Jawai Dam In Hindi, जवाई बांध राजस्थान में लूनी नदी की एक सहायक नदी जवाई नदी पर बना एक बांध है, जो लगभग 70 साल पुराना है। आपको बता दें कि जवाई बांध राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह डैम अपने आस-पास के शहरों के लिए वन रक्षक के रूप में काम करता है। यह एक असाधारण सुरम्य बांध है जो यहां आने वाले पर्यटकों को अदभुद दृश्य प्रस्तुत करता है। यहां पर पर्यटक कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं जो सर्दियों के दौरान दुनिया के बर्फीले हिस्सों से उड़ कर यहां आते हैं। क्रेन और गीज़ जैसे क्षणभंगुर प्राणी भी अक्सर बांध पर दिखाई देते हैं।
इसके अलावा पर्यटक भालू और हाइना को अपनी प्यास बुझाते हुए देख सकते हैं।
अगर आप जवाई बांध के इतिहास या फिर इसके आस-पास के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस लेख को जरुर पढ़ें जिसमे हम आपको जवाई डैम जाने और इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं।
जवाई बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह ने 12 मई 1946 को शुरू करवाया था जो 1957 में बनकर तैयार हो गया।
जवाई डैम राजस्थान राज्य के पाली जिले के सुमेरपुर शहर के पास बना हुआ है। इस बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वार करवाया गया है। जवाई बांध को बनाने का कार्य 12 मई 1946 को शुरू हुआ था और यह 1957 में बनकर तैयार हो गया था। जवाई बांध के निर्माण में कुल खर्च 2 करोड़ 7 लाख रुपए था। यह बांध लगभग 500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है जिसकी क्षमता 7887.5 मिलियन क्यूबिक फ़ीट है। आपको बता दें कि सेई बांध और कालीबोर बांध जवाई बांध के फीडर बांध हैं।
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पाली राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर घूमने के लिए बहुत कुछ है अगर आप पाली घूमने की योजना बना रहें हैं और इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे हम पाली शहर के पर्यटन स्थलों की जानकारी दे रहे हैं, जहां आपको अपनी यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए। पाली को अपने आकर्षक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है जिनमें कई एक से बढ़कर एक मंदिर शामिल हैं। बता दें यहां पर्यटक हिंगलाज माँ मंदिर, श्री नवलखा पार्श्वनाथ जैन मंदिर, जैन मंदिर, देवगिरी मंदिर, रामेश्वर महादेव मंदिर, सोमनाथ मंदिर, साईं बाबा मंदिर, करणी माता मंदिर, बंगोर मंदिर, इलोजी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। इन सभी मंदिरों के अलावा पाली में गीता भवन, बजरंग बाग, हवास बांध जैसे पर्यटन स्थल भी हैं।
लखोटिया गार्डन पाली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। आपको बता दें कि यह गार्डन लाखोटिया तालाब से घिरा हुआ है और इसी की वजह से इसे अपना नाम मिला है। लखोटिया गार्डन एक बहुत विशाल उद्यान है जिसमें बैठे की लिए बहुत सारी साफ और हरी भरी जगह भी है। दिन के समय काफी लोग इस खूबसूरत गार्डन को देखने के लिए आते हैं। बात दें कि इस गार्डन का प्रमुख आकर्षण यहां केंद्र में स्थित शिव मंदिर है जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। यह सुंदर मंदिर नीलकंठ को समर्पित है और पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। लखोटिया गार्डन पाली की एक ऐसी जगह है जिसे आपको अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
परशुराम महादेव मंदिर पाली का एक प्रमुख मंदिर है जो भगवान विष्णु के छठे अवतार- भगवान परशुराम को समर्पित है। आपको बता दें कि यह मंदिर पाली के पास अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है जिसके बारे में यह कहा जाता हा कि यहां पर आक्रामक कुल्हाड़ी चलाने वाले परशुराम ने ध्यान किया था। अगर आप इस मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यह मंदिर एक सुदूर स्थान पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है लेकिन फ़िक्र करने की जरूरत नहीं क्योंकि इस मंदिर की यात्रा करना बेहद आकर्षक है। आप यहां पैदल यात्रा के दौरान कई पानी से भरे कुंड और पहाड़ पर फैली वनस्पतियों को देख सकते हैं। परशुराम महादेव मंदिर की यात्रा ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक बहुत अच्छी जगह है।
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पाली में एक साफ सुथरा छोटा संग्रहालय, जिसमें आप तांबे के सिक्के, पेंटिंग, आर्मरेस्ट और जनजातीय हस्तशिल्प के अदभुद संग्रह को देख सकते हैं। आपको बता दें कि इस संग्रहालय में कई उपकरण है जो पुरापाषाण काल के हैं। इसके अलावा बांगुर संग्रहालय में चित्रकला और हथियारों का सबसे शानदार संग्रह हैं, जो राजस्थान की संस्कृति का वर्णन करते हैं। तुगलक, खिलजी और शासकों से संबंधित यहां पर कई सिक्के रखे हुए हैं। यह संग्रहालय पारंपरिक कला और शिल्प को भी बर्तनों से लेकर गहनों तक प्रदर्शित करता है जो स्थानीय और क्षेत्रीय संस्कृति के बारे में बताते हैं। इस संग्रहालय की एक यात्रा आपके लिए यादगार साबित होगी और आपको राजस्थान राज्य के बारे में और अधिक जागरूक करेगी।
ओम बन्ना मंदिर पाली का एक प्रमुख मंदिर है जो दुनिया के बाकी मंदिरों से बिलकुल अलग है। पाली के इस मंदिर को बुलेट बाबा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि ओम बन्ना मंदिर का अपना एक अलग खास महत्व है। जब आप इस मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको यहां पर किसी देवी या देवता की मूर्ति नहीं बल्कि कांच के अंदर एक रॉयल एनफील्ड बाइक दिखेगी और यहां के व्यक्ति की फोटो भी दिखेगी। आपको यह तस्वीर और किसी की नहीं बल्कि खुद ओम बन्ना की है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पाली हाईवे पर ओम बन्ना की आत्मा दुर्घटनाओं से लोगों की रक्षा करती इसलिए लोग उनकी पूजा करते हैं और उन्हें फूलों की माला भी चढ़ाते हैं। अगर आप पाली की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार ओम बन्ना के मंदिर जरुर जाना चाहिए।
आप अक्टूबर से मार्च के बीच कभी भी बांध घूमने जा सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम सुखद होने के साथ आरामदेह भी रहता है। लेकिन अगर आप अपनी यात्रा का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपको ठंड यानि सर्दियों के मौसम में पाली की यात्रा करना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में आप बांध के पास कई तरह के प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। इसके अलावा यह मौसम शहर के अन्य पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए भी अच्छा समय है।
पाली जोधपुर के पास स्थित है और यहाँ पर स्ट्रीट फूड बहुत मशहूर है। जोधपुर अपने लिप स्मैकिंग स्ट्रीट और क्लासिक डाइनिंग रेस्टोरंट के लिए जाना जाता है। जोधपुर के खाने की पारंपरिक शैली राजस्थान की तरह ही है, लेकिन यहां की यात्रा करने के के साथ कई स्वादिष्ट भोजन स्वाद ले सकते हैं। यहां कई तरह के व्यंजन जैसे मिर्च के साथ करी, राब, दाल-बाटी चूरमा, आटे का हलवा, लप्सी, बादाम हलवा, बाजरे का सोगरा, काबुली, चंदलिया सब्जी और काचरा मिर्चा सब्जी बहुत मशहूर है, जिनका स्वाद लेना आपको कभी नहीं भूलना चाहिए।
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अगर आप यह जानना चाहते हैं कि जवाई बांध कैसे पहुंच सकते हैं तो हम आपको बता दें कि आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग से जवाई बांध आसानी से पहुंच सकते हैं जिसकी पूरी जानकारी हमने नीचे विस्तार में दी है।
पाली भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पाली मारवाड़ रेलवे स्टेशन यहां शहर के केंद्र में स्थित है। आप टैक्सी या कैब की मदद से जवाई बांध आसानी से पहुंच सकते हैं।
पाली बस स्टेशन शहर के केंद्र से लगभग 3.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पाली जोधपुर से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है। पाली तक आप NH 62 मार्ग से जोधपुर शहर से बस या कैब की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि जवाई बांध का अपना कोई बस स्टेशन नहीं है इसलिए आपको सिरोही बस स्टैंड पहुंचना होगा। पाली से सिरोही की दूरी 115 किलोमीटर है।
पाली का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे पर उतरने के बाद हवाई अड्डे से आप बस या टैक्सी की मदद से पाली पहुंच सकते हैं। पाली पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी की मदद से सड़क मार्ग द्वारा जवाई बांध पहुँच सकते हैं।
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इस लेख में आपने जवाई बांध की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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