Mysore Palace In Hindi, मैसूर पैलेस भारत के कर्नाटक राज्य में मैसूर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक ईमारत है, जिसे अंबा विलास पैलेस के नाम से भी जाना जाता हैं। मैसूर पैलेस शाही परिवार का महल रहा है और आज भी इस महल पर उन्ही का अधिकार है। जिस भूमि पर यह महल खड़ा हैं वह पुरगिरी के नाम से जानी जाती हैं। यह पैलेस मैसूर शहर के केंद्र में स्थित हैं जिसका मुख चामुंडी हिल्स की ओर हैं। आमतौर पर मैसूर को ‘महलों के शहर’ के नाम से जाना जाता हैं।
इस भव्य किले सहित सात महल इस शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं। मैसूर पैलेस ताज महल के बाद भारत के सबसे आकर्षित पर्यटक स्थलों में शामिल हैं और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग सालाना 6 मिलियन से भी अधिक हैं । अगर आप मैसूर पैलेस और इसके नजदीकी पर्यटक स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
मैसूर किले का इतिहास बहुत पुराना हैं जोकि कई शासको के शासन को देख चुका है। 14वीं शताब्दी दौरान यदुराया ने किले के अंदर पहला महल बनबाया था, जिसे कई बार तोडा गया था। पुराने पैलेस को जला दिया गया था और वर्तमान की संरचना का निर्माण 1897 और 1912 के समय के दौरान किया गया था। मई 1799 में टीपू सुल्तान के देहांत के बाद महाराजा कृष्णराज वाडियार तृतीय ने मैसूर को अपनी राजधानी के रूप में दर्जा दिया था।
मैसूर पैलेस में गुंबदों की स्थापत्य शैली को हिंदू, राजपूत, मुगल और गोथिक शैलियों के मिश्रण के साथ इंडो-सरैसेनिक के रूप में तैयार किया गया हैं। मैसूर किले की यह तीन मंजिला ईमारत में संगमरमर की गुम्बद और 145 फिट ऊंचे पत्थर की संरचना हैं। किला एक शानदार बगीचे से घिरा हुआ हैं। पैलेस की संरचना में मुख्य परिसर की लम्बाई 245 फुट और चौड़ाई 156 फुट फुट आंकी गई हैं।
महल में तीन द्वार – पूर्वी द्वार, दक्षिण प्रवेश द्वार और पश्चिम प्रवेश द्वार हैं। मैसूर पैलेस के अंदर कई महत्वपूर्ण सुरंगे बनी हुई हैं। इसके अलावा धन, समृधि, भाग्य की देवी लक्ष्मी की मूर्ती भी स्थित हैं।
मैसूर का किला एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं जहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों कि लाइन लगी रहती हैं। लेकिन इसके अलावा भी मैसूर सिटी में कई पर्यटक स्थल हैं जहां आप घूम सकते हैं और हम आज इस आर्टिकल में उन्ही आकर्षित स्थानों की बात करने जा रहे हैं।
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मैसूर पैलेस के नजदीक दर्शनीय स्थानों में चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर सिटी से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी की चामुंडी चोटी पर स्थित हैं। इस मंदिर को 51 शक्ति पीठो में से एक होने का दर्जा प्राप्त हैं।
मैसूर किले के पास दर्शनीय स्थल श्रीरंगपटना का रंगनाथस्वामी मंदिर हिंदू भगवान रंगनाथ को समर्पित है। कावेरी नदी के किनारे पर स्थित यह दर्शनीय मंदिर कर्नाटक राज्य के 5 सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों में से एक है। रंगनाथस्वामी मंदिर कावेरी नदी के द्वारा बनाए गए दीप पर स्थित हैं और सबसे ऊंचे टॉवर या गोपुरम के रूप में जाना जाता हैं।
मैसूर पैलेस के नजदीक में घूमने वाली जगह ललिता महल मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा और भव्य महल है। वर्तमान में यह भारत के सबसे भव्य होटलों में शुमार हैं। ललिता महल चामुंडी पहाड़ियों के पास स्थित है।
मैसूर पैलेस के आसपास के पर्यटन स्थलों में जयलक्ष्मी विलास हवेली मैसूर विश्वविद्यालय के अंदर स्थित है। मैसूर के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक जयलक्ष्मी विलास हवेली कलाकृतियों के अनमोल संग्रह का एक संग्रहालय है। इस स्थान पर पर्यटक आना अधिक पसंद करते है।
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मैसूर पैलेस के नियरेस्ट टूरिस्ट प्लेस में जगनमोहन पैलेस मैसूर सिटी का एक प्रमुख महल हैं। इस महल को अब एक आर्ट गैलरी और एक समारोह हॉल में तब्दील कर दिया गया हैं। यह महल मैसूर सिटी के 7 महलो में से एक है।
सेंट फिलोमेना चर्च एक कैथोलिक चर्च है जोकि भारत के सबसे पुराने चर्चो में से एक है। मैसूर शहर के इस प्रसिद्ध चर्च को एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च के रूप में जाना जाता है।
मैसूर का दर्शनीय स्थल तालकाड़ मंदिर कावेरी नदी के बाएं छोर पर मैसूर सिटी से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म से सम्बंधित एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।
मैसूर के पर्यटन स्थलों में से एक मेलुकोटे मंदिर को थिरुन्नारायणपुरम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के पवित्र स्थानों में से एक है। योगनारसिम्हा की चट्टानी पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर मैसूर शहर से लगभग 51 किलोमीटर की दूरी पर है।
मैसूर पैलेस के आसपास के पर्यटन स्थलों में बाइलाकुप्पे मैसूर के पश्चिम में स्थित नामर्दोलिंग मठ का एक छोटा सा सुंदर शहर हैं। बाइलाकुप्पे का सबसे प्रमुख आकर्षण के रूप में मैसूर जिले की सबसे बड़ी झील, नाम्ड्रोलिंग मठ या गोल्डन टेम्पल और इंगलाकेरे हैं।
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नंजनगुड पर्यटन स्थल शहर की कपिला नदी के किनारे पर स्थित है और यह स्थान श्रीकंतेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान दक्षिण काशी के नाम से भी जाना जाता है।
शिवानासमुद्र फॉल्स कावेरी नदी के तट पर मैसूर सिटी से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पर्यटन जलप्रपात की कुल ऊंचाई 98 मीटर है। एशिया का पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन भी इसी क्षेत्र में हैं।
मैसूर के पर्यटन स्थलों में कृष्णा राजा सागर बांध एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस हैं। जोकि मैसूर सिटी में कावेरी नदी पर एक झील और बांध दोनों के रूप में जाना जाता हैं। कृष्णा राजा सागर बांध का नाम भारत के 10 प्रमुख बाँधों में भी शामिल हैं।
मैसूर पैलेस का नजदीकी पर्यटन स्थल बृंदावन गार्डन दक्षिण भारत में कृष्णराजसागर बांध के पास स्थित है। वृंदावन गार्डन हर साल लगभग 2 मिलियन सलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यह गार्डन श्रीरंगपटना के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
मैसूर का रेलवे संग्रहालय भारतीय रेलवे द्वारा स्थापित किया गया हैं। यह संग्रहालय दिल्ली के राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय के बाद देश का दूसरा ऐसा संग्रहालय है। मैसूर सिटी के इस संग्रहालय में लोकोमोटिव और भारत में रेलवे की तस्वीरों को शानदार ढंग से एक गैलरी में रखा गया है।
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मैसूर का दर्शनीय स्थल नंदी बैल की विशाल मूर्ती चामुंडी पहाड़ी पर स्थित हैं। नंदी कि यह मूर्ती शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बेहद ही खास हैं। देश में नंदी की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक हैं।
मैसूर में देखने के लिए हनुमान जी महाराज कि एक विशाल प्रतिमा बनी हुई है। इस प्रसिद्ध प्रतिमा को कार्य सिद्धि के नाम से जाना जाता हैं। शहर में सबसे ऊँची इस मूर्ती की हाइट 41 फीट हैं।
मैसूर पैलेस के पास का आकर्षण स्थल करणजी झील मैसूर सिटी में ही स्थित एक सुंदर स्थान हैं। यह स्थान सुंदर प्रकृति तितली पार्क और एक संग्रहालय से घिरा हुआ हैं। करणजी झील के अंदर एक छोटे से द्वीप पर तितली पार्क को बनाया गया हैं। यहां पर कई पेंटेड स्टॉर्क, ग्रे पेलिकन, कॉर्मोरेंट और एग्रेट जैसे – प्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। इस झरने की खूबसूरती देखकर पर्यटक मोहित हो जाते है।
मैसूर का फेमस चिड़ियाघर या चामराजेंद्र प्राणि उद्यान मैसूर पैलेस के करीब स्थित हैं। यह चिड़ियाघर देश का सबसे पुराना और सबसे लोकप्रिय है। मैसूर चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतुओं को देखा जा सकता हैं।
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मैसूर किले के नजदीक के आकर्षण में रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य कर्नाटक राज्य के 5 सबसे अच्छे बर्ड सेंचुरी में से एक है। रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य राज्य का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है। इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 170 प्रजातियां पाई जाती हैं।
मैसूर पर्यटन स्थलों में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व कर्नाटक स्टेट के टॉप 10 राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण एशिया में जंगली हाथियों के लिए सबसे बड़ा निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।
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मैसूर पैलेस खुलने का समय प्रति दिन 10 बजे का रहता हैं, जबकि किले के बंद होने का समय शाम को 5:30 बजे का रहता है।
कर्नाटक के मैसूर सिटी बने मैसूर किले को घूमने से पहले यहां कि एंट्री फीस के बारे जान लेना अतिआवश्यक हैं। तो हम आपको विस्तार से मैसूर किले कि प्रवेश शुल्क की जानकारी देते हैं।
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मैसूर पैलेस घूमने जाने के लिए अक्टूबर से फरवरी तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय के दौरान यहां का तापमान पर्यटकों के घूमने के लिए अनुकूल होता हैं।
मैसूर पर्यटन स्थल अपने यहां ऐतिहासिक स्थानों पर घूमने के अलावा अति स्वादिष्ट भोजन की पेशकश भी करता हैं। यदि आप मैसूरसिटी या मैसूर पैलेस की यात्रा पर आएं हुए हैं। तो यहां के भोजन का आनंद लेना न भूले। मैसूर में मिलने वाले लोकल फूड में इडली, बड़ा, पूड़ी सागू, बोंडा, खारा बाथ / उप्पिथु / उपमा, उथापम, पूड़ी (पलया, सागू), शविगे बाथ, मसाला डोसा, पेपर डोसा, खुला डोसा, रवा (सूजी) डोसा, ओनियन डोसा, हरा (पलक) डोसा, नीर डोसा, ब्राह्मण भोजन, बाजजी / पकोड़ा आदि के अलावा भी आपको कई आइटम आपके मूह का टेस्ट सुधारने और पेट की भूख शांत करने के लिए मिल जाएंगे।
मैसूर किला और इसके प्रमुख पर्यटक स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते हैं। तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि मैसूर सिटी में लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के आवास स्थान आपको मिल जाएंगे। जोकि आप अपनी सुविधानुसार ले सकते हैं। तो आइए हम आपको कुछ होटल के बारे में बताते है।
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मैसूर पैलेस की यात्रा पर जाने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। मैसूर पर्यटन स्थल सभी तरह के यातायात साधनो से संपन्न हैं।
मैसूर किला घूमने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मैसूर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा नया बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जोकि मैसूर शहर से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर हैं। बेंगलुरु एअरपोर्ट से मैसूर जाने के लिए आप बस, ट्रेन और टैक्सी के माध्यम से जा सकते हैं। बेंगलुरु हवाई अड्डा देश के अन्य हवाई अड्डो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
मैसूर पैलेस घूमने के लिए यदि आपने ट्रेन का चुनाव किया हैं। तो बता दें कि मैसूर शहर रेल मार्ग के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से अच्छी तरह से जुड़ा हैं। मैसूर रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
मैसूर पैलेस घूमने के लिए यदि आप सडक मार्ग से जाना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि मैसूर सड़क मार्ग के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से संपर्क में हैं। इसलिए आप बिना किसी परेशानी के सडक मार्ग से बस या अपने निजी साधनों से मैसूर पहुंच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने मैसूर पैलेस और इसके आसपास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें के बारे में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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