Srisailam Temple In Hindi : श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के दक्षिणी भाग में श्रीशैलम पर्वत पर कृष्णा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। आन्ध्र प्रदेश के इस दर्शनीय मंदिर को “दक्षिण के कैलाश” के नाम से भी जाना जाता है और यह भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के प्रमुख देवता माता पार्वती (मलिका) और भगवान शिव (अर्जुन) हैं।
यह स्थान भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। यह मंदिर हिन्दू धर्मं और संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। श्रीशैलम मल्लिकार्जुन दर्शन के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं और मंदिर के आराध्य देव के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझते हैं। यदि आप इस पवन धाम और इसके पर्यटक स्थलों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
1. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर का इतिहास – Srisailam Temple History In Hindi
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर का इतिहास से जुड़े सातवाहन राजवंश के शिलालेख इस बात का प्रमाण हैं की यह मंदिर को दूसरी शताब्दी से अस्तित्व में हैं। मंदिर के अधिकांश आधुनिक जोड़ विजयनगर साम्राज्य के राजा हरिहर प्रथम काल से मिलते हैं।
2. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की संरचना – Srisailam Temple Architecture In Hindi
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर परिसर में 2 हेक्टेयर और 4 गेटवे टॉवर हैं, जिन्हें गोपुरम कहा जाता है। श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के अंदर कई मंदिर बने हुए हैं जिनमें मल्लिकार्जुन और भ्रामराम्बा सबसे प्रमुख मंदिर हैं। यहां सबसे उल्लेखनीय और देखने लायक विजयनगर काल के दौरान बनाया गया मुख मंडप है। मंदिर के केंद्र में कई मंडपम स्तंभ हैं और जिसमें नादिकेश्वरा की एक विशाल दर्शनीय मूर्ति है।
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3. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की कहानी – Srisailam Temple Story In Hindi
शिवपुराण के अनुसार श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की कहानी भगवान भोलेनाथ के परिवार से जुडी हुई हैं। माना जाता हैं की शंकर भगवान के छोटे पुत्र गणेश जी कार्तिकेय से पहले शादी करना चाहते थे। इसी बात पर भोलेनाथ और माता पार्वती ने इस समस्या को सुलझाने के लिए दोनों के समक्ष यह शर्त रखी की जो भी पहले पृथ्वी की परिकृमा करके लोटेगा उसका विवाह पहले होगा। यह सुनकर कार्तिकेय ने परिकृमा शुरू कर दी लेकिन गणेश जी बुद्धि से तेज थे उन्होंने माता पार्वती और भगवान शिव की परिकृमा करके उन्हें पृथ्वी के सामान बताया। जब यह समाचार कार्तिकेय को पता चला तो वह रूस्ट होकर क्रंच पर्वत पर चले गए। उन्हें मनाने के सारे प्रयास जब असफल हुए तो देवी पर्वती उन्हें लेने गई लेकिन वह उन्हें देखकर वहा से पलायन कर गए। इस बात से हतास होकर पार्वती जी वही बैठ गई और भगवान भोलेनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रगत हुए। यह स्थान श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के रूप में दर्शनीय हुआ।
4. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर शक्ति पीठ – Srisailam Jyotirlinga Temple Shakti Peeth In Hindi
शक्ति पीठ का आशय उन स्थानों से हैं जहां देवी सती के अवशेष गिरे थे। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं कि देवी सती के पिता राजा दक्ष द्वारा भगवान भोलेनाथ का अपमान न सहपाने की वजह से देवी सती ने आत्मदाह कर लिया था। भगवान शिव ने देवी सती के जलते हुए शरीर को उठा कर तांडव किया और इस दौरान उनके शरीर के अंग जहां-जहां गिर हैं उस स्थान को शक्ति पीठ के रूप में जाना गया हैं। माना जाता हैं कि श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर में उनके ऊपरी होंठ के यहां गिरने का परिणाम हैं। श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर 18 महाशक्ति पीठों में से एक है।
5. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर कहां पर है – Srisailam Temple Kaha Stith Hai
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम पर्वत पर स्थित हैं।
6. हैदराबाद से श्रीशैलम मंदिर की दूरी – Hyderabad To Srisailam Mallikarjuna Temple Distance In Hindi
हैदराबाद से श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की दूरी लगभग 215 किलोमीटर हैं।
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7. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास के पर्यटन और आकर्षण स्थल – Tourist Places Near Srisailam Temple In Hindi
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम में स्थित हैं, श्रीशैलम में कई दर्शनीय और घूमने वाली जगह स्थित हैं। आप श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर दर्शन के दौरान श्रीशैलम के प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं।
7.1 अक्क महादेवी गुफ़ाएँ – Akkamahadevi Caves Srisailam In Hindi
अक्क महादेवी गुफ़ाएँ तेलंगाना में श्रीशैलम से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक दर्शनीय स्थल हैं।यह प्राचीन पर्यटन स्थल बारहमासी कृष्णा नदी के पास स्थित हैं। यह अपने प्रवेश द्वार पर बने प्राकृतिक मेहराब के लिए अधिक जानी जाती हैं।
7.2 श्री ब्रह्मराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर – Mallikarjuna Swamy Temple Srisailam In Hindi
श्रीशैलम शहर में कृष्णा नदी के तट पर स्थित श्री ब्रह्मराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर यहां का एक प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं। माना जाता हैं कि यह ऐतिहासिक मंदिर 6वीं शताब्दी का हैं। विजय नगर के राजा हरिहर द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
7.3 श्रीशैलम पातालगंगा – Patala Ganga Srisailam In Hindi
पातालगंगा श्रीशैलम का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जैसे ही कृष्णा नदी पहाड़ी से मुड़ती है यह अपने साथ आध्यात्मिकता का समावेश लिए होती हैं। इस नदी में आप डुबकी लगा सकते हैं माना जाता हैं कि इसके पानी में डुबकी लगाने से त्वचा रोग दूर हो जाता हैं। यहां आने वाले पर्यटक रोपवे की सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं। सवारी के दौरान राजसी नदी और हरे-भरे घने जंगल का नजारा देख सकते हैं।
7.4 श्रीशैलम टाइगर रिजर्व – Srisailam Tiger Reserve Srisailam In Hindi
श्रीशैलम टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 3568 एकड़ में फैला हुआ है जोकि इसे भारत के सबसे बड़े बाँध में शामिल करता हैं। श्रीशैलम बांध और नागार्जुनसागर बांध आरक्षित क्षेत्र में बने हुए हैं। यहां पाए जाने वाले जानवरों में टाइगर के अलावा आपको तेंदुआ, चीतल, इंडियन पैंगोलिन, सांभर हिरण, शेवरोट, सुस्त भालू, ढोल, ब्लैकबक, चिंकारा और चौसिंघा दिखाई दे सकते हैं। इस क्षेत्र में अन्य सरीसृप शामिल मगरमच्छ, भारतीय अजगर, किंग कोबरा और भारतीय मोर आदि शामिल हैं।
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7.5 श्रीशैलम बांध – Srisailam Dam In Hindi
श्रीशैलम बांध शहर के आकर्षण का एक मुख्य केंद्र बना हुआ हैं और श्रीशैलम बांध भारत की सबसे बड़ी 12 पनबिजली परियोजनाओं का हिस्सा हैं। यह बाँध वर्तमान तेलंगाना का हिस्सा हैं। श्रीशैलम बांध नल्लमाला हिल्स की खूबसूरत हरियालियों के बीच कृष्णा नदी के बरामदे में बनाया गया हैं। पर्यटक को लिए यह एक शानदार पिकनिक स्पॉट के लिए जाना जाता हैं, टूरिस्ट दूर-दूर से यहां पिकनिक मानाने के लिए अपने परिवार के साथ आते हैं।
7.6 शिखरेश्वर मंदिर श्रीशैलम – Shikaresvara Temple Srisailam In Hindi
शिखरेश्वर मंदिर श्रीशैलम के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित हैं जोकि सिखाराम के नाम से प्रसिद्ध हैं और शिखरेश्वर स्वमी को समर्पित हैं। मंदिर यहां की प्राचीन नदी कृष्णा के पास ही स्थित हैं। शिखरेश्वर भगवान शिव के एक अन्य रूप को जाना जाता हैं यह स्थान खूबसूरत दृश्यों से भरा हुआ हैं।
7.7 लिंगाला गट्टू श्रीशैलम – Lingala Gattu Srisailam In Hindi
भगवान शिव के प्रति भक्ति भाव के लिए पहचानी जाने वाली यह जगह जो श्रीशैलममें कृष्णा नदी के किनारे के लिए जाना जाता हैं। इस स्थान पर भगवान भोएनाथ की छवि देखने को मिलती हैं। इसी विश्वास ने नदी के किनारे को लिंगला गट्टू नाम दिया हैं। पर्यटक यहां की यात्रा करना काफी हद तक पसंद करते हैं।
7.8 हेमरेड्डी मल्लम्मा मंदिर श्रीशैलम – Hemareddy Mallamma Temple Srisailam In Hindi
श्रीशैलम के दर्शनीय स्थानों में हाल ही में हेमारेड्डी मल्लम्मा मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा हैं। यह मंदिर शहर के प्रसिद्ध मंदिर मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के पास ही स्थित हैं। इस दर्शनीय मंदिर में एक आश्रम भी बना हुआ है।
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7.9 श्रीशैलम में शॉपिंग – Shopping In Srisailam In Hindi
श्रीशैलम में बहुत अधिक विस्तृत और विशाल शॉपिंग मॉल या खरीदारी मार्किट नही हैं। हालांकि यहां की जनजातियों द्वारा एकत्र किए गए स्वादिष्ट शहद को आप खरीद सकते हैं। यहां का शहद पर्यटकों के लिए बहुत अधिक रास आता हैं।
7.10 साक्षी गणपति मंदिर – Sakshi Ganapati Temple Kurnool In Hindi
साक्षी गणपति मंदिर खूबसूरत परिवेश के बीच स्थित भगवान गणेश को समर्पित एक दर्शनीय स्थल हैं। इस मंदिर के बारे में भक्तो का मानना हैं कि भगवान गणेश इस बात का रिकॉर्ड रखते हैं कि कौन-कौन श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के दर्शन करने के लिए आए हैं। यह रिकॉर्ड वह भगवान शिव के पास पहुंचा देते हैं। मंदिर के गर्वग्रह तक जाने के लिए भक्तो को 10 सीढ़ीयों का सफ़र तय करना पड़ता हैं।
7.11 चेंचू लक्ष्मी ट्राइबल म्यूजियम श्रीशैलम – Chenchu Lakshmi Tribal Museum Srisailam In Hindi
श्रीशैलम में देखने वाली जगह चेनचू लक्ष्मी संग्रहालय में आंध्र प्रदेश की जनजाति समृद्ध आजीविका और संस्कृतियों के साक्ष को समेट के रखा हुआ हैं। यहां की जनजातियों द्वारा एकत्रित किया गया शहद भी संग्रहालय में रखा जाता हैं।
7.12 हाटकेश्वर मंदिर श्रीशैलम – Hatkeshwar Temple Srisailam In Hindi
हाटकेश्वर मंदिर श्रीशैलम में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित हैं। इस मंदिर के बारे में कहां जाता हैं कि यह वही मंदिर हैं जहां श्री शंकराचार्य ने अपना एक दार्शनिक ग्रंथ बनाया था।
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8. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन और यात्रा करने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Srisailam Temple In Hindi
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर घूमने और यहां के दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर वर्ष में किसी भी समय आप जा सकते हैं, लेकिन यहां जाने का सबसे अच्छा समय नवम्बर से फरवरी के बीच का माना जाता हैं।
9. श्रीशैलम में खाने के लिए स्थानीय भोजन – Local Food Of Srisailam In Hindi
श्रीशैलम मंदिर के शहर के रूप में जाना जाता हैं और यहां शाकाहारी भोजन ही एकमात्र विकल्प है। भोजन के लिए पर्यटकों को यहां अधिक विकल्प नही मिलेंगे। लेकिन दक्षिण-भारतीय स्वादिष्ट व्यंजनों को चखा जा सकता है। यहां के स्ट्रीट फूड का स्वाद भी आप ले सकते हैं।
10. श्रीशैलम में कहाँ रुके – Where To Stay In Srisailam In Hindi
श्रीशैलम मंदिर यात्रा के दौरान आप यहां रुकना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि श्रीशैलम में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट के होटल मिल जाएंगे। होटल का चुनाव आप अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
- होटल शोभा
- श्री लक्ष्मी गणेश होटल
- तेजस्वी होटल
- होटल सूरज ग्रैंड
- सूरज होटल
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11. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर कैसे जाये – How To Reach Srisailam Temple In Hindi
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
11.1 फ्लाइट से श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Srisailam Mallikarjuna Temple By Flight In Hindi
श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि श्रीशैलम के लिए उड़ानें सीधे उपलब्ध हैं लेकिन उड़ानें नियमित रूप से नहीं हैं।श्रीशैलम में अपना हवाई अड्डा नहीं है और सबसे निकटतम हवाई अड्डा बेगमपेट हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से आप स्थानीय साधनों की मदद से श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर तक पहुँच जाएंगे।
11.2 श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर से कैसे पहुंचे – How To Reach Srisailam Temple By Train In Hindi
अगर आपने श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर जाने के लिए ट्रेन का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि श्रीशैलम का अपना रेलवे स्टेशन नहीं है। श्रीशैलम का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मरकापुर रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से आप यहां के स्थानीय साधनों की मदद से अपने गंतव्य तक पहुँच जाएंगे।
11.3 श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Srisailam Mallikarjuna Jyotirlinga Temple By Bus In Hindi
यदि आपने सडक मार्ग के जरिए श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर जाने की योजना बनाई हैं तो हम आपको बता दें कि यह स्थान सडक मार्ग के जरिए बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप बस या टैक्सी आदि के माध्यम से यहां तक पहुँच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने श्रीशैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन और यात्रा की जानकरी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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12. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर का नक्शा – Srisailam Temple Map
13. श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर की फोटो गैलरी – Srisailam Temple Images
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