भारत दुनिया में सबसे सुंदर, विविध, प्रसिद्ध मंदिरों में से कुछ का घर है। भारत के लोग बिना किसी बाधा के अपने धर्म का पालन करते हैं। यही कारण है कि देश के हर कोने में आपको किसी भी धर्म का पूजा स्थल मिल जाएगा। जैसे की हम किसी भी धर्म को मानने और सिर्फ किसी मंदिर में जाने के लिए बाध्य नही है।
लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुछ ऐसे मंदिर और तीर्थ स्थल मौजूद हैं जहाँ महिलायों के प्रवेश पर पूर्णत पाबंदी हैं, और इन मंदिरों में महिलायें प्रवेश नही कर सकती हैं। ये खबर थोड़ी हैरान और आश्चर्यचकित कर देने वाली है की हमारे इस स्वतंत्र सविधान में ऐसा भी हो सकता है। लेकिन यह खबर पूरी सत्य है, और आये समय इनका महिलायों द्वारा कड़ा विरोध और निंदा भी की जाती है। तो आइये आज हम यहाँ अपने लेख भारत के कुछ ऐसे ही मंदिरों और तीर्थ स्थलों के बारे में जानते हैं-
शनि शिंगनापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शनि के लिए प्रसिद्ध है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे आज भी यहां एक काले पत्थर में निवास करते हैं। यह मंदिर हर साल बड़ी मात्रा में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। लेकिन आपकी जानकरी के लिए बता दे कि महिलाओं को 400 से अधिक वर्षों के लिए शनि मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। इस मंदिर में सिर्फ पुरुष श्रद्धालु ही शनि महाराज के दर्शन कर सकते थे। जिसका महिलायों द्वारा कड़ा विरोध भी किया गया। और 8 अप्रैल 2016 में इस परंपरा के खिलाफ विरोध किये जाने के बाद इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति मिली है।
सबरीमाला दक्षिण भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। सबरीमाला मंदिर केरल राज्य में सह्याद्रि पर्वतमाला से घिरे हुए पथानामथिट्टा (Pathanamthitta) जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदू ब्रह्मचर्य देवता अयप्पन को समर्पित है। सबरीमाला मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं को 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है। चूंकि पीरियड के कारण महिलाएं ये व्रत पूरा नहीं कर पाती हैं, इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। और यही मुख्य कारण है की सबरीमाला मंदिर में महिलायों प्रवेश नही कर सकती हैं।
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श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है इस मंदिर में भी सबरीमाला मंदिर की तरह महिलायों का प्रवेश वर्जित है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर त्रावणकोर शासक श्री मूलम थिरुनल के शासन के दौरान निर्मित किया गया था। और तभी से मंदिर में महिलायों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
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माँ कामाख्या या कामेश्वरी को इच्छा की देवी कहा जाता है। कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर उत्तर पूर्व भारत में असम राज्य की राजधानी गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में स्थित नीलाचल पहाड़ी के मध्य में स्थित है। मां कामाख्या देवालय को पृथ्वी पर 51 शक्तिपीठों में सबसे पवित्र और सबसे पुराना माना जाता है। मंदिर की दिलचस्प बात यह है की मंदिर माता की पूजा के लिए कोई मूर्ति स्थापित नही है बल्कि मंदिर परिसर में योनि के आकार की एक समतल चट्टान है जिसकी पूजा की जाती है। और इसी बजह से महिलायों को मासिक धर्म के दौरान मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है।
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पीर हाजी अली दरगाह भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ प्रतिबर्ष सभी धर्मो के लाखों लोग पीर हाजी अली शाह की कब्र पर चादर चढाने के लिए एकत्रित होते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है की जहाँ इस पवित्र स्थल पर हर साल लाखो श्रद्धालु आते है लेकिन दूसरी तरफ महिलायें इस दरगाह में प्रवेश नही कर सकती हैं। दरगाह में महिलायों का प्रवेश प्राचीन से प्रतिबंधित था और इसे कुछ समय के लिए हटा दिया गया था। लेकिन यह प्रतिबंध 2011-2012 के बीच फिर से लगा दिया गया था। दरगाह के ट्रस्टियों और मोलायों का मानना है कि इस्लाम महिलाओं को मुस्लिम संत की कब्र के आसपास आने की अनुमति नहीं देता है।
पुष्कर में स्थित ब्रम्हा मंदिर ब्रम्हा जी को समर्पित एक मात्र मंदिर है। और कार्तिकेय मंदिर प्रसिद्ध ब्रम्हा मंदिर परिसर का एक हिस्सा है। जिसमे महिलायों को जाने के अनुमति नही है। माना जाता है कार्तिकेय भगवान ब्रह्मचारी ईश्वर है इसीलिए अगर कोई महिला कार्तिकेय मंदिर में प्रवेश करती है तो वह क्रोधित हो जाते है। और अगर कोई महिला प्रार्थना करने की कोशिश करती है। तो कार्तिकेय भगवान महिला को शाप देता है भले ही महिला के इरादे सबसे अच्छे क्यों ना हों।
मंगल चंडी मंदिर भारत के उन चुनिन्दा मंदिरों में से एक है जहाँ महिलायों का प्रवेश प्रतिबंधित हैं। मंगल चंडी मंदिर एक महिला देवी का घर है, फिर भी महिलाओं को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। झारखंड का यह 200 साल पुराना मंदिर केवल मंदिर में आने वाले पुरुषों के प्रसाद को ग्रहण करता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर महिलाएं इस मंदिर में देवी की पूजा करती हैं तो इससे देवी नाराज हो सकती हैं और दुर्भाग्य ला सकती हैं।
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