Bharhut Stupa In Hindi ; भरहुत स्तूप भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले के भरहुत गांव में स्थित हैं। भरहुत गाँव में स्थित इस स्तूप के अवशेषों और शिल्पों की मौजूदगी इसकी प्रसिद्धी की गाथा को बायां करते है। भरहुत स्तूप शिल्प सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्थल हैं। भरहुत स्तूप बौध धर्म से सम्बंधित शुरुआती मान्यताओं और इतिहास से जुडी मूर्ती और कलाकृतियों को बताता हैं। भरहुत स्तूप पैरो के निशान, बोधि वृक्ष, धर्म चक्र और खाली सीट जैसे रोचक प्रतीकों के माध्यम से बौद्ध का प्रतिनिधित्व करता हैं।
भरहुत स्तूप पर्यटकों और ऐतिहासक स्थलों में रूचि रखने वालो के लिए एक आकर्षित स्थल हैं। भरहुत कला देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक इस स्थान पर आते हैं। दरअसल कुछ मायनो में भरहुत स्तूप साँची स्तूप से भी मेल खाता हैं। यदि आप भरहुत स्तूप के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
भरहुत स्तूप का इतिहास बहुत पुराना हैं जोकि सम्राट अशोक से जुड़ा हुआ हैं। स्तूप में स्थित मूर्तियां भारतीय और बौद्ध कला के शुरआती दौर का प्रतिनिधित्व करती हैं। जोकि 260 ईसा पूर्व के दौरान निर्माण किए गए सम्राट अशोक के (Sanchi And Bharhut Stupa) साँची स्तूप की रेलिंग दो की तरह ही निर्मित हैं। तोरण द्वार का निर्माण रेलिंग की तुलना में कुछ समय बाद किया गया था जिसको 100-75 ईसा पूर्व के लिए दिनांकित किया गया था। भरहुत स्तूप और इसकी कलाकृतियों से जुड़े के कई अवशेष वर्तमान समय में कोलकोता के भारतीय संग्रहालय में स्थित हैं। भरहुत स्तूप में बौद्ध धर्म 12 वीं शताब्दी तक जीवित रहा हैं। स्तूप के इतिहास से पता चलता हैं कि एक छोटा बौद्ध मंदिर 1100 ईस्वी के दौरान पुनिर्मित करके बड़ा किया गया था लेकिन वर्तमान यह मंदिर विलुप्त हो चुका हैं। यहाँ स्थित 1158 ईस्वी के शिलालेख लाल पहाड के शिलालेख से बिल्कुल अलग है और इन शिलालेख में कलचिरी राजाओं का उल्लेख मिलता है।
भरहुत स्तूप के निर्माण का श्रेय सम्राट अशोक को जाता हैं। लेकिन भरहुत स्तूप के कुछ कार्य जैसे प्रवेश द्वार और रेलिंग के निर्माण का श्रेय शुंग वंश को जाता हैं।
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भरहुत स्तूप एक ऐतिहासिक टूरिस्ट प्लेस हैं जोकि पर्यटकों के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय हैं। भरहुत मूर्तिकला देखने लायक हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हम अपने इस लेख में भरहुत स्तूप के आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी नीचे देने जा रहे हैं इसीलिए इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़े –
भरहुत स्तूप के आकर्षण में शामिल माँ शारदा देवी का मंदिर सतना के मैहर में स्थित हैं। माँ शारदा देवी का मंदिर यहाँ के लोकप्रिय धार्मिक स्थलो में से एक है। शारदा देवी मंदिर मध्य प्रदेश में त्रिकुटा पहाड़ी के ऊपर स्थित है। मंदिर में देवी माँ के दर्शन करने के लिए भक्तो को लगभग 1063 सीढ़ियाँ चढ़कर जाना होता हैं। हालाकि ऐसे तीर्थ यात्री जो चढ़ने में असमर्थ हैं उनके लिए रोपवे की व्यवस्था भी उपलब्ध हैं। मैहर के मंदिर के बारे में एक कथा प्रचलित हैं कि देवी सती शरीर को ले जाते समय उनका हार यहाँ गिर गया था जिससे इस स्थान को मैहर नाम से जाना गया। आल्हा उदल की कथा भी इसी मंदिर से जुडी हैं जिन्होंने सबसे पहले देवी माँ को शारदा नाम से पुकारा था। अब यह दर्शनीय पर्यटन स्थल दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों और भक्तो के लिए एक शानदार गंतव्य बन गया हैं।
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भरहुत स्तूप के पर्यटन स्थलों में से एक वेंकटेश मंदिर सतना के मुख्तारगंज के पास स्थित हैं और यह भगवान वेंकटेशवर को समर्पित हैं। वेंकटेश मंदिर का निर्माण सन 1876 में करबाया गया था। वेंकटेश मंदिर लाल पत्थर से निर्मित किया गया है और तालाब के पानी की लहरों के साथ आकर्षित दृश्य प्रस्तुत करता हैं। वेंकटेश मंदिर सतना को दक्षिण भारतीय मंदिरों के डिजाइन के अनुरूप बनाया गया था और माना जाता हैं कि इस मंदिर के निर्माण में लगभग 49 वर्ष का समय लग गया था और इसके निर्माण के लिए श्रमिक दक्षिण भारत से बुलाए गए थे। वेंकटेश मंदिर में आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में नरसिंह चतुर्दशी, जन्माष्टमी, गुरु पूर्णिमा, झूलन उत्सव, रामनवमी, शरद पूर्णिमा के अलावा बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
रामवन मंदिर सतना में रीवा रोड पर स्थित एक दर्शनीय स्थल हैं। रामवन मंदिर यहां के प्राचीन अवशेषों का निवास स्थल माना जाता है। यहां के प्रमुख मंदिरों में हनुमान मंदिर खास हैं और मंदिर के आसपास की हरियाली और सुन्दर वातावरण पर्यटकों को शांति का अनुभव की अनुभूति कराता हैं। रामवन में स्थित तुलसी संग्रहालय प्राचीन मंदिरों में स्थित मूर्तीयों को संरक्षित किए हुए हैं। सतना में घूमने वाली जगहों में रामवन मंदिर एक शानदार स्थान हैं।
सतना का दिल माना जाने वाला स्थान पन्नीलाल चौक शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक है। पन्नीलाल चौक पर निरंतर उमड़ती हुई भीड़भीड़ के साथ शोपिंग करना, घूमना और स्ट्रीट-स्मैकिंग स्ट्रीट फूड जैसी दिलचस्प गतिविधियां इस स्थान को बहुत खास बना देती हैं। पन्नीरलाल चौक पर सभी प्रकार की दुकान उपलब्ध हैं यहाँ से आप थोक और फुटकर हर तरह का माल खरीद सकते हैं।
भरहुत स्तूप के पर्यटन स्थलों में शामिल माधवगढ़ का किला सतना के विभिन्न धार्मिक स्थलों के अलावा एक शानदार पर्यटन स्थल हैं जोकि लगभग 400 पुराना माना जाता हैं। माधवगढ़ का एतिहासिक किला पर्यटकों के लिए आकर्षित संरचना है। इस किले का निर्माण माधोसिंह जी करवाया था और यह किला सन 2000 के दौरान ठाकुर भवानी सिंह जी द्वारा हेरिटेज होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया हैं। माधवगढ़ के किले को सन 1787 हुई मराठों की लड़ाई के लिए सबसे अधिक याद किया जाता है। माधवगढ़ का किला पर्यटकों द्वारा भारी संख्या में देखा जाता हैं।
भरहुत स्तूप की यात्रा पर आने वाले पर्यटक जगत देव तालाब सतना घूमने जरूर जाते हैं। जगत देव तालाब या जगत देव झील मानव निर्मित जलाशय हैं। जगत देव तालाब सतना के प्रसिद्ध शिव मंदिर झील के किनारे पर स्थित है और इसके नजदीक कुछ अन्य पूजानीय स्थल पशुपति नाथ मंदिर, श्री रघुवीर मंदिर, डाली बाबा आदि भी हैं। इसके अलावा 450 साल से भी अधिक पुराने सत्यनारायण मंदिर, बम्होरी में जैतवार के हनुमान जी का मंदिर, राम जानकी मंदिर, धवरी के साईं बाबा मंदिर आदि शामिल हैं।
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भरहुत स्तूप मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित हैं और यहाँ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता हैं। क्योंकि सर्दियों के मौसम में पर्यटकों को भरहुत स्तूप घूमने में किसी तरह की कोई परेशानी नही होती हैं। हालाकि आप किसी अन्य मौसम में भी भरहुत स्तूप की यात्रा पर जा सकते हैं।
भरहुत स्तूप की यात्रा के दौरान हम मध्य प्रदेश राज्य और सतना जिले के स्थानीय प्रसिद्ध भोजन को भी चख सकते हैं। जोकि बहुत ही स्वादिष्ट होता हैं और पर्यटकों को अपनी ओर खीचता हैं। सतना में पर्यटकों को कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन मिल जाते हैं। सतना के स्थानीय भोजन में लिट्टी, चोखा, मोठ्दाल नमकीन, शिकांझी, आम का अचार, दही भल्ला, फलहारी पोटेटो छिवडा, छोला बर्गर और बदाम मिल्क के अलावा भी दाल-बाटी जैसे स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ़ आप यहाँ उठा सकते हैं।
भरहुत स्तूप और इसके पर्यटन स्थलों पर घूमने के बाद यदि आप यहाँ रुकना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि सतना में लो-बजट से लेकर हाई-बजट की रेंज में होटल उपलब्ध हैं। होटल का चुनाव आप अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं।
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भरहुत स्तूप जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
भरहुत स्तूप की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि भरहुत स्तूप जाने के लिए आपको सतना एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट लेने होगी। सतना हवाई अड्डे से भरहुत स्तूप की दूरी सिर्फ लगभग 23 किलोमीटर हैं। इसीलिए एयरपोर्ट पहुचने के बाद आप बस, टेक्सी या अन्य स्थानीय साधनों की मदद से भरहुत स्तूप पहुच सकते है।
भरहुत स्तूप की यात्रा के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि सतना का अपना रेलवे स्टेशन हैं। सतना रेलवे जंक्शन देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हैं। भरहुत स्तूप से सतना रेल्वे की दूरी लगभग 2 किलोमीटर हैं।
भरहुत स्तूप मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित हैं और सतना जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि भरहुत स्तूप सड़क मार्ग के माध्यम से आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए आप बस के माध्यम से भी भरहुत स्तूप आसानी से पहुँच जाएंगे।
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इस लेख में आपने भरहुत स्तूप और इसके आसपास घूमने की जगहें के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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