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रन ऑफ कच्छ की सैर और कच्छ के दर्शनीय स्थल – Rann Of Kutch Ki Jankari Hindi Me

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Rann Of Kutch In Hindi, कच्छ का रन या रन ऑफ कच्छ गुजरात के कच्छ शहर में उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना रेगिस्तान है जो ‘रन ऑफ कच्छ’ के नाम से मशहूर है। अमिताभ बच्चन द्वारा कही गई लाइन “कच्छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा”…. एकदम सही प्रतीत होती है। गुजरात घूमने आए और आपने कच्छ नहीं देखा तो गुजरात की यात्रा व्यर्थ है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्छ संस्कृति, कला और परंपराओं का गण है। यहां आपको एक नहीं बल्कि कई तरह की कलाओं और समुदाय के लोगों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। बात अगर रन ऑफ कच्छ की करें तो कच्छ का रण गुजरात राज्य में कच्छ जिले के उत्तर और पूर्व में फैला हुआ एक सफेद रेगिस्तान है।

कच्छ का रण एक विशाल क्षेत्र है, जो थार रेगिस्तान का ही एक हिस्सा है। रन ऑफ कच्छ का अधिकांश भाग गुजरात में है, जबकि कुछ भाग पाकिस्तान में है। इस व्हाइट डेजर्ट की खास बात ये है कि मानसून के आते ही गर्मियों के बाद कच्छ की खाड़ी का पानी इस रेगिस्तान में आ जाता है, जो सफेद रण एक विशाल समुद्र की तरह दिखाई देता है। वाकई नमक के इस रेगिस्तान को देखना जितना अद्भुत है इसके बनने की कहानी और भी दिलचस्प है। जुलाई से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक कच्छ के महान रण का ये हिस्सा एक समुद्र जैसा प्रतीत होता है। यहां हर साल आयोजित होने वाले रन उत्सव दुनियाभर में मशहूर है।

यहां डेजर्ट सफारी से लेकर आप लोकगीत और लोकनृत्यों का आनंद ले सकते हैं। 38 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को देखने के लिए देसी ही नहीं बल्कि विदेशी भी भारी संख्या में शामिल होते हैं। अगर आप भी रन ऑफ कच्छ की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो रन ऑफ कच्छ से संबंधित हमारा ये आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा। इस आर्टिकल में हम आपको यात्रा कराएंगे कच्छ के रण की। वाकई इस खूबसूरत जगह को देखने का अनुभव हमेशा के लिए दिलों में बस जाता है। तो चलिए शुरू करते हैं यात्रा रन ऑफ कच्छ की।

  1. रन ऑफ कच्छ के बारे में – Know About Rann Of Kutch In Hindi
  2. कच्छ का इतिहास – History Of Rann Of Kutch In Hindi
  3. कच्छ का रण विवाद – What Is Rann Of Kutch Controversy In Hindi
  4. रन ऑफ कच्छ उत्सव – What Is Kutch Rann Utsav In Hindi
  5. रण ऑफ कच्छ से जुड़े दिलचस्प तथ्य – Interesting Facts About Rann Of Kutch In Hindi
  6. कच्छ का खानपान – Food Items Popular In Kutch In Hindi
  7. रन ऑफ कच्छ में क्या खरीद सकते हैं – What Should I Buy In Kutch In Hindi
  8. कब जाएं रन ऑफ कच्छ- Best Time To Visit Rann Of Kutch In Hindi
  9. कच्छ के टॉप दर्शनीय स्थल – Best Places To Visit In Kutch In Hindi
  10. धोलावीरा – Dholavira
  11. विजय विलास पैलेस – Vijay Vilas Palace
  12. काला डूंगर – Kala Dungar
  13. मांडवी बीच – Mandvi Beach
  14. श्री स्वामीनारायण मंदिर – Shri Swaminarayan Temple
  15. कच्छ संग्रहालय – Kutch Museum
  16. भुजोडी – Bhujodi
  17. कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य – The Kutch Desert Wildlife Sanctuary
  18. नारायण सरोवर – Narayan Sarovar
  19. लखपत किला – Lakhpat Fort
  20. रन ऑफ कच्छ की लाइफस्टाइल – Lifestyle Of Rann Of Kutch In Hindi
  21. कैसे पहुंचे रण- Rann Of Kutch How To Reach In Hindi
  22. रन ऑफ कच्छ का नक्शा – Rann Of Kutch Location
  23. रन ऑफ कच्छ की तस्वीरें – Photos Of Kutch Rann Utsav

1. रन ऑफ कच्छ के बारे में – Know About Rann Of Kutch In Hindi

रन ऑफ कच्छ 23,300 किमी में फैला हुआ है। वैसे तो ये समुद्र का ही एक हिस्सा है लेकिन 1819 में आए भूकंप के कारण यहां का भौगोलिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया और इसका कुछ भाग ऊपर उभर आया था। सिकंदर के समय यह एक नौगम्य झील था। रन ऑफ कच्छ दो हिस्सों में बंटा हुआ है। उत्तरी रन यानि ग्रेट रन ऑफ कच्छ 257 किमी के क्षेत्र में फैला है और पूर्वी रन जिसे लिटिल रन ऑफ कच्छ कहते हैं ग्रेट रन ऑफ कच्छ से छोटा है। ये लगभग 5178 वर्ग किमी में बसा है। बता दें कि रण का मतलब हिंदी में रेगिस्तान से है। गर्मियों में यहां का तापमान 44-50 डिग्री तक बढ़ जाता है और सर्दियों में शून्य से नीचे तक चला जाता है।

2. कच्छ का इतिहास – History Of Rann Of Kutch In Hindi

इतिहास के अनुसार कादिर नाम का कच्छ का एक द्वीप हड़प्पा की खुदाई में मिला था। कच्छ पर पहले सिंध के राजपूतों का शासन हुआ करता था, लेकिन बाद में जडेजा राजपूत राजा खेंगरजी के समय भुज को कच्छ की राजधानी बना दिया गया। सन् 1741 में राजा लखपतजी कच्छ के राजा कहलाए। 1815 में अंग्रेजों ने डूंगर पहाड़ी पर कब्जा कर लिया और कच्छ को अंग्रेजी जिला घोषित कर दिया गया। ब्रिटिश शासन काल में ही कच्छ में रंजीत विलास महल, मांडवी का विजय विलास आदि महल भी बनाए गए।

3. कच्छ का रण विवाद – What Is Rann Of Kutch Controversy In Hindi

बात 1965 की है जब रण के पश्चिमी छोर पर भारत- पाक सीमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया। अप्रैल में सीमा को लेकर लड़ाई छिड़ गई और बाद में ब्रिटेन के हस्तक्षेप के बाद ही युद्ध खत्म हुआ। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा सिक्योरिटी काउंसिल को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर इस पूरे मामले को ट्रायब्यूनल को भेजा गया। ट्रायब्यूनल में 1968 में जाकर फैसला सुनाया कि रण का 10 प्रतिशत हिस्सा पाक में और 90 प्रतिशत हिस्सा भारत के पास रहेगा। एक साल बाद 1969 में रण का विभाजन हो गया।

4. रन ऑफ कच्छ उत्सव – What Is Kutch Rann Utsav In Hindi

दुनिया के सबसे बड़े नमक रेगिस्तानों में से एक भारत के गुजरात राज्य में कच्छ का महान रण न केवल अपने प्राकृतिक वैभव के लिए जाना जाता है बल्कि यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया द रण उत्सव के लिए भी ये काफी पॉपुलर है। हर साल रण उत्सव 1 नवंबर से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलता है। इस उत्सव को चांदनी रात में कच्छ के रेगिस्तान में आयोजित किया जाता है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। यहां आकर आप चांदनी रात और खुली हवा में कल्चरल प्रोग्राम का आनंद ले सकते हैं। यहां से आप पाकिस्तान के सिंध प्रांत का नजारा भी आसानी से देख सकते हैं, जो कच्छ से बस थोड़ी ही दूरी पर स्थित है।

भारत पाक सीमा पर आयोजित होने वाले इस रण उत्सव में आप ऊंठ की सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं। कभी ये उत्सव तीन दिन तक आयोजित होता था लेकिन अब पूरे 38 दिन इस उत्सव का जश्न मनाया जाता है। यहां ढेरों कलाकार अपनी कला के जरिए रेत पर भारत के इतिहास की झलक को दर्शाते हैं। पिछले कई साल के रण उत्सव के दौरान कलाकारों ने रामायण के पात्रों से लेकर स्वामी विवेकानंद की कच्छ यात्रा तक को अपनी कला में प्रदर्शित किया है। यहां आकर आप स्थानीय लोगों की हस्तकलाओं और रहन-सहन से भी रूबरू हो सकते हैं।

भुज से पांच किमी दूर रण के मैदान के बीच धोरडो गांव के पास एक टूरिस्ट कैंप बस जाता है, जहां देशी- विदेशी सैलानियों को सर्व-सुविधाओं के साथ ठहराया जाता है। यहां आप डेजर्ट पेट्रोल वाहन यानि डीपीवी पर रेगिस्तान पर एकल सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। डेजर्ट सफारी इस दौरान देखने लायक होती है। इसके अलावा आप यहां हॉट एयर बैलून कच्छ का भी लुत्फ ले सकते हैं। रण उत्सव में पहले दिन भाग लेने आने वाले पर्यटकों को हमीरसर लेक के किनारे आयोजित होने वाले रण कार्निवल की सैर करई जाती है, जिससे की वे यहां की संस्कृति और परंपराओं को करीब से जानें। दूसरे दिन रण सफारी और चांदनी रात में आयोजित लोक संगीत और नृत्यों का लुत्फ उठाया जाया जा सकता है।

5. रण ऑफ कच्छ से जुड़े दिलचस्प तथ्य – Interesting Facts About Rann Of Kutch In Hindi

  • रण ऑफ कच्छ दुनिया का सबसे बड़ा सफेद रेगिस्तान है, जो बर्फ से नहीं बल्कि नमक से बना है। यह रेगिस्तान 30 हजार वर्ग किमी में फैला है।
  • कच्छ सी -स्विमिंग ड्रोमेडरीज या कूबड़ वाले ऊंटों का घर भी है, जिसे खारोई नाम से जाना जाता है।
  • कच्छ में लोथल और धोलावीरा हड़प्पा संस्कृति से जुड़े ऐतिहासिक स्थल है, जो पृथ्वी पर प्राचीन सभ्यता में से एक हैं। लोथल को दुनिया के सबे पुराने डॉकयार्ड के रूप में जाना जाता है, जबकि धोलावीरा भारत के सबसे पुराने टाउन प्लानिंग का अवशेष है।
  • निरोना गांव की रोगन कला सभी के बीच उपेक्षित है, धीरे-धीरे ये लुप्त होती जा रही है, लेकिन जब इस आर्ट को नरेन्द्र मोदी ने ओबामा को तोहफे में दिया तो रोगन आर्ट को एक बार फिर विश्व मंच मिला। बता दें कि रोगन का मतलब फारसी में तेल से होता है। इस आर्ट में मोटे चमकीले अरंडी के बीज के तेल से बने पेंट का इस्तेमाल कपड़े पर पेंट करने के लिए किया जाता है।
  • कच्छ वाइल्ड ऐस की सबसे बड़ी आबादी का घर भी माना जाता है। इस रेगिस्तान में आपको लोमड़ी और राजहंस की दुलर्भ प्रजातियां देखने को मिलेंगी।
  • भुज के पास भुजोड़ी नामक गांव है, जहां लगभग 1200 वानकर समुदाय के शिल्पकार यहां रहते हैं। ये लोग यहां कपड़ा और हस्तशिल्प ईकाईयों में काम करते हैं। यहां जाकर आपको बुनकरों, ब्लॉक प्रिंटर और टाई-डाई कलाकारों से मिलने और उनके शिल्प के बारे में जानकारी लेने का मौका मिलता है।
  •  बहुत कम लोगों को ये पता है कि निरोना गांव के पास सुम्ब्रासर नाम की छोटी सी जगह एक ब्रिटिश महिला के कारण काफी पॉपुलर हो गई है। 30 साल पहले जूडी ट्रेडर नाम की ये ब्रिटिश महिला रन ऑफ कच्छ आई थी और उसे इस जगह से प्यार हो गया। तब से लेकर आज तक जूडी यहां की स्थानीय कला को बढ़ावा देने की पहल कर कला रक्षा ट्रस्ट चलतीं है।

6. कच्छ का खानपान – Food Items Popular In Kutch In Hindi

कच्छ के लोग सरल जीवन और उच्च विचार में विश्वास करते हैं। मुख्य भोजन बाजरी (बाजरा) से बना रोटलास होता है, जिसे बटर मिल्क या ‘छास, बटर और जग्गरी या ‘गुड़’ के साथ बनाया जाता है। चावल और दाल (दाल) से बनी खिचड़ी सभी को पसंद आती है। यदि आप किसी भी घर में जाते हैं तो पहले एक गिलास पानी एक रिवाज के रूप में परोसा जाता है। चाय जो 60 साल पहले अज्ञात थी, सभी लोगों के बीच सार्वभौमिक पेय बन गई है। खाने की तैयारी में दूध आधारित चीजें जैसे दही और घी बहुत आम हैं। ग्राउंड नट ऑयल और ग्राउंड नट का उपयोग आमतौर पर भोजन को अधिक विदेशी बनाने के लिए किया जाता है।

आमतौर पर कच्छी क्युसिन में रोटी या रोटला, दही, मक्खन दूध, दाल, करी, सब्जियाँ, पापड़, कचुम्बर होते हैं। सूखी रोटियाँ या थेपला और खाकरा और सेव (चने के आटे की) बनाई जाती हैं और यात्रा आदि के दौरान भोजन के रूप में संग्रहित की जाती हैं। खाद्य पदार्थों में मुख्य व्यंजन हैं- खमन डोकला, गथिया, अनथिया, मुथिया, रायता, दही वड़ा, कचौरी, भजिया, बैंगन से बनी भाजी, लौकी और भिंडी से बनी उंगली आदि। सामान्य भोजन, डाबेली, पुरी से बदलाव के रूप में। मिठाइयों की कई वैरायटी हैं जैसे- अददिया, गुलाब पाक, सोन पापड़ी, मोहन थाल, पेड़ा, हलवा, गुलाब जामुन, जलेबी, इत्यादि। धानिया के बीज या धान की दाल, सुपारी या पान सुपारी के साथ भोजन के बाद परोसा जाता है।

7. रन ऑफ कच्छ में क्या खरीद सकते हैं – What Should I Buy In Kutch In Hindi

कच्छ में एक समृद्ध संस्कृति है जो अपनी कला के माध्यम से निकलती है। यह जिला कई देहाती समुदायों का है जो विभिन्न प्रकार के शिल्पों में कुशल हैं। कच्छ में बुटीक और दुकानों सहित कुछ बेहतरीन जगहें हैं,जिसमें हथकरघा कपड़े, हाथ से पेंट किए गए लकड़ी के बक्से, कपड़े मिलते हैं। यह खरीदारी करने के लिए अपेक्षाकृत कम महंगी जगह है। कच्छी शिल्प खरीदने के लिए भी भुजोडी (भुज से 8 किलोमीटर), निरोना, भुज, अंजार और होदका जैसे गांव अच्छे स्थानों में से हैं। स्थानीय रबारी, अरी, अहीर, मुतवा और बन्नी समुदायों द्वारा प्रचलित ललित कढ़ाई प्रभावशाली हैं। कच्छ में शॉपिंग करने का आपको एक अलग ही अनुभव हासिल होगा। यहां आप दुकानों पर तेल से बनी रोगन आर्ट,कॉपर बैल्स,मिरर वर्क के एम्ब्रॉयडिड गारमेंट्स,चंकी सिल्वर ज्वेलरी,गोल्ड ज्वेलरी,अजरख ब्लॉक प्रिंटिंग शॉल,बांधनी साड़ी व दुपट्टा इन सभी चीजों की खरीददारी कर सकते हैं, जो आपको भारत में कहीं नहीं मिलेंगी।

8. कब जाएं रन ऑफ कच्छ- Best Time To Visit Rann Of Kutch In Hindi

रन ऑफ कच्छ की यात्रा करने का सही समय जनवरी में मक्रर संक्रांति के बाद है। इस समय यहां का मौसम बेहद सुहावना होता है और भीड़ भी कम मिलती है। कच्छ के सफेद रेगिस्तान की यात्रा के लिए पूर्णिमा की रात सबसे अच्छा समय है। यदि आपको पूर्णिमा की रात की बुकिंग नहीं मिलती तो एक या दो दिन पहले या बाद की यात्रा की योजना बनाएं। तब भी आपको पूर्णिमा की रात जैसा आनंद का अनुभव होगा।  रन ऑफ कच्छ जाने का सही समय है अक्टूबर भी है । इस महीने में यहां हर साल रण उत्सव आयोजित होता है।

इस दौरान आपको रण का एक अलग ही अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। अक्टूबर से मार्च तक यह पयर्टकों के लिए पीक सीजन होता है। रण ऑफ कच्छ दिसंबर के अंत से सूखना शुरू होता है, जिसके बाद ये पूरी तरह एक सफेद रेगिस्तान जैस दिखता है। उत्सव के दौरान यह पयर्टकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर साल इस चमकीले रेगिस्तान को देखने के लिए 8 से 10 लाख लोग यहां आते हैं।

9. कच्छ के टॉप दर्शनीय स्थल – Best Places To Visit In Kutch In Hindi

10. धोलावीरा – Dholavira

धोलावीरा की दूरी अहमदाबाद से 7 घंटे की है, वहीं भुज से धोलावीरा जाने में पांच घंटे बीस मिनट का समय लगता है। धोलावीरा गुजरात के कटुच जिले में खादिरबेट गांव की एक जगह है। इस जगह पर प्राचीन इंडस घाटी सभ्यता और हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिलते हैं। यह जगह 2650 बीसीई से स्थापित  है।

11. विजय विलास पैलेस – Vijay Vilas Palace

कच्छ के रण में एक अद्भुत आकर्षण विजय विलास पैलेस एक विशिष्ट स्थान है। 1929 में राव विजयराजजी द्वारा निर्मित, महल स्थानीय कच्छ,राजस्थान और बंगाल की संलयन स्थापत्य शैली में निर्मित सुंदर मूर्तियों का एक प्रतीक है। महल को 2 एकड़ के निजी समुद्र तट के साथ 450 एकड़ में फैली हरी-भरी हरियाली में बसाया गया है।

12. काला डूंगर – Kala Dungar

कच्छ का सबसे ऊँचा स्थान काला डूंगर है। एक बार जब आप कच्छ के रण में होते हैं तो इस जगह को आपकी सूची में होना चाहिए। भुज से काला डूंगर लगभग 95 किलोमीटर है। यहाँ सूर्यास्त बिंदु रण के मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है।

13. मांडवी बीच – Mandvi Beach

मांडवी बीच 1,666 किमी लंबी गुजरात तट के साथ स्थित सबसे बेहतरीन डीलक्स शिविरों में से एक है। पर्यटक के लिए मांडवी बीच एक बहुत ही शांत जगह है। यह रुक्मावती नदी के तट पर स्थित है और कच्छ की खाड़ी में अरब सागर से 1 किमी दूर है। जैसा कि यह समुद्र तट काशी – विश्वनाथ मंदिर के पास है, इस समुद्र तट को कभी-कभी काशी – विश्वनाथ समुद्र तट के रूप में भी जाना जाता है। सूरज की चूमती रेत और ठंडा और उफनता पानी, मांडवी बीच को हनीमून मनाने वालों, पारिवारिक समारोहों के लिए एक शानदार डेस्टीनेशन है।

14. श्री स्वामीनारायण मंदिर – Shri Swaminarayan Temple

स्वामीनारायण मंदिर जो संगमरमर से बना है, यह दुनिया भर के भक्तों और यात्रियों को आकर्षित करता है। 2001 में आए भूकंप में नष्ट हुए पूरे मंदिर को दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं के योगदान से बनाया गया था। रामकुंड कदम कुएं और अल्फ्रेड हाई स्कूल से सड़क के ठीक नीचे स्थित, मंदिर उस स्थान को चिह्नित करता है जहां स्वामीनारायण स्थानीय पवित्र पुरुषों के साथ बैठे थे जब वह भुज से होकर आए थे। यह मंदिर एक संप्रभु का वास्तविक निवास है!

15. कच्छ संग्रहालय – Kutch Museum

कच्छ संग्रहालय गुजरात का सबसे पुराना संग्रहालय है,जिसकी स्थापना 1877 में महाराव खेंगरजी ने की थी। इसमें क्षत्रप के शिलालेखों का सबसे बड़ा मौजूदा संग्रह है,जो पहली शताब्दी ईस्वी के आसपास था। याद रखें कि संग्रहालय का दौरा करना इतिहास के बारे में जानने का एक शानदार तरीका है।

और पढ़े : गुजरात के फेमस टूरिस्ट प्लेस गांधीनगर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें 

16. भुजोडी – Bhujodi

भुज से महज 8 किमी दक्षिण-पूर्व में एक छोटा सा शहर, भुजोडी कच्छ का एक प्रमुख कपड़ा केंद्र है,जिसमें कपड़ा हस्तशिल्प उत्पादन में शामिल 1200 निवासियों का विशाल बहुमत है। यहां आप बुनकरों,टाई-डाई कलाकारों और ब्लॉक प्रिंटर से मिल सकते हैं,जिनमें से अधिकांश वानकर समुदाय के हैं। भुजोडी से लगभग एक किलोमीटर दूर आशापुरा शिल्प पार्क है,जिसे कारीगरों को प्रदर्शित करने और बेचने में मदद करने के लिए एक कॉर्पोरेट गैर-लाभकारी विंग द्वारा स्थापित किया गया है और सप्ताहांत पर नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित करता है।

17. कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य – The Kutch Desert Wildlife Sanctuary

कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य गुजरात राज्य में कच्छ के रण में स्थित है। लगभग 7,505 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले, कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य में दुर्लभ जंगली जानवरों सरीसृप और एविफ़ुना भी हैं। ग्रेटर फ्लेमिंगो का एक प्रजनन स्थल होने के अलावा यह स्थल हाइना, सांभर, सियार, चिंकारा, जंगली सूअर, नीलगाय, भारतीय हर और दल के हाथी के आवास के रूप में प्रसिद्ध है। अभयारण्य में आने वाले पर्यटक लघु भारतीय कीवेट, भारतीय साही और भारतीय लोमड़ियों की विभिन्न प्रजातियों को भी देख सकते हैं।

18. नारायण सरोवर – Narayan Sarovar

नारायण सरोवर कच्छ के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। यह सरोवर हिंदू धर्म के 5 पवित्र झीलों अर्थात मन सरोवर, पम्पा सरोवर, बिन्दु सरोवर, नारायण सरोवर और पुष्कर सरोवर का संयोजन है। यह झील सूखे की घटना से जुड़ी है इस सूखे को खत्म करने के लिए, भगवान विष्णु झील में नारायण के अवतार में प्रकट हुए। नारायण सरोवर के आसपास के मंदिरों के समूह को नारायण सरोवर मंदिर कहा जाता है। इस स्थल के मुख्य मंदिर श्री त्रिकमरायजी,लक्ष्मीनारायण,गोवर्धननाथजी,द्वारकानाथ,आदिनारायण,रणछोड़रायजी और लक्ष्मीजी को समर्पित हैं। नवंबर और दिसंबर के दौरान जगह में आयोजित एक वार्षिक मेला भी एक बड़ा पर्यटक आकर्षण है।

और पढ़े : भारत के 5 पवित्र सरोवर जहाँ स्नान करने से होती है मोछ की प्राप्ति

19. लखपत किला – Lakhpat Fort

रन ऑफ कच्छ से लखपत किले की दूरी 142 किमी है। लखपत कच्छ का ही एक छोटा सा कस्बा है। इसके नाम से ही प्रतीत होता है कि इसका मतलब है लखपतियों का शहर। यह किला 1801 में जमादार फतेह मोहम्मद  द्वारा बनवाया गया था।

20. रन ऑफ कच्छ की लाइफस्टाइल – Lifestyle Of Rann Of Kutch In Hindi

कच्छ में कई समूह और समुदाय रहते हैं। इनमें विभिन्न खानाबदोश, अर्ध-खानाबदोश और कारीगर समूह शामिल हैं और कच्छ की अधिकांश आबादी गुजराती अहीरों की है। एक बार आर्थिक रूप से पिछड़े माने जाने के बाद, इस क्षेत्र में सरकार के प्रयासों ने बढ़ती समृद्धि को सुनिश्चित किया है। कच्छ में ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं, क्योंकि आबादी का एक हिस्सा जैन धर्म का अनुसरण करता है और कई हिंदू ब्राह्मण हैं। कच्छ में ७५ प्रतिशत से अधिक आबादी हिंदू धर्म का अनुसरण करती है जबकि 20 प्रतिशत से अधिक इस्लाम का पालन करती है। जैन और सिख शेष आबादी को बनाते हैं। कच्छ में जैन अपने धर्म के सिद्धांतों का पालन करने के बारे में बहुत विशेष हैं और भोजन को खाने से परहेज करते हैं जो कि जमीन के नीचे उगाया जाता है जैसे कि आलू, लहसुन, प्याज और यम।

21. कैसे पहुंचे रण- Rann Of Kutch How To Reach In Hindi

रण ऑफ कच्छ से भुज काफी पास पड़ता है। सभी प्रमुख शहरों के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से आप यहां आ सकते हैं। भुज से रण ऑफ कच्छ की दूरी मात्र 80 किमी है यानि यहां पहुंचने में आपको 5 घंटे लगेंगे। आप चाहें तो भुज से गुजरात टूरिज्म की बस की सुविधा भी ले सकते हैं, जो सीधे आपके रन ऑफ कच्छ तक ही पहुंचाएगी। अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं बैंगलोर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, त्रिवेंद्रम और गोवा से सीधी फ्लाइट भुज एयरपोर्ट के लिए चलती हैं। अगर आप ट्रेन से कच्छ जाना चाहते हैं तो दिल्ली से भुज एक्सप्रेस और हजरत एक्सप्रेस चलती है, जबकि मुंबई से भुज एक्सप्रेस और कच्छ एक्सप्रेस चलती है।

अगर आप बाय रोड जाना चाहते हैं तो दिल्ली, मुंबई, पुणे और जोधपुर से रण ऑफ कच्छ पहुंचने में लगभग 16 घंटे का समय लगेगा। आप टैक्सी या कार से जाएं तब एक या दो घंटे ज्यादा लग सकते हैं।

और पढ़े: गोवा के सबसे खुबसूरत बीच और समुद्र तटों की जानकारी 

22. रन ऑफ कच्छ का नक्शा – Rann Of Kutch Location

23. रन ऑफ कच्छ की तस्वीरें – Photos Of Kutch Rann Utsav

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