Devprayag Information In Hindi : देवप्रयाग भारत में उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले का एक कस्बा है। यह एक पवित्र स्थान जहाँ से गंगा नदी भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम के बाद निकलती है। यह स्थान पंच प्रयाग का भी एक हिस्सा है और हिंदू भक्तों के दिलों में इसका अत्यधिक महत्व है। देवप्रयाग में पूरे देश से सालभर हिंदू तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं। इस स्थान पर न केवल आध्यात्मिक माहौल है, बल्कि शांत वातावरण के बीच एकांत का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा स्थान है। नदियों और पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य पर्यटकों को यहां खींच लाता है। यह उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में एक है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम जब रावण का वध करके लंका से भारत वापस आ रहे थे तब ऋषिमुनि ने उन्हें एक ब्राह्मण के वध के पाप के दोष को दूर करने के लिए देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा के संगम तट पर तपस्या करने के लिए कहा था। इसलिए भगवान राम ने नदियों के इस संगम स्थल पर साधना की थी। तभी से यह स्थान पवित्र माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि राजा भागीरथ ने गंगा को जब पृथ्वी पर उतरने के लिए मनाया था तब स्वर्ग से करोड़ों देवी देवता उनके साथ ही देवप्रयाग में उतरे थे। इसलिए इसे देवी देवताओं का संगम और गंगा की जन्मभूमि माना जाता है।
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देवप्रयाग उत्तराखंड का एक ऐसा स्थल है जहां घूमने के लिए बहुत सारी जगहें नहीं हैं। इसलिए यदि आप देवप्रयाग की यात्रा करने जा रहे हैं तो इसके आसपास मौजूद कुछ सीमित स्थलों को देख सकते हैं।
3.1 संगम
यहां का नजारा बहुत ही अद्भुत है। यहां दो दिव्य नदियों का मिलन स्थान है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
3.2 दशरथशिला
स्थानीय लोक कथाओं के अनुसार, माना जाता है कि राजा दशरथ ने इस स्थान पर तपस्या की थी। वह शिला आज भी मौजूद है जिसे देखा जा सकता है।
3.3 रघुनाथजी मंदिर
भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर स्थित रघुनाथजी मंदिर दस हजार साल से अधिक पुराने भगवान राम के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर विशाल चट्टानों से बना है, जो देखने लायक है।
3.4 चंद्रबदनी मंदिर
यह देवी सती का मंदिर है और शक्तिपीठ में से एक है। कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव देवी सती की लाश को ले जा रहे थे, तब उनका धड़ इसी स्थान पर गिरा था। मंदिर बहुत छोटा है और इसमें मूर्ति की बजाय एक सपाट पत्थर रखा गया है।
3.5 सस्पेंशन ब्रिज
सस्पेंशन ब्रिज देवप्रयाग के लोकप्रिय आकर्षणों में से हैं, जो भागीरथी और अलकनंदा नदियों पर स्थित हैं। ये पुल पूरे शहर को एक सुंदर दृश्य प्रदान करता है।
3.6 तीन धारा
ऋषिकेश देवप्रयाग राजमार्ग पर स्थित एक रेस्टिंग प्लेस है। यहां नदियों की तीन धाराएं मिलती हैं जिन्हें एनएच 58 से देखा जा सकता है।
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देवप्रयाग के सुंदर परिवेश, मंदिरों और धार्मिक एवं पवित्र स्थान होने के कारण पर्यटक इस स्थान पर साल भर आते हैं। हालांकि गर्मी के मौसम में देवप्रयाग की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय होता है। ग्रीष्मकाल देवप्रयाग में मध्यम ठंडी जलवायु काफी सुखद होती है इसलिए आम तौर पर मार्च से मई के बीच यहां अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं। देवप्रयाग में जुलाई से सितंबर के महीनों में भारी वर्षा होती है। इस दौरान यहां की ताजगी और कायाकल्प करने वाली हरियाली देखने लायक होती है। लेकिन चूकिं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण भूस्खलन और बारिश की जोखिम के डर से इस मौसम में कम संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
देवप्रयाग में देश के कोने कोने से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसलिए यदि आप उत्तराखंड राज्य में स्थित देवप्रयाग की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए कई विकल्प मौजूद हैं। आइये जानते हैं देवप्रयाग कैसे पहुंचा जाए।
देवप्रयाग का निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जो यहां से 91 किमी दूर है। दिल्ली सहित कई अन्य शहरों से इस एयरपोर्ट के लिए दैनिक उड़ानें हैं। आप हवाई अड्डे से देवप्रयाग टैक्सी या बस से जा सकते हैं।
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देवप्रयाग का निकटतम रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन पर देश के प्रमुख शहरों से रेलगाड़ियों की सुविधा है। रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आप निजी परिवहन या उत्तराखंड राज्य की बसों से देवप्रयाग पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से देवप्रयाग की दूरी लगभग 72 किलो मीटर है।
सड़कमार्ग से देवप्रयाग जाने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा है। देवप्रयाग उत्तराखंड के कई शहरों और भारत के विभिन्न शहरों से मोटर योग्य सड़कों से भी जुड़ा हुआ है। सड़कें देवप्रयाग को भारत के उत्तरी राज्यों से भी जोड़ती हैं। आईएसबीटी कश्मीर गेट से देवप्रयाग और ऋषिकेश के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं। श्रीनगर, हरिद्वार, देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी जैसे प्रमुख शहरों से बसें और टैक्सियां सुलभ हैं। जिसके माध्यम से आप यहां आ सकते हैं।
देवप्रयाग में पर्यटकों के रुकने के लिए बहुत सी सुविधाएं हैं। यहां डीलक्स और मध्यम बजट वाले भी कई सस्से होटल उपलब्ध हैं। जैसे रामकुंड रिसॉर्ट्स, जो पौड़ी रोड पर स्थित है, शहर का एक लोकप्रिय डीलक्स होटल है। इसके अलावा जीएमवीएन टूरिस्ट बंगला देवप्रयाग और मोटल देव गोविंद पुरम में स्थित है। इसके अलावा रिवरसाइड रिजॉर्ट कीर्तिनगर में और धनेश्वर रिसॉर्ट्स जैसे होटल उपलब्ध हैं। आपको बता दें कि देवप्रयाग में वन स्टार से लेकर फाइव स्टार होटल मौजूद हैं लेकिन सभी होटलों में कमरे का किराया अलग अलग है। आप अपने बजट के अनुसार होटल चुन कर सकते हैं।
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