Best Places To Visit In Munsiyari In Hindi, मुनस्यारी पर्यटन स्थल भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित बेहद खूबसूरत हिल्स स्टेशन हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। मुनस्यारी भारत, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से लगा हुआ क्षेत्र है जोकि चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। मुनस्यारी इतनी सुन्दर जगह है कि इसे उत्तराखंड के ‘छोटे कश्मीर’ के नाम से भी जाना जाता है। मुनस्यारी बर्फ से ढके पहाड़ों का सुन्दर पर्वतीय स्थल है जोकि पिथौरागढ़ जिले में सबसे तेजी से बढ़ते पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है। मुनस्यारी अपनी कुदरती प्राकृतिक सौन्दर्यता के कारण बहुत लोकप्रिय स्थान बन गया है। मुनस्यारी के सामने विशाल हिमालय पर्वत श्रंखला का विश्व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत (हिमालय की पांच चोटियां) हैं जो इसके आकर्षण का केंद्र बने हुए है। प्रकृति प्रेमियों के लिए मुनस्यारी एक आदर्श स्थान के रूप में स्थित है। पर्यटक यहाँ पिकनिक मनाने आते है और साथ-साथ ट्रेकिंग का आनंद भी पाते है।
यदि आप भी सुन्दर जगह की सुन्दरता को जानने के लिए बेताब है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े जिसमे हम आपको मुनस्यारी हिल स्टेशन और यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें के बारे में बात करने वाले है –
ऐतिहासिक रूप से भी मुनस्यारी बहुत महत्त्व रखता है। मुनस्यारी गौरी गंगा नदी से मिलम तक फैला हुआ है जोकि प्राचीन समय में भारत और तिब्बत का व्यापार केंद्र था। प्राचीन समय में मुनस्यारी में शौका और भोटिया नामक दो जनजाति निवास करती थी, जोकि पूर्ण रूप से आर्थिक तौर पर भारत और तिब्बत के व्यापार पर ही निर्भर थे। सन 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ उससे पहले तक मुनस्यारी के मार्ग से यह व्यापार बहुत अच्छा चलता रहा। परन्तु युद्ध के बाद सीमा के बंद हो जाने के कारण व्यापार भी बंद हो गया।
पैराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि मुनस्यारी वह स्थान है जहां पर पांडवों ने स्वर्गारोहण की शुरुआत की थी। इस बात का साक्षी मुनस्यारी का पंचाचूल पर्वत है। जिसकी पांच चोटियाँ इन्ही पाँचों पांडवों का प्रतीक है। ऐसा भी कहा जाता है की जब पाण्डव स्वर्गारोहण करने वाले थे तब अंतिम बार पांडवों की पत्नी द्रोपदी ने इसी स्थान पर भोजन बनाया था।
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मुनस्यारी में ज्यादातर लोग पहाड़ी भाषा बोलते है। इसके साथ ही मुनस्यारी की स्थानीय भाषा हिंदी है।
मुनस्यारी बहुत ही खूबसूरत क्षेत्र है जोकि पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। मुनस्यारी उत्तराखण्ड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन हैं जोकि उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाता हैं। मुनस्यारी में आपको घूमने के लिए कई ऐसे पर्यटक स्थल मिलेंगे जहां घूमकर आप अनूठे आनंद का अनुभव करेंगे। प्रकृति की गोद मुनस्यारी ऊँची पहाड़ियों और सुन्दर दृश्यों के लिए जाना जाता है। मुनस्यारी में आने वाले पर्यटक इन स्थानों की यात्रा जरूर करते है।
मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक पंचाचूली चोटी है जोकि पांच शिखरों से मिलकर बनी हुई है। जोहार घाटी की यह आकर्षक चोटी पिथौरागढ़ जिले की शान है। पर्यटकों को बर्फ से ढकी ये चोटी पौराणिक कथाओं की जानकारी प्रदान करने वाली है। इस पंचाचूली घाटी की सबसे पहले चढ़ाई इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की एक टीम ने सन 1972 में हुकम सिंह के नेतृत्व में की थी।
बिरथी फाल मुनस्यारी से 35 किलोमीटर दूर स्थित बहुत ही शानदार जगह है। बिरथी फाल एक झरना है और इस झरने तक कालामुनी दर्रे से एक छोटी सी ट्रेकिंग यात्रा करते हुए आसानी से पहुंचा जा सकता है। बिरथी फाल मुनस्यारी रोड पर स्थित घने जंगलों से सुशोभित वाटरफॉल है। इस मनोरम दृश्य की छटा को देखने के लिए दूर-दूर से देशी और विदेशी पर्यटक हर साल आते है झरने का लुत्फ़ उठाते हैं।
माहेश्वरी कुण्ड मुनस्यारी के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शामिल है जोकि बहुत आकर्षक तालाब है। यह तालाब मुनस्यारी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित है। माहेश्वरी कुण्ड के साथ-साथ एक बहुत ही प्राचीन पौराणिक कथा जुडी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर एक यक्ष रहते थे और उन्हें गाँव के सरपंच की लड़की से प्रेम हो गया था। परन्तु गाँव वालों ने उनकी शादी नही होने दी तो यक्ष ने क्रोध में आकार गाँव में सूखा पड़ने का श्राप दे दिया। कई वर्षों तक गाँव को सूखे का सामना करना पड़ा तब गाँव वासियों ने यक्ष से माफ़ी मांगी तब सूखा ख़त्म हुआ।
कालामुनी मंदिर मुनस्यारी से 15 किलोमीटर दूर स्थित देवी कालिका का मंदिर है जिसमे नाग भगवान की उपस्थिति भी है। यह मंदिर पर्यटकों को धार्मिक रूप से मोहित करता है। देवी कालिका के साथ-साथ इस मंदिर में कालामुनी बाबा की मूर्ति भी स्थापित है। यह मंदिर मन को शांति प्रदान करने वाला है जोकि समुद्र तल से लगभग 9500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
मुनस्यारी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक नंदा देवी मंदिर मुनस्यारी से 3 किलोमीटर की दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित है। यह मंदिर 1000 वर्षों से भी अधिक पुराना है जोकि अपनी अनुपम संरचना और सुन्दर कुमाउनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान पर नंदा देवी मेला हर साल अगस्त के महीने में आयोजित किया जाता है। इस मेले की शुरुआत 16 वीं शताब्दी में हुई थी जोकि आज तक कायम है। नंदा देवी मंदिर में देशी और विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है और हर पर्यटक यहाँ से अनौखी यादों को अपने साथ ले जाते हैं।
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मुनस्यारी से 10 किलोमीटर दूर स्थित थमरी कुण्ड बहुत ही सुन्दर तालाब है। यह स्थान धार्मिक महत्त्व भी रखता है। जब बारिश कम होती है तो यहाँ के लोग इस कुण्ड पर जाकर बारिश के लिए पूजा-अर्चना करते है। इस स्थान पर अल्पाइन और कागज़ के पेड़ बहुत मात्रा में मिलते है और कई कस्तूरी मृग भी इस जगह पर देखने को मिलते है। पर्यटकों के लिए यह स्थान बाकई देखने योग्य है।
मुनस्यारी से 2 किलोमीटर दूर स्थित नन्सैन्न गाँव के सुरेंदर सिंह के घर में स्थित आदिवासी विरासत संग्रहालय मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। मुनस्यारी आदिवासिओं का इलाका रहा है और भोटिया जनजाति के लोग मुनस्यारी में अधिक मात्रा में रहते थे। वे अपनी विरासत को बहुत संभाल कर रखते थे और इसी वजह से मुनस्यारी में आदिवासी विरासत संग्रहालय बनाया गया। पर्यटकों को यह संग्रहालय आदिवासियों की जीवन शैली से अवगत कराने वाला है।
बैतूली धार मुनस्यारी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है जोकि 9000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह स्थान बलति और बालम ग्लेशियरों से ढंके बर्फ के कारण प्रसिद्ध है। सूर्योदय और सूर्यास्त (Munsiyari Sunrise And Sunset Point) के समय यहाँ का नजारा बहुत ही आकर्षक लगता है। पर्यटकों को मुनस्यारी की यात्रा के दौरान इस स्थान पर जरूर आना चाहिए।
मुनस्यारी के प्रमुख लोकप्रिय स्थानों में गोरी गंगा नदी का स्थान भी प्रमुख है। गोरी गंगा नदी का सफ़ेद पानी पर्यटकों के लिए राफ्टिंग का सबसे अच्छा स्थान है। यह पवित्र नदी राफ्टिंग के लिए ही प्रसिद्ध है। यह स्थान पर्यटकों को सहज ही अपनी और आकर्षित करता है।
मुनस्यारी से 6 किलोमीटर दूर स्थित दरकोट एक गाँव है जोकि खरीदारी के लिए बहुत लोकप्रिय है। दुकानदारों के लिए यह स्थान स्वर्ग के सामान है। इस गाँव में मिलने वाले पश्मीना शॉल और भेड़ के ऊन से बने कम्बल बहुत प्रसिद्ध है। पर्यटकों के लिए यह स्थान मुनस्यारी के आसपास के शिल्पकारों की कलाओं का प्रदर्शन दिखाने वाला है।
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मुनस्यारी घूमने जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से अक्टूबर महीने के दौरान का माना जाता हैं। हालाकि पर्यटक किसी भी समय इस पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा का आनंद उठा सकते है। गर्मियों के समय पर्यटक यहाँ की शानदार चोटियों पर ट्रेकिंग का मजा ले सकते है।
मुनस्यारी छोटा सा गाँव है इसलिए यहाँ ज्यादा रेस्टोरेंट नही है परन्तु मुनस्यारी के ढाबों पर बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन मिलता है। भारतीय और कुमाउनी भोजनों में मुख्य रूप से कुलका (Kulka) बहुत प्रसिद्ध पकवान है। इसके साथ ही मूंगफली, आटे और आलू के व्यंजन बहुत प्रसिद्ध है।
मुनस्यारी और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप किसी आवास स्थान की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें कि मुनस्यारी में कई होटल उपलब्ध हैं। जोकि आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट की रेंज में मिल जायेंगे।
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मुनस्यारी शहर की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी साधन का भी चुनाव कर सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी आपको एक लम्बी दूरी किसी अन्य साधन से तय करनी होगी।
अगर आपने मुनस्यारी पर्यटन की यात्रा के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि मुनस्यारी से लगभग 214 किलोमीटर की दूरी पर देहरादून का हवाई अड्डा है। जोकि मुनस्यारी का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे के बाहर से आपको टैक्सी आसानी से मिल जाएँगी जिसके माध्यम से आप मुनस्यारी आसानी से पहुँच सकते है।
अगर आपने मुनस्यारी की यात्रा के लिए रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काठगोदाम जोकि मुनस्यारी से लगभग 275 किलोमीटर और टनकपुर से लगभग 286 किमी दूर स्थित हैं जोकि मुनस्यारी के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। आप इन रेलवे स्टेशन के बाहर से टैक्सी या बस किराए पर लेकर आसानी से मुनस्यारी पहुँच सकते है।
यदि आपने मुनस्यारी की यात्रा के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे कि मुनस्यारी उत्तराखंड के प्रमुख शहरों के साथ-साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। दिल्ली और अन्य राज्यों से नियमित रूप से मुनस्यारी के लिए बसें चलती है। पर्यटकों को अपनी यात्रा के दौरान कई जगह बस बदलना पड़ेगा और फिर किसी अन्य साधन से मुनस्यारी पहुंचा जा सकता है।
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इस आर्मेंटिकल में आपने मुनस्यारी में घूमने की सबसे अच्छी जगहें के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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