Panchvaktra Temple In Hindi, पंचवक्त्र मंदिर मंडी का एक प्रमुख मंदिर है जो सुकेती और ब्यास नदी के संगम पर स्थित है और अपनी आकर्षक सुंदरता से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह मंदिर एक विशाल मंच पर खड़ा है और अच्छी तरह से सुसज्जित है। यह मंदिर को त्रिलोकीनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है पंचवक्त्र मंदिर एक बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो भगवान् शिव को समर्पित है। इस मंदिर को मंदिर विशिष्ट शिखर वास्तुकला शैली में बनाया गया है जो आश्चर्यजनक लगता है। मंदिर को भगवान शिव की पांच मुखी प्रतिमा से नाम मिला है, जिसमें से केवल तीन को सामने से देखा जा सकता है। यह मंदिर ऐसे संरक्षित स्मारकों में से एक है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है और इसको राष्ट्रीय स्थल घोषित किया गया है।
त्रिलोकीनाथ मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक बहुत बड़ी मूर्ति है जिसके पाँच मुख हैं जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों अघोरा, ईशान, तत्पुरुष, वामदेव और रुद्र को दर्शाते हैं। अगर आप त्रिलोकीनाथ मंदिर के मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़ें, यहाँ हम आपको इस पंचवक्त्र मंदिर का इतिहास और पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं।
अगर त्रिलोकीनाथ मंदिर के इतिहास के बात करें तो आज भी इस मंदिर की नींव की तारीख अज्ञात है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, पंचवक्त्र मंदिर को सिद्ध सेन के शासनकाल (1684-1727) के शासनकाल में बहाल किया गया था क्योंकि यह बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। मंदिर के मुख्य पोर्च या मण्डप को 4 माइनर नक्काशीदार खंभों से सपोर्ट मिलता है। यह मंदिर एक बहुत ही शांतिपूर्ण जगह है जो लोगों को ध्यान करने और अच्छे मानसिक स्वास्थ के लिए प्रेरित करती है।
मंडी हिमचल प्रदेश का एक छोटा शहर होने के साथ ही एक वाणिज्यिक केंद्र भी है यहाँ पर खाने के लिए कई कई रेस्तरां, ढाबे उपलब्ध हैं जिनमें आप कई तरह के व्यजनों का स्वाद ले सकते हैं। इसके साथ ही यहाँ रेस्टोरेंट्स में बहु व्यंजनों वाली थालियाँ भी उपलब्ध हैं।
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मंडी उत्तर भारत का एक ऐसा शहर है जहाँ पर गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में काफी ठंड होती है। सदियों में यहाँ पर गर्म पकड़ें पहनने की सलाह दी जाती है। अगर मंडी की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर का होता है। क्योंकि यह समय हॉलिडे मेकर्स के लिए एकदम आदर्श समय है।
अगर आप पंचवक्त्र मंदिर के अलावा इसके आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी को जरुर पढ़ें, यहाँ हम आपको त्रिलोकीनाथ मंदिर के पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रशार झील ट्रेक हिमाचल प्रदेश के सबसे ऑफबीट जगहों में से एक है जो मंडी से लगभग 50 किमी दूर स्थित एक क्रिस्टल क्लियर वाटर बॉडी है। जहाँ पर एक तीन मंजिला शिवालय है, जो ऋषि प्रशार को समर्पित है। यह झील अपने गहरे नीले पानी के साथ समुद्र तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। कुल्लू घाटी में शक्तिशाली धौलाधार पर्वतमाला से घिरा यह क्षेत्र रहस्यमय आकर्षण से भरा हुआ है और यहाँ से नीचे बहती हुई ब्यास नहीं का आकर्षण दृश्य दिखाई देता है। यहाँ की बर्फ से घिरी चोंटियां, हरी-भरी घाटियाँ, नदियाँ और झीलें इसे एक बेहतरीन ट्रेकिंग अनुभव प्रदान करती हैं। पंचवक्त्र मंदिर से प्रशार झील की दूरी 167 किलोमीटर हैं।
भूतनाथ मंदिर मंडी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जिसकी आध्यात्मिकता 1520 के दशक की है। यह मंदिर उतना ही पुराना है जितना पुराना यह शहर है। भूतनाथ मंदिर मंडी शहर के केंद्र में स्थित है और यह भगवान् शिव को समर्पित है। यहाँ आने वाले पर्यटक और तीर्थ यात्री भगवान शिव के बैल नंदी को देखेंगे जो परिसर के बाहर स्थित है। मार्च के महीने में यहाँ पर शिव रात्रि का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। यह इस कस्बे और मंदिर का प्रमुख त्यौहार है।
रिवालसर झील मंडी की प्रमुख झील है जिसको त्सो पेमा लोटस झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील मंडी जिले के दक्षिण में लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर मंडी जिले में एक पहाड़ी स्पर पर माध्यम उंचाई पर स्थित है। यह झील चौकोर आकर की है और समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। बता दें कि यह पहाड़ी विभिन्न प्रकार की घनी वनस्पतियों और पौधों द्वारा संरक्षित है। यह स्थान पर्यटकों द्वारा इसकी शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पसंद किया जाता है। रिवालसर झील हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है जहाँ पर्यटकों को एक बार जरुर जाना चाहिए।
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हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले की शांत घाटियों में स्थित बड़ौत एक खूबसूरत गाँव है। यह एक नया पाया गया पर्यटन स्थल है और मंडी से लगभग 67 किलोमीटर दूर स्थित है। अगर आप एक या दो दिन घूमने की कोई जगह तलाश रहे हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत अच्छी है। यहाँ के मनोरम दृश्य और अनपेक्षित हवा दुनिया भर के यात्रियों को यहाँ दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आकर्षित करती है। यह जगह ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग के सामान है। क्योंकि यह स्थान अपने कई ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए गाँव से होकर गुजरता है और इसलिए यह एक पसंदीदा ट्रेकिंग स्थल भी है।
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कामरू नाग झील मंडी-करसोग मार्ग पर 3334 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है पर्यटकों और ट्रेकिंग के लिए एक खास जगह है। बर्फ से ढके धौलाधार और बाहु घाटी से घिरी झील बेहद आकर्षक नज़र आती है। कामरू नाग झील मंदिर हरे भरे जंगल के घने आवरण से घिरा हुआ है। झील के निकट एक कामरू नाग मंदिर हरे भरे जंगल के घने आवरण से घिरा हुआ है। पंचवक्त्र मंदिर से कामरू नाग झील 104 किलोमीटर है।
शिकारी देवी मंदिर मंडी से 15 किमी दूर स्थित, समुद्र तल से 3332 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक प्रसिद्ध स्थल है जो ट्रैकिंग के लिए काफी रोमांचक है। अगर आप आप सूर्योदय या सूर्यास्त के देखना पसंद करते हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत खास साबित हो सकती है।
चिंदी शहर की भीड़ भाड़ से दूर छोटा सा गाँव है जो प्रकृति की गोद में चुपचाप बैठा है। यहाँ गाँव में प्राकृतिक सुंदरता और यहाँ स्थित कई छोटे मंदिरों के लिए जाना जाता है। मंडी से 107 किलोमीटर दूर स्थित, यह स्थान तत्तापानी के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
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जंझली ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श जगह है। 3300 मीटर तक की पगडंडी के साथ यह स्थान मंडी से लगभग 67 किमी दूर है। जंझली जाने के लिए आप गोहर तक वाहन से 32 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं, और इसके बाद पैदल यात्रा कर सकते हैं।
कमलाह फोर्ट मंडी शहर से लगभग 80 किमी दूर स्थित सिकंदर धार पर्वतमाला पर खड़ा हुआ है। इस किले का निर्माण 1625 में राजा सूरज सेन द्वारा किया गया था जो 4772 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। किले के प्रवेश द्वार के आसपास के हरे-भरे परिदृश्य देखने लायक है।
भीमा काली मंदिर देवी भीमा काली को समर्पित मंडी शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ब्यास नदी के तट पर स्थित, यह मंदिर एक संग्रहालय में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी प्रदर्शित करता है। बता दें कि यह वही स्थल है जहाँ पर भगवान् कृष्ण ने बाणासुर नाम के राक्षस से युद्ध किया था।
तत्तापानी हिमाचल प्रदेश में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। बता दें कि यह एक विचित्र क्षेत्र है, जो किसी वंडरलैंड से कम नहीं है। तत्तापानी पर्यटन शिमला शहर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है जो कई आकर्षणों को को संग्रहीत करता है। पहाड़ों के बीच बसे इस खूबसूरत पर्यटन स्थल को आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। तत्तापानी में मंदिर, गुफाएं, घास के मैदान, गर्म पानी के झरने जैसे आकर्षण के अलावा ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे एडवेंचर खेल भी शामिल हैं। सतलुज नदी और हरी भरी घाटी के साथ शांत वातावरण में पैदल चलता आपके थके हुए दिमाग को शांति प्रदान करता है।
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सुंदर नगर शहर पूर्व में स्थित एक रियासत थी जिसको सुकेत के नाम से जाना जाता था। इस छोटे से शहर का प्रमुख आकर्षण ब्यास-सतलज परियोजना के पानी द्वारा निर्मित मानव निर्मित झील है। आपको बता दें कि यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी हाइडल परियोजना है। सुंदर नगर की प्राकृतिक सुंदरता छायादार और ऊंचे ऊंचे पेड़ पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते है। सर्दियों में यहाँ एक दम हरियाली हो जाती है। भले ही सुंदरनगर एक छोटा शहर है लेकिन यह मन और आत्मा को सुकून प्रदान करता है।
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त्रिलोकीनाथ मंदिर मंडी के पास स्थित है जहाँ पर्यटक आसानी से पहुँच सकते हैं। यह मंदिर ब्यास और सुकेती के संगम पर स्थित है। आप कैब किराए पर लेकर इस अद्भुत जगह की यात्रा कर सकते हैं या फिर स्थानीय परिवहन द्वारा यात्रा कर सकते हैं। बता दें कि कैब से यात्रा करना सबसे अच्छा विकल्प है। अपने पर्यटन स्थल पहुँचने के बाद इसके अलावा मंडी शहर के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं।
मंडी का निकटतम हवाई अड्डा भुंतर (60 किमी) में स्थित है। भुंतर हवाई अड्डे से आप मंडी के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं और अपने पर्यटन स्थल पर पहुँच सकते हैं।
एचआरटीसी की बस सेवा दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी शहरों और राज्यों से आसानी से उपलब्ध है। दिल्ली शहर से मंडी लगभग 400 किमी दूर है।
मंडी के लिए शहर का निकटतम ब्रॉड गेज रेलहेड पठानकोट (210 किमी) है जो गेज जोगिंदर नगर रेलहेड से जुड़ा हुआ है और मंडी से 55 किमी दूर है। बस या कैब से आप रेलवे स्टेशन से अपने पर्यटन स्थल तक पहुँच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने पंचवक्त्र मंदिर का इतिहास और पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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