि बाँसवाड़ा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में 160 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां हवाई अड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु आदि से हवाई मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस हवाई अड्डे से भारत के सभी शहरों के लिए नियमित उड़ाने मिल जाती हैं। हवाई अड्डे से आप त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा जाने के लिए बस या फिर किराये की टैक्सी ले सकते हैं।
ट्रेन से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा कैसे पहुँचें – How To Reach Tripura Sundari Temple Banswara By Train In Hindi
जो भी पर्यटक ट्रेन द्वारा त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा के लिए यात्रा करने की योजना बना रहें हैं, तो उनके लिए बता दें कि त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम रेलवे स्टेशन है जो त्रिपुरा सुंदरी मंदिर से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है। कई ट्रेन है जो भारत के प्रमुख शहरों से इस स्टेशन के लिए मिल जाती हैं। यहां पर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कई शहरों से ट्रेन आती हैं। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप बस ,कैब या स्थानीय वाहनों की मदद से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा कैसे पहुंचें – How To Reach Tripura Sundari Temple Banswara By Road In Hindi
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा जाने का विचार बना रहें हैं। तो हम आपको बता दें कि त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा पहुंचने के लिए सड़क द्वारा यात्रा करना काफी अच्छा है। बाँसवाड़ा शहर राजस्थान के प्रमुख शहरों उदयपुर, जयपुर के अलावा दूसरे राज्यों से भी सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राजस्थान के प्रमुख शहरों से और अन्य राज्यों के शहरों से यहां के लिए बसें भी उपलब्ध हैं। तो आप राजस्थान के किसी भी प्रमुख शहरो से बस, टैक्सी या अपनी कार से यात्रा करके त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बाँसवाड़ा पहुंच सकते है।
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इस लेख में आपने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा का नक्शा – Tripura Sundari Temple Banswara Map
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की फोटो गैलरी – Tripura Sundari Temple Images
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