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ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर के दर्शन और पर्यटन स्थल की जानकारी – Brahmaji Temple Pushkar Information In Hindi

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Brahma Temple Pushkar In Hindi : ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित भगवान ब्रह्मा को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जिन्हें ब्रह्मांड का निर्माता माना जाता है। भारत में ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर होने के कारण यह हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। ब्रह्मा मंदिर यहां उपस्थित होने की वजह से पुष्कर शहर बेहद पवित्र है। यह दुनिया के टॉप 10 धार्मिक स्थानों और भारत में हिन्दुओं के टॉप 5 पवित्र स्थलों में से एक है। बता दें कि मूल रूप से 14 वीं शताब्दी में निर्मित ब्रह्मा जी के इस मंदिर को लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। शुरुआत में इस मंदिर का निर्माण ऋषि विश्वामित्र के द्वारा शरू किया गया था जिसकें बाद आदि शंकराचार्य के अधीन इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया।

ब्रह्मा मंदिर के सामने बहने वाली पुष्कर झील इसे और भी ज्यादा पवित्र बनाती है। ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करने और पुष्कर झील में डुबकी लगाने से भक्तों को अदभुद शांति की प्राप्ति होती है। अगर आप ब्रह्मा मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको ब्रह्मा मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दे रहें हैं।

1. ब्रह्मा मंदिर पुष्कर की कहानी – Brahma Temple Pushkar Story In Hindi

Image Credit: Mrigen Halder

ब्रह्मा मंदिर की पौराणिक कथा की बात करें तो एक बार भगवान ब्रह्मा राक्षसों के किसी भी रुकावट के बिना शांतिपूर्वक तरीके से याग करना चाहते थे, जिसके लिए वे एक शांत जगह कि तलाश में थे। जब ब्रह्मा किसी शांत जगह की तलाश कर रहे थे तो पुष्कर में उनके हाथ से कमल का फूल गिर गया, जिसके बाद उन्होंने पुष्कर में यज्ञ करने का फैसला किया। दुर्भाग्य से भगवान ब्रह्मा जब यज्ञ करने जा रहे थे तो उनकी पत्नी सावित्री उनके साथ नहीं थी इसलिए उन्होंने गुर्जर समुदाय की लड़की गायत्री से विवाह कर लिया और उसके साथ ही यज्ञ की सभी रस्में पूरी कीं। लेकिन जब सावित्री ने अपने पति को दूसरी महिला से विवाह करते हुए देखा, तो वह क्रोधित हो गई और उन्होंने ब्रह्मा को शाप दिया कि उनकी पूजा उनके भक्तों द्वारा कहीं भी नहीं की जाएगी। इसलिए सिर्फ पुष्कर ही एक ऐसा मंदिर है जहां ब्रह्मा जी की पूरा की जाती है इसके अलावा भारत में कहीं भी ब्रह्मा जी का मंदिर नहीं है और न ही उनकी पूजा की जाती है।

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2. ब्रह्मा मंदिर पुष्कर की वास्तुकला – Brahma Temple Pushkar Architecture In Hindi

Image Credit: Mritunjay Kumar Singh

ब्रह्मा मंदिर को मूल रूप से 14 वीं शताब्दी में पुष्कर नदी के तट पर बनाया गया था। एक उभरे हुए मंच स्थित मंदिर तक आप संगमरमर की सीढ़ियों की मदद से मंदिर तक पहुँच सकते हैं। मुख्य द्वार के शीर्ष पर भगवान ब्रह्मा के वाहन हंस की मूर्ति देखने को मिलती है। मेन गेट आपको मुख्य हॉल तक ले जाएगा, जिसे मंडापा भी कहा जाता है। फिर इसके बाद एक गर्भगृह है जहां पर ब्रह्मा जी निवास करते हैं। मंदिर में संगमरमर से बना एक सुंदर कछुए को गर्भगृह की ओर देखा जा सकता है। काले और सफेद टाइलों में फर्श का संगमरमर भक्तों द्वारा भगवान ब्रह्मा को चढ़ाए गए सैकड़ों चांदी के सिक्कों से भरा है। यहां की दीवारें मोर और देवी सरस्वती की आकर्षक छवियों से सजी हुई हैं। इस मंदिर के अंदर एक चांदी का दरवाजा भी है जो एक छोटी गुफा तक जाता है जिसमें भगवान शिव का मंदिर है। भगवान ब्रह्मा की मूर्ति चौमुर्ती कहलाती है क्योंकि इस मूर्ति के चार मुख हैं। ब्रह्मा जी की यह मूर्ति चार पैर और चार हाथ के साथ स्थित है और उनके चारों चेहरे चार अलग- अलग दिशा में देख रहें हैं। भगवान ब्रह्मा मूर्ति के साथ उनकी पत्नियों में सावित्री अपने दाईं ओर और गायत्री बाईं ओर बैठी हुई हैं।

3. पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में अनुष्ठान – Brahma Temple Pushkar Rituals In Hindi

आपको बता दें कि ब्रह्मा मंदिर में तीन तरह की पूजाएँ होती हैं जिसमें से पहली पूजा संध्या आरती (Sandhyaarati) जो सूर्यास्त के बाद की जाती है। दूसरी पूजा रात्रि शयनारती (Ratri Shayanarati) सूर्योदय के लगभग 5 घंटे बाद और अंतिम मंगलाआरती (Mangalaarati ) है जो सूर्योदय से 2 घंटे पहले सुबह के समय की जाती है। इन सभी पूजा आरती के दौरान मंदिर के पुजारी सख्त धार्मिक नियमों का पालन करते हैं। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि विवाहित पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। केवल पुजारी जो कि तपस्वी हैं, वही यहां पूजा कर सकते हैं। भक्तों के सभी प्रसाद मुख्य हॉल से एक पुजारी द्वारा लिए जाते हैं।

4. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर में उत्सव – Festivals At Brahma Temple In Hindi

Image Credit: Udit Kashyap

ब्रह्मा मंदिर में मनाये जाने वाले उत्सव की बात करें तो ऐसा कोई भी त्यौहार नहीं है जो मंदिर में मनाया जाता है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा को सबसे शुभ दिन माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर कार्तिक के हिंदू चंद्र महीने की पूर्णिमा की रात (अक्टूबर – नवंबर) पुष्कर में भारत के सबसे धार्मिक उत्सवों में से एक पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में पर्यटकों और भक्तों की भारी भीड़ आती है। इस मेले के दौरान पुष्कर शहर कई रोमांचक गतिविधियों के साथ जीवित हो जाता है। पांच दिवसीय लंबे इस उत्सव के दौरान भक्त पवित्र पुष्कर झील में डुबकी लगाते हैं और ब्रह्मा मंदिर में कई विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

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5. ब्रह्मा मंदिर पुष्कर का प्रवेश शुल्क – Brahma Mandir Pushkar Entry Fees In Hindi

ब्रह्मा मंदिर में जाने के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता। भक्त बिना किसी एंट्री फीस के भगवान के दर्शन कर सकते हैं।

6. ब्रह्मा मंदिर पुष्कर के खुलने और बंद होने का समय – Brahma Temple Pushkar Timings In Hindi

  • सर्दियों के दौरान मंदिर खुलने का समय- सुबह 6:30 से रात 8:30 बजे
  • गर्मियों के दौरान मंदिर खुलने का समय- सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक
  • दोपहर 1:30 से 3:00 बजे के बीच मंदिर बंद कर दिया जाता है।

7. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Brahma Mandir Pushkar In Hindi

Image Credit: Keshav Singh

ब्रह्मा मंदिर की यात्रा करने का आदर्श समय सर्दियों के मौसम में यानि अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान राजस्थान का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, जो ज्यादा ठंडा नहीं है। गर्मियों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। सर्दियों के दौरान आप कार्तिक पूर्णिमा पर नवंबर में आयोजित होने वाले पुष्कर मेले में शामिल हो सकते हैं।

8. पुष्कर के ब्रह्माजी मंदिर के आसपास के प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Brahma Temple Ke Darshaniya Sthal In Hindi

8.1 पुष्कर झील – Pushkar Lake In Hindi

पुष्कर झील भारत के एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भारी संख्या में भारतीयों और विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आपको बता दें कि यह झील राजस्थान के पुष्कर में अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है और 52 स्नान घाटों और 500 से अधिक मंदिरों से घिरी हुई है। पुष्कर झील झील को हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र झील के रूप में माना जाता है, जहां पर भारी संख्या में तीर्थ यात्री स्नान करने के लिए आते हैं।

और पढ़े: पुष्कर झील घूमने की जानकारी और इसके आसपास के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

8.2 वराह मंदिर – Varaha Temple Pushkar In Hindi

Image Credit: Sumeet Singroha

वराह मंदिर पुष्कर का सबसे बड़ा और सबसे प्राचीन मंदिर हैं जोकि भगवान वराह द बोअर को समर्पित है। यह भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है। वराह मंदिर में जंगली सूअर के रूप में अवतरित हुए भगवान विष्णु की एक प्रतिमा स्थापित है। आप जब भी पुष्कर जाएं तो भगवान विष्णु के इस अद्भुत अवतार का दर्शन करने के लिए वराह पुष्कर मंदिर जरूर जाएं।

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8.3 पशु मेला पुष्कर – Pushkar Cattle Fair In Hindi

राजस्थान के पुष्कर शहर में पुष्कर झील के किनारे आयोजित होने वाला यह वार्षिक पांच दिवसीय ऊंट मेला है और यहां पर दुनिया के सबसे बड़े ऊँटों को देखा जा सकता हैं। पशुओ को खरीदने और बेचने के अलावा यह यह स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाने लगा हैं। क्योंकि यहां पर कुछ रोमांचित कर देने वाली प्रतियोगिताएं  जैसे – सबसे लंबी मूंछें, मटका फोड़, और दुल्हन प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। जो यहां आने वाले हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यह एक ऊंट दौड़ त्योहार भी मनाया जाता हैं। पुष्कर ऊंट मेला का आयोजन वर्ष 2021 में 11 नवंबर से 19 नवंबर के दौरान राजस्थान के पुष्कर शहर में (अजमेर से 11 किलोमीटर उत्तर पश्चिम) आयोजित किया जायेगा।

8.4 सावित्री मंदिर – Savitri Temple In Hindi

Image Credit: Sharad Gangwar

पुष्कर में स्थित सावित्री मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित एक भव्य मंदिर है। मंदिर में लगभग डेढ़ घंटे की कठिन चढ़ाई है। इस मंदिर में परमपिता ब्रह्मा जी की पहली पत्नी सावित्री और दूसरी पत्नी गायत्री की मूर्ती स्थापित हैं। हालाकि सावित्री देवी को हमेशा पहले पूजा जाता हैं।

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8.5 पाप मोचनी मंदिर – Pap Mochani Mandir In Hindi

पाप मोचनी मंदिर राजस्थान राज्य के सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक है। यह मदिर देवी गायत्री को समर्पित हैं जिन्हें पाप मोचनी माना जाता है। यह भी माना जाता हैं कि यह एक शक्तिशाली देवी हैं जो भक्तजनों को पापो से मुक्ति देती हैं। यह मंदिर महाभारत की कथा से भी जुड़ा हैं जब गुरुद्रोर्ण पुत्र अश्वत्थामा ने इसी मंदिर में जाकर मोक्ष की याचना की थी।

8.6 नाग पहाड़ – Naga Pahar Hill In Hindi

नाग पहाड़ राजस्थान के पुष्कर झील और अजमेर के बीच स्थित है। माना जाता है कि इस स्थान पर अगस्त्य मुनि निवास करते थे। यह भी कहा जाता हैं कि नाग कुंड का अस्तित्व नागा प्रहार पर था। नाग पहाड़ को भगवान ब्रह्मा के पुत्र वातु का निवास स्थान भी माना जाता हैं जोकि शरारत करने के लिए च्यवन ऋषि द्वारा दंडित किए जाने के बाद इस पहाड़ी पर रुके थे। यह स्थान पर आकर्षण और धार्मिक महत्व को बहुत खूबसूरती के साथ देखा जा सकता है। नाग पहाड़ी ट्रेकिंग और आध्यात्मिक सैर के लिए भी प्रसिद्ध है।

8.7 आत्मेश्वर मंदिर – Atmeshwar Mandir In Hindi

पुष्कर का आत्मेश्वर मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक और आकर्षित मंदिर है जो भगवान शिव शंकर को समर्पित है। मंदिर में स्थित शिवलिंग जमीनी स्तर से कुछ फीट नीचे स्थापित हैं। एक सकरी ढलान मंदिर की ओर जाती है और शिवलिंग को तांबे से बने नाग से घिरा हुआ देखा जा सकता हैं।

8.8 रोज गार्डन – Rose Garden In Hindi

पुष्कर में स्थित रोज गार्डन राजस्थान के रेगिस्तान में एक रमणीय आकर्षण है। इस खूबसूरत गार्डन में कुछ गुलाब की प्रजातियां स्थानीय किसानों द्वारा उगाई जाती हैं और कुछ विभिन्न हिस्सों से बुलाई जाती हैं। पर्यटकों को यहां पर कई प्रकार के रंगीन और सुगंधित गुलाब देखने को मिल जाते हैं।

8.9 मोती महल – Moti Mahal In Hindi

Image Credit: Moti Mahal

पुष्कर में स्थित खूबसूरत मोती महल का निर्माण सिंह के शाही निवास के रूप में किया गया था। मोती महल में वास्तुकला का एक अद्भुत झलक देखने को मिलती हैं। इस भव्य मंदिर के आसपास शानदार दृश्य देखने को मिलता हैं। यह स्थान फोटोग्राफी के लिए बहुत फेमस हैं।

8.10 रंगजी मंदिर – Rangji Temple In Hindi

पुष्कर शहर में स्थित रंगजी मंदिर में मुगल की वास्तुकला की डिजाइन की झलक देखने को मिलती हैं। साथ ही साथ दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का प्रतिबिंब भी नजर आता है। यह मंदिर पुष्कर के शीर्ष तीन मंदिरों में अपना स्थान बनाए हुए है। रंगजी मंदिर दक्षिण भारतीय तीर्थ-यात्रियों के लिए एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। भगवान विष्णु के एक रूप को समर्पित इस मंदिर का दर्शन करना अपने आप में एक सुखद अनुभव होता हैं।

8.11 सिंह सभा गुरुद्वारा – Singh Sabha Gurudwara In Hindi

पुष्कर में स्थित सिंह सभा गुरुद्वारा का निर्माण गुरु नानक देव की पुष्कर यात्रा के उपलक्ष्य में किया गया था। यह स्थान गुरु नानक धर्मशाला के नाम से भी प्रसिद्ध है। सिंह सभा गुरुद्वारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं और यहा आने वाले पर्यटक की लम्बी कतार वर्ष भर लगी रहती हैं।

8.12 दिगंबर जैन मंदिर पुष्कर जी – Digambar Jain Mandir Pushkar Ji In Hindi

Image Credit: Kittu Jain

दिगंबर जैन मंदिर की बलुआ पत्थर की वास्तुकला आपको जरूर पसंद आएगी, और जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले इस अलंकृत, जटिल “सोने से सजे मंदिर” का नजारा आपको अचंभित कर देगा। अजमेर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर स्‍थापत्‍य कला की दृष्टि से एक भव्य जैन मंदिर है। जो मंदिर, ऋषभ या आदिनाथ (Rishabha Or Adinatha) को समर्पित है इसे सोनीजी की नसियां (Soniji Ki Nasiyan) के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत में सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।

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9. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर राजस्थान कैसे जाये – How To Reach Brahma Temple Pushkar In Hindi

ब्रह्मा मंदिर पुष्कर के गनेहरा में में ब्रह्मा मंदिर रोड पर स्थित है। इस मंदिर तक आप टैक्सी या अपने वाहन की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं। मंदिर तक जाने के लिए स्थानीय बसें व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। लेकिन इन बसों में काफी भीड़ होती है। यदि आपका होटल मंदिर के पास में है तो पैदल मंदिर तक जाना सबसे अच्छा रहेगा।

9.1 हवाई मार्ग से ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर कैसे पहुंचे – How To Reach Brahma Temple By Flight In Hindi

यदि आपने पुष्कर जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो आपको बता दें कि पुष्कर का अपना कोई हवाई अड्डा नही हैं। लेकिन सबसे नजदीकी सांगानेर हवाई अड्डा हैं,जो कि पुष्कर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर हैं। आप यहां से पुष्कर आसानी से पहुंच जायेंगे।

9.2 ब्रह्मा मंदिर पुष्कर ट्रेन से कैसे पहुंचे – How To Reach Brahma Temple By Train In Hindi

यदि आपने ट्रेन से पुष्कर जाने का मन बनाया हैं तो हम आपको बता दें कि राजस्थान का अजमेर जंक्शन पुष्कर से सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन हैं और पुष्कर इसकी दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। अजमेर रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न बड़े बड़े शहरों से जुड़ा हुआ हैं। स्टेशन से आप किसी भी स्थानीय या अपने पर्सनल साधन से पुष्कर शहर जा सकते हैं।

9.3 ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Brahma Temple By Bus In Hindi

यदि आपने बस के माध्यम से राजस्थान के पर्यटक स्थल पुष्कर जाने का बिचार बना लिया हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर का बस स्टैंड देश के प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। अजमेर से पुष्कर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर हैं तो आप यहां से आसानी से पुष्कर पहुंच जायेंगे।

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इस आर्टिकल में आपने ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर के दर्शन की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।

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10. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर का नक्शा – Brahma Mandir Pushkar Map

11. ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर की फोटो गैलरी – Brahma Mandir Pushkar Images

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