Udayagiri and Khandagiri caves in Hindi : उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं ओडिशा में भुवनेश्वर शहर से लगभग 07 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ियों पर स्थित हैं। ये गुफाएं भारत की प्राचीन और और ऐतिहासिक गुफाओं में से एक है जिसका उल्लेख हाथीगुम्फा शिलालेख में कुमारी पर्वत के रूप में किया गया है। इन गुफाओं के बारे में कहा जाता हैं कि यह जैन समुदाय द्वारा बनाई गई सबसे शुरूआती गुफाओं में से एक हैं। बता दे उदयगिरि और खंडगिरि दोनों अलग अलग गुफाएं है उदयगिरि में 18 गुफाएं हैं जबकि खंडगिरि में 15 गुफाएं हैं। इस समूह की सबसे महत्वपूर्ण गुफा उदयगिरि के अंदर स्थित रानीगुम्फा है जो एक दो मंजिला मठ है। इन गुफाओं को कटक गुफाओं के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान एक महान ऐतिहासिक महत्व रखता है जो पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों सभी को खिचे आने पर मजबूर कर देता है।
आज के इस लेख में हम उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाओं के इतिहास, और इसकी यात्रा से जुड़ी जानकारी के बारे में बात करने वाले है इसीलिए इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़े –
इन गुफाओं का इतिहास गुप्त काल में लगभग 350-550 ईस्वी पूर्व का है, जो हिंदू धार्मिक विचारों की नींव का युग है। इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अनुसार उदयगिरि और खंडगिरि की अधिकांश गुफाओं को दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में राजा खारवेल के शासनकाल के दौरान जैन भिक्षुओं के लिए आवासीय ब्लॉक के रूप में उकेरा गया था। जबकि कुछ बारीक और अलंकृत नक्काशीदार गुफाएँ पहली शताब्दी ईसा पूर्व की मानी जाती है। इन प्राचीन रॉक कट गुफाओं की खोज पहली बार 19 वीं शताब्दी ईस्वी में एक युवा ब्रिटिश अधिकारी एंड्रयू स्टर्लिंग ने की थी। गुफाओं के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इन्हें अपने संरक्षण में के लिया है जो अब इन गुफाओं की देखरेख करते है।
उदयगिरि गुफाएँ पहाड़ी के दाई और स्थित है जिनमे 18 प्रमुख गुफाएँ शामिल है, उदयगिरि की गुफाएँ खंडगिरि की तुलना में अधिक सुन्दर और बेहतर है। आप जब भी यहाँ आयेंगें तो नीचे दी गई इन 18 गुफाओं को देख सकेगें जिन्हें गुम्फा के नाम से जाना जाता है।
रानी गुम्फा
यह गुफा उदयगिरि और खंडगिरि गुफाओं की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध गुफा है, जिसके अन्दर कई प्राचीन और सुन्दर मूर्तियाँ देखी जा सकती है।
बाजघर गुम्फा
बाजघर गुम्फा एक छोटी गुफा है जिसें प्राचीन में जैन भिक्षुओं के आश्रय के रूप में उपयोग किया है। आयताकार आकार की इस गुफा में गंभे और पत्थर का बिस्तर और तकिया है।
छोटा हाथी गुम्फा
यह गुफा हाथियों की छह छोटी आकृतियाँ और एक अभिभावक की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
अलकापुरी गुम्फा
अलकापुरी गुम्फा एक दो मंजिला गुफा है जिसका मुख्य आकर्षण एक शेर मूर्ति है जो अपने शिकार को मुंह में पकड़े हुए है।
जया विजया गुम्फा
यह गुम्फा भी दो मंजिला संरचना है जिसमे भारी झुमके, बैंड पहने और खूबसूरती से सजाए गए बाल एक महिला की नक्काशी देखने को मिलती है।
पनासा गुम्फा
पनासा गुम्फा एक छोटी गुफा है जिसमे कोई महत्वपूर्ण विशेषता नही है लेकिन फिर भी यह देखने योग्य है।
ठकुरानी गुम्फा
ठकुरानी गुम्फा दो मंजिला है जिसमे कुछ छोटी छोटी मूर्तियाँ मौजूद है जिन्हें आप यहाँ देख सकेगें।
पातालपुरी गुम्फा
यह गुफा खंभों वाले बरामदे के साथ खड़ी हुई है।
मनकापुरी और स्वर्गपुरी गुम्फा
इस गुफा में जिन की पूजा करते हुए दो नर और दो मादा की आकृतियों को दर्शाया गया है, जिसे खारवाल मगध से वापस लाए थे। गुफाओं में जैन धर्म का धार्मिक चिन्ह भी है जो क्षतिग्रस्त स्थिति में है।
गणेश गुम्फा
गणेश गुम्फा उदयगिरि की सबसे महत्वपूर्ण गुफाओं में से एक है। गुफा का नाम इसके दाहिने कक्ष के पीछे गणेश की नक्काशीदार आकृति के लिए रखा गया है। आप जब भी इस गुफा में प्रवेश करने वाले होगें तो हाथियों की दो बड़ी मूर्तियाँ देख सकेगें हैं जो माला ले जा रही प्रतीत हो रही हैं।
जम्बेस्वरा गुम्फा
जम्बेस्वरा गुम्फा उदयगिरि की छोटी सी गुफा है गुफा में मौजूद शिलालेख से अंदाजा लगाया जा सकता है यह महामदे की पत्नी नायकी की गुफा है।
व्याघर गुम्फा
व्याघर गुम्फा उदयगिरि की प्रसिद्ध गुफाओं में से एक है। हालाकि गुफा खंडहर में हैं लेकिन फिर यह देखने योग्य है।
सरपा गुम्फा
सरपा गुम्फा एक असामान्य रूप से छोटी गुफा है जिसमें दो शिलालेख मौजूद है।
हाथी गुम्फा
हाथी गुम्फा उदयगिरि गुफा समूह एक बड़ी प्राकृतिक गुफा है जिसे हाथी की उत्कृष्ट नक्काशी के कारण अपना नाम प्राप्त हुआ है।
धनाघर गुम्फा
धनघर गुम्फा एक छोटी सी गुफा है जिसके प्रवेश द्वार पर दो चौड़े स्तंभ और द्वारपाल की मूर्तियां बनी हुई हैं।
हरिदास गुम्फा
हरिदास गुम्फा में तीन प्रवेश द्वार और सामने की ओर एक बरामदा है। यहां एक शिलालेख भी देखा जा सकता है।
जगन्नाथ गुम्फा
यह गुफा तीन प्रवेश द्वारों वाली गुफा है।
रसुई गुम्फा
रसुई गुम्फा उदयगिरि गुफाओं की अंतिम गुफा है।
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जब भी अपनी यात्रा के दौरान आप भुवनेश्वर से इस क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो खंडगिरी पहाड़ियाँ आपके बाईं ओर पड़ेगी जहाँ 15 गुफाएं का समूह है जिनके बारे में हम नीचे बात करने वाले है –
तातोवा गुम्फा
यह गुफा खंडगिरि की गुफाएं की पहली गुफा है। इसके प्रवेश द्वार पर तोतों की नक्काशी उकेरी गयी है जिस वजह से इसे तातोवा गुम्फा के नाम से जाना जाता है।
तातोवा गुम्फा
खंडगिरि की गुफा संख्या 02 को भी तातोवा गुम्फा के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में विभिन्न जानवरों और पक्षियों, चैत्य मेहराब, पायलस्टर डिजाइन,नायिका और गंधर्व की चित्रकारी मौजूद है।
अनंत गुम्फा
इन गुफाओं में महिलाओं, हाथियों, गीज़ आदि की मूर्तियां हैं।
तेंतुली गुम्फा
तेंतुली गुफा एक छोटा सा रॉक-कट चैंबर है जिसमें सिर्फ एक कॉलम है।
खंडगिरि गुम्फा
खंडगिरि गुफा दो मंजिला गुफा है जो मोटे तौर पर कटी हुई कोशिका है।
ध्यान गुम्फा
इस गुफा का प्रयोग प्राचीन में जैन भिक्षुओं द्वारा ध्यान के लिए प्रयोग किया गया था।
नवमुनि गुम्फा
नवमुनि गुम्फा नौ जैन तीर्थंकरों और ससाना देवी की मूर्तियों के साथ कटा हुआ कक्ष है।
बरभुजी गुम्फा
इस गुफा में तीन तरफ की दीवारों में तीर्थंकरों के पच्चीस आंकड़े हैं इसके अलावा चक्रेश्वरी को 12 भुजाओं के साथ दर्शाया गया है, जिससे गुफा का नाम बारभुजी रखा गया है।
ट्रुसुला गुम्फा
ट्रुसुला गुम्फा खंडगिरि की गुफाओं की प्रमुख गुफा है जिसमे कायोत्सर्ग मुद्रा में ऋषभ देव की तीन मूर्तियां हैं। इनके साथ साथ इस गुफा में 24 जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां भी हैं।
अंबिका गुम्फा
इस गुफा में तीन मूर्तियाँ मौजूद है जिनमे एक मूर्ति ऋषभनाथ की और एक अमरा नेमिनाथ की आसन-देवी है।
लालतेन्दु केशरी गुम्फा
लालतेन्दु केशरी गुम्फा में ऋषभंथ, और पार्श्वनाथ की तस्वीरें मौजूद है जिन्हें 11वीं शताब्दी में सोमवंशी राजवंश द्वारा गुफाओं में जोड़ा गया था।
इनके बाद की अन्य गुफाएँ अज्ञात हैं।
बात दे उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं पर्यटकों के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक खुली रहती है इस दौरान आप कभी भी यहाँ घूमने आ सकते है। ध्यान दे इन गुफाओं की विस्तृत यात्रा के लिए 3-4 घंटे का समय जरूर निकालें।
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आप जब भी उदयगिरि और खंडगिरि की यात्रा पर जाएँ तो किसी भी परेशानी या असुविधा से बचने के लिए नीचे दिए गये इन टिप्स को जरूर ध्यान रखें –
यदि आप भुवनेश्वर में उदयगिरि और खंडगिरि की गुफायें घूमने जाने का प्लान बना रहें तो हम आपको बता दे भुवनेश्वर में इन गुफाओं के साथ साथ अन्य कई प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान घूमने जा सकते है –
उदयगिरि और खंडगिरी गुफाओं की यात्रा का सबसे अच्छा समय नवंबर और मार्च के महीनों के बीच है। चूंकि भुवनेश्वर गर्मियों में बहुत गर्म होता है, इसलिए यह महीने आपके लिए काफी सुखद होते हैं जब आप बिना गर्मी महसूस किए घूम आराम से घूम सकते है।
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यदि आप उदयगिरि और खंडगिरी गुफाओं की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स के बारे में सर्च कर रहें हैं तो हम आपको भारत का प्रसिद्ध तीर्थ और पर्यटक स्थल होने के नाते भुवनेश्वर में सभी बजट की होटल्स, लोज, धर्मशालाएं और होमस्टे की फैसिलिटीज अवेलेवल है जिनको आप अपनी ट्रिप में रुकने के लिए सिलेक्ट कर सकते है।
इन गुफाओं की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग में किसी से भी ट्रेवल करके जा सकते है तो आइये नीचे डिटेल में जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं केसे जा सकते है ?
जो भी पर्यटक फ्लाइट से ट्रेवल करके उदयगिरी केव्स घूमने जाने की सोंच रहें हैं हम उन्हें बता दे गुफाओं का नजदीकी हवाई अड्डा भुवनेश्वर हवाई अड्डा या बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो यहाँ से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक बार जब फ्लाइट से ट्रेवल करके एयरपोर्ट पहुंच जायेंगें तो हवाई अड्डे के बाहर से एक केब, टेक्सी या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से 15 – 20 मिनट उदयगिरि और खंडगिरि पहुंच सकते है।
एयरपोर्ट की तरह भुवनेश्वर का अपना रेलवे स्टेशन भी है देश के पूर्वी भाग के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक है और यह अधिकांश प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए ट्रेन से यात्रा करके उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं घूमने आना पर्यटकों का सबसे पसंदीदा विकल्प है। ट्रेन से भुवनेश्वर आने के लिए कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलोर आदि से नियमित सुपरफ़ास्ट ट्रेन उपलब्ध हैं।
उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं भुवनेश्वर जाने के लिए डीलक्स बसें, एसी कोच और सरकारी बसें हैं जो अधिकांश प्रमुख शहरों से उपलब्ध हैं। शहर के केंद्र से लगभग 5 किमी दूर स्थित बारामुंडा बस स्टैंड, भुवनेश्वर को सड़क मार्ग से भारत के अन्य सभी प्रमुख शहरों से जोड़ता है। बस के अलावा आप अपनी पर्सनल कार से नेशनल हाईवे 5 और 203 के माध्यम से यहाँ पहुंच सकते है।
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इस लेख में आपने उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं भुवनेश्वर के बारे में विस्तार से जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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