Teen Murti Bhavan In Hindi, तीन मूर्ति भवन भारतीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित एक शानदार और ऐतिहासिक संरचना है जिसका निर्माण 1930 में ब्रिटिश वास्तुकार रॉबर्ट टोर रसेल ने नई राजधानी शहर के एक हिस्से के रूप में किया था। आपको बता दें कि इस वास्तुशिल्प चमत्कार ने ब्रिटिश भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के निवास के रूप में भी काम किया। भारत के स्वतंत्र होने के बाद यह भवन भारतीय प्रधान मंत्री के निवास में परिवर्तित हो गया, जो उस समय पं जवाहर लाल नेहरू थे। 1964 में उनकी मृत्यु होने तक तीन मूर्ति भवन उनका निवास था, जिसके बाद इसे उनके लिए समर्पित एक स्मारक में परिवर्तित कर दिया गया।
इस भवन को तीन मूर्ति भवन यहां स्थित तीन सैनिकों की मूर्ति की वजह से कहा जाता है। तीन मूर्ति भवन दिल्ली आज एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक होने के साथ ही नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय जैसे विभिन्न संस्थानों का घर है। इसके अलावा यहां नेहरू तारामंडल ( Nehru Planetariums) भी स्थित है जो बच्चों और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए बेहद खास जगह है। अगर आप तीन मूर्ति भवन के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें जिसके माध्यम से हम आपको इस ऐतिहासिक स्मारक की सैर पर ले जा रहें हैं –
तीन मूर्ति भवन को ‘फ्लैगस्टाफ हाउस’ के रूप में जाना जाता था। इसका मतलब यह भारत में ब्रिटिश सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ का निवास था। आपको बता दें कि यह संरचना लगभग 30 एकड़ के विशाल क्षेत्र को कवर करती है जो राष्ट्रपति भवन के दक्षिण की ओर स्थित है। भारत के स्वतंत्र होने के बाद यह भवन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल नेहरू के व्यक्तिगत निवास स्थान के रूप में परिवर्तित हो गया था और अगले 16 साल तक इस भवन इसी काम में इस्तेमाल हुआ। नेहरु की मृत्यु के बाद यह उनकी समाधि के रूप में परिवर्तित हो गया।
तीन मूर्ति भवन का प्रवेश द्वार धनुषाकार है और खिड़कियाँ पीछे की ओर बनी हुई है। इस आकर्षक संरचना की पहली मंजिल एक शानदार बरामदा है। इस भवन का नाम तीन मूर्ति यहां स्थित तीन सैनिकों की मूर्तियों की वजह से दिया गया है जिसे 1922 यहां बनाया गया था। बता दें कि इन मूर्तियों को जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर रियासतों के उन सैनिकों के स्मारक के रूप में बनाया गया है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में अपना योगदान किया था।
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तीन मूर्ति भवन का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण हैं नेहरू मेमोरियल संग्रहालय, जहां पर नेहरू की व्यक्तिगत वस्तुओं का विस्तृत संग्रह देखा जा सकता है। दर्शक यहां पर नेहरु की के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला ड्राइंग रूम, बेडरूम देख सकते हैं। नेहरु जी अपनी मृत्यु के समय इसी वजह में रहते थे। इसके अलावा स्वतंत्रता आंदोलन के समय से कई तस्वीरें, पांडुलिपियां और पत्र भी यहां देखे जा सकते हैं। अगर आप इस जगह की यात्रा करते हैं तो यहां उनके जीवन की एक झलक पा सकते हैं और यह जान सकते हैं कि वो कैसे थे। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय में एक उपहार गैलरी भी है जो उनके जीवनकाल के दौरान उनके द्वारा प्राप्त किये गए उपहारों का संग्रह प्रस्तुत करती है। इन सभी चीजों के साथ -साथ इस परिसर में एक स्मारिका की दुकान और स्मारक ‘कुशाल महल’ भी देख सकते हैं जो कभी एक शिकार लॉज था।
नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी एक शोध केंद्रित पुस्तकालय है जिसमें औपनिवेशिक और बाद के भारत पर पुस्तकों, पत्रिकाओं, तस्वीरों और अन्य संसाधन सामग्री के रूप में व्यापक डेटा मौजूद है। आपको बता दें कि यह डाटा माइक्रोफिल्म और माइक्रोफिच के रूप में भी उपलब्ध है, जिनमें निजी कागजात, मिशनरी रिकॉर्ड, समाचार पत्र और पुरानी और पत्रिकाएं शमिल हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां 18,231 से अधिक माइक्रोफिल्म रोल और अनुसंधान सामग्री के 51,322 माइक्रोफिच प्लेट हैं। इसके अलावा इस लाइब्रेरी में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित लगभग 2,02,415 चित्र हैं। इस लाइब्रेरी में उपस्थित संसाधनों को शोधकर्ताओं द्वारा बहुत कम शुल्क पर प्राप्त किए जा सकता है।
नेहरू तारामंडल तीन मृति भवन का एक प्रमुख आकर्षण है जो छोटी उम्र से बच्चों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए रुचि पैदा करने का काम करता है। आपको बता दें कि यहां पर कई तरह के इनोवेटिव और इंटरैक्टिव प्रोग्राम की स्क्रीनिंग नियमित रूप से होती है। यहां होने वाले कई कार्यक्रमों को युवा छात्रों, कॉलेज में पढ़ने वालों और खगोलविदों (Astronomers) को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जाता है। नेहरू तारामंडल फरवरी और अगस्त के महीने खगोल विज्ञान प्रश्नोत्तरी (Organising Astronomy Quiz) और कला प्रतियोगिताओं (Art Competitions) का आयोजन करता है। यह शो सुबह 11:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलता है।
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तीन मूर्ति भवन दिल्ली में स्थित है। अगर आप यहां की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर – मार्च तक यानि सर्दियों के महीने इस आकर्षक स्थल की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छे हैं। ग्रीष्मकाल में दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ती है, इसलिए इस मौसम में यात्रा करने से बचना बेहतर है।
अगर आप तीन मूर्ति भवन के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का निकटतम मेट्रो स्टेशन रेस कोर्स है। यह इस स्थल पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि सड़क मार्ग से भवन के लिए यात्रा करना भीड़भाड़ होने की वजह से आपके लिए दिक्कत से भरा हो सकता है। तीन मूर्ति और पी.एस. चाणक्य पुरी यहां का निकटतम बस स्टेशन हैं जहाँ से आप स्थानीय परिवहन जैसे ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा की मदद से तीन मूर्ति भवन पहुंच सकते हैं। आप स्थल तक जाने के लिए कैब से भी यात्रा कर सकते हैं।
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इस लेख में आपने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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