Places To Visit In Sarnath In Hindi : सारनाथ उत्तर प्रदेश राज्य में बौद्ध तीर्थयात्रा के लिए एक बहुत ही पवित्र स्थल है। सारनाथ राज्य की घनी आबादी के बीच एक शांत और आध्यात्मिक शहर है जो कई बौद्ध स्तूपों, संग्रहालयों, प्राचीन स्थलों और खूबसूरत मंदिरों के साथ ऐतिहासिक शहर है। वाराणसी से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर होने के कारण सारनाथ हमेशा भक्तों से भरा रहता है। बता दें यह शहर बौद्ध, जैन और हिंदुओं के लिए एक आदर्श तीर्थ स्थल है। सारनाथ बौद्धों का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है जो विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों, वास्तु चमत्कारों के साथ पूरी तरह से शांत नज़र आता है। यह वो जगह है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने पहले धर्मोपदेश का प्रचार किया, सारनाथ एक तीर्थस्थल होने के साथ ही लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण रहा है और यह अपने सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ रहस्यों के लिए भी जाना जाता है।
1. सारनाथ का इतिहास- Sarnath History In Hindi
जैसा कि हम आज जानते हैं कि बौद्ध धर्म को दुनिया के 400 मिलियन से अधिक अनुयायियों के साथ कई देशों में इसका अनुसरण किया जाता है लेकिन फिर भी यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सारनाथ बोधगया में एक जगह है जिसे हिरण पार्क कहा जाता है जहां बुद्ध आए थे। यहाँ के बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। बता दें कि सारनाथ का नाम सारंगनाथ या हिरण भगवान से लिया गया है और इसलिए यह स्थान का नाम सारनाथ रखा गया है। तब से यह स्थान बौद्ध सर्किट में चार प्रमुख स्थलों का हिस्सा बन गया है। सारनाथ एक महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल भी है क्योंकि यह जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का जन्मस्थान है। यहाँ पर श्रेयांसनाथ समर्पित एक मंदिर है।
सारनाथ को 3 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से ऐतिहासिक उथल-पुथल की एक श्रृंखला से गुज़रना पड़ा था, लेकिन जब सम्राट अशोक ने इस स्थान पर विशेष रुचि ली और विशालकाय स्तूपों जैसे शानदार ढांचे का निर्माण किया तो इस जगह का आकर्षण बढ़ा।
10 वीं से 12 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में जब विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा लंबे समय तक एक से बाद एकआक्रमण किये तो आधुनिक उत्तर प्रदेश के कई शहर खत्म हो गए थे और सारनाथ को टुकड़ों में छोड़ दिया।
19 वीं शताब्दी के मध्य में सारनाथ को कुछ ब्रिटिश पुरातत्वविदों द्वारा इसके ऐतिहासिक महत्त्व के चलते फिर से संरक्षित किया गया और बौद्ध धर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक का स्थान सारनाथ ने फिर से प्राप्त किया।
सारनाथ में कई मंदिर, मठ, संग्रहालय, उद्यान – यहां के प्रमुख आकर्षण हैं जो बौद्ध धर्म और उसके इतिहास को समर्पित हैं, और चौखंडी स्तूप हर साल कई पर्यटकों को आकर्षित करने वाले सबसे प्रमुख लोगों में से एक है।
2. बुद्ध पूर्णिमा सारनाथ- Buddha Purnima Sarnath In Hindi
बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मोक्ष के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार पूर्णिमा की रात को पड़ता है, इसलिए भारत में इस त्योहार को बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। इस पवित्र त्यौहार के दिन गरीबों लोगों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर के साथ-साथ दिन भर की प्रार्थनाएँ आयोजित की जाती हैं। शाम के समय बोधि वृक्ष और यहां के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर दीपक जलाए जाते हैं और भक्तों द्वारा बुद्ध की मूर्ति को पानी और फूलों से भरे बेसिन में रखा जाता है। कई शाकाहारी व्यंजनों, मबत्तियों, फूलों, भजनों और प्रसाद के साथ बुद्ध पूर्णिमा के इस शुभ दिन को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है।
3. सारनाथ के 5 प्रमुख दर्शनीय स्थल- 5 Places To Visit In Sarnath in Hindi
3.1 सारनाथ का चौखंडी स्तूप – Chaukhandi Stupa Sarnath In Hindi
चौखंडी स्तूप को पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पवित्र तीर्थ स्थलों में सबसे पवित्र और पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्तूप बताया जाता है। चौखंडी स्तूप को बौद्ध संस्कृति के सबसे दिव्य और महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक बताया जाता है। इस स्तूप का निर्माण ठीक उसी जगह पर किया गया है, जहाँ महान भगवान बुद्ध की मुलाकात अपने पांच तपस्वियों से हुई थी। इन पांच तपस्वियों के द्वारा बुद्ध ने अपनी पहली शिक्षाओं का प्रचार किया।
इस प्रमुख घटना के स्मरणोत्सव के रूप में यहां स्मारक का निर्माण किया गया है, जो बौद्ध धर्म के उदय में काफी सहायक रहा। अगर आप इस जगह पर जायेंगे तो यहां चारों ओर से घेरी हुई हवा में भी आपको स्मारक की दिव्यता महसूस होगी। चौखंडी स्तूप जाने के बाद पर्यटकों को एक अलग शांति की प्राप्ति होती जो बेहद अद्भुद है।
3.2 अशोक स्तंभ सारनाथ- Ashoka Pillar Sarnath In Hindi
अशोक स्तंभ, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और सम्राट अशोक की सारनाथ की यात्रा का एक प्रतीक है पत्थर से निर्मित अशोक स्तंभ एक प्रभावशाली संरचना है जिसके शीर्ष पर चार शेर हैं। धम्मेक स्तूप के साथ यह 50 मीटर लंबा स्तंभ अशोक द्वारा बौद्ध धर्म के लिए का उपहार है। अशोक स्तंभ के परिसर में आप कई भिक्षुओं को ध्यान करते हुए देख सकते हैं पूरा परिसर हरे-भरे लॉन से भरा हुआ है जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। बता दें कि भारत का सबसे पुराना पुरातात्विक संग्रहालय इस परिसर की परिधि में बनाया गया है। यहाँ स्थित धम्मेक स्तूप बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, यहाँ पर भगवान बुद्ध ने पहली बार अपने पाठों का प्रचार किया था।
3.3 थाई मंदिर सारनाथ – Thai Temple Sarnath In Hindi
थाई मंदिर सारनाथ में एक प्रसिद्ध आकर्षण जो यहां की वास्तुकला की शैली को प्रदर्शित करता है। बता दें कि यह मंदिर सुंदर बगीचों के बीच बना हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियो के आकर्षण का केंद्र है यहां पर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा शांत और शांतिपूर्ण प्रदान किया जाता है।
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3.4 तिब्बती मंदिर सारनाथ- Tibetan Temple Sarnath In Hindi
तिब्बती मंदिर सारनाथ के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है इस मंदिर को थांग्सा से सजाया गया है, जो तिब्बती बौद्ध चित्र हैं। इस मंदिर में शाक्यमुनि बुद्ध की एक मूर्ति है। यहां मंदिर की ईमारत के बाहर आप प्रार्थना पहियों को देख सकते हैं जिन्हें घड़ी की दिशा में घुमाया जाता है आपको बता दें कि इस मंदिर में थाईलैंड, तिब्बत, चीन, और जापान से भारी संख्या में तीर्थ यात्री और बौद्ध विद्वान आते हैं।
3.5 सारनाथ का पुरातत्व संग्रहालय- Archaeological Museum Sarnath In Hindi
1910 में स्थापित पुरातत्व संग्रहालय तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 12 वीं शताब्दी ईस्वी तक के कलाकृतियों के संग्रह का प्रदर्शन करता है। अगर आप सारनाथ की यात्रा करने आते हैं तो इस संग्रहालय में रखी हुई प्राचीन कलाकृतियों देखने जरुर जायें।
4. सारनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है- What Is The Best Time To Visit Sarnath In Hindi
अगर आप सारनाथ जाने के अच्छे समय के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें सारनाथ घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा समय है। अप्रैल से अक्टूबर तक इस जगह पर न जाना ही अच्छा होगा क्योंकि इस क्षेत्र में चिलचिलाती गर्मी आपको परेशान कर सकती है। अगर आप यहां मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों में शामिल होना चाहते हैं तो बता दें कि यहां के मुख्य त्यौहार बुद्ध पूर्णिमा (मई) और महा शिवरात्रि (फरवरी- मार्च) हैं।
5. सारनाथ में रेस्टोरेंट और स्थानीय भोजन- Restaurants And Local Food In Sarnath In Hindi
अगर आप सारनाथ के तीर्थस्थानों के दर्शन करने जा रहे हैं और यहां के भोजन और रेस्टोरेंट के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि सारनाथ में बहुत सारे रेस्टोरेंट नहीं हैं, यहां भले ही कमरेस्टोरेंट है लेकिन उनमें भी काफी अच्छा और स्वादिष्ट भोजन मिलता है। कुछ क्षेत्र में आप यहां चाइनीज फ़ूड का आनंद भी ले सकते हैं। इन सभी के साथ-साथ आप यहां पर तिब्बती व्यंजनों जैसे मोमोज कस स्वाद भी चख सकते हैं।
6. सारनाथ कैसे पहुंचा जाये- How To Reach Sarnath In Hindi
6.1 हवाई जहाज से सारनाथ कैसे पहुंचा जाये- How To Reach Sarnath By Airplane In Hindi
अगर आप हवाई जहाज से सारनाथ की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि सारनाथ का निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी शहर में लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा नियमित उड़ानों के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वाराणसी से सारनाथ पहुंचने के आप हवाई अड्डे से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
6.2 ट्रेन से सारनाथ कैसे पहुंचा जाये- How To Reach Sarnath In By Train Hindi
सारनाथ में एक व्यस्त रेलवे स्टेशन है जो भारत कई प्रमुख शहरों से रेल के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, मुंबई, भोपाल जैसे भारत के कई बड़े शहरों से सारनाथ के लिए ट्रेन जा सकते हैं। सारनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचने के पर आप इस शहर के तीर्थस्थानों का भ्रमण करने के लिए टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं।
6.3 बस से सारनाथ कैसे पहुंचा जाये- How To Reach Sarnath By Bus In Hindi
सारनाथ सड़कों के एक अच्छे नेटवर्क के माध्यम से राज्य के नजदीकी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वाराणसी से सारनाथ के लिए कई बसें नियमित रूप से चलती हैं। वाराणसी से सारनाथ जाने के लिए आप कैब से भी जा सकते हैं। वाराणसी से सारनाथ तक एक ऑटोरिक्शा किराए पर लेना भी एक अच्छा विकल्प है।
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7. सारनाथ की लोकेशन का मैप – Sarnath Location
8. सारनाथ की फोटो गैलरी – Sarnath Images
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