Mehrangarh Fort In Hindi : मेहरानगढ़ किला जिसको मेहरान किले के रूप में भी जाना जाता है। इस किले को 1459 में राव जोधा द्वारा जोधपुर में में बनवाया गया था। यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मेहरानगढ़ किला विशाल दीवारों द्वारा संरक्षित है जहां पर कई तरह की हॉलीवुड और बॉलीवुड की शूटिंग हुई है जिनमे द लायन किंग, द डार्क नाइट राइज और ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के नाम शामिल हैं। इस किले का प्रवेश द्वारा एक पहाड़ी के ऊपर है जो बेहद शाही है। किले में सात द्वार हैं जिनमें विक्ट्री गेट, फतेह गेट, भैरों गेट, डेढ़ कामग्रा गेट, फतेह गेट, मार्टी गेट और लोहा गेट के नाम शामिल है।
इस सभी गेटों का निर्माण अलग-अलग समय में किया गया था और इन्हें एक विशिष्ट उद्देश्य के चलते बनाया गया था। यहां पर जयपुर और बीकानेर सेनाओं पर महाराजा मान सिंह की जीत के उपलक्ष्य में विजय द्वार का निर्माण भी किया गया था। इसके अलावा किले में शीश महल (ग्लास पैलेस) और फूल महल (रोज पैलेस) जैसे आकर्षक महल भी हैं। अगर आप मेहरानगढ़ किले को देखने के लिए जाना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, इसमें हम आपको किले के बारे खास बातें जैसे मेहरानगढ़ किले का इतिहास, वास्तुकला, आसपास के पर्यटन स्थल और घूमने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
मेहरानगढ़ किले का इतिहास काफी दिलचस्प है जो हमें उस समय में वापस ले जाता है जब 15 वीं शताब्दी का दौरान राठौर शासक राव जोधा ने 1459 में जोधपुर की स्थापना की थी। राजा राम मल के पुत्र राव जोधा ने शहर को मंडोर से शासित किया लेकिन फिर उसने अपनी राजधानी को जोधपुर स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने भाऊचेरिया पहाड़ी पर किले की नीव रखी जिसकी दूरी मंडोर से सिर्फ 9 किमी थी। ‘मेहरान’ का अर्थ सूर्य है इसलिए राठोरों ने अपने मुख्य देवता सूर्य के नाम से इस किले को मेहरानगढ़ किले के रूप में नामित किया। इस किले के मुख्य निर्माण के बाद जोधपुर के अन्य शासकों मालदेव महाराजा, अजीत सिंह महाराजा, तखत सिंह और महाराजा हनवंत सिंह द्वारा इस किले में अन्य निर्माण किए।
मेहरानगढ़ किले और महलों को 500 साल की अवधि में बनाया गया था। किले की वास्तुकला में आप 20 वीं शताब्दी की वास्तुकला की विशेषताओं के साथ 5 वीं शताब्दी की बुनियादी वास्तुकला शैली को भी देख सकते हैं। किले में 68 फीट चौड़ी और 117 फीट लंबी दीवारें है। मेहरानगढ़ किले में सात द्वार हैं जिनमें से जयपोली सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। किले की वास्तुकला 500 वर्षों की अवधि के विकास से गुजरी है। महाराजा अजीत सिंह के शासन के समय इस किले की कई इमारतों का निर्माण मुगल डिजाइन में किया गया है। इस किले में पर्यटकों को आकर्षित कर देने वाले सात द्वारों के अलावा मोती महल (पर्ल पैलेस), फूल महल (फूल महल), दौलत खाना, शीश महल (दर्पण पैलेस) और सुरेश खान जैसे कई शानदार शैली में बने कमरें हैं। मोती महल का निर्माण राजा सूर सिंह द्वारा बनवाया गया था। शीश महल, या हॉल ऑफ मिरर्स बेहद आकर्षक है जो अपनी दर्पण के टुकड़ों पर जटिल डिजाइन की वजह से पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। फूल महल का निर्माण महाराजा अभय सिंह ने करवाया था।
और पढ़े: जूनागढ़ किला जाने की पूरी जानकारी
अगर आप मेहरानगढ़ किले की सैर करने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि इस किले के अंदर कुछ मंदिर और पार्क भी बने हुए है जहां आपको किले की यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए।
जब राव जोधा अपनी अपनी राजधानी को मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित किया था तब वह अपने साथ दुर्गा माता की मूर्ति को भी ले गए थे। इस मूर्ति को मेहरानगढ़ किले में स्थापित किया गया था जिसे आज चामुंडा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।
नागणेचजी मंदिर किले के बिलकुल दाईं ओर स्थित है जिसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था, जब राव धुहड़ ने मूर्ति को मारवाड़ में लाया था जिसको बाद में किले में स्थापित कर दिया गया था।
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क किले के पास स्थित है जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। यह पार्क 72 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है जहां रेगिस्तान और शुष्क वनस्पति पाई जाती है। इस पार्क में पर्यटक गाइड के साथ 880 से 1100 मीटर लंबे रोमांचक रास्ते जा सकते हैं जहां पर कुछ अनोखे पौधों को देखा जा सकता है।
चोकेलो गार्डन मेहरानगढ़ किले के ठीक नीचे स्थित है जिसे आपको अपनी किले की यात्रा में जरुर शामिल करना चाहिए। यह गार्डन 18 वीं शताब्दी का है जिसके बाद इसका जीर्णोद्धार किया गया है। इस गार्डन में एक रेस्टोरेंट भी है जहां से आप मनोरम दृश्य का आनंद लिया जा सकता है।
और पढ़े: आमेर किले का इतिहास और घूमने की जानकारी
अगर आप मेहरानगढ़ किले की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के मौसम का है। अक्टूबर से मार्च के के महीनों के बीच यहां का मौसम काफी ठंडा और सुखद रहता है। इस मौसम में आप पूरे किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं। किला घूमने के लिए आप सर्दियों के मौसम में सुबह के समय जाएँ। यह किला सुबह 9:00 बजे पर्यटकों के लिए खोला जाता। आप दो या तीन घंटे एक किले में बिताने के बाद यहां के पास के पर्यटन स्थलों पर जा सकते हैं।
जोधपुर एक ऐसा शहर है जहां के व्यंजन मिर्च मसाले से भरपूर होते हैं। यहां पर पर्याप्त मात्रा में स्ट्रीट फूड और मिठाइयां उपलब्ध हैं। यहां आप मिर्ची बड़ा, मावा कचोरी और प्याज़ कचोरी जैसे कुछ स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का स्वाद भी ले सकते हैं इसके अलावा यहां के मखानिया लस्सी भी काफी लोकप्रिय है। अगर आप इस शहर में कुछ मीठा खाना चाहते हैं तो यहां मिलने वाले भोग बेसन की चक्की, मावे की कचौरी, मोतीचूर के लड्डू और मखान वडे का मजा भी ले सकते हैं।
मेहरानगढ़ किले के पास कई रेस्तरां और कैफे स्थित हैं जो आपको राजस्थानी व्यंजनों का आनंद देते हैं। जिसमें मेहरान टेरेस, केसर हेरिटेज रेस्तरां आदि के नाम शामिल हैं।
और पढ़े: जयगढ़ किले का इतिहास और रहस्य
जोधपुर शहर भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ रेल, सड़क और हवाई नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसीलिए पर्यटक इनमे से किसी से ट्रेवल करके आसानी से मेहरानगढ़ किला जा सकते है –
अगर आप मेहरानगढ़ किले या जोधपुर की यात्रा रेल द्वारा करना चाहते हैं तो बता दें कि जोधपुर रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यहां रोज कई ट्रेनें उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन ‘राय का बाग’ रेलवे स्टेशन है। जोधपुर रेलवे स्टेशन से मेहरानगढ़ किले की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है, जहां आप टैक्सी या कैब की मदद से पहुंच सकते हैं।
राजस्थान के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक, जोधपुर अब एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में तब्दील हो रहा है। यहां के लिए आपको देश के विभिन्न शहरों से दैनिक उड़ानें मिल जायेंगी। इस एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप एक टेक्सी बुक करके या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से मेहरानगढ़ किला जा सकते है।
जोधपुर शहर राजस्थान के सभी महत्वपूर्ण शहरों के साथ ही अपने पड़ोसी राज्यों के लिए सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां पर कई डीलक्स और एक्सप्रेस बस सेवाएं उपलब्ध हैं। अगर आप शहर की यात्रा करना चाहते हैं तो ऑटो रिक्शा, बस, साइकिल रिक्शा या कैब की मदद ले सकते हैं।
और पढ़े: नाहरगढ़ किले का इतिहास और घूमने की जानकारी
इस आर्टिकल आपने मेहरानगढ़ किले का इतिहास, रहस्य और इसकी यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को विस्तार से जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…