Achanakmar Tiger Reserve in Hindi : अचनकमार टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मुंगेली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। एक उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन के रूप में वर्गीकृत, अचनकमार टाइगर रिजर्व सबसे विविध वनस्पतियों और बाघों सहित कई वन्यजीव प्रजातियों का घर है। यह बाघ अभयारण्य अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है, इसलिए, यहाँ विभिन्न औषधीय पौधों की 600 से अधिक प्रजातियाँ भी पाई जाती है। 2009 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया जो 557Sq किलोमीटर से अधिक एरिया में फैला हुआ है। इस रिजर्व के केंद्र से सुंदर मणियारी नदी बहती है जो इस अभयारण्य की जीवन रेखा है। कुल मिलाकर यह अभयारण्य बाघों के लिए आश्रय स्थल होने के साथ साथ राज्य का महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है जो हर साल बड़ी संख्या में देश विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
यदि आप भी अचनकमार टाइगर रिजर्व की ट्रिप को प्लान कर रहे है या फिर इसके बारे में और अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो नीचे दी गई जानकारी को पूरा जरूर पढ़े –
अचानकमार टाइगर रिजर्व के इतिहास के बारे में बात करें तो इस टाइगर रिजर्व को सन 1975 में भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था। जबकि इसकी स्थापना के लगभग 34 साल बाद सन 2009 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इसे टाइगर रिजर्व के रूप घोषित कर दिया गया था।
अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है जो मुख्यतः टाइगरर्स के संरक्षण के लिए जाना जाता है। लेकिन यदि हम अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य में पाये जाने वाले वन्यजीवों की बात करें तो यहाँ बंगाल के बाघों और तेंदुओं के अलावा, जंगली बाइसन, गिलहरी, चिंकारा, और काले हिरन जैसे वन्यजीवों को यहाँ देखा जा सकता है। यही नही कई अलग-अलग प्रजातियों के बंदर, लकड़बग्घा, चीतल, सांभर हिरण, जंगली कुत्ते, उड़ने वाली गिलहरी और 150 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ भी इस टाइगर रिजर्व में मौजूद है जिन्हें अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा के दौरान देखा जा सकता है।
लगभग 557 वर्ग किलोमीटर से अधिक एरिया में फैला हुआ अचानकमार टाइगर रिजर्व अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है जहाँ बीजा, साल, सागौन, धवारा, खमर, साजा जैसे पेड़ो के साथ साथ 600 से अधिक औषधीय पौधे की प्रजातियाँ भी पाई जाती है। मणियारी नदी इस अभयारण्य से होते हुए बहती है जिसके किनारे बड़ी मात्रा में हरे भरे पेड़ पौधे मौजूद है।
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1975 में स्थापित अचनकमार टाइगर रिजर्व बेहद आकर्षक वन्यजीव अभयारण्य है जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और वन्यजीव प्रजातियों के लिए जाना जाता है। 557 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए इस पार्क में एक छोटी ट्रेक के माध्यम से पर्यटक इसकी जैव विविधता और इसकी प्राकृतिक सुन्दरता को बेहद करीब से महसूस कर सकते है। अभयारण्य इसकी विविध जैव विविधता और प्राकृतिक सुन्दरता के साथ आपको आश्चर्यचकित करने का वादा करता है अचनकमार टाइगर रिजर्व की यात्रा में आपको कई ऐसे दृश्य देखने को मिल सकते है जो आपके लिए नए और अनूठा अनुभव प्रदान कर सकते है। इस वन्यजीव अभयारण्य के परिसर में एक रेस्तरां, कॉफी हाउस और अन्य सुविधाएं भी हैं। इनके साथ साथ यहाँ एक वन कॉटेज और रिसॉर्ट हैं जो आगंतुकों को आवास प्रदान करते हैं।
अगर आप अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य गये और सफारी को एन्जॉय नही किया तो भला क्या किया। कहते है जंगल सफारी के बिना अचनाकमार टाइगर रिजर्व की यात्रा अधूरी रहती इसीलिए अगर आप वहां यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अपनी सफारी को पहले से बुक करना न भूलें। अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य में सफारी आपको यहाँ पाये जाने वाले वन्यजीवों और प्राकृतिक सुन्दरता को करीब से महसूस करने का अवसर प्रदान करती है। बता दे आप जब भी यहाँ आयेंगें आपको सफारी के दो विकल्प मिलेगे जीप सफारी और बस सफारी। आप इन दिनों में से किसी को भी सिलेक्ट करके अपनी ट्रिप को एन्जॉय कर सकते है।
2000 रूपये से 3000 रूपये तक (जिसमे छह पर्यटक, एक गाइड और एक ड्राइवर शामिल होता है)
यदि आप अचानकमार टाइगर रिजर्व की यात्रा पर जाने वाले है, तो किसी भी दुर्घटना और परेशानी से बचने के लिए नीचे दिए इन टिप्स को अपनी यात्रा के दौरान अवश्य फोलो करें –
अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य मानसून के मौसम के दौरान बंद रहता है। इसीलिए पर्यटक सितम्बर से जून के बीच अचानकमार टाइगर रिजर्व घूमने जा सकते है। लेकिन यदि हम अचानकमार टाइगर रिजर्व घूमने के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें तो नवंबर से अप्रैल के बीच का समय अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। सर्दियों के महीने में इस अभयारण्य का मौसम काफी सुखद और आरामदायक होता है। इसके अलावा सर्दियों का समय ऐसा समय भी होता है जब अक्सर वन्यजीव धूप सेकते हुए नजर आते है।
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यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे हैं तो जान लें अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य में तीन गेस्टहाउस है जिनमे आप अपनी ट्रिप में रुक सकते है। अचनकमार, सुरही और लामनी चपरवा के रूप में नामित इन गेस्टहाउस में पर्यटकों के लिए बहुत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन गेस्टहाउस के अलावा इस अभयारण्य में रेस्तरां भी है, जो सुनिश्चित करता है कि पर्यटकों को जंगल के अंदर स्थानीय खाद्य पदार्थों का स्वाद मिल सके।
अचानकमार टाइगर रिजर्व की ट्रिप पर जाने वाले टूरिस्ट फ्लाइट, ट्रेन या रोडवे में से किसी भी ट्रेवल करके आसानी से अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य पहुच सकते है
तो आइये नीचे डिटेल में जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन और रोडवे से अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य केसे जायें –
यदि आपने अचानकमार टाइगर रिजर्व घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो जान लें अचानकमार टाइगर रिजर्व का निकटतम एयरपोर्ट रायपुर में है, जो अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरपोर्ट गुवाहाटी, नई दिल्ली, कोलकता, जैसे सभी प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
फ्लाइट से ट्रेवल करके एयरपोर्ट पहुचने के बाद वहाँ से आप कार, टेक्सी या बस से ट्रेवल करके लगभग 5 – 6 घंटे में अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से ट्रेवल करके अचानकमार टाइगर रिजर्व की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे अचानकमार टाइगर रिजर्व के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टिविटी भी नहीं है। अचानकमार टाइगर रिजर्व के निकटतम रेलवे स्टेशन बिलासपुर रेलवे स्टेशन है जो अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ट्रेन से ट्रेवल करके बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य जाने के लिए आप बस या एक टेक्सी बुक करके जा सकते है ।
अचानकमार टाइगर रिजर्व सड़क मार्ग के माध्यम से छत्तीसगढ़ के आसपास के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यदि आप पास के शहरों से अचानकमार टाइगर रिजर्व की यात्रा कर रहे हैं, तो सेल्फ-ड्राइविंग करना या टेक्सी किराए पर लेना सबसे उपयुक्त है।
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इस आर्टिकल में आपने अचानकमार टाइगर रिजर्व की ट्रिप से रिलेटेड इन्फोर्मेशन को डिटेल में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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