Dewas Mata Mandir In Hindi : देवास भारत का एक प्रमुख शहर है जो मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है और इंदौर से सिर्फ 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वैसे तो देवास एक औद्योगिक शहर है और यहां पर नोट छपाई का कारखाना भी स्थित है। इसके अलावा देवास, माता मंदिर की वजह से काफी प्रसिद्ध है जो यहां एक पहाड़ी स्थित है। देवास में स्थित इस मंदिर को कई अलग अलग नाम से भी जाना जाता है माँ चामुण्डा मन्दिर देवास , देवास की माता का मंदिर, देवास वाली मां का मंदिर, टेकरी माता मंदिर, माता मंदिर देवास, और माँ चामुंडा टेकरी। बता दें कि यह मंदिर भारत के शक्ति पीठों में से एक है जो तुलजा भवानी और चामुंडा देवी को समर्पित है। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और काफी पुराना भी है। टेकरी पर स्थित इस मंदिर के दर्शन करने के लिए पुरे देश भर से तीर्थ यात्री आते हैं।
जो भी तीर्थ यात्री मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं वे या तो सीढ़ियों से जा सकते हैं या फिर पक्की सड़क के माध्यम से जा सकते हैं जो पहाड़ी से मंदिर जाती है।
देवास में स्थित माता मंदिर को देवास माता मंदिर भी कहा जाता है। टेकरी पर स्थित यह मंदिर भवानी का यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है, यहां मंदिर में दो देवी विराजमान है जिनमें से एक को तुलजा भवानी और दूसरी को चामुंडा देवी के नाम से जाना जाता है। तुलजा भवानी को छोटी मां और चामुंडा देवी को बड़ी मां भी कहा जाता है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी मां और छोटी मां बीच बहनों का रिश्ता था। एक बार दोनों के बीच किसी बात पर लड़ाई हो गई थी। विवाद के चलते दोनों बहने अपना स्थान छोड़ कर जाने लगी। बताया जाता है कि बड़ी मां क्रोधित होकर पाताल में समाने लगी और छोटी टेकरी छोड़कर जाने लगी। दोनों माताओं को क्रोधित देखकर हनुमान जी और भेरूबाबा ने उनसे क्रोध शांत करने की विनती की लेकिन तब तक बड़ी देवी का आधा शरीर पाताल में समा चुका था और वो ऐसी ही स्थित में टेकरी पर रुक गई।
देवास माता मंदिर को 52 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है। बताया जाता है कि देश के अन्य शक्तिपीठों पर माता के शरीर के भाग गिरे थे लेकिन यहां टेकरी पर माता का रुधिर गिरा था, जिसके कारण मां चामुंडा देवी यहां पर प्रकट हुई थी। चामुंडा देवी को सात प्रमुख देवियों में से एक माना जाता है। बता दें कि टेकरी पर स्थित तुलजा भवानी मंदिर की स्थापना मराठी राज परिवार द्वारा की गई थी और वे माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते थे। दोनों माता सगी बहने हैं। ऐसा कहा जाता है कि विक्रमादित्य के भाई ने भर्तहरि ने तपस्या की थी। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर अनादि काल से है। लेकिन मंदिर की प्राचीनता का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।
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देवास माता मंदिर का अपना धार्मिक महत्व है। देवास में टेकरी पर आज भी दोनों माता अपने उसी स्वरुप में विराजमान है। भक्तों की मान्यता है कि आज भी माता की ये जाग्रत है और स्वयंभू स्वरुप में हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी सारी मन्नत पूरी होती हैं। यहां के स्थानीय लोगों का यह मानना है कि माता के दर्शन करने के साथ भैरो बाबा के दर्शक करना जरुर है क्योंकि उनके दर्शन बिना भक्तों की प्रार्थना पूरी नहीं होती। यही कारण है कि तुलजा भवानी और चामुंडा देवी के दर्शन के दर्शन करने के साथ भैरो बाबा के दर्शन करना भी अनिवार्य है। वैसे तो साल भर तीर्थ यात्री देवास माता मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन नवरात्री के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और इन दिनों यहां विशेष पूजा का आयोजन भी होता है।
देवास टेकरी लगभग इंदौर से 35 कि.मी की दूरी पर स्थित है। सीढ़ियों के दोनों ओर पूजा और खाद्य सामग्री खरीदने के लिए बहुत सारी दुकानें उपलब्ध हैं। देवी के दर्शन करने के लिए मंदिर तक पहुंचने के लिए 200 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। केबल कार उन लोगों के लिए संचालित की जाती है जो पैदल चढ़ना नही चाहते हैं और इसकी कीमत प्रति व्यक्ति 83 रूपये है। टेकरी ऊपर से शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर शीर्ष पर अच्छी तरह से बनाए हुए हैं। नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर में बहुत भीड़ होती है।
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मंदिर वर्ष के सभी दिनों में सुबह 6:00 बजे – शाम 7:00 बजे जनता के लिए खुला रहता है।
अगर आप देवास माता मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि यहां देवास की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक के महीनों का है। जुलाई से सितंबर भी यात्रा के लिए एक अच्छा समय है क्योंकि बारिश की वजह से तापमान काफी ठंडा हो जाता है लेकिन बारिश आपके दर्शनीय स्थलों और यात्रा की योजना में बाधा डाल सकती है। चिलचिलाती गर्मी के कारण गर्मी के मौसम में यात्रा करने से बचें।
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जो भी पर्यटक देवास की यात्रा करना चाहते हैं तो ट्रेन, सड़क और हवाई मार्ग से अपने बजट अनुसार यात्रा कर सकते हैं।
देवास शहर इंदौर के पास स्थित है और यह नियमित उड़ानों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में 37Kms की दूरी पर है। इस हवाई अड्डे का नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से देवास के लिए कोई नियमित ट्रेन नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन इंदौर में है जो 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा देवास की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि देवास देश और आसपास के प्रमुख शहरों से सड़क मार्गों से अच्छी तरह जुड़ा है। आप मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल या इंदौर से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से देवास पहुँच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने देवास माता मंदिर की यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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जय माता चामुण्डा जी