Ram Setu In Hindi राम सेतु एक मानव निर्मित पुल हैं जो कि भारत के तमिलनाडु राज्य में दक्षिण पूर्वी तट पर रामेश्वरम् द्वीप से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप को जोड़ता हैं। राम सेतु को एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता हैं। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं कि राम सेतु का निर्माण अयोध्या के राजा श्री राम की सहायता करने के लिए उनकी वानर सेना ने किया था। राम सेतु को बनाने का उद्देश्य वानर सेना का समुद्र पार करके लंका (वर्तमान में श्रीलंका) के राजा रावण पर हमला करना था जिसने छलपूर्वक श्री राम की पत्नी (भार्या) देवी सीता का हरण कर लिया था।
राम सेतु की सुन्दरता और इससे जुडी रोचक कथा पर्यटकों अपनी ओर आकर्षित करती हैं। राम सेतु धनुषकोडि द्वीप से थोड़ी ही दूरी पर स्थित हैं और धनुषकोडि रामेश्वरम द्वीप का अंतिम छोर है। यह आकर्षित पुल अब क्षतिग्रस्त हो गया हैं। राम सेतु और इसके आकर्षण के बारे में यदि आप अधिक से अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को एक बार पूरा जरूर पढ़े –
राम सेतु के इतिहास के बारे इतिहासकार एक मत नहीं हैं खास कर इसके निर्माण की अवधि को लेकर एडम ब्रिज की उम्र कुछ गणनाओं के मुताबिक लगभग 125,000 वर्ष से 3500 वर्ष के बीच बताई जाती है। जोकि किसी तरह से रामायण की आयु से मेल खाती हैं। 15 वीं शताब्दी के दौरान यह पुल पैदल चलने योग्य बताया जाता हैं। लेकिन 1480 ईस्वी में आय चक्रवात में यह पुल नष्ट हो गया था और यह समुद्र में नीचे की ओर धस गया। रामेश्वरम मंदिर के रिकॉर्ड से पता चलता है कि राम सेतु (एडम ब्रिज) एक बार समुद्र तल से पूरी तरह से ऊपर था। माना जाता हैं कि भगवान राम और उनकी वानर सेना ने इसी पुल से चलते हुए लंका तक का सफ़र तय किया था। राम सेतु विवाद हमेशा से चर्चा का विषय रहा हैं। श्रीलंका के इतिहासकारों ने इस सिद्धांत की बहुत अधिक निंदा की है और वह इसे श्रीलंकाई इतिहास का घोर विरूपण मानते हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने विभिन्न अदालती मामलो और हलफनामो पर फैसला सुनाते हुए राम सेतु को एक मानव निर्मित पुल बताया हैं। नासा द्वारा किए गए अध्यन के मुताबिक यह पुल सैंडबैंक की एक श्रृंखला हैं।
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राम सेतु चट्टानों, छोटे द्वीपों, भित्तियों और सैंडबैंक से बना हुआ हैं। राम सेतु के बिंदु पर समुद्र काफी उथला है जोकि नेविगेशन सिस्टम साफ दिखाई देता हैं। इसके आसपास अधिकांश स्थानों पर समुद्र 3 फीट गहरा है और कुछ स्थानों पर अधिकतम 30 फिट तक की गहराई देखी जा सकती हैं। एडम ब्रिज की लंबाई लगभग 48 किमी या 30 मील है और चौड़ाई लगभग 3 किलोमीटर है। राम सेतु के रूप में चूना पत्थर की यह खूबसूरत श्रृंखला भारत और श्रीलंका के बीच एक प्राचीन सम्बन्ध की गाथा वयान करती हैं।
राम सेतु की लम्बाई (ram setu length) लगभग 48-50 किलोमीटर है और इसकी चौड़ाई 3 किलोमीटर हैं।
राम सेतु का निर्माण अयोध्या के राजा राम और श्री लक्ष्मण की सहायता करने के लिए वानर सेना ने किया था। इस सेना में नल-नील नाम के दो वानर थे जिन्हें वरदान था की वह जिस पत्थर को पानी में डालेंगे वह डूबेगा नही। नल और नील ने वानर सेना की मदद से एक – एक पत्थर पर जय श्री राम लिख कर पानी में डालना शुरू किया और पत्थर पानी में तैरने लगे। इस तरह राम सेतु या एडम ब्रिज का निर्माण हुआ।
राम सेतु के अस्तित्व की बात करे तो यह एक सदियों पुरानी संरचना है और इसे लगभग 1.7 मिलियन वर्ष पुराना माना जाता है। राम सेतु का वर्णन सबसे पहले वाल्मीकि द्वारा लिखित भारतीय संस्कृत महाकाव्य रामायण में किया गया था।
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रामेश्वरम् से राम सेतु या एडम ब्रिज की दूरी लगभग 36 किलोमीटर हैं।
राम सेतु की आयु के बारे में कोई स्पष्ट मत अभी तक नही हैं। कुछ ज्ञातकर्ता राम सेतु की आयु को 3500 वर्ष बताते हैं तो कुछ इसको नकारते हुए 7000 वर्ष बताते हैं। जबकि कुछ तो राम सेतु की आयु को 17 लाख वर्ष पुराना भी बता चुके हैं।
राम सेतु एक आकर्षण संरचना हैं जोकि प्राचीन कथाओं से जुडी हुई हैं। राम सेतु के पास ही रामेश्वरम् पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं जोकि पर्यटन के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं। तो आइए हम आपको राम सेतु या एडम ब्रिज के प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा अपने इस लेख से कराते हैं।
रामेश्वरम मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। दर्शनीय वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व का एक आदर्श मिश्रण पर्यटकों को रामेश्वरम मंदिर देखने को मिलता हैं। तमिलनाडु में रामेश्वरम मंदिर को रामनाथस्वामी मंदिर भी कहा जाता है। रामेश्वरम मंदिर दुनिया के सबसे लंबे गलियारे के साथ -साथ आकर्षित खंभों पर नक्काशीदार सुन्दरता का अदभुत उदहारण हैं।
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धनुषकोडी तमिलनाडु में स्थित है कम आबादी वाला शहर हैं जिसमे एक खूबसूरत बीच भी हैं। वर्ष 1964 में आए देश के सबसे भयंकर तूफ़ान को झेलने वाला स्थान हैं। धनुषकोडी राम सेतु के नजदीक स्थित हैं और पर्यटन के लिहाज से अधिक प्रसिद्ध स्थान बन गया है।
राम सेतु के नजदीक रामेश्वरम में 64 पवित्र स्नान में से एक माना जाने वाला अग्निथीर्थम सबसे महत्वपूर्ण थेरथम में से एक है। इस पवित्र स्थान पर आने वाले पर्यटकों को संख्या प्रतिदिन बहुत अधिक होती हैं। श्री रामनाथस्वामी मंदिर के तट के किनारे पर स्थित अग्निथीर्थम का एक अलग ही महत्व हैं। इस तीर्थस्थल पर आने वाले भक्त देवताओं की की पूजा अर्चना करने से पहले इस पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों का प्राश्चित करते हैं।
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एडम ब्रिज के नजदीक ही पंचमुखी हनुमान मंदिर रामेश्वर में स्थित है जोकि यहाँ के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर को पांच मुख वाले हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। पंचमुखी हनुमान मंदिर में राम, लक्ष्मण, सीता की मूर्तियों को भी रखा गया हैं। पंचमुखी हनुमान कवच स्तोत्र मंदिर की ख़ास विशेषता है। भक्त दूर दूर से श्री शंकटमोचन हनुमान जी महाराज के दर्शन करने के लिए यहाँ आते हैं।
अन्नाई इंदिरा गांधी रोड ब्रिज दक्षिणी भारत का सबसे लंबा पुल है और रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से संपर्क में लाता है। रामेश्वरम से 7 किलोमीटर की दूरी पर यह खाड़ी के ऊपर निर्मित है। इस आकर्षित ब्रिज को पम्बन ब्रिज के नाम से भी जाना जाता हैं। यह पुल कई इंजीनियरों को आश्चर्यचकित कर चुका हैं।
लक्ष्मण तीर्थम का निर्माण भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण की स्मृति में किया गया हैं। रामेश्वरम के पर्यटन स्थलों में श्री लक्ष्मण का परम धाम स्थित हैं और उनकी पूजा और प्राथन यहाँ की जाती हैं। भगवान राम और देवी सीता की सुन्दर प्रतिमाओं के दर्शन भी आप इस मंदिर में कर सकते हैं।
विलौंडी तीर्थम रामेश्वरम में स्थित एक समुद्र तट है जिसे एक पवित्र प्राकृतिक जल निकाय के रूप में जाना जाता हैं और यह खूबसूरत स्थान पर्यटकों के बीच एक पसंदीदा बन गया है। विलौंडी तीर्थम का समुद्र के अंदर एक झरना भी है जो इसे आकर्षण के उच्च शिखर तक पहुंचाता हैं। माना जाता हैं कि यह स्थान रामायण की कथा के साथ जुड़ा हुआ है। कहते हैं भगवान राम ने अपनी सेना को पीने के लिए तीर मार कर जल निकाला था।
मन्नार मरीन नेशनल पार्क की खाड़ी 21 छोटे छोटे और आकर्षित द्वीपों का एक समूह हैं। यह पार्क मन्नार बायोस्फीयर रिजर्व की खाड़ी के लिए प्रमुख क्षेत्र माना जाता हैं। इस स्थान पर समुद्री, इंटरटाइडल और निकटवर्ती आवासों में पौधों और जानवरों की बहुत अधिक संख्या देखी जाती हैं। भित्ति, समुद्री घास और मैंग्रोव यहां का आकर्षण है जोकि पर्यटको के लिए प्रिय हैं।
अरियमन बीच राम सेतु के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है और अपनी सफेद रंग की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। बीच पर प्राचीन सफेद रेत समुद्र तट का एक लंबा खंड है जोकि बीच सोभा और अधिक बढ़ा देता हैं। बीच का साफ पानी और कोमल लहरें पर्यटकों के लिए मनमोहक वातावरण बनाती हैं। पर्यटक इस स्थान पर आते हैं और ढेर सारी मस्ती करते हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम हाउस या कलाम हाउस भारत के पूर्व राष्ट्रपति का निवास स्थान हैं। एपीजे अब्दुल कलाम एक कुशल वैज्ञानिक होने के साथ साथ एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे वह अपनी बातो से उर्जा की एक नई रोशनी प्रज्वलित कर देते थे। इसी स्थान पर उन्होंने अपना बचपन अपने माता, पिता और भाई-बहनों के साथ बिताया था। लेकिन अब यह घर एक संग्रहालय के रूप में तब्दील हो गया हैं।
थिरुपुल्लानी एक प्राचीन मंदिर है जोकि भगवान विष्णु को समर्पित है। लेकिन यहाँ के पीठासीन देवता भगवान दरवाहा सयाना राम हैं और उनकी मूर्ती एक वैराग्य मुद्रा में दिखाई देती है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण हैं। इस मंदिर परिसर का निर्माण उस समय किया गया था, जब चोल साम्राज्य सत्ता में था।
राम सेतु की यात्रा पर आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन मौसम के दृष्टीकोण से देखे तो राम सेतु या एडम ब्रीज जाने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से मार्च के महीने का माना जाता हैं।
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राम सेतु के स्थानीय भोजन के रूप में हम इसके नजदीकी पर्यटन स्थल रामेश्वरम का स्वादिष्ट भोजन चख सकते हैं। यहाँ के भोजन में विस्तृत दक्षिण-भारतीय थाली जोकि ज्यादातर शाकाहारी होती हैं मिल जाएगी। हालाँकि यहाँ के रेस्टोरेंट में कई प्रकार के मांसाहारी व्यंजन भी आपको मिल जाते हैं। जिनमे सांभर, इडली, वड़ा, डोसा, फ़िल्टर कॉफी, केकड़ा मांस, बेबी ऑक्टोपस, कटल मछली, केमा वाडस, रसम और बहुत कुछ शामिल हैं।
राम सेतु के आसपास यदि आप किसी होटल की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें कि राम सेतु लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर रामेश्वरम् में आपको लों-बजट से लेकर हाई बजट तक होटल मिल जायंगे।
राम सेतु या एडम ब्रिज की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
राम सेतु की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि रामेश्वरम का निकटतम हवाई अड्डा मदुरै हवाई अड्डा है। जोकि रामेश्वरम शहर से लगभग 149 किलोमीटर की दूरी पर हैं और राम सेतु के लिए भी सबसे नजदीकी एयरपोर्ट हैं।
यदि आपने राम सेतु जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि रामेश्वरम चेन्नई, मदुरै, कोयम्बटूर, त्रिचि, तंजावुर और अन्य महत्वपूर्ण शहरों से रेलमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहाँ से स्थानीय साधनों की मदद से राम सेतु पहुँच जायेंगे।
राम सेतु सड़क मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। जोकि रामेश्वरम, मदुरै, कन्याकुमारी, चेन्नई और त्रिचि से सड़क मार्ग के संपर्क में है। इसलिए आप बस से भी अपनी यात्रा कर सकते हैं.
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इस आर्टिकल में आपने राम सेतु ब्रिज से जुड़े सभी रोचक तथ्यों को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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