Saragarhi Battle History In Hindi : सारागढ़ी के युद्ध का इतिहास और कहानी जहां 21 सिख सैनिकों ने कैसे किया था 10000 दुश्मनों का सामना। सारागढ़ी की लड़ाई को सैन्य इतिहास के सबसे महान लड़ाइयों में से एक जाना जाता है इसमें 21 सिख सैनिकों ने छह घंटे से अधिक समय तक उग्र अफ्गानों के खिलाफ लड़ते हुए किले को बंद रखा। सारागढ़ी का युद्ध भारत की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक है जिसमें 21 बहादुर सैनिकों ने 10,000 से भी ज्यादा अफ्गानी दुश्मनों से लड़ाई लड़ी थी। सारागढ़ी की लड़ाई लड़ने के बाद अन्य ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा इस स्थान पर फिर से अपना अधिकार प्राप्त कर लिया था। सिख सैन्य कर्मियों द्वारा इस युद्ध की याद में 12 सितम्बर को सारगढ़ी दिवस के रूप में मनाते हैं।
सारगढ़ी का युद्ध जिस तरह से लड़ा गया था वो आपको हैरान कर देगा, क्योंकि आपके सामने अगर सिर्फ दो लोग ही लड़ने आ जाएँ तो आप डर जायेंगे लेकिन इन 21 बहादुर सैनिकों ने कैसे 10000 से ज्यादा अफ्गानों का जिस तरह सामना किए उसके बाद में जानकर अपने रोंगटे खड़े हो जायेंगे।
आइये इस लेख के जरिये आपको सारागढ़ी का युद्ध और इसकी कहानी के बारे में बताते हैं।
- सारागढ़ी कहाँ है – Where Is Saragarhi In Hindi
- सारागढ़ी का युद्ध कब लड़ा गया – Saragarhi War 1897 In Hindi
- सारागढ़ी का युद्ध किसने लड़ा था – Saragarhi Ka Yudh Kisne Lada Tha In Hindi
- सारागढ़ी की लड़ाई में क्या हुआ था – What Happened In The Battle Of Saragarhi In Hindi
- सारागढ़ी युद्ध का इतिहास – Battle Of Saragarhi History In Hindi
- सारागढ़ी युद्ध की कहानी – Saragarhi Ladai Ki Kahani In Hindi
- शहीद होने वाले सिखों की याद में गुरुद्वारे का निर्माण – Saragarhi Memorial Gurudwara In Hindi
- सारागढ़ी युद्ध पर आधारित फिल्म – Battle Of Saragarhi Documentary Movie Names In Hindi
- सारागढ़ी युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को ब्रिटिश द्वारा दिया गया पुरस्कार- Posthumous Honours In Hindi
1. सारागढ़ी कहाँ है – Where Is Saragarhi In Hindi
19 वीं शताब्दी में सारागढ़ी एक छोटा-सा गाँव था जो सारागढ़ी के युद्ध के समय उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत था। आज यह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास पेशावर के बाहर कुछ दूरी पर स्थित है।
2. सारागढ़ी का युद्ध कब लड़ा गया – Saragarhi War 1897 In Hindi
सारगढ़ी का युद्ध 12 सितम्बर 1897 को ब्रिटिश भारतीय सेना और अफ़्ग़ान ओराक्ज़ई जनजातियों के मध्य लड़ा गया। जिसमे 21 सिख सेनिकों पर 12000 अफ़्ग़ानों ने हमला किया। इसे सैन्य इतिहास में इतिहास के सबसे महान अन्त वाले युद्धों में से एक माना जाता है।
3. सारागढ़ी का युद्ध किसने लड़ा था – Saragarhi Ka Yudh Kisne Lada Tha In Hindi
सारागढ़ी का युद्ध ब्रिटिश भारतीय सेना की 36 वीं सिख रेजिमेंट के 21 सैनिकों और 10,000 से अधिक पश्तून आदिवासियों के बीच लड़ा गया था। द्वितीय एंग्लो-अफगान युद्ध के लगभग दो दशक बाद यह लड़ाई हुई। ब्रिटिश सेना पहाड़ी मध्य एशियाई प्रांतों अपना पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही थी, और उनका वहां के स्थानीय जनजातियों और कुलों के साथ लंबे समय से संघर्ष चल रहा था। इस दौरान कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिनमें अंग्रेजों की वजह से सैकड़ों भारतीय सैनिक मारे गए थे।
4. सारागढ़ी की लड़ाई में क्या हुआ था – What Happened In The Battle Of Saragarhi In Hindi
बता दें जब सारागढ़ी की लड़ाई लड़ी गई थी उस समय ब्रिटिश नियंत्रण में अफगानिस्तान में फोर्ट गुलिस्तान और फोर्ट लॉकहार्ट दो किले थे। सारागढ़ी को इन दोनों किलों के बीच सिगनल स्टेशन के रूप में स्थापित किया गया था ताकि एक सिरे से दूसरे सिरे तक संदेशों को रिले किया जा सके। यहां पर 36 वीं सिख बटालियन के 21 सैनिकों को इस पद की सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था।
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5. सारागढ़ी युद्ध का इतिहास – Battle Of Saragarhi History In Hindi
Saragarhi Ki Ladai- बताया जाता है कि गुलिस्तान और लोखार्ट के किलों पर कब्जा करने का इरादा रखते हुए अफ़रीदी और औरकज़ई कबायलियों ने युद्ध किया। गुलिस्तान और लोखार्ट किले का निर्माण रणजीत सिंह करवाया था। लॉकहार्ट के किले और गुलिस्तान के किले के पास ही सारागढ़ी चौकी हुआ करती थी। सारागढ़ी चौकी में 21 सिख सिपाही तैनात थे। जब 10000 अफगान पश्तूनों ने सारागढ़ी पर आक्रमण कर दिया था। उन्होंने सोचा की इस छोटी सी पोस्ट को जीतना काफी आसानी होगा। इस हमले की खबर सिपाही गुरमुख सिंह द्वारा अपने अफसरों तक पहुंचाई गई थी, लेकिन उस समय वहां इतनी जल्दी सेना पहुंचवाना काफी मुश्किल था। इस हमले में 36 वीं बटालियन के 21 सिख सिपाही ने इस युद्ध को संभाला और 10 हजार अफगानों से युद्ध करते हुए उन्होंने करीब 600 लोगों को मार दिया।
हालांकि इस लड़ाई में वीरतापूर्वक लड़ते हुए सभी 21 सिख सिपाही भी शहीद हो गए थे, लेकिन समय रहते ही ब्रिटिश सेना वह पहुँच गई थी और वहां जाकर लड़ाई का मोर्चा संभाल लिया और इस युद्ध पर जीत हासिल की। जिस तरह इन 21 सिपाहियों ने इन अफगानों को रोके रखा वो सच में काबिले तारीफ है। इन सिपाहियों की वजह से ब्रिटिश सेना में इन हमलावरों को आसानी से हरा दिया। सबसे खास बात तो यह है कि जब इन सिख सिपाहियों की बदुकों में गोलियां खत्म हो गई थी तो उन्होंने उन 10000 दुश्मनों का सामना चाक़ू की मदद से किया।
6. सारागढ़ी युद्ध की कहानी – Saragarhi Ladai Ki Kahani In Hindi
सारागढ़ी की लड़ाई को बहुत ही खास माना जाता है और हर कोई इसकी कहानी के बारे में जानना चाहता है। आपको बता दें कि सारागढ़ी की लड़ाई शुरू होने के पहले सुबह 9 बजे करीब 10000 से भी ज्यादा अफ्गान सारगढ़ी पोस्ट पर पहुंचे थे। जिसके बाद गुरमुख सिंह ने लोकहार्ट किले में कर्नल हौथटन को इस बात की सुचना दी की उन पर हमला हो गया है। लेकिन कर्नल हौथटन उस समय तुरंत सेना नहीं भेज पाए थे। जिसके बाद ब्रिटिश सेना में एक हवलदार के रूप में ईशर सिंह की अगुवाई में यह युद्ध लड़ा गया। सिख सैनिकों ने फैसला लिया कि वो इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे और फिर शुरू हुई एक बहुत ही खतरनाक लड़ाई, जिसमें भगवान सिंह सबसे पहले जख्मी हुए थे और लाल सिंह गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। सैनिक लाल सिंह और जिवा सिंह भगवान सिंह के शरीर को पोस्ट के अंदर लेकर आये। दुश्मन हमला जारी था और उन्होंने घेरे की दीवार के एक भाग को तोड़ डाला।
कर्नल हौथटन ने अपने अनुमान के अनुसार संकेत दिया कि करीब 10000 से ज्यादा अफ्गानों ने हमला किया था। अफ्गान सेना सिख सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिये लुभा रही थी और लेकिन सैनिक हार मानने नहीं वाले थे। दुश्मनों ने दो बार मुख्य द्वार को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वो लोग असफल रहे इसके बाद उन्होंने दीवार तोड़ थी और फिर शुरू हुआ आमने-सामने का युद्ध जिसमें दमदार बहादुरी दिखाते हुए ईशर सिंह ने अपने सैनिको को पीछे की तरफ हटने को कहा जिससे इस लड़ाई को जारी रखा जा सके। इसके बाद बाकी सभी सैनिक अंदर चले गये लेकिन अफ्गानों के साथ एक सैनिक भी मारा गया।
कर्नल हौथटन को साथ युद्ध समाचारों की जानकारी देने वाले गुरमुख सिंह अंतिम सिख रक्षक बचे थे। बताया जाता है कि उन्होंने 20 अफ्गान सैनिकों को मारा था और अफ्गानों ने उन्हें मारने के लिए लिए आग के गोलों से हमला किया। लेकिन वो मरते दम तक लगातार “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” बोलते रहे। सारगढ़ी को नष्ट करने के बाद अफ्गानों ने गुलिस्तां किले को अपना निशाना बनाया लेकिन इसमें उन्होंने काफी दर कर दी और 13 सितम्बर की रात में अतिरिक्त ब्रिटिश भारतीय सेना वहाँ पहुँच गई और अफ्गानों से लड़ते हुए उन्होंने एक बार फिर से इस किले पर कब्ज़ा कर लिया। इस लड़ाई के बाद अफ्गानों ने स्वीकार किया कि इसमें उनके करीब 180 सैनिक मारे गए हैं और कई सैनिक बुरी तरह से घायल हुए हैं। लेकिन बचाव दल के वहां पहुंचने पर करीब 600 शव वरामद हुए।
7. शहीद होने वाले सिखों की याद में गुरुद्वारे का निर्माण – Saragarhi Memorial Gurudwara In Hindi
सारागढ़ी युद्ध में शहीद होने वाले सिखों की याद में तीन गुरुद्वारे का निर्माण करवाया गया जिनमें से एक सारागढ़ी की युद्ध वाली जगह पर स्थित है और दूसरा फिरोजपुर और तीसरा अमृतसर बनाया गया है।
8. सारागढ़ी युद्ध पर आधारित फिल्म – Battle Of Saragarhi Documentary Movie Names In Hindi
बता दें कि पिछले साल यह खबर थी कि सारागढ़ी युद्ध पर तीन फिल्में बनाई जा रही हैं जिसमें से एक में अक्षय कुमार लीड रोल में नज़र आएंगे और दूसरे में अजय देवगन और तीसरी में रणदीप हुड्डा नज़र आने वाले हैं। सारागढ़ी की लड़ाई पर आधारित अक्षय कुमार की फिल्म केसरी बहुत जल्द रिलीज होने वाली है इस फिल्म का टीजर और ट्रेलर भी रिलीज हो चुका है। सारागढ़ी युद्ध पर रिलीज होने वाली पहली फिल्म केसरी 21 मार्च को होली के खास मौके पर रिलीज होने जा रही है।
9. सारागढ़ी युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को ब्रिटिश द्वारा दिया गया पुरस्कार- Posthumous Honours In Hindi
सारागढ़ी युद्ध में शहीद हुए सभी 21 सैनिकों को ब्रिटिश इंडिया द्वारा ‘इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट’ अवार्ड से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड आज के परमवीर चक्र के समान है। सबसे खास बात तो यह है कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी बटालियन के हर सदस्य को युद्ध में वीरता का पुरूस्कार दिया गया था।
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सारागढ़ी का युद्ध १८९७ में लड़ा गया