Jim Corbett National Park in Hindi : जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है जिसको 1936 में बंगाल बाघ की रक्षा के लिए “हैंली नेशनल पार्क” के रूप में स्थापित किया गया था। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की सबसे खास बात यह है कि इसमें रॉयल बंगाल टाइगर की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क हिमालय पर्वत की तलहटी और रामगंगा नदी के किनारे उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है।
इस पार्क में पेड़ों की लगभग 50 प्रजातियों, 580 पक्षियों की प्रजातियां और जानवरों की 50 प्रजातियों के अलावा सरीसृप की 25 प्रजातियां पाई जाती है, जो 500 से अधिक वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई हैं। इस नेशनल पार्क के क्षेत्र में बेल्ट, पहाड़ी, दलदली अवसाद, झीलें, नदियां और घास के मैदान हैं।
अगर आप इस पार्क में घूमने के लिए जा रहे हैं, तो आपको बता दें कि इस पार्क की यात्रा यहां के जंगलों की सफारी के बिना अधूरी है, इसलिए जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जाने पर सफारी का आनंद जरुर लें। आइये हम आपको जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सैर कराते हैं।
प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणवादी और लेखक जिम कॉर्बेट ने 1930 के दौरान इस क्षेत्र की स्थापना में ब्रिटिश सरकार की सहायता की थी। इसके बाद फिर साल 1936 में, इस क्षेत्र के लगभग 300 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हुए हैली नेशनल पार्क नाम का एक वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र स्थापित किया गया।
1955-1956 में इस जगह का नाम बदलकर आरक्षित क्षेत्र का नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के रूप में परिवर्तित कर दिय था। इस पार्क का नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट को श्रद्धांजलि और वन्य जीवन के संरक्षण के योगदान के लिए रखा गया क्योंकि उन्होंने इस पार्क की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
साल 1974 में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक प्रतिष्ठित वन्यजीव संरक्षण अभियान द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर को लांच करने के रूप में चुन लिया गया। 1991 में अपनी कालागढ़ वन प्रभाग के तहत सोनांडी वन्यजीव अभयारण्य का पूरा क्षेत्र अपनी तत्काल सीमा में जोड़ा गया था।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कुछ क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
टूरिस्ट जोन यहां आने वाले पर्यटकों और यात्रियों के लिए बनाया गया है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आने वाले पर्यटक सफारी से घूम सकते हैं और यहां पाए जाने वाले सभी जानवरों को बहुत पास से देखकर इस जगह का आनंद उठा सकते हैं।
यह जोन रामनगर से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जोन में आप यहाँ के हरे भरे वनों की सैर करने अपने दिमाग को एक अलग शांति का एहसास करवा सकते हैं। यह जोन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सुंदर जगहों में से एक है।
झिरना सफारी जोन रामनगर से 16 किमी की दूसरी पर स्थित है। यह बफ़र ज़ोन बाकी सभी क्षेत्रों के बीच नए तरीके से बनाया गया है। यह जोन शहर की सीमा के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, इस जगह आप बसों, टैक्सियों और संचार के दूसरे तरीकों से आसानी से पहुंच सकता है। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में झिरना सफारी जोन की हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह जगह भालू को देखने के लिए भी जानी जाती है।
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का ढेला सफारी जोन एकमात्र क्षेत्र है जो पर्यटकों के लिए पूरे तरीके से खुला हुआ है। इस जगह के हरे भरे वन और समृद्ध जैव विविधता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। इस जगह आने वाला हर पर्यटक यहां आकर आनंदित हो जाता है। ढेला सफारी जोन राम नगर से लगभग 13 किमी दूर है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला जोन जैव विविधता में सबसे ज्यादा धनी क्षेत्र है। यह रामनगर से करीब 18 किमी दूर स्थित है। अगर आप इस जगह का पूरी तरह से मजा लेना चाहते हैं तो इस जगह पर एक रात रुकने के बारे में जरुर सोचे। यहां एक रात ठहरना आपके मन को रोमांच से भर देगा।
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दुर्गा देवी जोन रामनगर से से 36 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में ख़ास रूप से पाए जाने वाले पक्षियों को देखने के लिए प्रसिद्ध है।
भारत के वनस्पति सर्वेक्षण की माने तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लगभग 521 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र में पेड़ों की एक चौंका देने वाली 600 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमे घास, पर्वतारोही, बाँस, झाड़ियाँ, फर्न के नाम शामिल हैं। यह रिज़र्व पार्क विविध वनस्पतियों में बहुत धनी है यहाँ पर ताजे पानी की वनस्पति और अल्पाइन वनस्पति दोनों शामिल हैं। यह पार्क में साल के जंगल बहुत ज्यादा पाए जाते है जो इस आरक्षित क्षेत्र 75% से अधिक भाग को कवर करता है। पेड़ों में सबसे प्रमुख प्रजातियों में साल, खैर और सिसो के नाम शामिल हैं।
इस जगह में आपको एकमात्र शंकुधारी वृक्ष देखने को मिलेगा जो चीड़ का है। जिम कॉर्बेट को मंत्रमुग्ध और आकर्षक बनाने का श्रेय उन फूलों के पेड़ों को जाता है जो यहां पर बहुत ज्यादा संख्या में पाए जाते हैं। यहाँ के खुबसूरत पेड़-पौधे यहां आने वाले पर्यटकों का ध्यान खींच लेते हैं। इस पार्क में खास पौधे जैसे काचरन (सफेद टमाटर के गुलाबी फूल), सेमल (विशाल लाल फूल), ‘जंगल की आंच’, ढाक (चमकीले नारंगी फूल) भी पाए जाते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क हमेशा से पशुवर्ग के रहने के लिए एक बेहद अनुकूल स्थान रहा हैं। इस नेशनल पार्क में खास रूप से एशियाई हाथी और घड़ियाल के साथ कई लुप्तप्राय जानवर और गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों का आवास है। जिम कॉर्बेट सफारी यहाँ साल भर आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए बेहद खास है। इस सफारी ड्राइव में सबसे मुख्य आकर्षण राजसी रॉयल बंगाल टाइगर है। यहाँ पाई जाने वाली अन्य प्रजातियाँ जैसे एशियाई ब्लैक बीयर, वॉकिंग डियर, हॉग डियर, सांभर, स्लॉथ भी बेहद खास है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है क्योंकि यहाँ पक्षियों की 600 प्रजातियों का घर है जिनमे ग्रेट चितकबरा हॉर्नबिल, सफेद पीठ वाला गिद्ध। मोर, हॉजसन बुशचैट, नारंगी स्तन वाले हरे कबूतर, समुद्री मछली ईगल, गोल्डन ओरियो, मछली उल्लू, शामिल हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लुप्तप्राय सरीसृप, मुगर मगरमच्छ, और किंग कोबरा भी पाए जाते हैं।
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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पारिस्थितिक रूप से समृद्ध और हिमालय के विविध तलहटी के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पार्क विशाल और सर्व-समावेशी जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। जिम कार्बेट नेशनल पार्क में सफारी की यात्रा करना पर्यटकों के लिए बेहद यादगार साबित हो सकता है, क्योंकि यहाँ के निवासी जानवर, पक्षियों और सरीसृपों के के साथ यहाँ उप-उष्णकटिबंधीय और पर्णपाती जंगल और कई छोटी नदियां इस जगह को बेहद खास और आकर्षक बनाती हैं। जिसके चलते यहां पर सफारी पर थोड़े पैसे खर्च करने में आपको कोई झिझक महसूस नहीं होगी। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में आप यहाँ पाए जाने वाले वनस्पतियों और जीवों को देखने के लिए तीन तरह से सफारी कर सकते हैं जैसे कैंटर सफारी, जीप सफारी और एलिफेंट सफारी। अगर यहां आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा कर पूरी तरह से आनंद उठाना चाहते हैं तो सफारी की यात्रा करना उनके लिए बेहद जरुरी है।
बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाँच सफारी जोन हैं: बिजरानी ज़ोन, झिरना ज़ोन, दुर्गादेवी ज़ोन, ढेला ज़ोन और ढिकाला ज़ोन। इसके अलावा इस कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में सोननदी वन्यजीव अभयारण्य भी है, जिसको सीतावनी जोन भी कहा जाता है, हालांकि यह जगह कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाहर है। अगर आप यहां रॉयल बंगाल टाइगर, जंगली सूअर, भौंकने वाले हिरण, सांभर हिरण, सियार, हिमालयी भालू, हाथी, हॉग हिरण, स्लोथ जैसे जानवरों की उत्तम प्रजातियों को देखना चाहते हैं तो जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की जंगल साफरी को मिस न करें।
अगर आप जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की यात्रा करने के बारे में विचार बना रहे हैं तो आपको बता दें कि इस पार्क के लिए आप पूरे साल यात्रा कर सकते हैं लेकिन इसकी यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर और फरवरी के बीच होता है। सर्दियों के मौसम के दौरान सभी क्षेत्र खुले होने की वजह से आप यहां अधिक जानवरों को देख पाएंगे। यहां गर्मी ज्यादा नहीं पड़ती इसलिए गर्मियों का समय अधिकांश जानवरों को जल निकायों के पास देखने का यह अच्छा समय होता है। मानसून (जून- अगस्त) का मौसम यहां जाने के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इन महीनों के दौरान पार्क ज्यादातर समय बंद रहता है।
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जिम कार्बेट नेशनल पार्क, भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है, जो वन्यजीवों के साथ-साथ दुनिया भर के पर्यटकों और प्रकृति से प्यार करने वालों के लिए प्रमुख वन्यजीव स्थल है। यह पार्क नई दिल्ली से लगभग 260 किमी दूर, भारत के उत्तराखंड राज्य के एक शहर रामनगर में स्थित है। भारत की राष्ट्रीय राजधानी शहर की निकटता में होने के कारण, पार्क तक रेलवे और सड़क मार्ग के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहां, आपको कॉर्बेट नेशनल पार्क तक पहुंचने के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।
हवाई जहाज से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क तक पहुंचने के लिए परिवहन का एक आदर्श साधन नहीं है। लेकिन अगर अप देश के किसी दूर के शहर से आ रहे हैं तो पाटनगर हवाई अड्डा निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है, जो यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर है। इस हवाई अड्डे से आप टेक्सी या कैब किराये से ले सकते हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास का निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली में IGI हवाई अड्डा जो लगभग 235 किलोमीटर दूर है। जो दुनिया भर के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
कॉर्बेट से निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर है जो पार्क से लगभग 12 किमी दूर है, जो दिल्ली हरिद्वार, लखनऊ और वाराणसी जैसे बड़े शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। बता दें कि रामनगर के लिए दिल्ली से केवल एक ट्रेन है और यह रास्ते में कई स्टेशन पर रूकती है। इसलिए अच्छा विकल्प यह है कि पहले आप मुरादाबाद के लिए एक ट्रेन लें और फिर वहां से रामनगर पहुँचने के लिए एक टैक्सी या बस ले सकते हैं जिससे रामनगर पहुंचने में आपको लगभग 1 घंटा लगेगा।
कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर से बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रामनगर के लिए आपको देश के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, हरिद्वार और नैनीताल से नियमत बसें मिल जाएगी।
दिल्ली से कॉर्बेट के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि सड़क यात्रा का अपना मजा है, विशेष रूप से सुखद मौसम में। दिल्ली से कॉर्बेट सड़क की दूरी लगभग 245 किमी और 6 घंटे की ड्राइव है। आप या तो अपने निजी वाहन में यात्रा कर सकते हैं या कार / यात्री बस की सेवा ले सकते हैं जो दिल्ली से जिम कार्बेट नेशनल पार्क के लिए आसानी से उपलब्ध है।
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