Ghugwa Fossil Park In Hindi : मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में स्थित घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान या फॉसिल नेशनल पार्क भारत में एक अनूठा गंतव्य है, जिसे एशिया के सबसे बड़े जीवाश्म पार्क के रूप में जाना जाता है। यह स्थान पुरातत्व प्रेमियों के लिए बेहद खास जगह है जहाँ पौधों के 65 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्मों के ऐतिहासिक साक्ष्य का पता लगा लगाया जा सकता है। फॉसिल नेशनल पार्क में एक और आकर्षण संग्रहालय है जहां कोई भी कई संरक्षित बीज और पत्ती के जीवाश्म देख सकता है। इस पार्क में कई खुली जगहों पर महत्वपूर्ण जानकारी भी अंकित की गई है जो इस पार्क के भौगोलिक क्षेत्र के लाखों साल पुराने इतिहास को बेहतर समझने में मदद करते हैं।
यदि आप मध्य प्रदेश में घूमने के लिए कुछ हटकर जगह की तलाश कर रहे है तो फॉसिल नेशनल पार्क आपके लिए बिलकुल परफेक्ट जगह है जहाँ आप घूमने के साथ साथ लाखों साल पुराने संरक्षित जीवाश्मो के बारे में जान सकते है जो आपके लिए बहुत ही खास अनुभव हो सकता है। लेकिन यदि आप यहाँ घूमने नही भी जा पा रहे है तो एक बार इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसके माध्यम से हम आपको घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कराने वाले है –
कई लाखो साल पुराने पेड पौधो के ऐतिहासिक साक्ष्यों प्रदर्शन करने वाले घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1970 में की गई थी और घुघुआ फॉसिल नेशनल पार्क को वर्ष 1983 में घोषित किया गया था।
75 एकड़
जब भी आप अपने परिवार या फ्रेंड्स के साथ घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क पर आयेंगे तो आप यहाँ लाखो साल पुराने पौधों, पर्वतारोहियों, पत्तियों, फूलों, फलों और बीजों के संरक्षित जीवाश्मों को देख सकेगें जिनमे से डायकोटाइलडन और पाम फॉसिल कुछ ऐसे पौधे है जिन्हें पुरे भारत में कुछ चुनिन्दा जगहों पर ही देखा जा सकता है। जबकि यूकेलिप्टस जीवाश्म अपने प्रकार का अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म है और यह खोज गोंडवाना के अपने उद्गम का समर्थन करती है। यहां पाए जाने वाले नीलगिरी के पेड़ों के जीवाश्म ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी हैं जो उस समय के संकेत देते हैं जब ग्रेट गोंडवाना सुपरकॉन्टिनेंट पृथ्वी पर मौजूद था। अन्य जीवाश्म पौधों में प्राचीन खजूर, जामुन, केला, रुद्राक्ष और आंवला शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ शैल असर वाले जानवरों के जीवाश्म भी पाए गए हैं जो यह दर्शाता है कि, अतीत में, यह क्षेत्र अधिक आर्द्र था और अधिक वर्षा प्राप्त करता है।
घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क के अन्दर एक छोटा सा संग्रहालय भी स्थापित है जो इसके आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस संग्राहलय में बीज और पत्ती के जीवाश्मों को संरक्षित और शोकेस किया गया है जिन्हें आप देख सकते है और इनके बारे में जाड्या से जाड्या जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जो भी पर्यटक घुघवा फॉसिल पार्क की ट्रिप पर आने वाले है हम उन्हें बता दे घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नही है यहाँ आप बिना किसी शुल्क का भुगतान किये आराम से घूम सकते है।
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वैसे तो साल के किसी भी समय घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा की जा सकती है लेकिन सर्दियों के महीने यहाँ घूमने आने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है जब मौसम ठंडा और सुखद होता है। इस दौरान आपको भारत के विभिन्न हिस्सों से आये हुए पर्यटक भी देखने को मिल सकते है।
यदि आप घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान घूमने जाने वाले है और अपनी यात्रा में रुकने के लिए किसी होटल्स को सर्च कर रहे है तो हम आपको बता दे घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के आसपास रुकने के लिए काफी सीमित विकल्प उपलब्ध है। आपको इसके आसपास कुछ बजट होटल्स और होमस्टे की सुविधायें मिल जाएगी।
घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क डिंडोरी से लगभग 70 किमी की दुरी पर स्थित है जहाँ तक पहुचने का सबसे आरामदायक तरीका बस, जीप या सड़क मार्ग से यात्रा करके जाना है। हालांकि आप ट्रेन और फ्लाइट से यात्रा करके भी यहाँ पहुचा जा सकते है। यदि आप घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क जाने के लिए परिवहन के सभी साधनों के बारे में जानना चाहते है तो नीचे दी गई जानकारी को पूरा पढ़े –
यदि आपने अपनी घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क की ट्रिप के लिए फ्लाइट से ट्रेवल करने के ऑप्शन को सिलेक्ट किया है, तो हम आपको बता दे घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क का निकटतम एयरपोर्ट भोपाल में है, जो पार्क से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, आगरा सहित भारत के कई प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा है। फ्लाइट से ट्रेवल करके जबलपुर एयरपोर्ट पहुचने के बाद आप बस या एक टेक्सी बुक करके घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क जा सकते है।
घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जबलपुर रेलवे स्टेशन पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जबलपुर रेलवे स्टेशन राज्य के प्रमुख रेल जंक्शनो में से एक है जिसके लिए आप लगभग भारत के किसी भी हिस्से से ट्रेन ले सकते है।
बस या सड़क मार्ग से घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क की यात्रा करना बेस्ट ऑप्शन है, जो टूरिस्ट्स को काफी पसंद भी आता है। यह अपने आस-पास के शहरों और शाहपुरा, डिंडोर, मंडला, जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, अमरकंटक, उमरिया आदि शहरों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ के लिए नियमित रूप से बसे संचालित की जाती है बस के अलावा आप अपनी पर्सनल कार या टेक्सी बुक करके भी यहाँ आ सकते है।
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इस आर्टिकल में आपने घुघवा फॉसिल नेशनल पार्क की ट्रिप से रिलेटेड पूरी इन्फोर्मेशन को डिटेल में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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