Dholpur Tourism In Hindi, धौलपुर राजस्थान राज्य के पूर्व में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने लाल रंग के सैंडस्टोन के लिए प्रसिद्ध है। धौलपुर राजस्थान का एक ऐसा जिला है जो अपने मजबूत इतिहास के साथ ही अपने कुछ खास पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। बता दें कि 1982 में राजस्थान का एक जिला बना था। इससे पहले इसे धवलगिरि और बाद में धौलागिर के नाम से जाना जाता था। महाभारत के महाकाव्य युद्ध से पहले इस जगह पर यादवों का शासन था। 8 वीं और 10 वीं शताब्दी के बीच धौलपुर चौहानों के शासन में आया और 1194 तक धौलपुर मोहम्मद गौरी के नेतृत्व में था। पानीपत की लड़ाई के बाद यह क्षेत्र मुगलों द्वारा जीत लिया गया था।
धौलपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अपने घने जंगलो के लिए जाना जाता है। बता दें कि मुगल शासक धौलपुर से इतना आकर्षित हुआ था कि उसने इस शहर को अपनी राजधानी बनवाने के लिए कई महल बनवाए थे। लेकिन बाद में उसने स्थानीय लोगों द्वारा नाराज होने के बाद यह जगह छोड़ दी और फतेहपुर सीकरी की स्थापना की। अगर आप धौलपुर के पर्यटन स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको राजस्थान के धौलपुर जिले के इतिहास और इसके कुछ खास पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं –
राजस्थान का धौलपुर जिला अपने मजबूत इतिहास के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि इसका इतिहास बुद्ध के काल का है,उस दौरान धौलपुर को मत्स्य जनपद में शामिल किया गया था। इसके बाद मौर्य शासन के दौरान इसे मौर्य साम्राज्य में शामिल किया गया था। इसके बाद भी यह कई शासकों के शासन में आया था। 8 वीं से 10 वीं शताब्दी के दौरान धौलपुर पर राजपूतों का शासन रहा था। इसके बाद वर्ष 1194 में यह मोहम्मद गौरी के अधीन रहा था। ऐसा माना जाता है कि धौलपुर का नाम धवलपुरी उस समय पड़ा जब तोमर शासक धोलन देव तोमर ने यहां शासन किया और उनकी के नाम पर इसका नाम पड़ा। धोलन देव ने 700 ईस्वी में इस शहर की स्थापना की थी।
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धौलपुर भारत के राज्य राजस्थान में ग्वालियर और आगरा के बीच लगभग स्थित है। आपको बता दें कि भले ही यह एक छोटा सा शहर है लेकिन आस-पास के शहरों के पर्यटकों के लिए एक दिन की यात्रा का बहुत अच्छा स्थान है। धौलपुर में कुछ प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहें हैं।
रामसागर अभयारण्य धौलपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो जलीय प्रजातियों की अपनी विस्तृत विविधता के लिए जाना जाता है। यह अभ्यारण्य रामसागर झील के आस-पास स्थित है, जिसमें कई प्रकार के साँप, मगरमच्छ और विभिन्न दुर्लभ मछली पाई जाती है। यहां पर पर्यटक स्टिल्ट, कॉर्मोरेंट्स, व्हाइट-ब्रेस्टेड वाटर हेन, डार्टर, हेरोन्स, रिंग्ड प्लोवर। रिवर टर्न, म्यूरेन, इबिस, सैंड पाइपर और जैकॅना जैसी वाटर बर्ड्स भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां ठंड के मौसम के दौरान वासी बतख और गीज की विस्तृत विविधता भी देखी जा सकती है। अगर आप धौलपुर की यात्रा करते हैं तो आपको रामसागर अभयारण्य पर्यटन स्थल की यात्रा जरुर करना चाहिए।
मचकुंड मंदिर धौलपुर 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक धार्मिक स्थल है जिसकी अपनी एक अलग पौराणिक कथा है। बता दें इस मंदिर में भक्तों की बहुत गहरी आस्था है। इस मंदिर के बीच में एक पानी की टंकी है, जो अपने चारों तरफ से कई मंदिरों से घिरी हुई है। मचकुंड का नाम सूर्यवंशी राजवंश के संबंधित 24 वें राजा प्रख्यात राजा मच्छ कुंड के नाम पर पड़ा है, जिनके बारे में बताया जाता है कि उन्होंने भगवान राम से पहले 9 पीढ़ियों तक शासन किया था। मचकुंड मंदिर बेहद प्रमुख है क्योंकि इसका उल्लेख श्री मदभागवत और पुराणों में भी किया गया है। अगर आप धौलपुर की यात्रा करने का प्लान बना रहें हैं तो आपको इस मंदिर को अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
शेरगढ़ का किला धौलपुर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है जो राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के पास चंबल नदी के तट पर धौलपुर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शेरगढ़ का किला एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है जिसका निर्माण शेरशाह सूरी द्वारा 1540 ई में करवाया था। आपको बता दें कि यह किला मालवा और ग्वालियर पर कब्जा करने की चाह रखने वाले आक्रमणकारी के लिए एक बाधा के रूप में खड़ा हुआ था। अगर आप धौलपुर की यात्रा करने जा रहें हैं तो अपनी यात्रा के कुछ पल इस किले में बिता सकते हैं। इस खूबसूरत किले में पूर्व द्वार से मुख्य द्वार के साथ चार द्वार हैं। किले के अंदर आप एक हनुमान मंदिर, एक मकबरा, महल की इमारत और अन्य खंडहर संरचनाएं भी देख सकते हैं। अगर आप एक इतिहास प्रेमी हैं तो आपको शेरगढ़ किले की यात्रा जरुर करना चहिए।
तालाब-ए-शाही धौलपुर से लगभग 27 किलोमीटर और धौलपुर के बाहरी शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि तालाब-ए-शाही एक सुरम्य झील है, जिसका निर्माण 1617 ई में राजकुमार शाहजहाँ के लिए शूटिंग लॉज के रूप में किया गया था। यहां पर पर्यटक कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। अगर आप धौलपुर की यात्रा कर रहे नहीं तो इस पर्यटन स्थल को जरुर कवर करना चाहिए।
तालाब-ए-शाही झील के बगल में खानपुर महल भी स्थित है जिसका निर्माण शाहजहाँ के लिए लिए करवाया गया था। आपको बता दें कि यह बहुत सुंदर महल है लेकिन इसका उपयोग कभी नहीं किया गया था। झील और महल धौलपुर के शासकों द्वारा बनाए रखा गया था। अगर आप धौलपुर जिले की यात्रा कर रहे हैं तो खानपुर महल और तालाब-ए-शाही को अपनी यात्रा में जरुर शामिल करें।
वन विहार वन्यजीव अभयारण्य विंध्यन पठार पर स्थित है जो 60 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आपको बता दें कि इस इस अभ्यारण्य में चीतल, सांभर (हिरण), तेंदुआ, ब्लू बुल, और जंगली भालू हाइना विभिन्न जानवरों को देखा जा सकता है। यह अभयारण्य अपनी अपार सुंदरता के लिए जाना जाता है और ढोक के पेड़ों से घिरा हुआ है। अगर आप धौलपुर की यात्रा करते हैं तो आपको इस अभयारण्य की यात्रा जरुर करना चाहिए।
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चोपड़ा शिव मंदिर 18 वीं शताब्दी के दौरान निर्मित धौलपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान शिव को समर्पित है। हर साल महा शिवरात्रि पर मार्च के महीने के दौरान मंदिर में भक्तों की और तीर्थयात्रियों की बड़ी भीड़ रहती है। चोपड़ा शिव मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। आपको इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए। धौलपुर बस स्टैंड से रिक्शा किराए पर लेकर आप इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
धौलपुर पैलेस राजस्थान का एक ऐतिहासिक, विरासत स्थल है जो 19 वीं शताब्दी के बाद शुरू हुआ था। आपको बता दें कि धौलपुर पैलेस को राज निवास पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। धौलपुर पैलेस का निर्माण लाल रंग बलुआ पत्थर से किया गया है। जो भी इस महल को देखता है वो इसकी तरफ आकर्षित हो जाता है। अपने लाल रंग बलुआ पत्थर के वर्क की वजह से यह देश के बाकी महलों से बिलकुल अलग दिखाई देता है। इस महल को अब पर्यटकों के लिए होटल के रूप में बदल दिया गया है। अगर आप धौलपुर की यात्रा करते हैं तो आप इस महल में ठहरकर एक शानदार अनुभव ले सकते हैं।
चंबल नदी को देश की सबसे सुंदर और अप्रदूषित नदियों में से एक माना जाता है। आपको बता दें कि इस नदी में विभिन्न प्रकार के जीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। राष्ट्रीय चंबल (घड़ियाल) वन्यजीव अभयारण्य को 1978 में स्थापित किया गया था जो दुर्लभ गंगा नदी की डॉल्फिन का घर है। यह अभयारण्य 5400 वर्ग किलोमीटर को करता है और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फैला हुआ है। नदी डॉल्फिन के अलावा यह अभयारण्य घड़ियाल, मगरमच्छ और साइबेरिया के कई प्रवासी पक्षियों का भी घर है। अगर आप धौलपुर के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने जा रहें हैं तो इस अभ्यारण्य की सैर करना न भूलें।
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भले ही धौलपुर एक दिन की यात्रा के रूप में पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है, लेकिन इस शहर में पर्यटकों के लिए कई होटल (शानदार और बजट दोनों) हैं जो लोग इस शहर में रुकना चाहते हैं उनके लिए धौलपुर में जगन होटल, राज निवास पैलेस और जया पैलेस जैसे कुछ प्रसिद्ध होटल हैं।
धौलपुर राजस्थान के पूर्वी भाग में स्थित है और यह देश के सबसे अधिक तापमान वाले स्थलों के रूप में जाना जाता है। धौलपुर में गर्मियां मई और जून के महीनों में होता है, इस दौरान यहां का तापमान काफी ज्यादा होता है। गर्मी के दौरान यहां का 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है। आपको बात दें कि 3 जून 1995 को उच्चतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। दिसंबर और जनवरी के दौरान यहां का मौसम काफी ठंडा होता है। इस दौरान यहां का तापमान कभी-कभी शून्य स्तर तक पहुँच जाता है। 29 जनवरी 1990 को धौलपुर में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया – 4.3 डिग्री सेल्सियस। धौलपुर में यात्रा करने के सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के महीनों के बीच का है।
धौलपुर पहुंचने के लिए कई तरीके हैं, आप हवाई, सड़क और रेल मार्ग से धौलपुर पहुंच सकते हैं। धौलपुर भारत के प्रमुख शहरों से रेल, सड़क और फ्लाइट द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कोई भी पर्यटक आगरा या ग्वालियर जैसे शहरों से आसानी से धौलपुर पहुंच सकता है।
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अगर आप धौलपुर की यात्रा सड़क मार्ग से करना चाहते हैं तो बता दें कि कोई भी पर्यटक दिल्ली, ग्वालियर और आगरा जैसे शहरों से टैक्सी या बस ले सकता है। यहां राज्य में कई सरकारी बसें हैं जो धौलपुर से प्रतिदिन चलती हैं।
अगर आप धौलपुर जाने के लिए हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि इस शहर का निकटतम घरेलू हवाई अड्डे ग्वालियर में और आगरा में खेरिया हवाई अड्डे हैं। यह दोनों हवाई अड्डे धौलपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां पर कई निजी एयरलाइन कंपनियां हवाई अड्डों और उड़ानों दोनों से काम करती हैं। इन हवाई अड्डों से आप टैक्सी किराये पर लेकर पहुँच धौलपुर पहुंच सकते हैं।
अगर आप रेल मार्ग द्वारा धौलपुर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि धौलपुर रेलवे स्टेशन है। दिल्ली, अमृतसर, मुंबई, ओखा और झांसी जैसे बड़े शहरों से चलने वाली ट्रेन धौलपुर के लिए चाहती हैं। आप रेल द्वारा धौलपुर की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने धौलपुर का इतिहास और इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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