Thousand Pillars Temple In Hindi, हजार स्तंभ मंदिर भारत के तेलंगाना राज्य के वारंगल में हनमाकोंडा नामक स्थान पर स्थित हैं। भगवान विष्णु, भगवान शंकर और सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। थाउज़ेंड पिल्लर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जोकि अपनी तरह का एक अलग मंदिर और इसकी सबसे खास वजह भगवान विष्णु और शंकर के साथ ब्रह्मा जी के स्थान पर सूर्य देव की मूर्ती का होना है। मंदिर के नाम से ही पता चलता कि मंदिर में 1000 से भी अधिक खम्बे हैं।
वारंगल के हजार स्तंभ मंदिर में घूमने के लिए प्रतिदिन लगभग 1000 से भी अधिक श्रद्धालु आते हैं। हजार स्तम्भ मंदिर में तीन देवताओं की मौजूदगी की वजह से इसे त्रिकूटालयम के नाम से भी जाना जाता है। हजार स्तंभ मंदिर और वारंगल के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े –
हजार स्तंभ मंदिर की वास्तुकला दर्शनीय हैं, मंदिर हनमोंडा पहाड़ी की ढलानों पर स्थित है। बता दें कि मंदिर की अद्वितीय संरचना तारे के आकार की हैं। 1000 स्तम्भ मंदिर में चालुक्यन डिजाइन की रॉयल्टी के साथ साथ काकतीय वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं। मंदिर में स्थित तीनो देवताओं श्रीहरि विष्णु, भोलेनाथ और सूर्य देव की मूर्तियों को शानदार ढंग से सजाया गया हैं। हजार स्तम्भ मंदिर का पुनिर्माण भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में किया गया था।
मंदिर में स्थित स्तंभों में हाथियों की मूर्तिया स्थित हैं और मंदिर के द्वारा पर एक 6 फीट ऊंची नंदी बेल की प्रतिमा हैं जोकि पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी हुई हैं। थाउज़ेंड पिलर टेम्पल की वास्तुकला में सैंडबॉक्स तकनीक का उपयोग किया ग्या हैं जिसमे एक विशाल गड्ढा खोदा जाता है और फिर इसे रेत के ढेर भरने के साथ रॉक बीम के साथ कवर किया जाता है।
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हजार स्तम्भ मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन हैं जोकि काकतीय राजवंश से सम्बंधित हैं। हजार स्तंभ मंदिर का निर्माण काकतीय राजवंश के राजा रुद्र देव के आदेशानुसार 1175–1324 ईसवी में किया गया था। बता दें कि यह प्राचीन मंदिर काकतीय विश्वकर्मा स्थपतियों (Kakatiya Vishwakarma Sthapathis) द्वारा स्थापत्य कौशल की आकर्षित कलाकृति हैं। हजार स्तंभ मंदिर सहित कई हिन्दू मंदिर जैसे गणपति देव, रुद्रमा देवी और प्रतापरुद्र आदि काकतीय राजवंश के संरक्षण में विकसित विकसित किए गए थे।
हजार स्तंभ मंदिर को दक्खन (Deccan) के आक्रमण के दौरान तुगलक वंश द्वारा क्षति पहुंचाई गई थी। इसके बाद मंदिर की मरम्मत के लिए हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने 1 लाख रुपये प्रदान किए।
हजार स्तम्भ मंदिर (रुद्रेश्वर मंदिर) के बारे में एक प्राचीन कहानी से पता चलता हैं कि यह मंदिर 12 वीं शताब्दी में बनाया गया था। कहते हैं कि अनाज के लिए हनामकोंडा जाने वाले व्यापारी यही से गुजरते थे। एक बार की बात हैं जब एक व्यापारी की बेल गाड़ी खीचल में फस गई और गाड़ी निकालते वक्त यहाँ के लोगो को उस स्थान पर एक शिवलिंग मिला फिर उन्होंने वहा मंदिर की स्थापना की।
हजार स्तंभ मंदिर का निर्माण काकतीय राज वंश के शासक श्री राजा रुद्रदेव की आज्ञानुसार किया गया था।
हजार स्तंभ मंदिर के द्वार प्रातः 5 खोल दिए जाते हैं और रात्रि की आरती करने के बाद शाम को 9 बंद कर दिए जाते हैं।
हजार स्तंभ मंदिर में आने वाले भक्तो से किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नही लिया जाता हैं।
हजार स्तंभ मंदिर में कई उत्सव और त्योहारों का आयोजन किया जाता हैं जिन्हें बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। हजार स्तंभ मंदिर में मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्योहारों में महा-शिवरात्रि, कुंकुमा पूजा, बोनालू महोत्सव, कार्तिक पूर्णिमा, उगादि, नागुला चैवती, गणेश चतुर्थी और बथुकम्मा महोत्सव आदि शामिल हैं। बता दें कि यहाँ प्रत्येक दो वर्षो सरलाम्मा यात्रा या समका (Saralamma Yatra Or The Samakka) नामक एक मेले का आयोजन किया जाता हैं जोकि बहुत बड़ी संख्या में भीड़ को आकर्षित करता हैं।
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हजार स्तंभ मंदिर के निकट आपको कई आकर्षित पर्यटन स्थल मिल जाएंगे जिनकी यात्रा पर भी आप जा सकते हैं। आइए देख लेते हैं मंदिर के आसपास के प्रमुख आकर्षित और दर्शनीय स्थल।
हजार स्तंभ मंदिर की यात्रा पर आप साल में किसी भी समय जा सकते हैं। चूकि हजार स्तम्भ मंदिर वारंगल से महज 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और वारंगल जाने के लिए सबसे अच्छा समय सम मक्का-सारक्का जत्रा या मण्डली उत्सव के आयोजन दौरान का माना जाता हैं। मौसम के अनुसार सितंबर से अप्रैल माह के दौरान हजार स्तंभ मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता हैं। बता दें कि हजार स्तंभ मंदिर में भगवान के दर्शन, पूजा और घूमने के लिए 2-3 घंटे का समय पर्याप्त होता हैं।
हजार स्तंभ मंदिर के दर्शन करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
हजार स्तंभ मंदिर के निकट आपको वारंगल शहर में शहर में स्वादिष्ट भोजन की भरमार मिलेगी। बता दें कि वारंगल शहर अपने आकर्षित पर्यटन स्थलों के साथ साथ अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता हैं। यहाँ के कुछ प्रसिद्ध भोजन में लसकोरा उना, हैदराबादी बिरयानी, जलेबी, अचार, ग्राम पाउडर सब्जियों के अलावा उत्तर-भारतीय और दक्षिण-भारतीय व्यंजनो की भरमार चखने को मिलेगी। आप एक धार्मिक तीर्थ स्थल की यात्रा पर आए हुए है लेकिन इसके विपरीत वारंगल के स्थानीय व्यंजनों में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन मिल जाएंगे।
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हजार स्तंभ मंदिर की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
हजार स्तंभ मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि हजार स्तंभ मंदिर का सबसे निकटतम एयरपोर्ट हैदराबाद (Thousand Pillar Temple To Hyderabad Airport Distance) है, जोकि लगभग 172 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हैदराबाद हवाई अड्डे से आप बस, टैक्सी या कैब के माध्यम से आसानी से हजार स्तंभ मंदिर पहुँच जाएंगे।
हजार स्तंभ मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल शहर का रेलवे स्टेशन अपने आसपास के प्रमुख शहरो से रेलवे कनेक्टिविटी के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और हजार स्तम्भ मंदिर वारागल शहर के निकट ही स्थित हैं। ट्रेन के माध्यम से हजार स्तंभ मंदिर की यात्रा करना सबसे अच्छा माना जाता हैं।
हजार स्तंभ मंदिर जाने के लिए अगर आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि हजार स्तंभ मंदिर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
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इस लेख में आपने हजार स्तंभ मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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