Tourist Place In Nashik In Hindi : नासिक महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक धार्मिक हिंदू शहर है जो हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले की मेजबानी करता है। आपको बता दें कि यह शहर आदर्श वाइन चखने के लिए खास जगह भी है। नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के तट पर स्थित जिसका नाम रामायण से जुड़ा एक अवशेष है। इस शहर में बहुत सारे मंदिर है जो यहां आने वाले पर्यटकों को एक अद्भुद शांति का अनुभव करवाते हैं। नासिक हर साल भारी संख्या में यहाँ आने वाले पर्यटकों की मेजवानी करता है और शिरडी और त्र्यंबकेश्वर आने वाले तीर्थ यात्री भी नासिक जरुर आते हैं। नासिक में मंदिर के अलावा है किले, झरने और अंगूर के बाग जो इस जगह एक खास पर्यटक स्थल बनाते हैं। अगर आप नासिक घूमने के बारे में विचार बना रहे हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, इसमें हमने नासिक में घूमने के स्थान और यहां की खास जगहों के बारे में पूरी जानकारी दी है।
अगर आप नासिक के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि इस शहर का इतिहास काफी पुराना है। इस शहर का नाम उस घटना से लिया गया है जब भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने रावण की बहन शूर्पणखा की नाक काट दी थी। बताया जाता है कि भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण के 14 साल के वनवास के समय पंचवटी में रहने के लिए उपयोग करते हैं जिसकी वजह से शहर काफी प्रसिद्ध है। नासिक में हर 12 साल में कुम्भ का मेला भी लगता है, जिसमें करोड़ो भक्त भाग लेते हैं। आत्मा-शुद्धि के लिए कुंभ मेला एक बहुत बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है। बता दें कि ऐतिहासिक रूप से 16 वीं शताब्दी में नासिक पर मुगल साम्राज्य द्वारा शासन किया गया था और बाद में 1818 तक शक्तिशाली मराठों ने इसे संभाला। भारतीय स्वतंत्रता के कुछ महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और अनंत लक्ष्मण खरे नासिक से ही हैं।
नासिक से 36 किमी की दूरी पर स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजी राव द्वारा करवाया गया था और इसमें एक दर्जन ज्योतिर्लिंग हैं। यह मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों दोनों के लिए बेहद खास है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में स्थित पवित्र तालाब या कुंड, कुशावर्त को गोदावरी नदी का उद्गम स्थान कहा जाता है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला में समृद्ध है और अपनी आकर्षक मूर्तियों के लिए जाना-जाता है।
सुला वाइनयार्ड नासिक में लगभग 160 एकड़ के क्षेत्र में फैला पहला वाणिज्यिक दाख की बड़ियाँ है। सुला वाइनरी स्थानीय नासिक जिले और डिंडोरी में पैदा होने वाले अंगूर से शराब का उत्पादन करता है। इस वाइनयार्ड में शराब चखने का कमरा है, जो कि पर्यटकों को कई तरह की शराब का स्वाद चखने और निहारने का मौका देता है। शराब प्रेमी एक या दो दिन यहां बिताकर पूरी तरह से शराब का मजा ले सकते हैं।
नासिक गुफाएं, या पांडवलेनी गुफाएं, पहली शताब्दी ईसा पूर्व और 3 वीं शताब्दी के बीच नक्काशीदार 24 गुफाओं का एक समूह हैं पांडवलेनी गुफाएं नासिक में स्थित चौबीस गुफाओं की मण्डली है, जो वास्तुकला प्रेमी को बेहद आकर्षित करती है। त्रिवाष्मी हिल्स के पठार पर बसी पांडवलेनी गुफाएं 20 से अधिक सदियों पुरानी जिनका निर्माण जैन राजाओं द्वारा किया गया था। यहाँ आने वाले यात्री जैन शिलालेख और कलाकृतियों साथ भगवान बुद्ध की मूर्तियों को भी देख सकते हैं। यह क्षेत्र में कथित तौर पर एक बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। पांडवलेनी गुफाएं नासिक में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
नासिक की सबसे खास जगह में से एक मुक्तिधाम मंदिर 1971 में मकराना, राजस्थान के सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया था जो अपनी विशिष्ट वास्तुकला के लिए आकर्षक का केंद्र है। मुक्तिधाम मंदिर में सभी बारह ज्योतिर्लिंग हैं, जिसकी वजह से यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है । इस मंदिर सबसे खास बात यह है कि इसकी दीवारें पूरी भगवद् गीता के श्लोकों से अंकित हैं।
अंजनेरी पर्वत नासिक के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक हैं। इस पर्वत इतिहास हिंदू महाकाव्य रामायण से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि यह पर्वत भगवान हनुमान का जन्म स्थान है। इस पहाड़ी पर एक पवित्र मंदिर है जहां पर भारी मात्रा में भक्त आते हैं। अंजनेरी पर्वत का नाम भगवान हनुमान की माता अंजनी के नाम पर पड़ा है। अगर आप नासिक घूमने के लिए आ रहे हैं तो इस पर्वत की सैर करना न भूलें, यहाँ पर आप उंचाई पर पहुंचने के लिए ट्रेकिंग कर सकते हैं और यहाँ उंचाई से कई शानदार दृश्यों जो देख सकते हैं। यह पर्वत धार्मिक कारणों से महत्वपूर्ण होने के अलावा नासिक का एक प्राकृतिक आकर्षण भी है।
पंचवटी के पास सीता गुफा है, जहां से रावण द्वारा सीता का अपहरण कर लिया गया था। यह छोटी सी गुफा और धार्मिक तीर्थ स्थल हिंदू रामायण महाकाव्य और देवी सीता से जुड़ा हुआ है।
एक संकीर्ण सीढ़ी गुफाओं की ओर जाती है। गुफाओं में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों के साथ-साथ एक शिवलिंग भी है।
नासिक के सिक्का संग्रहालय में विभिन्न समय के सिक्कों का एक बड़ा संग्रह देखने को मिलता है। यह एशिया में अपनी तरह का एकमात्र ऐसा सिक्का संग्रहालय है जो भारत की न्यूमिज़माटिक्स के बारे में ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। इस संग्रहालय का निर्माण 1980 में किया गया था जो सिक्कों को पक्षों पर एक संक्षिप्त लेखन के साथ प्रदर्शित करता है, जिसकी वजह से आम लोगों के लिए इसके बारे में अधिक जानना काफी आसान हो जाता है।
सप्तश्रृंगी या सात पर्वत सप्तश्रृंगी निवासिनी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जगह को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि सती (भगवान शिव की पत्नी) के शरीर को ले जाते समय उनके अंग इस स्थान पर गिरे थे। सप्तश्रृंगी पर्वत का जिक्र भी रामायण में होता है। कहा जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अपने निर्वासन के दौरान देवी का आशीर्वाद लेने यहां आये थे।
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कालाराम मंदिर नासिक में घूमने की सबसे खास जगहों में से एक हैं और यह हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी है, जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित ऐसा मंदिर है जिसके अंदर की मूर्ति का रंग काला है इसलिए मंदिर को कालाराम मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर के अंदर बीच में भगवान राम की मूर्ति के साथ सीता और लक्षमण की प्रतिमाएं हैं। बारह वर्ष लंबे समय में निर्मित यह संरचना काले पत्थरों बनी हुई है जो यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
आर्टिलरी केंद्र, नासिक में स्थित पांडवलेनी गुफाओं के पीछे एशिया का सबसे बड़ा तोपखाना केंद्र है। बताया जाता है कि आजादी के दौरान इसे पाकिस्तान से नाशिक लाया गया था। इस जगह पर सैनिकों को कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और यह सैनिको को ‘गोफ़र गन्स’ का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता है। आर्टिलरी केंद्र में युद्ध स्मारक और एक आर्टिलरी संग्रहालय भी बने हुए हैं जो भारत के सैनिकों के इतिहास को बताते हैं।
रामकुंड नाम नासिक के सबसे खास तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल में शामिल है। रामकुंड अपने आप में एक बहुत बड़ा धार्मिक महत्व रखता है। बताया जाता है कि इस कुंड में भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहां के पानी में स्नान किया था जिसकी वजह से इसका नाम रामकुंड पड़ गया। इस कुंड के पानी बहुत महत्व है और इसके पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री हर साल आते हैं। रामकुंड के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि सीताजी ने भी इस जगह पर स्नान किया था।
अगर आप धार्मिक और ऐतिहासिक शहर नासिक घूमने के लिए जाना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि यहां जानें का सबसे अच्छा समय कौन सा है तो हम आपको बता दें नासिक की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का समय होता है। इन महीनों के दौरान नासिक में सर्दियों का मौसम होता है, जो आपकी यहां यात्रा करने के लिए अनुकूल है। नासिक गर्मियों के मौसम में गर्म और सर्दियों में काफी ठंडा रहता है। गर्मी के मौसम में यहाँ का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है और सर्दियों में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। जुलाई से सितंबर के बीच नासिक में बरसात होती है जो इस शहर को हरा-भरा कर देती है।
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नासिक के रेस्टोरेंट में कई तरह के महाराष्ट्रीयन, गुजराती और मराठी से लेकर दक्षिण और उत्तर-भारतीय व्यंजक आसानी से मिल जाते हैं। अगर आप शहर के स्ट्रीट फूड का आनंद लेना चाहते है तो यहां आपको वड़ा पाव, शाकाहारी और मांसाहारी रोल, साबूदाना वडा, बिरयानी, मोमोज और थुक्पा आसानी से मिल जाते हैं।
जो भी यात्री नासिक जाना चाहते हैं उनके दिमाग में सबसे पहला सवाल यह आता है कि नासिक तक कैसे पहुंचा जाए ? तो बता दें कि नासिक महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है जो अपने धार्मिक महत्वों के लिए प्रसिद्ध है, आप नासिक की यात्रा सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग से कर सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं।
अगर आप बस द्वारा नासिक जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि नासिक में तीन मुख्य बस स्टेशन क्कर बाज़ार, सिनर फाटा बस स्टॉप और अन्य शहरों से बसों के लिए उपनगर बस स्टॉप है। बस से नासिक की यात्रा करना आपके लिए बहुत किफ़ायत साबित हो सकता है। बस से जाने के लिए आप टिकट ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन ले सकते हैं।
नासिक रेलवे स्टेशन रेल मार्ग से देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। अगर आप ट्रेन से नासिक की यात्रा करना चाहते है तो आप नासिक आने वाली ट्रेनों की समय-सारणी की जाँच जरुर कर लें, जिससे की असुविधा से बचा जा सके। रेल टिकट को आप ऑनलाइन या मैनुअल बुक कर सकते हैं। रेल से नासिक की यात्रा करना आपको और आपके परिवार के लिए एक सुखद और आरामदायक अनुभव होगा।
अगर आप हवाई जहाज से नासिक की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई है, जो नासिक से लगभग साढ़े तीन घंटे की ड्राइव पर है। छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए आपको देश के सभी प्रमुख शहर बैंगलोर, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, चेन्नई, से आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी।
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