Mcleodganj Tourist Places In Hindi : हिमाचल प्रदेश राज्य में धर्मशाला के पास स्थित मैकलोडगंज एक प्रमुख हिल स्टेशन है, जो ट्रेकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां की संस्कृति कुछ ब्रिटिश प्रभाव के साथ तिब्बती संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। मैकलोडगंज को छोटे ल्हासा के रूप में भी जाना जाता है। मैकलोडगंज एक सुंदर शहर है जो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के घर होने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जो ऊपरी धर्मशाला के पास स्थित है। राजसी पहाड़ियों और हरियाली के बीच बसा मैकलोडगंज सांस्कृतिक रूप से एक प्रमुख तिब्बती प्रभाव से धन्य है, जिसका प्रमुख कारण यहां की तिब्बतियों की बस्तियां हैं।
अगर आप हिमाचल प्रदेश के दूसरे पर्यटक स्थलों की सैर करने के लिए आए हैं तो आपको मैकलोडगंज को भी अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए। भारत में सबसे प्रसिद्ध और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मठों में से कुछ मैकलोडगंज में स्थित हैं, जिनमें नामग्याल मठ और त्सुगलाखंग शामिल हैं।
1885 में जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का शासन तब हिमालय की पश्चिमी सीमा के पास धौलाधारों में विभिन्न बस्तियों की स्थापना की गई थी। 1849 में दूसरे एंग्लो – सिख युद्ध के समय अंग्रेजो ने कांगड़ा में अपनी जगह बना ली थी। धर्मशाला को छावनी के छोटे रेस्ट हाउस से अपना नाम मिला जहाँ अंग्रेज रहते थे, जिन्हें ‘धर्मशालाओं’ के रूप में जाना जाता था। बाद में यह स्थान कांगड़ा जिले का प्रशासनिक प्रधान कार्यालय बन गया था, जिसके बाद यहां नागरिक बस्तियों की स्थापना शुरू हुई। बता दें कि मैकलोडगंज का नाम डेविड मैकलेओड के नाम पर रखा गया जो पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर थे। लॉर्ड एल्गिन 1862 से 1863 तक भारत का ब्रिटिश वायसराय था जिसको इस जगह से प्यार हो गया था। 1863 में धर्मशाला से जाते समय लॉर्ड एल्गिन मृत्यु की हो गई जिसको फोर्सिथगंज में स्थित सेंट जॉन चर्च-इन-वाइल्डरनेस में दफना लिया गया था। फोर्सिथगंज का नाम एक डिवीजनल कमिश्नर के नाम पर रखा गया था। आपको बता दें कि यह शहर 1905 में भूकंप के दौरान नष्ट हो गया था, लेकिन बाद में दलाई लामा ने एक बार फिर से शहर को पुनर्जीवित किया।
अपने तिब्बती मठों और प्रार्थना पहियों के साथ मैक्लोडगंज, धर्मशाला क्षेत्र का ऊपरी हिस्सा है, जो तिब्बती और बौद्ध संस्कृति के मिश्रण को प्रदर्शित करता है। यहां पर आप शांतिपूर्ण तिब्बती मठ में आकर अपने मन को शांत कर सकते हैं और ध्यान लगाकर अपनी अंतरात्मा को जान सकते हैं। अपनी यात्रा के दौरान आप कई तिब्बती व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं और मैकलोडगंज बाजार से प्रामाणिक तिब्बती स्मृति चिन्ह खरीदकर अपने साथ ले जा सकते हैं।
मैकलोडगंज धर्मशाला क्षेत्र का ऊपरी हिस्सा है जो अपने कई तीर्थस्थानों और मंदिरों की वजह से काफी प्रसिद्ध है। इस लेख में हम आपको मैकलोडगंज में के पास घूमने की 5 ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं जहाँ आप को एक बार जरुर जाना चाहिए।
भागसू फॉल्स मैकलोडगंज के पास का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो धर्मशाला में स्थित है। यह पर्यटक स्थल हर साल देश भर के उन पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो एक प्रकृति प्रेमी हैं। जो भी पर्यटक एक शांति वाली जगह की तलाश कर रहे हैं और प्रकृति के अद्भुद नजारों को देखने चाहते हैं उनके लिए भागसू फॉल्स एक बहुत ही अच्छी जगह है। भागसुन झरना मैकलोडगंज और धर्मशाला को जाने वाली सड़क पर स्थित है। अगर आप अपने परिवार के लोगों या दोस्तों के साथ पिकनिक बनाने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं तो भागसू फॉल्स से अच्छी जगह आपके लिए और कोई नहीं हो सकती।
और पढ़े: कसौली के 10 प्रमुख पर्यटन स्थल
नामग्याल मठ मैकलोडगंज का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है, जो तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का निवास स्थान है। नामग्याल मठ सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर भी है जिसकी नींव 16 वीं शताब्दी में दूसरे दलाई लामा द्वारा रखी गई थी और इसे भिक्षुओं द्वारा धार्मिक मामलों में दलाई लामा की मदद करने के लिए स्थापित किया गया था। वर्तमान में मठ में लगभग 200 भिक्षु हैं जो मठ की प्रथाओं, कौशल और परंपराओं की रक्षा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नामग्याल मठ उन पर्यटकों के लिए बेहद खास जगह है, जो एक शांति वाली जगह की तलाश में हैं।
भागसुनाथ मंदिर मैकलोडगंज का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो सुंदर ताल और हरियाली से घिरा हुआ है। यह मंदिर मैकलोडगंज से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भागसुनाग मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जिसको देखने आप अपनी मैकलोडगंज की यात्रा के दौरान जा सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा भागसू द्वारा भगवान शिव और स्थानीय देवता भागसू नाग के समर्पण में बनाया गया था। भागसुनाथ मंदिर समुद्र तल से 1770 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और यहां साल भर बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक आते हैं।
मैकलोडगंज से लगभग 9 किलोमीटर दूर ट्रायंड एक लोकप्रिय ट्रेक है। यह जगह काफी ऊँचाई पर स्थित है जो आपको हिमालय में ट्रेकिंग का अनुभव देती है। ट्रायंड, कांगड़ा घाटी के सुंदर दृश्य पेश करने वाले अद्भुत ट्रेल्स के साथ ट्रेकिंग के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है।
डल झील मैकलोडगंज के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, जो हिमाचल प्रदेश कांगड़ा जिले में तोता रानी के गाँव के पास समुद्र तल से 1,775 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। डल झील नाम के साथ श्रीनगर की प्रसिद्ध और आकर्षक डल झील से लिया गया। यह झील ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों और विशाल देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है, जो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। इस शांत झील का पानी हरा है, जो कई प्रकार की मछलियों का निवास स्थान है। कई लोग इस झील को शापित बताते हैं और कुछ इसे पवित्र मानते हैं, क्योंकि यहां पर झील के किनारे भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है।
कांगड़ा किला देश के सबसे पुराने किलों में से एक है जो धर्मशाला से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। इस किले की भव्य संरचना कांगड़ा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसके गौरवशाली अतीत के बारे में बताती है। दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह किला मुख्य आकर्षण है। कांगड़ा किले का सिकंदर के युद्ध रिकॉर्ड में उल्लेख किया गया है और इस किले पर कई बार मुगलों ने आक्रमण किया है। अगर आप मैकलोडगंज की यात्रा करने जा रहे हैं तो कांगड़ा किले को भी अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करें।
वैसे तो हम आपको मैकलोडगंज के पास घूमने की 5 खास जगहों और दर्शनीय स्थलों के बारे में बता चुकें हैं लेकिन आप इसके अलावा भी अन्य पर्यटक स्थल नामग्याल मठ, त्सुगलाक्खांग, भागसुनाथ मंदिर, धर्मकोट, मिंकियानी पास और बगलामुखी मंदिर के लिए जा सकते हैं।
और पढ़े: कांगड़ा किले का इतिहास और घूमने की जानकारी
मैकलियोडगंज अपनी संस्कृति, शिल्प के लिए काफी प्रसिद्ध है। दुनिया भर से आने वाले लोग इस जगह खरीदारी करना भी पसंद करते हैं। मैकलियोडगंज में खरीदारी का अनुभव आपको हमेशा याद रहेगा, लेकिन इस बात का जरुर ध्यान रखे कि तिब्बती मैट और कारपेट्स जैसे स्थान की स्थानीय वस्तुओं को आपको मोल भाव करके खरीदना पड़ सकता है। अगर आप मैकलोडगंज के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो यहां के बाजार की सैर करना न भूलें।
और पढ़े: शिमला में घूमने की 15 जगह
अगर आप मैकलॉडगंज की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं और यहां जाने के अच्छे समय के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो बता दें कि मैकलोडगंज जाने का सबसे अच्छा अक्टूबर और फरवरी के बीच होता है, जो कि सर्दियों का मौसम होता है। मार्च और जून के बीच यहां गर्मियों का मौसम होता है जिस दौरान इस क्षेत्र में 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास के तापमान होता है। सर्दियों के दौरान यहां का तापमान -1 डिग्री सेल्सियस और 9 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। आप मैकलोडगंज की यात्रा सर्दियों और गर्मियों के मौसम में कर सकते हैं, लेकिन मानसून में यहां जाना आपके लिए उचित नहीं होगा। भारी वर्षा के कारण जुलाई और अगस्त के महीनों में यहां जाने से बचना ही बेहतर होगा।
मैकलॉडगंज में खाने की जगह देख रहे हैं तो बता दें कि यहाँ बहुत सारे रेस्तरां और कैफे मिल सकते हैं, जो एक सादा और अच्छा भोजन देते हैं। तिब्बती संस्कृति होने की वजह से यहां ज्यादातर तिब्बती व्यंजन मिलते हैं। यहां मिलने वाले मोमोज, थुकपा और अन्य तिब्बती व्यंजनों का स्वाद आपको एक बार जरूर चखना चाहिए। इस जगह की सबसे खास चीज शहद, अदरक, नींबू से बनी चाय है जो बहुत प्रसिद्ध है। इन सभी के अलावा यहां कई चीनी, जापानी और महाद्वीपीय व्यंजन भी उपलब्ध हैं।
मैक्लोडगंज भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिले के धर्मशाला क्षेत्र में स्थित है, जो एक प्रकृति प्रेमी के लिए स्वर्ग के सामान और शांति प्रिय लोगों के लिए भी बहुत खास जगह है। दलाई लामा मंदिर यहां का प्रमुख आकर्षण है। अगर आप मैक्लोडगंज की यात्रा करने का प्लान बना रहे है और यहाँ पहुंचने के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे दी गई जानकारी को अच्छी तरह पढ़ें। यहां मैक्लोडगंज हवाई जहाज, बस और ट्रेन से जाने के बारे में हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं।
मैकलोडगंज का निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है, जो कुछ एयरलाइनों की बहुत सीमित उड़ानों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मैकलोडगंज के पास का प्रमुख हवाई अड्डा है। आप अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंचने के लिए पहले भारत के किसी भी प्रमुख शहर से दिल्ली के लिए उड़ान भर सकते हैं और फिर बस या कार से मैकलोडगंज जा सकते हैं।
मैकलोडगंज राज्य सरकार और निजी बसों की की मदद से भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों जैसे धर्मशाला, दिल्ली, चंडीगढ़, आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मैकलोडगंज बस स्टैंड तक यात्री आसानी से इन बसों की मदद से पहुंच सकते हैं और फिर कस्बे में कहीं जाने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
मैक्लोडगंज से लगभग 90 किमी दूर स्थित पठानकोट रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मैक्लोडगंज तक जाने वाले यात्री, दिल्ली और जम्मू के बीच चलने वाली ट्रेनों का लाभ उठा सकते हैं। इस मार्ग पर कई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन चलती हैं जिन्हें कोई भी यात्री अपने बजट और सुविधा अनुसार चुन सकता है। स्टेशन के बाहर उपलब्ध टैक्सी और बसों की मदद से आप मैक्लोडगंज तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
और पढ़े: धर्मशाला में घूमने की 10 खास जगह
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…