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सोमनाथ मंदिर का इतिहास और रोचक तथ्य – Somnath Temple History And Facts In Hindi

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Somnath Temple Ka Darshan In Hindi : सोमनाथ मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास प्रभास पाटन में स्थित है। यह मंदिर भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला माना जाता है। यह गुजरात का एक महत्वपूर्ण तीर्थ और पर्यटन स्थल है। प्राचीन समय में इस मंदिर को कई मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगालियों द्वारा बार-बार ध्वस्त करने के बाद वर्तमान हिंदू मंदिर का पुनर्निर्माण वास्तुकला की चालुक्य शैली में किया गया। सोमनाथ का अर्थ है, “भगवानों के भगवान”, जिसे भगवान शिव का अंश माना जाता है। गुजरात का सोमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर ऐसी जगह पर स्थित है जहां अंटार्कटिका तक सोमनाथ समुद्र के बीच एक सीधी रेखा में कोई भूमि नहीं है। सोमनाथ मंदिर के प्राचीन इतिहास और इसकी वास्तुकला और प्रसिद्धि के कारण इसे देखने के लिए देश और दुनिया से भारी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।

  1. सोमनाथ मंदिर का इतिहास History Of Somnath Temple In Hindi
  2. सोमनाथ मंदिर से जुड़ी हुई कहानी Story Related To Somnath Temple In Hindi
  3. सोमनाथ मंदिर के बारे में रोचक तथ्य Interesting Facts About Somnath Temple In Hindi
  4. सोमनाथ मंदिर कैसे पहुंचें How To Reach Somnath Temple In Hindi
  5. सोमनाथ मंदिर के आसपास कहां रुकें Where To Stay Near Somnath Temple In Hindi
  6. सोमनाथ मंदिर जाने का रास्ता- Somnath Temple Location In Hindi
  7. सोमनाथ मंदिर फोटो – Somnath Temple Photo In Hindi

1. सोमनाथ मंदिर का इतिहास History Of Somnath Temple In Hindi

माना जाता है कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव सोमराज ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है। इतिहासकारों का मानना है कि गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित सोमनाथ मंदिर की महिमा और कीर्ति दूर-दूर तक फैली थी। अरब यात्री अल बरूनी ने अपने यात्रा वृतान्त में इसका उल्लेख किया था,जिससे प्रभावित होकर महमूद गजनवी ने सन 1024 में अपने पांच हजार सैनिकों के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और उसकी सम्पत्ति लूटकर मंदिर को पूरी तरह नष्ट कर दिया। उस दौरान सोमनाथ मंदिर के अंदर लगभग पचास हजार लोग पूजा कर रहे थे, गजनवी ने सभी लोगों का कत्ल करवा दिया और लूटी हुई सम्पत्ति लेकर भाग गया।

इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका दोबारा निर्माण कराया। सन् 1297 में जब दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर अपना कब्जा किया तो सोमनाथ मंदिर को पाँचवीं बार गिराया गया। मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1702 में आदेश दिया कि यदि हिंदू सोमनाथ मंदिर में दोबारा से पूजा किए तो इसे पूरी तरह से ध्वस्त करवा जाएगा। आखिरकार उसने पुनः 1706 में सोमनाथ मंदिर को गिरवा दिया। इस समय सोमनाथ मंदिर जिस रूप में खड़ा है उसे भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया था और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था।

2. सोमनाथ मंदिर से जुड़ी हुई कहानी Story Related To Somnath Temple In Hindi

सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कथा बहुत प्राचीन एवं निराली है। किवदंतियों के अनुसार सोम या चंद्र ने राजा दक्ष की सत्ताइस पुत्रियों के साथ अपना विवाह रचाया था। लेकिन वे सिर्फ अपनी एक ही पत्नी को सबसे ज्यादा प्यार करते थे।  अपनी अन्य पुत्रियों के साथ यह अन्याय होता देख राजा दक्ष ने उन्हें अभिशाप दिया था कि आज से तुम्हारी चमक और तेज धीरे धीरे खत्म हो जाएगा। इसके बाद चंद्रदेव की चमक हर दूसरे दिन घटने लगी। राजा दक्ष के श्राप से परेशान होकर सोम ने शिव की आराधना शुरू की। भगवान शिव ने सोम की आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें दक्ष के अभिशाप से मुक्त किया। श्राप से मुक्त होकर राजा सोम चंद्र ने इस स्थान पर भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया और मंदिर का नाम रखा गया सोमनाथ मंदिर। तब से यह मंदिर पूरे भारत सहित विश्वभर में विख्यात है।

3. सोमनाथ मंदिर के बारे में रोचक तथ्य Interesting Facts About Somnath Temple In Hindi

आमतौर पर सभी पर्यटन स्थलों और मंदिरों में कोई न कोई ऐसी विशेषता जरूर होती है जिसके कारण लोग उसे देखने के लिए जाते हैं। सोमनाथ मंदिर की भी अपनी विशेषता है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य क्या हैं।

  • आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सोमनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग में रेडियोधर्मी गुण है जो जमीन के ऊपर संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इस मंदिर के निर्माण में पांच वर्ष लग गए थे।
  • सोमनाथ मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फीट है और मंदिर के अंदर गर्भगृह, सभामंडपम और नृत्य मंडपम है।
  • सोमनाथ मंदिर को महमूद गजनवी ने लूटा था जो इतिहास की एक प्रचलित घटना है। इसके बाद मंदिर का नाम पूरी दुनिया में विख्यात हो गया।
  • मंदिर के दक्षिण में समुद्र के किनारे एक स्तंभ है जिसे बाणस्तंभ के नाम से जाना जाता है। इसके ऊपर तीर रखा गया है जो यह दर्शाता है कि सोमनाथ मंदिर और दक्षिण ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भाग नहीं है।
  • यहाँ पर तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का संगम है और इस त्रिवेणी में लोग स्नान करने आते हैं। मंदिर नगर के 10 किलोमीटर में फैला है और इसमें 42 मंदिर है।
  • सोमनाथ मंदिर को शुरूआत में प्रभासक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता था और यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपना देहत्याग किया था।
  • माना जाता है कि आगरा में रखे देवद्वार सोमनाथ मंदिर के ही है जिन्हें महमूद गजनवी अपने साथ लूट कर ले गया था।
  • मंदिर के शिखर पर स्थित स्थित कलश का वजन 10 टन है और इसकी ध्वजा 27 फीट ऊँची है।
  • यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग है इसकी स्थापना के बाद अगला ज्योतिर्लिंग वाराणसी, रामेश्वरम और द्वारका में स्थापित किया गया था। इस कारण शिव भक्तों के लिए यह एक महान हिंदू मंदिर माना जाता है।

पर्यटकों और भक्तों के लिए सोमनाथ मंदिर सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक खुला रहता है। मंदिर में तीन बार आरती होती है। इस अद्भुत आरती को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। सोमनाथ मंदिर परिसर में ही रात साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक लाइट एंड साउंड शो चलता है। ज्यादातर पर्यटक सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला को देखने के लिए भी आते हैं।

और पढ़े : 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान

4. सोमनाथ मंदिर कैसे पहुंचें How To Reach Somnath Temple In Hindi

सोमनाथ एक पर्यटन स्थल जरूर है लेकिन इसका अपना रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट नहीं है। इसलिए आसपास के अन्य शहरों के स्टेशनों और हवाई अड्डों पर पहुंचने के बाद लोकल ट्रांसपोर्ट से सोमनाथ पहुंचा जा सकता है। आइये जानते हैं सोमनाथ मंदिर कैसे पहुंचें।

हवाई जहाज से

सोमनाथ का निकटतम हवाई अड्डा दीव एयरपोर्ट है जो सोमनाथ से लगभग 63 किमी दूर है। दीव से सोमनाथ नियमित बसों, लक्जरी बसों या कम्यूटर बसों से पहुंचा जा सकता है। पोरबंदर हवाई अड्डा सोमनाथ से 120 किमी और राजकोट हवाई हड्डा 160 किमी दूर है। इन हवाई अड्डों के लिए विभिन्न शहरों से उड़ानें संभव हैं।

बस द्वारा

सोमनाथ जाने के लिए बसें सबसे अच्छा साधन है, क्योंकि इसके कई विकल्प उपलब्ध हैं। सोमनाथ कई छोटे शहरों से घिरा हुआ है जो बस सेवाओं, गैर-एसी दोनों के साथ-साथ लक्जरी एसी बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दीव से सोमनाथ जाने वाली वातानुकूलित बसों में प्रति व्यक्ति 300 का खर्च पड़ता है। राजकोट, पोरबंदर और अहमदाबाद जैसे अन्य नजदीकी स्थानों से भी बस द्वारा सोमनाथ जाया जा सकता है। इसके अलावा निजी बसों की भी सेवाएं उपलब्ध हैं।

ट्रेन द्वारा

सोमनाथ से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वेरावल है, जो सोमनाथ से 5 किमी की दूरी पर है। यह स्टेशन मुंबई, अहमदाबाद और गुजरात के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है। यहां प्रतिदिन 14 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनों से भी वेरावल स्टेशन पहुंचा जा सकता है। फिर वहां से आटो, टैक्सी के जरिए सोमनाथ मंदिर  जाया जा सकता है।

5. सोमनाथ मंदिर के आसपास कहां रुकें Where To Stay Near Somnath Temple In Hindi

सोमनाथ मंदिर जाने वाले पर्यटकों को वहां रुकने के लिए भी अच्छी व्यवस्था उपलब्ध है। मंदिर के आसपास ही श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा पर्यटकों को किराये पर कमरे उपलब्ध कराए जाते हैं। आप मंदिर के ट्रस्ट द्वारा संचालित सागर दर्शन अतिथि गृह, लीलावती अतिथिगृह, माहेश्वरी समाज अतिथि गृह, तन्ना अतिथिगृह, संस्कृति भवन में रूक सकते हैं। इन सभी अतिथि गृहों में रुकने का किराया अलग अलग है। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार यहां रुककर सोमनाथ मंदिर का दर्शन कर सकते हैं।

और पढ़े: गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थल और प्रसिद्ध मंदिर

6. सोमनाथ मंदिर जाने का रास्ता- Somnath Temple Location In Hindi

7. सोमनाथ मंदिर फोटो – Somnath Temple Photo In Hindi

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