Vaishno Devi Yatra Trip In Hindi : चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है। माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान चाहे छोटे बच्चे हो या वृद्ध, गरीब हो या अमीर हर किसी ने इस जाप (chanting) को सुना है। यह वैष्णो देवी का गुणगान है जो भारत में सदियों से बोला जा रहा है। इसे श्रद्धालु सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माँ वैष्णो देवी का मंदिर के दर्शन करते समय बोलते हैं। एक बड़ी प्रसिद्ध मान्यता है कि जब आप वैष्णो देवी माता के नाम की आवाज़ सुनते हैं तभी आप उन के दर्शन करने के लिए कठिन से कठिन यात्रा को भी को पूरा करने में सक्षम होते हैं।
माँ वैष्णों देवी जहाँ शायद हम मे से कई सारे लोग या तो जाना चाहते हैं या फिर ऑलरेडी जा चुके हैं या आपके दोस्त या रिश्तेदार वहां से आपके लिए प्रसाद लायें हैं। हम सब ने माता वैष्णों देवी के दर्शन के बारे में अपने जान पहचान वालों से सुना है जैसे की वहां जाने में कितनी कठिनाई होती है, या हेल्थ टेस्ट पर कितने लोगो को जाने से रोक दया जाता है या फिर कभी किसी को गुफा के अन्दर सांस लेने में दिक्कत हुई हो या फिर कन्जेस्टेड महसूस हुआ हो। कोई भी तकलीफ हो, बस एक बार माता के दर्शन हो जाने पर हम इसे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि से कम नहीं मानते।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर जम्मू और कश्मीर के कटरा नामक जगह पर करीब 5,200 फीट ऊंचाई पर स्थित है। माँ वैष्णो देवी का मंदिर में माँ आदिशक्ति के तीन रूप है महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली। यह एक गुफा मंदिर है जिसके अंदर कुल 4 मंदिर हैं।
वैष्णो देवी जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि माता रानी, त्रिकुटा, वैष्णवी- यह सभी माता आदिशक्ति की अभिव्यक्ति है। भारत में माता आमतौर पर माताओं के लिए पुकारा जाता है इसलिए इसको वैष्णो देवी के नाम के साथ भी जोड़ा गया है। माँ वैष्णो देवी का मंदिर एक हिंदुओं का मंदिर है और यह कटरा में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित है जो कि भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में आता है। माँ वैष्णो देवी का मंदिर या भवन कटरा से 13.5 किलोमीटर दूर है और यहां पहुंचने के कई साधन है जिसमें की पोनी, इलेक्ट्रिक कार, पालकी- जिसे चार लोग उठाते हैं और हेलीकॉप्टर की भी सर्विस उपलब्ध है जो की कटरा से संजीछत तक के लिए मिल सकती है और यह कटरा से सिर्फ 9.5 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है।
एक प्रसिद्ध प्राचीन मान्यता के अनुसार माता वैष्णो देवी ने अपने परम भक्त श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी मदद करी थी ताकि वह भिक्षुक और भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन कर सके। माता वैष्णो देवी उसके भंडारे में बालिका के रूप में पहुंची और वहां भक्तों में शामिल हुए एक राक्षस भैरव नाथ का वध करने के लिए उसे त्रिकुटा पहाड़ियों पर ले गई।
जब भैरवनाथ का वध हुआ तो उसका सर वहां से 2.5 किलोमीटर दूर जाकर गिरा, जिसे भैरव घाटी के नाम से जाना हैं। भैरवनाथ ने मरने से पहले माता से माफी मांगी तो माता ने उससे कहा कि तुम्हें मोक्ष तभी मिलेगा जब मेरे दर्शन करने के बाद भक्त तुम्हारे मंदिर के दर्शन करने आएंगे। बाद में श्रीधर को माता वैष्णो देवी ने अपने दर्शन त्रिकुटा पर्वत की गुफा में दिए।
एक दूसरी मान्यता के अनुसार, माता वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्नाकर सागर के यहां जन्म लिया था। उनका नाम त्रिकुटा रखा गया।
माता वैष्णो देवी ने अपने पिता से समुद्र के किनारे तपस्या करने की इच्छा जाहिर की और तपस्या में भगवान शिव की प्रार्थना की। सीता की खोज कर रहे श्रीराम को बलिका के रूप में माता वैष्णो मिली। माता ने श्रीराम को बताया कि उन्होंने राम को पति के रूप में स्वीकार किया है लेकिन राम ने कहा वे सीता को वचन दे चुके हैं इसीलिए वे कलियुग में कल्कि के रूप में प्रकट होंगे और वैष्णो देवी से विवाह करेंगे।
श्री राम ने ही माता वैष्णो देवी से उत्तर में जाकर ध्यान में लीन होने के लिए कहा और माता वैष्णो देवी ने रावण पर राम की विजय प्राप्त होने पर नवरात्र मनाने का निर्णय किया। श्री राम ने वचन दिया कि सारे संसार में मां वैष्णो देवी की पूजा की जाएगी।
वैष्णो देवी की यात्रा कटरा से शुरू होती है और इसमें 13 किलोमीटर की चढ़ाई होती है। कटरा से 1 किलोमीटर दूर बाणगंगा है जहां माता ने अपनी प्यास बुझाई थी और 6 किलोमीटर पर अर्धकुमारी में एक पवित्र गुफा है। यात्रा के लिए यात्रियों को टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर कटरा बस स्टैंड में स्थित यात्रा रेजिसट्रेशन काउंटर से यात्रा स्लिप लेनी पड़ती है। यह स्लिप् निशुल्क मिलती है। आप यहां से कैप, कैनवास शूज, स्टिक आदि सामान किराए पर ले सकते हैं। आपके सामान को ले जाने के लिए आप एक पिट्ठू भी कर सकते हैं।
कटरा में आपको रहने के लिए कई सारे साधन मिल जाएंगे जिसमें कि बोर्ड के द्वारा आवास, होटल, धर्मशाला, और सरकार द्वारा बनाए गए आवास शामिल हैं। हालांकि भवन में केवल सांझीछत और अर्धकुमारी श्राइन बोर्ड के ही आवास उपलब्ध है। इसके अलावा निशुल्क आवास के तौर पर बड़े-बड़े हॉल भी में बनाए गए हैं। आप डॉरमेट्री और किराय के रूम में भी रुक सकते हैं। इनके लिए आपको पहले से रिजर्वेशन करना पड़ेगा।
भवन में गर्मियों के महीने में तापमान मध्यम रहता है जबकि सर्दियों के सीजन में इसका तापमान शून्य के नीचे जाता है। इसके अलावा मानसून सीजन में तेज बारिश होती है। पवित्र मंदिर में टेंपरेचर 30 डिग्री सेल्सियस से लेकर -5 डिग्री सेल्सियस हो सकता है। ठंड के मौसम में यहां जाना बहुत मुश्किल हो सकता है क्योंकि दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में माता के भवन में भारी स्नोफॉल (बर्फबारी) होती है इसीलिए श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने साथ गर्म कपड़े लेकर जाएं अगर वे सर्द मौसम में देवी के दर्शन करने को जाते हैं। अक्टूबर से लेकर मार्च तक के महीने तक आपको वहां गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस हो सकती है। मई से लेकर सितंबर तक यहां मौसम काफी अच्छा रहता है जब सूती कपड़े भी पहने जा सकते हैं।
वैसे तो माँ वैष्णो देवी का मंदिर में कई सारी रुकने के स्थान है लेकिन फिर भी भारी संख्या में श्रद्धालु होने पर शायद आपको कॉरिडोर या जहाँ जगह मिले वहां ही सोना पड़ सकता है। आपको भवन में ब्लैंकेट आराम से किराए पर मिल जाएंगे। यहां कई सारे क्लॉक रूम उपलब्ध है जहां आप अपना कीमती सामान जमा कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे आपको अपना वॉलेट, फोन, कंघी, बेल्ट या कोई भी चमड़े की वस्तु दर्शन के पहले जमा करनी पड़ेगी।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर की यात्रा आप साल में एक या दो बार कर सकते हैं। यह एक अद्भुत जगह है और अगर आपको अपनी ऊर्जा पर पूरा विश्वास है तो आपको माता के दर्शन बहुत अच्छे से होंगे। जम्मू और कश्मीर में पहुंचने के लिए आपको ट्रेन या फ्लाइट करनी पड़ेगी। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं को कई सारी सुविधाएं दे रखी है। आप जम्मू पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन से 500 मीटर दूर स्तिथ रूम और डॉरमेट्री (आवासी स्थल) में अपना रूम बुक करा सकते हैं।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर के दर्शन करने के लिए आप रेलवे स्टेशन से ही कैब, टैक्सी या बस हायर करके कटरा तक पहुंच सकते हैं। श्राइन बोर्ड जम्मू से कटरा पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है। किसी ट्रेवल एजेंट की मदद से आप होटल बुक कर सकते हैं। आप चाहें तो अंतिम क्षणों में महंगे किराए वाले होटलों से बचने के लिए होटल रिजर्वेशन पहले से ही ऑनलाइन करा सकते है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आप जिस गुफा में जाएंगे वह बहुत ही कन्जेस्टेड हो सकती है। आपको आगे पीछे से धक्के लगेंगे लेकिन गलतियां ना करें और आराम से चले। आपको माता के दर्शन करने में पूरा 1 दिन लग जाएगा। जब आप करीब आधे रास्ते तक पहुंचेंगे तब आपको बैटरी चलित बघ्घियां भी मिल जाएंगी।
और पढ़े
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…