Kukke Subrahmanya Temple In Hindi, कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर भगवान कार्तिकेय जी के लिए जाना जाता है, इस भव्य मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी को सुब्रमण्या देवता के रूप में पूजा जाता है। कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर का निर्माण लगभग 5000 साल पुराना माना जाता हैं। कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर भारत के कर्णाटक राज्य के दक्षिण में कन्नड़ जिले के सुब्रमण्या गांव में स्थित हैं। कुमार धारा नदी के तट पर स्थित कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर पर्यटकों और भगवान में आस्था रखने वालो के लिए हमेशा खुला रहता हैं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर खासतौर पर नाग दोष और नाग पूजा के लिया जाना जाता हैं। सुब्रमण्या मंदिर के अलावा भी इस गांव में कई मंदिर बने हुए हैं और भगवान में आस्था का केंद्र बने हुए हैं। धार्मिक स्थान होने के साथ-साथ यह अपनी आकर्षक सुन्दरता, झील, पर्वत और प्रकृति के खिलखिलाते हुए स्वरुप के लिए जाना जाता हैं। प्रकृति की गोद में स्थित भगवान श्री कार्तिकेय का यह कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर गांव के मध्य में स्थित हैं। यदि आप भी भगवान कार्तिकेय, नागराज और गरुण देव से जुड़े इस मंदिर के बारे में जाना चाहते है, तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर के इतिहास के बारे में हमें पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं,की भगवान सुब्रमण्या को शनमुख देवता के नाम से भी जाना जाता है। एक बार अपने भाई भगवान गणेश के साथ यहां आए और दानव राज्य ताड़का सहित अन्य राक्षसों का बध किया। कार्तिकेय की जीत से अति-प्रशन्न होकर देवराज इंद्रा ने अपनी बेटी का हाथ उनके हाथ में सोप दिया। यह भी माना जाता हैं कि भगवान भोलेनाथ के परमभक्त वासुकी ने उनकी तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने गरुंड से रक्षा करने का आश्वासन दिया और यही रुख गए। यह भी माना जाता हैं कि वासुकी के साथ मंदिर में निवास करते हैं। मंदिर की यात्रा पर आने वाले भक्तो का मानना हैं कि प्रभु के दर्शन से वह बुराई और सर्प दोष से दूर रहेंगे।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर की संरचना के बारे में बात करे तो हम देखते हैं कि मंदिर का मुख पूर्व दिशा की तरफ हैं और मंदिर का मुख्य द्वार गर्वाग्रह के पीछे हैं। गर्भगृह और प्रवेश द्वार के मध्य में सिल्वर प्लेटेड गरुड़ कम्बा है। माना जाता हैं कि यह स्तंभ मंदिर में आने वाले भक्तों को वासुकी की जहरीली सांस से बचाने के लिए है, जोकि मंदिर परिसर के अंदर हैं। इसके अलावा मंदिर में दो हाल हैं जो भीतरी गर्वाग्रह की ओर जाते हैं। पैदल मार्ग पर चलते हुए भगवान सुब्रमण्या के साथ वासुकी की प्रतिमा देखी जा सकती हैं। थोडा नीचे जाने पर शेषा फिगर देख सकते हैं।
और पढ़े: जाने उडुपी का कृष्ण मंदिर के बारे में
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिरभारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के कन्नड़ जिले में सुलिया नामक तालुके में सुब्रमण्या गांव में स्थित हैं। यह स्थान मुजराई विभाग के अंतर्गत आता है।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में कई प्रकार की पूजाएं होती है। जिनमे से कुछ विशेष प्रकार की पूजाओं की जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर ही एक मात्र ऐंसा मंदिर है, जहा अश्लेषा बलि पूजा होती है। इस पूजा के लिए सबसे सबसे अच्छा समय जून–जुलाई और नबम्बर के महीने का होता हैं। यह पूजा कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में दो चरणों में होती है, पहला चरण सुबह 7 बजे से और दूसरा चरण सुबह 9:15 पर होता है। इस पूजा का आयोजन किसी भी अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता हैं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में सर्प संस्कार पूजा भी होती है, यह पूजा काल सर्प दोष से मुक्ति दिलाने के लिए होती है। काल सर्प दोष वह दोष होता है जो किसी भी व्यक्ति से जाने-अनजाने में किसी भी सर्प को नुकसान पंहुचाने से होता है। अतः इस दोष की मुक्ति के लिए सर्प संस्कार पूजा अनिवार्य होती है और यह एक मात्र जगह हैं जहां यह पूजा होती हैं। कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में इन पूजाओं के अलावा भी अन्य कई पूजायें भी होती है। जैंसे – नागप्रतिष्ठा पूजा, महा पूजा, सत्यनारायण कथा इत्यादि।
और पढ़े: सबरीमाला मंदिर के रोचक तथ्य
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में तीन बार पूजा आयोजित की जाती हैं। पहली बार पूजा सुबह 6 बजे से 7 बजे तक होती है, दूसरी बार पूजा दोपहर में 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक होती है और अंतिम तीसरी पूजा रात में 7 बजे से 7:45 तक होती है।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में दर्शन का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 3 बजे से रात्रि के 8 बजे तक का होता हैं।
अगर आप कुक्के श्री मंदिर में एक पर्यटक की तरह जाना चाहते है, तो सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। क्योकि कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर हरे-भरे पेड़-पौधो वाली बहुत ही आकर्षक जगह है। आप कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में बहुत ही अद्भुत आनंद की अनुभूति करेंगे। अगर आप सर्दियों के मौसम में नही पहुच पाते है, तो मानसून भी बहुत अच्छा समय है। कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर में यात्रा करने के लिए सिर्फ गर्मियों का चुनाव नही करना चाहिए।
और पढ़े: महाबलीपुरम मंदिर घूमने की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिरके दर्शन के साथ- साथ आप इस मंदिर के आस–पास अनेक दर्शनीय स्थलों की यात्रा का आनंद प्राप्त कर सकते है। जिनमे से कुछ दर्शनीय स्थलों के बारे में हम आपको इस लेख के माध्यम से अवगत कराने जा रहे हैं। तो आप इन आकर्षित पर्यटन स्थलों पर एक बार जरूर जाएं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर का प्रमुख आकर्षण श्रृंगेरी मठ धार्मिक स्थल होने के साथ–साथ एक पर्यटन स्थल भी है और यह मठ तुंगा नदी के किनारे स्थापित है। श्रृंगेरी मठ की स्थापना 8 वीं शताब्दी के दौरान जगत गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। विश्व के सबसे बड़े सनातन धर्म, इसकी पवित्रता और अखंडता से अवगत कराता हुआ यह श्रेंगेरी मठ एक खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। श्रृंगेरी मठ महा-प्रसिद्ध चार मठों में से एक है।
दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के कन्नड़ जिले के सुब्रमण्या गाँव में स्थित कुमार पर्वत जिसे पुश्प्गिरी पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्वत कर्नाटक की सबसे ऊँची चोटियों में 6वें नम्वर पर है। यह स्थान ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छा स्थान है क्योकि यह विशाल चोटी वन्य जीव अभ्यारण भी है। यह बहुत ही आकर्षक और मनोरम स्थान है, आपको यहाँ के मार्ग में कई प्रकार की चुनोतियों का सामना करना पड़ सकता है इन्ही चुनोतियों के कारण यह स्थान ट्रेकर्स को अपनी और आकर्षित करता है।
और पढ़े: तमिलनाडु के पर्यटन स्थल की जानकारी
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर के दर्शनीय स्थानों में बिलवाडा गुफा रास्ते में ही पड़ती है, ऐसा माना जाता है की भगवान् गरुण के क्रोध से बचने के लिए सर्प देवता वासुकी ने इसी गुफा में भगवान सुब्रमण्या की शरण में अपनी रक्षा की थी।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिरगाँव में कुमार धारा नदी के तट पर स्थित मत्स्य और पंचमी नामक स्थान बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल है। यहां के स्थानीय लोगो का ऐसा मानना हैं कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
मुलायनगिरी चोटी चिकमगलूर शहर के निकट स्थित है और यह चोटी समुद्र तल से लगभग 1930 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पर्यटकों का मुलायांगिरी पर्वत की ओर आकर्षित होने का सबसे बड़ा कारण इस क्षेत्र में होने वाली ट्रेकिंग हैं। यह स्थान कॉफ़ी वगानो के लिए भी जाना जाता है।
आदि सुब्रमण्या तीर्थस्थल कुक्के सुब्रमण्य मंदिर के पास ही स्थित हैं। जिसमे वासुकी आदेश के रूप में पूज्यनीय हैं। दर्शनीय स्थल होने के अलावा यह मंदिर यहां की प्राकृतिक सौन्दर्यता के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। आसपास नदी-नाले, झील-झरने और प्रकृति की सुन्दरता देखने लायक हैं।
और पढ़े: बृहदेश्वर मंदिर तंजावुर के दर्शन की पूरी जानकारी
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर के धार्मिक पर्यटन स्थलों में शैव, वैष्णव और जैन समुदायों के लिए यह एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह प्राकृतिक रूप से सम्पन और आकर्षित स्थान हैं। यहां के ख़ास पर्यटन स्थल में शामिल शिव मंदिर, मंजूनाथ मंदिर, मंजुशा संग्रहालय, वसंत महल, नेलियादी बीडू आदि हैं। इसके अलावा बाहुबली की प्रतिमा मुख्य आकर्षण हैं जिसकी ऊंचाई 39 फिट हैं।
कुक्के सुब्रमण्या में खरीदारी के लिए कोई विशेष स्थान नही हैं लेकिन फिर भी आपको कुछ ऐसे जगह मिल जाएंगी जहां से आप स्मृति चिन्हों को खरीद सकते हैं। खासकर यहां के स्थानीय वस्तुओ को आप खरीद सकते हैं।
और पढ़े: केरल में घूमने की जगह की जानकारी
सोमनाथ मंदिर अग्रहारा जिसे पंचमी सिद्धांत के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर भी श्री सुब्रमण्या मंदिर के करीब स्थित है। इस मंदिर में सुब्रमण्याम मठ के स्वामीजी 16 कब्रे बनी हुई हैं।
काशीकटे गणपति श्री सुब्रमण्या के मंदिर के निकट स्थित है। यहां आने वाले पर्यटक काशीकटे गणपति मंदिर के पास अंजनेया मंदिर के दर्शन का लाभ भी उठा सकते हैं। माना जाता हैं कि पौराणिक कथाओं के अनुसार देव ऋषि नारद ने इस मंदिर में भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की थी।
और पढ़े: मदुरई का मीनाक्षी मंदिर के दर्शन की जानकारी
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर अपने यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत स्वादिष्ट और शानदार भोजन के साथ करता हैं। यहां का स्थानीय भोजन चखने के बाद आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे। यहां के स्थानीय भोजन में सबसे अधिक प्रसिद्ध डोसा, बस्सी बील बाथ, जोलदा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, रसम, केसरी स्नान और मैसूर पाक आदि शामिल हैं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर के दर्शन के बाद यदि आप यहाँ के आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी घूमने के लिए रुकना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि सुब्रमण्या गांव में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट होटल मिल जाएंगे। जिसका चुनाव आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से कर सकते हैं।
और पढ़े: कोयम्बटूर पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन या बस किसी का भी चुनाव कर सकते है।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दे की कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर इंटरनेशनल एअरपोर्ट है। जोकि कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप यहां के स्थानीय साधनों की मदद के रूप बस, कार या टैक्सी ले सकते हैं।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर जाने के लिए यदि आपने रेल मार्ग से जाने की योजना बनाई है, तो हम आपको बता दे की सुब्रमण्या रेलवे स्टेशन मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। जोकि शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यह मैंगलोर और बंगलौर रेलवे मार्ग पर हैं। यहा से स्थानीय साधनों की मदद से आप मंदिर तक पहुंच जाएंगे।
कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिरजाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दे की कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिरसडक मार्ग के माध्यम से आसपास के प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप बस, टैक्सी या अपने निजी साधनों से मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं।
और पढ़े: रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
इस आर्टिकल में आपने कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर कर्नाटक के दर्शन की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Featured Image:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…