Ranikhet In Hindi : रानीखेत उत्तराखंड राज्य में प्रचीन मंदिरों के आसपास अंग्रेजो द्वारा विकसित एक ऐसा हिल स्टेशन है जो हिमालय पर्वत की पहाड़ियों और जंगलों को जोड़ता है। रानी खेत की शांत जलवायु और सरल प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं और उनके दिमाग को तरोताजा कर देती है। रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय के लिए भी प्रसिद्ध है और यहां कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय भी बना हुआ है। इस संग्रहालय में हथियारों, फोटो आदि का शानदार तरीके से प्रदर्शन किया गया है जो अपने सेना के ऐतिहासिक भव्यता और महत्व का परिचय देता है।
अगर आप रानीखेत पर्यटन स्थल घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, इसमें हमने रानीखेत और इसके पास के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी दी है।
रानीदेवी पार्क के इतिहास और पौराणिक कथा के बारे में बात करें तो बता दें कि इस खेत का नाम रानी पद्मिनी के नाम पर रखा गया है जो इस घाटी की सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो गई थी और उन्हें इस जगह से प्यार हो गया था। राजा सुखदेव ने रानी की इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस जगह पर एक महल का निर्माण करवाया जो उनका निवास स्थान बन गया। बता दें कि अब इस जगह पर कोई महल नहीं है और वर्तमान अभिलेखों में महल के कोई निशान नहीं हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अंग्रेजों ने यहां अपनी छावनी स्थापित की थी और महल को नष्ट कर दिया था। इसके बाद अंग्रेजो ने इसे एक हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया जिसका नाम वर्तमान में रानीखेत है।
अगर आप रानीखेत घूमने जा रहे हैं और आप साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखते हैं तो बता दें यहां पर बहुतसारे ट्रैकिंग स्पॉट हैं जिनका आप मजा ले सकते हैं। चौबटिया बाग से होल्म फार्म तक का ट्रैक सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। दूसरे ट्रैक में चौबटिया से भालु डैम और मेघदूत से झूला देवी मंदिर शामिल है।
रानीखेत अपने वाइल्ड लिफ्ट पैराग्लाइडिंग की वजह से भी काफी लोकप्रिय है। बता दें कि पैराग्लाइडिंग ट्रैक रानी खेत से 12 किमी आगे है। यहां पैराग्लाइडिंग का टेक-ऑफ पॉइंट काफी अच्छा है जो पहली बार या शुरूआती पैराग्लाइडिंग के लिए काफी सुविधाजनक है। पैराग्लाइडिंग के लिए या तो आप टैंडेम उड़ान को चुन सकते है या फिर अकेले उड़ान भी भर सकते हैं।
बता दें कि रानी खेत देश में सबसे अच्छे गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है, जो शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। इसे आप बहुत ही कम पैसे देकर एक्सेस कर सकते हैं और गोल्फ स्विंग और पुट का अभ्यास कर सकते हैं।
अगर आप मछली पकड़ने का शौक भी रखते हैं तो बता दें कि यहां के भालू बांध में आप मछली पकड़ने जैसे कामों को भी कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको पहले वन विभाग से अनुमति लेनी होगी।
लम्बे कॉनिफ़र की हरी आबादी के बीच स्थित रानीखेत में वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती है। इसके साथ ही यहां का वातावरण सेब, आड़ू और विभिन्न अन्य अल्पाइन फलों और फूलों के लिए काफी है। बता दें कि इस क्षेत्र में कई तरह की औषधीय जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। यहाँ पर ज्यादातर देवदार और ओक के पेड़ हैं जो पर्णपाती जंगलों और उप-वन क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इस जगह की भौगोलिक और जलवायु संरचना कई तरह के जानवरों के लिए एक प्राकृतिक निवास स्थान बनाती है, जिनमें हिमालयन काला भालू, कस्तूरी मृग, ब्लू शिप, गोरल, तेंदुआ के अलावा ग्रे बटेर, काला तितर, व्हिस्लिंग थ्रश, चकोर, चीयर तीतर, मोनाल तीतर और कोक्लास तीतर जैसे पक्षियों के नाम भी शामिल है।
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अगर आप रानीखेत घूमने आ रहे हैं और यहां स्थित आसपस के पर्यटन और दर्शनीय स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसके आसपास के प्रमुख आकर्षक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको एक बार जरुर जाना चाहिए।
झूला देवी मंदिर रानीखेत के पास स्थित 8 वीं शताब्दी में निर्मित देवी दुर्गा को समर्पित मंदिर है जो अपने सुरुचिपूर्ण ढंग से डिज़ाइन की गई घंटियों के समूह के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के पास स्थित राम मंदिर भी यहां आने वाले लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण है।
अपने सेब, प्लम, आड़ू और खुबानी के लिए प्रसिद्ध हिमालय पर्वतमाला की गोद में स्थित चौबटिया बाग रानी बाग़ का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो नंदा देवी, नीलकंठ, नंदघुनती और त्रिशूल की चोटियों के आकर्षक दृश्यों को दिखाता है। चौबटिया बाग के अलावा आपको यहां पास में स्थित सरकारी एप्पल गार्डन और फ्रूट रिसर्च सेंटर भी देखने के लिए जाना चाहिए।
कलिका रानीखेत के पास स्थित एक खास पर्यटन शहर है जो रानीखेत हिल स्टेशन से 6 किमी दूर स्थित है। कलिका अपने घने, हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह शहर अपने कलिका मंदिर और गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है।
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रानीखेत के पास स्थित मनीला शहर अपने मां मनीला देवी मंदिर की वजह से यहां का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह छोटा सा शहर हिमालय के कई विस्तृत और मनोरम दृश्यों के साथ एक खूबसूरत जगह है। मनीला लोकगीतों और परंपराओं से भरा एक ऐसा स्थान है जहाँ के लोग अपनी परंपराओं और विरासत पर बहुत विश्वास करते हैं। खूबसूरत नजारों से भरा यह शहर मनीला रानीखेत के पास का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
मनकामेश्वर मंदिर का निर्माण भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा करवाया गया था, जो पिथौरागढ़ में नरसिंह मैदान के पास स्थित है। इस मंदिर में अक्सर रेजिमेंट के परिवार के सदस्य आते हैं।
द्वाराहाट रानीखेत के पास का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो खूबसूरत मंदिरों और लुभावनी वादियों से भरा एक प्राचीन शहर है। उत्तराखंड के चमत्कारिक अल्मोड़ा जिले में स्थित द्वाराहाट एक विशेष विरासत और धार्मिक स्थान है जो मध्ययुगीन काल में कत्यूरी राजाओं द्वारा निर्मित 55 विषम प्राचीन मंदिरों का घर है।
अगर आप रानीखेत के इन 5 पर्यटन स्थलों के अलावा इसके पास की अन्य खास जगहों पर जाना चाहते हैं तो आप हैड़ाखान बाबाजी मंदिर, राम मंदिर, सनसेट पॉइंट्स, रानी झील और आशियाना पार्क घूमने के लिए जा सकते हैं।
रानीखेत पर्यटन स्थल की यात्रा करने की योजना बनाने वाले लोगों को बता दें कि यहां जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और जुलाई के बीच के महीने का होता है लेकिन आखिरी हफ्तों से पहले भारी बारिश होती है। रानीखेत में सर्दियों में बर्फबारी भी होती है जिसके चलते इस दौरान पर्यटकों का बड़ा समूह घुमने के लिए आता है।
रानीखेत में अपने स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ उत्तर भारतीय, चीनी, तिब्बती, यूरोपीय और एशियाई व्यंजन उपलब्ध हैं। रानीखेत में समृद्ध और प्रामाणिक स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ उत्तर भारतीय, चीनी, तिब्बती, यूरोपीय और एशियाई व्यंजन हैं। भांग की खटाई, मिश्रित दाल सलाद, Sisunak Saag( जो कई हरी पत्तेदार सब्जियों और स्थनीय सामग्रियों से तैयार करके बनाया जाता है), आलू दाल पकोड़ा यहां का खास और लोकप्रिय व्यंजन है।
अगर आप उत्तर भारतीय व्यंजन का स्वाद लेना चाहते हैं तो तंदूरी रोटी, नान, पनीर और अन्य विभिन्न प्रकार सब्जियां अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। इस स्थान पर माँसाहारी खाना आसानी से उपलब्ध है। अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं तो बाल मीठाई, राम मिठाई, टॉफी जैसे कुछ पारंपरिक और स्थानीय मिठाइयों का स्वाद चख कर आनंद ले सकते हैं।
रानीखेत के सबसे पास का हवाई अड्डा रानीखेत से 115 किमी की दूरी पर पंतनगर हवाई अड्डा है और सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रानीखेत का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। रानीखेत अच्छी सड़कों के नेटवर्क से प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यात्रा का एक उत्तम विकल्प है।
हवाई यात्रा करने की योजना करने वालों को बता दें कि रानीखेत के पास का हवाई अड्डा रानीखेत से 115 किमी की दूरी पर स्थित पंतनगर हवाई अड्डा है और यह हवाई अड्डा सड़कों के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। रानीखेत से पंतनगर तक टैक्सी उपलब्ध हैं। आप इस हवाई अड्डे से रानीखेत के लिए बस भी पकड़ सकते हैं। पंतनगर हवाई अड्डे से रानीखेत तक की दूरी तय करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है।
रानीखेत उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शहरों और कस्बों को जोड़ने सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम और नैनीताल के लिए बसें आईएसबीटी आनंद विहार, दिल्ली से आसानी से मिल जाती हैं। अल्मोड़ा, नैनीताल, काठगोदाम से रानीखेत के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। आप रानीखेत पहुँचने के बाद एक टैक्सी किराए पर लेकर शहर के आसपास की जगह घूम सकते हैं। आपसे किराए पर लिए गए वाहन, का किलोमीटर और दिनों की संख्या के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा।
काठगोदाम रानीखेत के सबसे पास का रेलवे स्टेशन है जो 88 किमी की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता जैसे कुछ बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से आप रानीखेत जाने के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।
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