Gomateshwara Statue In Hindi : गोमतेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में श्रवणबेलगोला नामक तीर्थ स्थल में है जिसे बाहुबली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर में श्रवणबेलगोला में 3347 फीट की ऊंचाई पर विंध्यगिरि पहाड़ी की चोटी पर बना है जो प्रमुख रूप से 17 मीटर ऊँची भगवान बाहुबली प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है जिसे गोमतेश्वर प्रतिमा भी कहा जाता है। बता दे विंध्यगिरि पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर से श्रवणबेलगोला गांव, मंदिर तालाब और चंद्रगिरी हिल का सुंदर दृश्य दिखाई देता है जो इसके आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करता है। यहां हर 12 साल में एक बार “महामस्तकाभिषेक” नाम का त्यौहार मनाया जाता है, जिस दौरान प्रतिमा को दूध, केसर, घी और दही से स्नान कराया जाता है।
अगर आप कर्नाटक के प्रसिद्ध गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करने वाले या फिर इस मंदिर के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम गोमतेश्वर प्रतिमा, भगवान बाहुबली की कहानी, इतिहास और अन्य जानकारी के बारे में बात करने वाले है –
गोमतेश्वर प्रतिमा – Gomateshwara Statue In Hindi
गोमतेश्वर प्रतिमा श्रवणबेलगोला का प्रमुख आकर्षण है जिसे देखने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह दुनिया की सबसे ऊँची अखंड मूर्ति है जिसकी उंचाई 17 मीटर है। गोमतेश्वर की मूर्ति को 30 किमी की दूरी पर देखा जा सकता है। गोमतेश्वर मूर्ति का निर्माण 982 और 983 ईस्वी के बीच गंगा राजा राजमल्ला के एक मंत्री चामुंडराय की अवधि के दौरान बनाई गई थी। प्रतिमा के निचले भाग में कन्नड़ शिलालेख हैं।
गोमतेश्वर प्रतिमा की सरंचना – Structure of Gomateshwara Statue in Hindi
दुनिया की सबसे ऊँची गोमतेश्वर प्रतिमा की ऊंचाई 17 मीटर है। बता दे इस मूर्ति की आँखें खुली हुई हैं जैसे वह दुनिया को टुकड़ी के साथ देख रहा हो। संपूर्ण आकृति एक खुले कमल पर खड़ी है जो इस अनूठी प्रतिमा को स्थापित करने में प्राप्त की गई समग्रता को दर्शाता है। गोम्मतेश्वर के दोनों ओर प्रभु की सेवा में दो लंबे और राजसी चौरी भालू खड़े हैं। उनमें से एक यक्ष है और दूसरी यक्षिणी है। ये समृद्ध रूप से अलंकृत और खूबसूरती से नक्काशी किए गए आंकड़े मुख्य आकृति के पूरक हैं। एंथिल के पीछे की ओर खुदी हुई मूर्ति के पवित्र स्नान के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी और अन्य अनुष्ठानों को इकट्ठा करने के लिए एक कुंड भी है। प्रतिमा के चारों ओर एक बड़ा स्तंभित मण्डप है जिसमें जैन तीर्थंकरों की 43 नक्काशीदार प्रतिमाएँ हैं।
गोमतेश्वर मंदिर का इतिहास – History of Gomateshwar Temple in Hindi
गोमतेश्वर मंदिर के इतिहास की बात करें तो मंदिर में मिले शिलालेख और इतिहासकरो के अनुसार माना जाता है की गोमतेश्वर मंदिर का निर्माण 982 और 983 ईस्वी के बीच करबाया गया था।
बाहुबली का जीवन परिचय और कहानी – Real Story Of Bahubali In Hindi
जैन ग्रंथों के अनुसार, बाहुबली या गोमतेश्वर जैन, पहले तीर्थंकर ऋषभदेव या आदिनाथ के दूसरे पुत्र थे। बाहुबली का जन्म इक्षवाकू साम्राज्य के समय में अयोध्या में हुआ था। कहा जाता है कि आदिनाथ के कुल 100 पुत्र थे। जब ऋषभदेव ने अपना राज्य छोड़ा, तो साम्राज्य के लिए उनके दो पुत्रों – भरत और बाहुबली के बीच झगड़ा हुआ। हालाँकि बाहुबली ने भरत को युद्ध में हराया लेकिन वह उसके और उसके भाई के बीच खटास के कारण खुश नहीं था। इस प्रकार, उन्होंने भरत को अपना राज्य देने का फैसला किया और केवला ज्ञान (पूर्ण ज्ञान) प्राप्त करने के लिए चले गए।
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महामस्तकाभिषेक उत्सव गोमतेश्वर मंदिर – Mahamastakabhishek Utsav Gomateshwara Temple in Hindi
महामस्तकाभिषेक उत्सव गोमतेश्वर मंदिर का प्रमुख उत्सव या आकर्षण है जिसे प्रत्येक 12 साल में मनाया जाता है। इस उत्सव को गोमतेश्वर मंदिर बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है जिसमे देश भर से हजारों की संख्या में पर्यटक और जैन श्रद्धालु शामिल होते है। इस उत्सव में गोमतेश्वर की प्रतिमा को दूध, केसर, घी और दही से स्नान कराया जाता है। अगला महामस्तकाभिषेक उत्सव वर्ष 2030 में आयोजित होने की उम्मीद है।
गोमतेश्वर मंदिर खुलने की टाइमिंग – Timings of Gomateshwar Temple in Hindi
- सुबह 6.30 बजे से 11.30 बजे तक
- और 3.30 बजे से 6.30 बजे तक
गोमतेश्वर मंदिर की एंट्री फीस – Entry fees of Gomateshwar Temple in Hindi
- फ्री
गोमतेश्वर प्रतिमा के आसपास के प्रमुख पर्यटक स्थल – Tourist Places in Shravanabelagola in Hindi
श्रवणबेलगोला भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक प्रमुख जैन तीर्थस्थल है, गोमतेश्वर मंदिर के साथ साथ अन्य कई प्रसिद्ध मंदिर के लिए फेमस है जिन्हें आपको अपनी गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा में जरूर जाना चाहिए –
- भंडारीबसादि
- जैन मठ
- अक्कानबासदी मंदिर
- चंद्रगिरी मंदिर
- कलाम्मा मंदिर
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गोमतेश्वर स्टेचू घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Gomateshwar Statue In Hindi
अगर आप गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल (सर्दियों के महीने) सबसे अच्छे महीने हैं। ग्रीष्मकाल में यहां पर काफी गर्म पड़ती है जबकि मानसून का मौसम क्षेत्र की वनस्पतियों और खूबसूरती को बढ़ा देता है।
श्रवणबेलगोला शहर का प्रसिद्ध भोजन – Food Of Shravanabelagola In Hindi
अगर आप श्रवणबेलगोला की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो यहां पर दक्षिण कर्नाटक समृद्ध और पारंपरिक भोजन का आनंद भी ले सकते हैं। यहां के प्रमुख स्थानीय व्यंजनों में डोसा, जोलदा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, अक्की रोटी, शीरा, सरू, केसरी बाथ, रागी मड्डे, उप्पितु, वंगी बाथ के नाम शामिल हैं। अगर आप कुछ मीठा खाना चाहते हैं तो मैसूर पाक, ओबबट्टू, पेयासा का स्वाद ले सकते हैं।
गोमतेश्वर मंदिर केसे पहुचें – How To Reach Gomateshwar Temple In Hindi
गोमतेश्वर मंदिर श्रवणबेलगोला में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुचा जा सकता है। तो आइये नीचे डिटेल में जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग से गोमतेश्वर मंदिर केसे पहुचें।
फ्लाइट से गोमतेश्वर मंदिर केसे पहुचें – How To Reach Gomateshwar Temple by Flight in Hindi
यदि आप गोमतेश्वर मंदिर जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव करते तो हम आपको बता दें कि श्रवणबेलगोला का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा मैसूर है, जो आप गोमतेश्वर स्टेचू से 97 कि.मी की दूरी पर हैं। आप एयर पोर्ट से बाहर आ कर टेक्सी या यहां चलने वाले स्थानीय साधनों के माध्यम से गोमतेश्वर मंदिर पहुंच सकते है।
ट्रेन से गोमतेश्वर स्टेचू कैसे पहुंचें – How To Reach Gomateshwara Statue By Train in Hindi
ट्रेन से ट्रेवल करके गोमतेश्वर प्रतिमा की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे गोमतेश्वर मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हासन में है जो मंदिर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग से गोमतेश्वर मंदिर केसे जायें – How To Reach Gomateshwar Temple by Road in Hindi
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि श्रवणबेलगोला कर्नाटक के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से सड़कों से जुड़ा हुआ है। साथ ही श्रवणबेलगोला के लिए नियमित रूप से बसे भी संचालित की जाती है जिनसे कोई भी आसानी से गोमतेश्वर प्रतिमा पहुच सकते है। इनके अलावा यदि आप आसपास के शहरों से यात्रा कर रहे है तो अपनी निजी कार या एक टेक्सी बुक कर सकते है।
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इस आर्टिकल में आपने भगवान बाहुबली की कहानी, गोमतेश्वर प्रतिमा और गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जाना है। आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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गोमतेश्वर मंदिर का मेप – Map of Gomateshwar Temple
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