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नारायणी माता मंदिर के दर्शन की जानकारी – Narayani Mata Temple Alwar In Hindi

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Narayani Mata Mandir In Hindi, नारायणी माता मंदिर राजस्थान के मुख्य शहर अलवर से लगभग 80 और अमनबाग से 14 किलोमीटर दूर सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के किनारे पर स्थित अलवर का एक बहु प्रतिष्ठित मंदिर है। जहा नारायणी माता भगवान शिव की पहली पत्नी सती का अवतार रूप मानी जाती है। नारायणी माता मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है जिसे अच्छी तरह से सजाया और डिजाइन किया गया है। मंदिर की साइड में छोटा सा गर्म पानी का झरना इसे और अधिक लोकप्रिय बनाता है।

नारायणी माता मंदिर भारत में सैन समाज का एकमात्र मंदिर है जिसकी पवित्रता माउंट आबू, पुष्कर और रामदेवरा में मंदिरों के समान मानी जाती है। यह मंदिर सैन समाज के लिए उनकी आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है। जहा वसंत मोसम के दोरान देश के बिभिन्न कोनो से तीर्थ यात्रियों के भीड़ देखी जाती है। इस मंदिर में बनिया (अग्रवाल) को जाने की अनुमति नहीं है। 1993 से पहले हर साल मंदिर स्थल पर स्थानीय लोगों द्वारा एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता था, जिसे स्वर्गीय श्री राजीव गांधी द्वारा प्रतिबंधित किया गया था। यदि आप अपने सांसारिक जीवन के सभी तनावों से दूर कुछ समय शांति और आस्था का अनुभव करना चाहते है तो आपको अलवर के इस पवित्र मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

1. नारायणी माता मंदिर का इतिहास – Narayani Mata Temple History In Hindi

Image Credit: Uttam Sharma

पौराणिक कथा के अनुसार, नारायणी माता, भगवान शिव की पहली पत्नी सती का अवतार मानी जाती है। माना जाता है कि जब नारायणी पहली बार अपने ससुराल जा रही थीं, तो घर जाते समय एक सांप ने उनके पति को बीच में काट लिया था, जिससे उनके पति की मृत्यु हो गई। नारायणी दुःख से इतनी त्रस्त हो गई थीं कि वह उनके बगल में बैठकर भगवान शिव जी से प्रार्थना करने लगीं कि या तो उनके पति को जीवन दे या अपने मृत पति के साथ सती होने की अनुमति दे। भगवान शिव के प्रति उनकी भक्ति और अपने मृत पति के साथ जुड़ने की उनकी इच्छा इतनी प्रबल थी कि शिव ने दोनों को भस्म करने के लिए अपनी पवित्र अग्नि को भेज दिया। और वह अपने पति के साथ सती हो गई थी।  उसी समय से वहा नारायणी माता के मंदिर के स्थापना मानी जाती है।

इस सती प्रथा को बंद करने के लिए श्री राजीव गांधी जी द्वारा 1993 से पहले हर साल मंदिर स्थल पर स्थानीय लोगों द्वारा आयोजन होने वाले एक बड़े मेले को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

2. नारायणी माता के मंदिर के दर्शन का समय – Narayani Mata Mandir Timing In Hindi

Image Credit: Amit Jangid

नारायणी माता मंदिर प्रतिदिन सुबह 8.00 से रात 8.00 तक तीर्थ यात्रियों के प्रवेश के लिए खुला रहता है आप इस समय के बीच कभी भी माता के दर्शन के लिए नारायणी माता मंदिर जा सकतें हैं।

और पढ़े: फतेहपुर सीकरी का इतिहास और घूमने की जानकारी 

3. अलवर के नारायणी माता मंदिर का प्रवेश शुल्क – Narayani Mata Temple Entry Fees In Hindi

नारायणी माता मंदिर में माता के दर्शन के लिए श्र्धालुयों से किसी भी प्रकार का शुल्क नही लिया जाता है यहाँ तीर्थ यात्री बिना किसी शुल्क का भुगतान किया बिना नारायणी माता मंदिर में घूम सकते है। ध्यान देने योग्य यह बात भी है की इस मंदिर में बनिया (अग्रवाल) को जाने की अनुमति नहीं है।

4. नारायणी माता का धाम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Narayani Mata Mandir In Hindi

Image Credit: Pavan Jonwal

अगर आप नारायणी माता मंदिर की सुखद यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का दौरा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च का समय माना जाता है। क्योंकि इस दौरान मौसम सुखद होता है, जो आपकी यात्रा रोमांचक बना देता है और आप आसानी से मंदिर में घूम सकते हैं। गर्मियों के मौसम में यहां की यात्रा करना सही नहीं है क्योंकि इस दौरान यहां चिलचिलाती गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से आपको यात्रा में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

5. नारायणी माता का धाम अलवर के आसपास में घूमने लायक प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Famous Tourist Places Around Narayani Mata Mandir In Hindi

अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ अलवर में नारायणी माता मंदिर घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे कि यहाँ अलवर में नारायणी माता मंदिर के अलावा भी अन्य आकर्षक पर्यटक स्थल है। जिन्हें आप आपकी यात्रा की सूची में अवश्य शामिल कर सकते है-

5.1 बाला किला अलवर – Bala Fort Alwar In Hindi

Image Credit: Aashish Kumar

बाला किला या अलवर किला अलवर शहर के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है। यह किला अलवर शहर के प्रमुख पर्यटन शहरों में से एक है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती द्वारा किया गया था। बाला किला अलवर शहर में 300 मीटर ऊंची चट्टान के ऊपर स्थित है जो शहर को एक राजसी दृश्य प्रदान करता है। अगर आप नारायणी माता मंदिर घूमने के लिए जाते हैं तो आप अलवर किला भी जा सकते है, जहा किला का हर हिस्सा अपने इतिहास को व्यक्त करता है।

और पढ़े: अलवर जिले के बाला किला पर्यटन की जानकारी 

5.2 भानगढ़ का किला अलवर –  Bhangarh Fort Alwar In Hindi

भानगढ़ का किला अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर स्थित है। यह किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है जो देखने में बेहद भयानक लगता है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है। भानगढ़ किला यहां होने वाली घटनायों की वजह से इतना ज्यादा फेमस है कि कोई भी इस किले के अंदर अकेला जाने से डरता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने इस किले में रात के समय पर्यटकों और स्थानीय लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा रखी है।

और पढ़े: भानगढ़ किले का रहस्य और खास बाते

5.3 सिलीसेढ़ झील – Siliserh Lake In Hindi

सिलीसेढ़ झील राजस्थान की खूबसूरत झीलो में से एक है जो अलवर कि लोकप्रिय जगहों में से एक है। शहर के भीड़-भाड़ से दूर शांति, शुकून और मनोरंजन के लिए सिलीसेढ़ झील पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट बना हुआ है।  यदि आप नारायणी माता मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे है तो अपना कुछ समय सिलीसेढ़ झील में अवश्य व्यतीत करना चाहिए।

और पढ़े: अलवर सिलीसेढ़ झील घूमने की जानकरी 

5.4 सरिस्का नेशनल पार्क – Sariska National Park In Hindi

अरावली पहाड़ियों में बसा सरिस्का नेशनल पार्क लगभग 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फेला हुआ है जो अलवर  में देखने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक है। घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन, चट्टानों और चट्टानी परिदृश्य को कवर करते हुए, सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य अब सरिस्का रिजर्व टाइगर के रूप में जाना जाता है। रिजर्व अपने राजसी रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध है। जो बाघों (रणथंभौर से) को सफलतापूर्वक स्थानांतरित करने वाला पहला बाघ अभयारण्य है। जो इसे एक महान पर्यटक आकर्षण बनाता हैं। सरिस्का नेशनल पार्क इतिहास प्रेमियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए लोकप्रिय बना हुआ है। जो अलवर में घूमने के लिए आदर्श स्थानों में से एक है।

और पढ़े:  अलवर में प्रसिद्ध सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान घूमने की जानकारी 

5.5 सरिस्का पैलेस अलवर  – Sariska Palace Alwar In Hindi

Image Credit: Himank Suiwala

सरिस्का पैलेस का निर्माण अलवर के महामहिम महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा 1892 ने करवाया था। भव्य सरिस्का पैलेस अलवर शहर में देखने की सबसे अच्छी जगह है। इस खूबसूरत महल का हर कौना बेहद आकर्षित है। यह भव्य महल 20 एकड़ के हरे भरे परिदृश्य में फैला है जो पर्यटकों को अपनी भव्यता में डूबने पर मजबूर कर देता है। सरिस्का पैलेस की सुंदरता का सबसे मुख्य कारण है कि यह सरिस राष्ट्रीय उद्यान के किनारे पर स्थित है। महाराजा सवाई जय सिंह इस खूबसूरत महल को अपने मेहमानों और खुद के लिए शिकार लॉज के रूप में बनाया था। बता दें कि सरिस्का पैलेस अब 5 स्टार होटल के रूप में पर्यटकों के लिए खुला है और राजस्थान के सबसे लोकप्रिय धरोहर होटलों में से एक है।

5.6 केसरोली अलवर – Kesroli Alwar In Hindi

केसरोली अलवर के दुर्लभ होटलों में से एक है जो 14 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। हिल फोर्ट-केसरोली उन लोगों के लिए बहुत अच्छी जगह है जो अपने शहर से दूर हफ्ते भर की छुट्टी मानाने के लिए किसी जगह की तलाश में हैं। नीमराना का हिल फोर्ट-केस्रोली एक शानदार प्राचीन विरासत महल है जो किसी को भी इतिहास में वापस ले जाता है। इस होटल में एक बड़ा स्विमिंग पूल और एक सुंदर बगीचे के साथ कई शानदार सुविधाएं भी हैं। इस होटल के कमरों को पूरी तरह से राजस्थानी शैली में सजाया गया है जो पर्यटकों को रॉयल्टी का अहसास कराते हैं। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने के लिए आ रहे हैं तो इस केसरोली को देखने जरुर जाएँ।

5.7 विनय विलास महल या सिटी पैलेस – Vinay Vilas Mahal Or City Palace In Hindi

विनय विलास महल अलवर के आकर्षक स्थलों में से एक है। यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसमे शाही जीवन शैली की एक झलक देखने को मिलती है। इसके भूतल के अलावा, अन्य सभी मंजिलें एक संग्रहालय के रूप में हैं, जो आपको पुराने ऐतिहासिक समय के मधुर रहस्यों और संस्मरणों और राजाओं की दृष्टि से परिचित कराती है। आपको अलवर की यात्रा में नारायणी माता मंदिर के साथ साथ विनय विलास महल को भी अपनी सूची में अवश्य शामिल करना चाहिय।

और पढ़े: सिटी पैलेस अलवर घूमने और इसके दर्शनीय स्थल की जानकारी

5.8 नीलकंठ महादेव मंदिर – Neelkanth Mahadev Temple In Hindi

Image Credit: Bhagat Ram Gurjar

नीलकंठ मंदिर टाइगर रिजर्व में लगभग 30 किमी दूर कुछ मंदिरों का एक समूह है जो अब लगभग एक खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यहां के स्थानीय लोग यहां रिज़र्व में स्थित कई मंदिरों में विश्वास रखते हैं। नीलकंठ मंदिर अपने धामिक महत्त्व, उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी और यहां के हरे-भरे जंगलों के लिए अलवर का एक प्रमुख स्थल है।

5.9 विजय मंदिर महल अलवर  – Vijay Mandir Palace Alwar In Hindi

विजय मंदिर महल अलवर शहर के केंद्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अलवर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। बताया आता है कि विजय मंदिर पैलेस को जुनूनी राजा जय सिंह ने अपनी जुनून के परिणामस्वरूप बनाया था। जय सिंह वास्तुकला के संरक्षक थे, और उन्हें खूबसूरत महल बनाने का जूनून था। विजय मंदिर महल झील के पास शानदार उद्यानों के बीच में स्थित है और इस महल में 105 कमरे हैं जो अच्छी तरह से सजे हुए हैं। महल के एक प्रमुख आकर्षण सीता राम मंदिर में रामनवमी के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।

5.10 पांडुपोल मंदिर अलवर –  Pandupol Temple Alwar In Hindi

Image Credit: Hariom Meena

पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सरिस्का के जंगलों के अंदर स्थित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर में पांडवों ने अपना गुप्त समय बिताया था। अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग यहां पर हनुमान की मूर्ति एक वैराग्य की स्थिति में है।

5.11 मूसी महारानी की छतरी अलवर – Moosi Maharani Ki Chhatri, Alwar In Hindi

राजस्थान के राजपूत वास्तुकला में गर्व और सम्मान का चित्रण करने के लिए आमतौर पर छत्रियों का उपयोग किया जाता है। महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी (Queen Rani Moosi) की शाही समाधि (Cenotaph), को इस स्मारक के मुख्य महल की इमारत के बाहर रखा गया है। यह अलवर के शासकों का एक सुंदर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का स्मारक है।

और पढ़े: फतेह सागर झील का इतिहास और घूमने की जानकारी

6. अलवर का स्थानीय भोजन – Local Food Alwar In Hindi

अलवर शहर अलवर का मावा (दूध का केक) और कलाकंद का घर है। यह मिठाइयाँ शहर की परिभाषा है जिनका स्वाद लिए बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। अलवर आपको लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन और नाश्ते की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यहां शहर के रेस्टोरेंट के मेनू में पुरी, दाल बाटी चोइर्मा, रबड़ी, लस्सी, गट्टे की सब्जी जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।

7. नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे जाये – How To Reach Narayani Mata Temple Alwar In Hindi

नारायणी माता मंदिर की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु और पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी ट्रेवल करके अलवर जा सकते है।

तो आइये नीचे डिटेल जानते है की फ्लाइट, ट्रेनऔर रोडवे से नारायणी माता मंदिर अलवर केसे जायें –

7.1 फ्लाइट से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Narayani Mata Temple By Flight In Hindi

अलवर के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं है। अलवर का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली में है जो 165 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से अलवर पहुंचने के लिए आप बस या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं और फिर अलवर से टैक्सी या बस से नारायणी माता मंदिर पहुच सकते हैं।

7.2 सड़क मार्ग से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Narayani Mata Temple By Road In Hindi

राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बसे उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए टैक्सी या कैब किराए पर या अपनी कार से यात्रा करके नारायणी माता मंदिर अलवर पहुच सकते हैं।

7.3 ट्रेन से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Narayani Mata Temple By Train In Hindi

नारायणी माता मंदिर का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन है जो  शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं। तो आप ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है और वहा से बस या टैक्सी किराये पर ले कर नारायणी माता मंदिर पहुच सकते हैं।

और पढ़े: अलवर का इतिहास और 10 प्रमुख पर्यटन स्थल 

इस लेख में आपने नारायणी माता मंदिर अलवर के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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8. नारायणी माता मंदिर अलवर का नक्शा – Narayani Mata Temple Alwar Map

9. नारायणी माता मंदिर की फोटो गैलरी – Narayani Mata Temple Images

और पढ़े:

Featured Image Credit: Sunil Meena

Kailash Patel

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