Dwarkadhish Temple Mathura in Hindi : “द्वारकाधीश मंदिर” मथुरा और उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है जिसे “द्वारकाधीश का मंदिर” “द्वारकाधीश जगत मंदिर” और “द्वारकाधीश के राजा” जैसे प्रसिद्ध नामो से पुँकारा जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित “द्वारकाधीश मंदिर” का निर्माण 1814 में एक कृष्ण भक्त द्वारा करबाया गया था। द्वारकाधीश जगत मंदिर अन्य मंदिर की अपेक्षाकृत नया है, लेकिन अत्यधिक पूजनीय भी है, जहाँ हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन द्वारकाधीश के दर्शन के लिए आते हैं। द्वारकाधीश मंदिर अपनी विस्तृत वास्तुकला और चित्रों के लिए देश भर में प्रसिद्ध है जो भगवान के जीवन के विभिन्न पहलुओं दर्शाती है। द्वारकाधीश मंदिर मानसून की शुरुआत मनाये जाने वाले अद्भुद झूले उत्सव के लिए भी जाना-जाता है, जिस दौरान हजारों की संख्या में श्र्धालुयों और पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है।
यदि आप अभी तक द्वारकाधीश मंदिर मथुरा के दर्शन के लिए नही गये हैं तो आपको अपने जीवन में एक बार भव्य ‘द्वारकाधीश जगत मंदिर” की यात्रा जरूर करनी चाहिये यकीन माने मंदिर की अद्भुद वास्तुकला और शांतिमय आभा आपको भगवान् कृष्ण की भक्ति में खो जाने के लिए मजबूर देगीं –
बता दे द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास लगभग 200 साल पुराना है। द्वारकाधीश जगत मंदिर का निर्माण 1814 में भगवान कृष्णा जी के भक्त और ग्वालियर राज के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुलदास पारीख द्वारा शुरू किया गया लेकिन उनके देहांत हो जाने के बाद उनके पुत्र लक्ष्मीचन्द्र ने मंदिर का निर्माण पूरा करबाया था। बर्ष 1930 में पूजन के लिए द्वारकाधीश मंदिर को पुष्टिमार्ग के आचार्य गिरधरलाल जी को सौप दिया गया था और तब इस मंदिर में पुष्टिमार्गीय विधि के अनुसार पूजन किया जाता है ।
अपनी वास्तुकला और चित्रों के लिए प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर की वास्तुकला बेहद आकर्षक और मनमोहनीय है। मंदिर का परिसर काफी बड़ा है जिसमे मंदिर की मुख्य इमारत को आकर्षक राजस्थानी शैली में निर्मित किया गया है और इस इमारत में एक भव्य प्रवेश द्वार है। मंदिर के यार्ड में सुन्दर चित्रित छत है जो तीन नक्काशीदार स्तंभों पर खड़ी हुई है। इन स्तंभों और छत में की गयी नक्काशी और चित्रों के माध्यम से कृष्ण के जीवन की कहानी को दर्शाया गया है।
जैसे ही आप भव्य मंदिर के अंदर जाने के लिए कुछ खड़ी सीढ़ियों पर चढ़ते तो सबसे पहले आप उन नक्काशीदार स्तंभों की पाँच पंक्तियाँ को देखेगें हैं, जो पूरे आँगन को तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित करती हैं; जिसमे दायीं लाइन महिलाओं के लिए है और पुरुषों के लिए बायीं लाइन है, जबकि सेंटर लाइन वीआईपी पास वालों के लिए है। यहाँ दान के लिय एक विशाल दान पेटी भी राखी है।
यार्ड के ठीक सामने गर्भगृह है जहाँ द्वारकाधीश जी की पवित्र मूर्ति स्थापित है। मंदिर में “द्वारकाधीश के राजा” के दर्शन के साथ साथ दीवारों और आंगन की छत पर सुंदर पेंटिंग भी देखी जा सकती है जिनमे कृष्ण के जन्म के दृश्य और कई अन्य लोगों द्वारा उनके द्वारा रास नृत्य के प्रदर्शन को दिखाया गया है। मंदिर में मुख्य मूर्ति के अलावा, आप कई अन्य हिंदू देवताओं और छोटे तुलसी के पौधे को भी देख सकते हैं जो भगवान के प्रिय हैं और उनके भक्तों के लिए अत्यधिक पूजनीय हैं।
और पढ़े : वाराणसी के 10 प्रमुख मंदिर और यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी
“द्वारकाधीश का मंदिर” अपनी प्रसिद्ध वास्तुकला और भक्तिमय वातावरण के साथ साथ मंदिर में मनाये जाने वाले कुछ उत्सवो के लिए भी काफी प्रसिद्ध है जिन्हें बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
जन्माष्टमी या भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव द्वारकाधीश मंदिर और पूरे शहर में उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान द्वारकाधीश मंदिर और मथुरा नगरी को बिलकुल दुल्हन की तरह सजाया जाता है। जबकि मंदिर में भगवान् श्री कृष्णा जी की मूर्ति को पानी, दूध और दही से नहलाया जाता है उनका श्रृंगार किया जाता है और अंत में उनके पालने में विराजमान किया जाता है। इस पवित्र उत्सव के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमे देश के बिभिन्न कोनो से हजारों श्रद्धालु शामिल होते है।
श्रावण (अगस्त-सितंबर) के हिंदू महीने के दौरान मनाया जाना वाला हिंडोला उत्सव द्वारकाधीश जगत मंदिर मथुरा का एक और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे “झुला उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है। इस उत्सव में राधा रानी और कृष्णा जी की मूर्ति को सोने चांदी से लेकर , फूल पत्ती, जरी, रंग बिरंगे वस़्त्रों से लेकर फलों से मिलकर बने हिंडोला या झूले में रखा जाता है और उन्हें झुलाया जाता है।
और पढ़े : वृंदावन और मथुरा की होली क्यों है इतनी खास
बता दे द्वारकाधीश मंदिर श्र्धालुयो के घूमने और द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए
गर्मियों में
सर्दियों में द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन का समय
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ “द्वारकाधीश के राजा” के नाम से प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है और द्वारकाधीश मंदिर में प्रवेश शुल्क के बारे जानना चाहते है तो हम आपको बता दे मंदिर में प्रवेश और द्वारकाधीश के दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नही है यहाँ आप बिना किसी शुल्क का भुगतान किये द्वारकाधीश जगत मंदिर में घूम और दर्शन कर सकते है।
और पढ़े : प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी
यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ मथुरा के प्रमुख धार्मिक स्थल, द्वारकाधीश जगत मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो क्या आप जानते है? मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर के अलावा भी लोकप्रिय धार्मिक और पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी द्वारकाधीश मंदिर की यात्रा में घूमने जा सकते है –
वैसे तो श्रद्धालु बर्ष के किसी भी समय द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते है, लेकिन यदि आप द्वारकाधीश मंदिर के साथ – साथ मथुरा के प्रमुख मंदिर और पर्यटक स्थलों की यात्रा भी करने वाले है। तो उसके लिए अगस्त से मार्च का समय सबसे बेस्ट टाइम होता हैं, क्योंकि इस समय मथुरा का मौसम बहुत खुशनुमा होता है। मौसम बहुत खुशनुमा होने के साथ साथ इन महीनो में जन्माष्टमी, हिंडोला उत्सव और होली जैसे प्रसिद्ध त्यौहार भी होते है जिन्हें मथुरा नगरी बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
और पढ़े : मथुरा के 10 दर्शनीय स्थल और घूमने की जानकारी
उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्यटक और तीर्थ स्थल होने के कारण मथुरा में सभी बजट की होटल्स, लोज और धर्मशाला उपलब्ध है, जिनमे कोई भी पर्यटक अपनी मथुरा की यात्रा में रुक सकता है। इसीलिए यदि आप मथुरा की यात्रा पर जाने से पहले मथुरा में रुकने के लिए जगहें सर्च कर रहे हैं तो आप बेफिक्र होकर मथुरा की यात्रा पर चले जाएँ क्योंकि यहाँ आपको सभी टाइप की होटल्स और लोज मिल जाएगी जिनको आप आपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है।
अगर आप हिंदू भगवान कृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर की यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं और द्वारकाधीश मंदिर मथुरा पहुँचने का आसान तरीका जानना चाहते है,
तो हम आपको बता दें कि मथुरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है, जहां आप परिवहन के विभिन्न साधनों से पहुंच सकते हैं और मथुरा पहुचने के बाद आप आसानी से द्वारकाधीश मंदिर पहुच जायेंगे।
यदि आपने मथुरा घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो हम आपको मथुरा का सबसे नजदीकी घरेलू हवाई अड्डा आगरा में है जबकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली में है। यह दोनों एयरपोर्ट मथुरा से लगभग 58 किलोमीटर और 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप दोनों एयरपोर्ट में से किसी के लिए भी फ्लाइट ले सकते है और एयरपोर्ट पहुचने के बाद बस या एक टेक्सी बुक करके मथुरा जा सकते है।
ट्रेन से ट्रेवल करके मथुरा की यात्रा पर जाने वाले श्र्धालुयों को बता दे मथुरा में अपना खुद का रेलवे जंक्शन मौजूद है। मथुरा जंक्शन मध्य और पश्चिम रेलवे का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो देश के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इसलिए मथुरा के लिए पर्यटक दिल्ली, मुंबई, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, आगरा, वाराणसी, लखनऊ और कोलकाता से सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन पकड़ सकते हैं।
मथुरा सड़क मार्ग द्वारा राज्य के बिभिन्न शहरों अच्छी तरह कनेक्ट है इसीलिए बस या सड़क मार्ग से मथुरा की यात्रा करना बेहद सुविधाजनक है। अगर आपके पास अपना निजी वाहन है तो आप आराम से मथुरा की यात्रा कर सकते हैं। क्योंकि मथुरा में सड़कों का एक अच्छा नेटवर्क है जो इसके दिल्ली, जयपुर, बीकानेर, आगरा, इंदौर, भोपाल, मुरादाबाद, कोलकाता जैसे शहरों से जोड़ता है। इनके साथ मथुरा के लिए आसपास के सभी प्रमुख शहरों से नियमित रूप से बसें भी संचालित की जाती है जिनसे कोई भी आसानी से ट्रेवल करके मथुरा आ सकता है।
और पढ़े : उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर
इस लेख में आपने द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का इतिहास, द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन का समय, और यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
द्वारकाधीश जगत मंदिर मथुरा का मेप – Dwarkadhish Temple Mathura Mep in Hindi
और पढ़े :
Featured Image Credit : Abbhineet Sseth
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…