Famous Mela In India In Hindi, भारत देश विविधताओं वाला देश है जहां अलग-अलग संस्कृति अलग रीति-रिवाज और कई भौगोलिक विविधताएं भी देखने को मिलती है। पूरी दुनिया में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का साल भर आयोजन किया जाता है। भारत को मेले और त्यौहारों की भूमि भी कहा जाता है। भारत में विभिन्न जाति और विभिन्न धर्मों के लोग अपने हर एक रीति रिवाज को बड़ी धूम धाम से मनाते है। भारत में मेलों का आयोजन प्राचीन समय से चला आ रहा है जोकि देश-दुनिया के लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। देश के कोने-कोने से लोग भारत के प्रसिद्ध मेलों में घूमने आते है। भारत में आयोजित होने वाले यह मेले देश की संस्कृति, परम्पराओं और विविधताओं को उजागर करते हैं।
भारत में होने वाले प्रत्येक मेले और त्यौहारों के पीछे कई धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व का समावेश होता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में होने वाले भव्य और प्रसिद्ध मेलों के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े –
भारत में कुम्भ का मेला सबसे प्राचीन और सबसे बड़ा मेला है जो बारह साल में भारत के चार अलग-अलग शहरों हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन की पवित्र नदियां क्षिप्रा, गोदावरी, गंगा और यमुना के तट पर आयोजित किया जाता है। इस मेले को प्रयाग राज के नाम से भी जाना जाता है। कुम्भ के मेले में हिन्दू भक्तों की भीड़ इन पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए जमा होती है। कुम्भ का मेला लगभग 2000 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस मेले की सबसे खास बात नागा साधुओं द्वारा निकाले जाना वाला जुलूस है। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले पर्यटक इस पवित्र मेले के दर्शन करने के साथ-साथ नदियों में स्नान करके मोक्ष की प्राप्ति करने आते है।
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भारत के मेलों में से एक पुष्कर का मेला है जोकि राजस्थान के अजमेर से 11 किलोमीटर दूर पुष्कर शहर में लगता है। पुष्कर मेला हर साल कार्तिक की पूर्णिमा के दिन लगता है और यह पांच दिनों तक चलता है। पुष्कर मेला ऊंट के व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर हिन्दू तीर्थ स्थानों में गिना जाता है जहां देश-विदेश से लोग आते है और पवित्र पुष्कर झील में स्नान करके आत्मा की सुद्धि करते है। पुष्कर झील के किनारे स्थित इस शानदार मेले में मटका फोड़, सबसे लम्बी पूँछ और क्रूर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। पुष्कर मेला दुनिया भर के पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। पर्यटक यहाँ ऊंट की सवारी और हाथी की सवारी का रेगिस्तान में भरपूर आनंद ले सकते है।
भारत के हरियाणा राज्य में दुनिया के सबसे बड़े मेलों में से एक सूरजकुण्ड शिल्प मेला लगता है। यह मेला दुनिया भर के शिल्पकारों की प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है जिसमे विजेताओं को पुरूस्कार भी दिया जता है। सूरजकुंड मेला फरीदाबाद हरियाणा 2020 का आयोजन में फरवरी माह में किया जायेगा। सूरजकुंड शिल्प मेला हर साल 15 दिन तक चलता है। इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के वस्त्र, परम्परा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी समावेश किया जाता है। यह मेला भारत के साथ दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है। इस मेले में हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते है और यहाँ होने वाली प्रतियोगिताओं में भागीदार बनते है।
गोवा के शहरों और गाँव का बहुत बड़ा उत्सव गोवा कार्निवल मेला है जोकि 3 से 4 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। गोवा भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ कार्निवल उत्सव का आयोजन किया जाता है। मार्च के महीने में आयोजित होने वाले इस शानदार उत्सव में लाइव संगीत, नृत्य, रंगीन मुखौटे और कपड़े एक अभिन्न अंग हैं। इस मेले की शुरुआत गोवा में रहने वाले पुर्तगालियों द्वारा की गई थी। गोवा भारत के उन राज्यों में से एक है जहाँ प्रेमी जोड़े घूमना बहुत अधिक पसंद करते है, यहाँ के बीच गोवा के आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
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सोनपुर का पशु मेला दुनिया भर के पशु प्रेमियों के लिए बहुत ही अद्भुत मेला है। इस मेले का आयोजन बिहार के सोनपुर में गंगा और गंडक नदी के संगम पर किया जाता है। इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, जापान और स्विटज़रलैंड के लोग इस मेले में शामिल होने के लिए आते है। सोनपुर का यह प्रसिद्ध मेला कार्तिक पूर्णिमा के समय आयोजित किया जाता है। इस मेले में हाथियों को सजा कर प्रदर्शनी के रूप में पेश किया जाता है। सोनपुर मेले को हरिहर क्षेत्र मेला भी कहा जाता है। सोनपुर का यह मेला मौर्य साम्राज्य से आज तक आयोजित किया जा रहा है। सोनपुर का मेला पशु-पक्षियों और जानवरों की खरीदी और बिक्री के लिए प्रसिद्ध है। जबकि हाथी की सजावट इस मेले का प्रमुख आकर्षण हैं।
हेमिस गोम्पा मेला बौद्ध गुरु पद्मसंभव की जयंती के पावन अवसर पर हर साल लद्दाख में आयोजित किया जाता है जोकि 2 दिन तक लगातार चलता रहता है। यह भारत के प्रमुख धार्मिक मेलों में से एक है। हेमिस गोम्पा मेला जनवरी से लेकर फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। यह 300 साल पुराना मेला बौद्धों की संस्कृति का प्रतीक है। इस मेले में मुखौटा नृत्य, वाद्य संगीत, गायन, पूजा और भिक्षुओं द्वारा जप के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। कश्मीर के इस शानदार मेले में एक विशेष प्रकार की देशी शराब को परोसा जाता है जोकि इस मेले की सबसे बड़ी खासियत है। हेमिस गोम्पा मेला लेह में हेमिस जंगचूब चोलिंग के प्रसिद्ध मठ में आयोजित किया जाता है।
भारत के प्रमुख प्रसिद्ध मेलों में से एक कोलायत मेला बीकानेर शहर में स्थित है। कोलायत मेले को कपिल मुनि मेले के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के समय आयोजित होने वाले इस मेले में बहुत सारे आकर्षक शो होते है। बीकानेर शहर में कोलायत झील है जहां बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक स्नान करने आते है। रात में इस शानदार झील में तैरते हुए दीपक का नजारा बहुत ही सुन्दर प्रतीत होता है। कोलायत मेले का आयोजन सितम्बर-अक्टूबर महीने में किया जाता हैं और मेला बहुत धार्मिक महत्त्व का समावेश भी है।
ओडिशा के खण्डगिरी शहर आयोजित होने वाला चन्द्रभागा मेला भारत के प्रमुख मेलो में से एक हैं। इस मेले के दौरान पर्यटक तथा श्रद्धालु चन्द्रभागा नदी में स्नान करने के लिए आते है और फिर इस आकर्षक मेले में घूमने का आनंद प्राप्त करते है। इस स्थान को इस क्षेत्र में रहने वाले लोग चन्द्रावती के रूप में पूजते है। चंद्र्भंगा मेले में तरह-तरह के खेल और दुकाने पर्यटको को आनंदित करती हैं और खरीदारी के अवसर प्रदान करती हैं। पर्यटक कई तरह की वस्तुओं को यहाँ से खरीद सकते हैं।
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भारत के गुवाहाटी के कामख्या मंदिर में भारत के धार्मिक मेले अंबुबाची का आयोजन किया जाता है। अंबुबाची मेला तांत्रिक रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक यहाँ कामख्या मंदिर के साथ-साथ अंबुबाची मेले के दर्शन करने के लिए आते है। मानसून के मौसम में यह मेला 3 दिनों तक लगातार चलता रहता है और मेले में उमड़ने वाली भारी भीड़ को आनंदित करता हैं।
भारत के प्रमुख आकर्षक मेलों में से राजस्थान का बेणेश्वर मेला एक बहुत ही प्रसिद्ध मेला है। आदिवासीयों द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह मेला डूंगरपुर के भगवान भोलेनाथ के मंदिर में शिव लिंग की पूजा के लिए जाना जाता है। आदिवासी लोग इस मेले के अवसर पर सुन्दर गीत गाते है और नाचते है। मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाए और भील समुदाए द्वारा माही और सोम नदियों के संगम पर बेणेश्वर मेले का आयोजन होता है।
भारत के लोकप्रिय मेलों में गणगौर मेला राजस्थान के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है। यह मेला राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, नाथद्वारा जैसे कई स्थानों पर आयोजित किया जाता है। होली के दूसरे दिन से शुरू होने वाला यह मेला 16 दिनों तक मनाया जाता है। महिलाओं के लिए प्रसिद्ध गणगौर गौरी पूजन से सम्बंधित है। कुवारी लड़कियां अपने मनभावन पति के लिए यह पूजा करती है। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए माता गौरी की गणगौर पूजा करती है और उपवास रखती है।
कुम्भ के मेले के समान गंगासागर मेला पश्चिम बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया जाता है। यह वह स्थान है जहाँ पर पवित्र गंगा नदी समुद्र में जाकर मिलती है। हर साल हजारों की संख्या में भक्तजनो की भीड़ इस पवित्र स्थान पर स्नान करने आती है और मेले में शामिल होने स्वभाग्य पाते हैं।
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नागौर मवेशी मेला भारत के राजस्थान प्रदेश के जोधपुर शहर में प्रत्येक वर्ष पशुओं के व्यापार के लिए आयोजित किया जाता है। नागौर मवेशी मेला भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। इस मेले का आयोजन जनवरी-फरवरी महीने में हर साल किया जाता है। नागौर मवेशी मेले में खूबसूरत पशुओं को देखने का अवसर प्राप्त होता हैं। यहाँ लोग अपने पशुओं को अच्छी कीमत पर बेचने के लिए तैयार करके लाते हैं जिससे उनकी कीमत अच्छी लग सके।
डेजर्ट फेस्टिवल राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह मेला हर साल फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। डेजर्ट मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ऊंट दौड़, पगड़ी बांधने की प्रथा और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह तीन दिन तक चलने वाला रेगिस्तान का बहुत ही प्रसिद्ध मेला है। पर्यटक इस मेले के आकर्षण का जमकर लुत्फ़ उठाते हैं।
भारत के सबसे आकर्षक मेलो में से एक तरणेतर मेला गुजरात राज्य में स्थित है। तरणेतर मेला एक आदिवासी मेला है जोकि गुजरात के तरणेतर गाँव में हर साल आयोजित किया जाता है। यह त्यौहार स्वयंवर के लिए प्रसिद्ध है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तरणेतर मेले में महिलाए अपने पति का चुनाव करती है। इस मेले में लोक संगीत और नृत्य के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मेले में स्वयंवर देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ देखने लायक होती हैं।
भारत के बंगाल राज्य के प्रसिद्ध त्यौहारों में शामिल पौष मेला फसल के मौसम के अंत में मनाया जाने वाला बहुत ही प्रसिद्ध मेला है। शांतिनिकेतन में देवेंद्रनाथ टैगोर के द्वारा शुरू किया जाने वाला पौष मेला लोक संगीत के माध्यम से बंगाल की संस्कृति को प्रस्तुत करता है। यह मेला ग्रामीण कलाकारों और व्यापारियों के बिक्री के लिए आयोजित किया जाता है। यह बंगाल का बहुत ही अनूठा त्यौहार है।
इस लेख में आपने भारत में लगने वाले सबसे प्रसिद्ध मेलो के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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