Kanyakumari ki yatra in hindi : कन्याकुमारी तमिलनाडु राज्य के सुदूर दक्षिण में बसा एक शहर है जो पर्यटन के लिए बहुत लोकप्रिय है। भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा कन्याकुमारी भारत के आकर्षक स्थल में शामिल है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का संगम स्थल है, जिसकी मनोरम छटा पर्यटकों को यहां खींच लाती है। भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी शहर सदियों से कला, संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक रहा है। भारत के पर्यटक स्थल के रूप में भी इसका अपना ही महत्च है।
दूर-दूर तक फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच कन्याकुमारी का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं। समुद्र बीच पर फैली रंग बिरंगी रेतें इसकी सुंदरता में को अत्यधिक लुभावनी बना देती हैं। अगर आप कन्याकुमारी की सैर करने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि कन्याकुमारी में देखने योग्य कौन कौन से पर्यटन स्थल हैं।
कन्याकुमारी बीच देखने योग्य पर्यटन स्थल – Kanyakumari Beach Is Best Tourist Place In Hindi
कन्याकुमारी कब जाएँ – When To Go Kanyakumari In Hindi
कन्याकुमारी कैसे पहुंचे – How To Reach Kanyakumari In Hindi
कन्याकुमारी का पता- Kanyakumari Address
कन्याकुमारी का रास्ता – Kanyakumari Location
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कन्याकुमारी बीच सैर सपाटा करने के अलावा एक धार्मिक स्थल भी है जो प्रायद्वीपीय भारत के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित है। कन्याकुमारी समुद्र तट पर सूर्यउदय (sun rise) और सूर्यास्त (sun set) का नजारा अद्भुत होता है। इसे देखने के लिए विशेषरूप से चैत्र पूर्णिमा(अप्रैल माह की पूर्णिमा) पर लोगों की भारी भीड़ लगती है। कन्याकुमारी बीच एक चट्टानी समुद्र तट है और इस समुद्र में तीन सागरों अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का जल मिलता है। यह बीच रंग बिरंगी और मुलायम रेतों के लिए प्रसिद्ध है।
उदयगिरी किला तिरुवंतपुरम-नागरकोल राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरकोल शहर से से 14 किमी दूर पुलियूरकुरुचि (Puliyoorkurichi) में स्थित है। उदयगिरी किले को राजा मार्तंड वर्मा ने बनवाया था और उनके शासनकाल में इस किले का नाम डे लेनॉय किला (De Lannoy’s Fort) था। इस किले में डे लेनॉय और उनकी पत्नी एवं बेटे की समाधि देखी जा सकती है। इसके अलावा किले के अंदर बंदूकों की ढलाई भी देखी जा सकती है। किले में के जैव विविधता पार्क भी है जहां हिरण, बत्तख, पक्षी सहित 100 से भी अधिक किस्मों के पेड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
कन्याकुमारी मंदिर इस शहर का मुख्य आकर्षण है। इसे कन्याकुमारी भगवतीअम्मन (Kanyakumari Bhagavathiamman) मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कुमारी अम्मन मंदिर मूल रूप से 8 वीं शताब्दी में पंड्या राजवंश के राजाओं द्वारा बनाया गया था। बाद में इसे चोल, विजयनगर और नायक शासकों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। किंवदंतियों के अनुसार, देवी कन्याकुमारी और भगवान शिव के बीच विवाह नहीं हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप देवी ने कुंवारी रहने का दृढ़ संकल्प लिया था। ऐसा माना जाता है कि शादी के लिए जो चावल और अनाज थे, वे बिना पके रह गए और वे पत्थरों में बदल गए। अनाज से मिलते जुलते पत्थर आज भी देखे जा सकते हैं।
कन्याकुमारी भारत आकर्षक स्थल विवेकानन्द स्मारक शिला, रामकृष्ण मिशन के संस्थापक श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य, स्वामी विवेकानंद को समर्पित है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल 1963 और 1970 के बीच लाल और नीले ग्रेनाइट में बनाया गया था। विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो मुख्य संरचनाएँ हैं – विवेकानंद मंडपम और श्रीपाद मंडपम। श्रीपाद मंडपम, श्रीपाद पराई( Shripada Parai) पर स्थित है जिसके ऊपर कन्याकुमारी देवी का पदचिह्न है। माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद यहां मेडिटेशन करते थे।
कन्याकुमारी का पद्मनाभपुरम पैलेस तमिलनाडु के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। पद्मनाभपुरम पैलेस, कन्याकुमारी जिले के पद्मनाभपुरम गाँव में, ठाकले के पास, नागरकोइल से लगभग 15 किमी और तिरुवनंतपुरम से 55 किमी की दूरी पर स्थित है। पद्मनाभपुरम पैलेस दुनिया के शीर्ष दस महलों में से एक है। पद्मनाभपुरम पैलेस 6 एकड़ में फैला है और पश्चिमी घाट के वेलि हिल्स की तलहटी में स्थित है। इस पैलेस को 17 वीं शताब्दी में इराविपिल्लई इराविवर्मा कुलशेखर पेरुमल (Iravipillai Iravivarma Kulasekhara Perumal) ने बनवाया था। पद्मनाभपुरम पैलेस ज्यादातर लकड़ी से बना है जो केरल की पारंपरिक वास्तुकला शैली को प्रदर्शित करता है। जब भी आप कन्याकुमारी में घूमने आयें तो इसे जरुर देखें।
यह चर्च गोथिक वास्तुकला का एक आकर्षक नमूना है जिसे 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। अवर लेडी ऑफ रैनसम चर्च को मदर मैरी की याद में बनवाया गया था। चर्च के केंद्रीय टॉवर पर एक गोल्ड क्रास है। इसे देखने के लिए कन्याकुमारी की सैर करने वाले लोगों की भारी भीड़ जमा होती है क्योंकि यह वहां के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल है।
कामराजार मणिमंडपम (कामराज मणिमंडपम) को तमिलाडु के स्वतंत्रता और पूर्व मुख्यमंत्री श्री कामराज की याद में बनवाया गया है। कामराजार मणिमंडपम, महात्मा गांधी स्मारक के पास स्थित है। स्मारक उसी स्थल पर बनाया गया है, जहां विसर्जन से पहले श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी राख जनता के लिए रखी गई थी। श्री कामराजार को एक लोकप्रिय रूप से जनता के बीच ‘ब्लैक गांधी’ के रूप में जाना जाता था।
तिरुचेंदुर अरुलमिगु सुब्रमण्यस्वामी मंदिर, तिरुचेंदूर शहर में स्थित है, जो कन्याकुमारी से लगभग 80 किमी, तिरुनेलवेली से 60 किमी और तूतीकोरिन से 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर अरुपदईवेदु में से एक, भगवान मुरुगन या सैंथिलैंडवर का दूसरा निवास स्थान है। तिरुचेंदूर का मुरुगन मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है जिसे चंदना पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान मुरुगन ने सोरापद्मा नामक राक्षस को हराने के बाद इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी।
ओलाकुरुवी झरना तिरुवनंतपुरम से लगभग 80 किमी, नागरकोल से 39 किमी और कन्याकुमारी से 20 किमी की दूरी पर स्थित हैं। ओलकारूवी जलप्रपात पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी के मध्य में स्थित है। यहां चट्टानी वन क्षेत्र के माध्यम से तलहटी से एक घंटे की ट्रेकिंग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। इस झरने में दो छोटे-छोटे अन्य झरने हैं। एक पहाड़ी पर करीब 200 मीटर की ऊंचाई पर है और नीचे स्थित झरना बहुत लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। अगर आप कन्याकुमारी में घूमने जायें तो इसे जरुर देखें।
सुनामी स्मारक यहां का एक विशेष स्मारक है। यह उन लोगों को सम्मानित करने के लिए खड़ा किया गया है जिन्होंने कुछ साल पहले हुई दिल दहला देने वाली और विनाशकारी सुनामी के कारण भारत के दक्षिणी तट में अपनी जान गंवा दी थी। सुनामी स्मारक को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। इसके अलावा यहां सुनामी में अपने प्रियजनों को खो चुके लोग श्रद्धासुमन अर्पित करने भी आते हैं।
महात्मा गांधी मेमोरियल या गांधी मंडपम कन्याकुमारी में हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस स्मारक का निर्माण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान के लिए किया गया था। गांधी स्मारक को इस तरह से बनाया गया है कि हर साल 2 अक्टूबर को दोपहर के समय सूरज की किरणें ठीक उसी जगह पर पड़ती हैं, जहां विसर्जन से पहले गांधीजी की राख रखी गई थी।
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कन्याकुमारी जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है
समुद्र तट पर दर्शनीय स्थलों और अन्य वाटर एक्टिविटी का आनंद लेने के लिए अक्टूबर को कन्याकुमारी जाने के लिए एक सही समय के रूप में वर्णित किया जा सकता है। हालांकि इस समय दिन के दौरान हवा में कुछ नमी हो सकती है, लेकिन शाम के ठंडी समुद्री हवा एक महान सूर्यास्त के दृश्य को मनोरम बनाती हैं। इसके अलावा, यहाँ इस महीने के दौरान है, प्रसिद्ध केप त्योहार (Cape festival) मनाया जाता है जो बहुत से लोगों को कन्याकुमारी आने के लिए आकर्षित करता है। नवंबर में कन्याकुमारी में सर्दियों के मौसम की शुरुआत होती है तब यहाँ आर्द्रता नहीं होती है और मौसम आनदमय होता है। दिसंबर से फरवरी सबसे अधिक पर्यटन का सीजन है जब दिन और रात दोनों का तापमान मध्यम होता है। चूंकि यह सर्दियों का मौसम है, इसलिए तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ता है।
मार्च में तापमान कुछ हद तक सुखद रहता है लेकिन कन्याकुमारी में अप्रैल से मई तक गर्मी के महीनों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। इस मौसम में यहाँ आर्द्रता भी अधिक होती है। लेकिन शाम के समय ठंडी समुद्री हवा लोगों के लिए सुखद अनुभव होती है। इन महीनों में आप कन्याकुमारी में सर्फिंग और तैराकी का सबसे अच्छा आनंद ले सकते हैं क्योंकि समुद्र शांत रहता हैं।
ये कन्याकुमारी में मानसून के महीने होते हैं। यहाँ जून से सितंबर के महीनों में बारिश होती है क्योंकि कन्याकुमारी में जुलाई और अगस्त के महीनों में भारी वर्षा होती है। आप मानसून के इन महीनों के दौरान इस खूबसूरत मौसम का मजा अपनी कन्याकुमारी की यात्रा में ले सकते हैं साथ ही आप कन्याकुमारी के मानसून सीजन में इसके हरे-भरे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। एक ऑफ सीजन होने के नाते, आप इस दौरान कन्याकुमारी के होटल और रेस्तरां में आकर्षक छूट का आनंद ले सकते हैं।
कन्याकुमारी का सबसे निकटतम हवाई अड्डा त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कन्याकुमारी से 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों के साथ कुछ खाड़ी देशों से भी वायुमार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा है। इस हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए भारत की कई प्रमुख एयरलाइंस सुविधा मौजूद है। इसके अलावा कन्याकुमारी के लिए तमिलनाडु, चेन्नई,त्रिवेंद्रम और बैंगलोर से कन्याकुमारी रोड ट्रांसपोर्ट की कई बसें चलती हैं जिसके माध्यम से आप यहां पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही आप मुंबई और बैंगलोर से कन्याकुमारी एक्सप्रेस से भी यहां आ सकते हैं। कन्याकुमारी एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां पहुंचने के बाद आप कन्याकुमारी शहर जाने के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
कन्याकुमारी तमिल नाडू ६२९७०२
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