Alopi Devi Mandir in Hindi : अलोपी देवी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इलाहाबाद के अलोपीबाग में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। इलाहाबाद के पवित्र संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम) के निकट स्थित यह मंदिर हिंदू आस्था से परिपूर्ण एक अपरंपरागत मंदिर है। बता दे यह मंदिर माता सती को समर्पित 51 शक्तिपीठो में से एक है। यह मंदिर इस मायने में ख़ास है कि इस मंदिर में किसी भी देवता की प्रतिमा नहीं है, बल्कि एक लकड़ी की गाड़ी या ‘डोली’ है जिसकी पूजा की जाती है। यह पवित्र स्थल प्रतिदिन के साथ साथ नवरात्रि के दौरान हिन्दू भक्तों की भारी भीड़ को आकर्षित करता है। क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों द्वारा अलोपी देवी की पूजा की जाती है, जो हर त्योहार, शादी, जन्म जैसे सुभ अवसरों पर माता का अश्रीवाद लेने के लिए आते है।
इस लेख के माध्यम से हम आपको अलोपी देवी मंदिर की यात्रा पर ले जाने वाले है इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
अलोपी देवी मंदिर का इतिहास – Alopi Devi Mandir History in Hindi
अलोपी देवी मंदिर का इतिहास कुछ अस्पष्ट है जिसका निर्माण कई बर्षो से पहले स्थानीय लोगो के सहयोग से किया गया था। कुछ ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार, महान मराठा योद्धा श्रीनाथ महादजी शिंदे ने 1772 ई. में इलाहाबाद प्रवास के दौरान संगम स्थल का विकास किया था। जबकि महारानी बैजाबाई सिंधिया ने इलाहाबाद में संगम घाटों और मंदिरों के नवीनीकरण के लिए कुछ कार्य किए हैं। इस प्रकार हो सकता है की इस दौरान अलोपी देवी मंदिर का नवीनीकरण भी किया गया हो।
अलोपी देवी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा – Legend of the Alopi Devi Mandir in Hindi
अलोपी देवी की कथा की बार करें तो यह हमे उस समय ले जाती है जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया था। उनके विवाह के कुछ समय पश्चात दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया जिसमे उन्होंने शिव जी को अपमानित करने के लिए उन्हें छोड़कर बाकी सभी देवी देवतायों को आमंत्रित किया। लेकिन उसके बाबजूद देवी सती उस यज्ञ में पहुच जाती है जहाँ उनको और शिव जी को आपमान क्या जाता है और अपने पति के खिलाफ अपने पिता के शब्दों को बर्दाश्त करने में सक्षम नहीं होने पर देवी सती उसी अग्नि कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दे देती है।
लेकिन जब इस घटना की सूचना शिव जी को मिलती है तो वह दुखी और क्रोधित हो जाते है और वीरभद्र को पैदा करके संहार करते हुए दक्ष का वध कर देते है। उसके बाद देवी सती के मृत शरीर को लेकर तांडव करने लगते है जिससे ब्रम्हांड पर सर्वनाश का खतरा मडराने लगता है। इसी से चिंतित होकर भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के मृत शरीर के टुकड़े कर देते है जो जाकर धरती के अलग अलग हिस्सों में गिरते है। और बाद में देवी सती के शरीर के गिरे उन्हें टुकडो वाली जगहों पर उनके सम्मान में एक शक्ति पीठ का निर्माण किया गया था। माना जाता है जिस स्थान पर यह मंदिर स्थापित है इस स्थान पर देवी सती के शरीर के हिस्से का अंतिम भाग गिरा था।
अलोपी देवी मंदिर से जुडी अन्य प्रसिद्ध कहानी
बता दे इस मंदिर से आधुनिक काल की एक दिलचस्प कहानी भी जुडी हुई है जो क्षेत्र के पुराने निवासियों द्वारा सुनाई जाती है। कहा जाता है एक बार चोर / डकैतों के एक झुंड ने एक बारात पर हमला कर दिया था जो यहाँ जंगल से गुजर रहा था। जब सभी बारातियों को लुटने और कुछ लोगो को मारने के बाद डाकू दुल्हन की ‘डोली की तरफ बढे तो देखा की दुल्हन उस डोली से गायब थी। जिसके बाद उस कन्या को देवी का रूप में माना जाने लगा और उस स्थान पर एक मंदिर की स्थापना की गयी जिसे अब अलोपी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। जिसके बाद से हजारों लोग शादी विवाह और त्योहारों में माता के दर्शन के लिए जाते है।
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अलोपी देवी के दर्शन का समय – Timings of Alopi Devi Mandir in Hindi
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ अलोपी देवी के दर्शन के लिए जाने वाले है और अलोपी देवी मंदिर के खुलने और बंद होने के समय के बारे में जानना चाहते है तो हम आपको बता दे अलोपी देवी मंदिर सुबह 6.00 बजे से शाम 800 बजे तक खुला रहता है आप इस दौरान कभी भी अलोपी देवी के दर्शन के लिए आ सकते है।
अलोपी देवी मंदिर का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Alopi Devi Mandir in Hindi
बता दे अलोपी देवी मंदिर में प्रवेश और अलोपी देवी के दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नही है यहाँ आप बिना किसी शुल्क के प्रवेश और देवी के दर्शन कर सकते है।
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अलोपी देवी मंदिर के आसपास घूमने की जगहें – Places To Visit Around Alopi Devi Temple In Hindi
इलाहाबाद भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटकों स्थलों में से एक है जिस वजह से यहाँ अलोपी देवी मंदिर के साथ साथ कई प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी अलोपी देवी मंदिर की यात्रा में टाइम निकालकर घूमने जा सकते है –
- त्रिवेणी संगम
- खुसरो बाग
- आनंद भवन
- शोक स्तंभ
- इलाहाबाद किला
- बड़े हनुमान मंदिर
- माघ मेला
- ऑल सेंट कैथेड्रल इलाहाबाद
- न्यू यमुना ब्रिज
- अल्फ्रेड पार्क
- मनकामेश्वर मंदिर
- फन गाँव वाटर पार्क
- नंदन कानन वाटर रिट्रीट
अलोपी देवी मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Alopi Devi Temple in Hindi
वैसे तो आप अलोपी देवी मंदिर की यात्रा साल भर कर सकते है लेकिन मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय नवरात्र उत्सव के दौरान होता है जिस दौरान पूरा मंदिर देवी के भक्ति में रंग जाता है। लेकिन यदि आप अलोपी देवी मंदिर के साथ इलाहाबाद के अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा भी करने वाले है तो उसके लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा समय होता है। गर्मियों में यहां आना थोड़ा कष्टदायी हो सकता है जबकि मानसून के दौरान, घाट सुलभ नहीं होते और नदी में स्नान करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है इसलिए यह समय भी आदर्श नहीं है।
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इलाहाबाद(प्रयागराज) का प्रसिद्ध भोजन – Local Food Of Prayagraj (Allahabad) in Hindi
लोकनाथ चौक क्षेत्र में एक बहुत ही संकीर्ण और भीड़ वाली गली है जो स्ट्रीट फूड प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय है यहां आपको चाट से लेकर कचौरी, लस्सी से लेकर हलवा तक सब कुछ मिल जाएगा। सबसे लोकप्रिय दुकानों में से एक हरि नमकीन की दुकान है जो अपने अनोखे समोसे के लिए प्रसिद्ध है। एक मुगल व्यंजनों के साथ-साथ यहां अवध फूड भी मिलता है। सबसे प्रसिद्ध भोजनालयों में से कुछ ईट ऑन मसाला रेस्तरां हैं, जो बिरयानी,कबाब, और देसी घी में तैयार कचौड़ी और जलेबी के लिए जाना जाता है। खाने के बाद मिठास के लिए हीरा हलवाई की दुकान गरी की बर्फ चखने के लिए अच्छी जगह है। ईट ऑन इलाहाबाद में सबसे लोकप्रिय फूड जॉइंट्स में से एक है। यह जगह कबाब और मुंह में पानी भरने वाली बिरयानी के लिए लोकप्रिय है।
अलोपी देवी मंदिर की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स – Hotels in Allahabad in Hindi
इलाहाबाद एक धार्मिक नगरी और प्रमुख शहर है जिस वजह से यहाँ सभी बजट ही होटल्स, और धर्मशाला मौजूद है जिन्हें आप आप अपनी यात्रा में आराम करने और कुछ समय या दिन रुकने के लिए चुन सकते है।
- कुंजपुर गेस्ट हाउस (Kunjpur Guest House)
- होटल श्री कान्हा रेजीडेंसी (Hotel Shree Kanha Residency)
- लक्ष्मी होटल (Luxmi Hotel)
- संगम विला (Sangam Villa)
- होटल गेलेक्सी (Hotel Galaxy)
अलोपी देवी मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Alopi Devi Temple In Hindi
जो भी पर्यटक अलोपी देवी मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है और जानना चाहते है की हम अलोपी देवी मंदिर केसे पहुचें तो हम आपकी जानकारी के लिए फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग किसी से ट्रेवल करके आसानी से इलाहाबाद किला पहुचा जा सकता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप शहर में लगभग कहीं से भी कैब या रिक्शा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
फ्लाइट से इलाहाबाद कैसे पहुंचे – How To Reach Allahabad By Flight in Hindi
यदि आप अलोपी देवी मंदिर जाने के लिए फ्लाइट से ट्रेवल करना चाहते है तो हम आपको बता दे इलाहाबाद का अपना हवाई अड्डा है, लेकिन यहाँ के लिए नियमित फ्लाइटस अवेलेवल है। एक अन्य विकल्प के रूप में आप वाराणसी (120 किमी) या लखनऊ (200 किमी) के लिए फ्लाइट ले सकते है और वहां से बस / कैब ले कर आनंद भवन इलाहाबाद पहुच सकते है।
सड़क मार्ग से इलाहाबाद कैसे पहुँचे – How To Reach Allahabad By Road in Hindi
इलाहाबाद NH-2 पर पड़ता है जो दिल्ली से कोलकाता तक चलता है और स्वर्णिम चतुर्भुज का हिस्सा है – इसलिए दिल्ली / आगरा / कानपुर / वाराणसी / पटना / कोलकाता से सड़क संपर्क बढ़िया है। राजमार्ग चिकना और बहुत अच्छी तरह से बनाए रखा गया है और बिल्कुल भी भीड़ नहीं है। लखनऊ से इलाहाबाद की सड़क भी बहुत अच्छी है। वाराणसी / लखनऊ से इलाहाबाद के लिए कुछ लगातार वोल्वो बस सेवाएं भी हैं, जिनमें बहुत आरामदायक सीटें हैं और पूरे दिन चलती हैं, इसलिए आप व्यावहारिक रूप से बस स्टेशन तक पहुंच सकते हैं और अगली बस पकड़ सकते हैं।
ट्रेन से इलाहाबाद कैसे पहुंचे – How To Reach Allahabad By Train in Hindi
इलाहाबाद भारतीय रेलवे के उत्तर-मध्य डिवीजन का मुख्यालय है और भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली / कोलकाता से रात भर चलने वाली कई ट्रेनें हैं और आसपास के शहरों (वाराणसी / लखनऊ / कानपुर / आगरा) से जुड़ने वाली बहुत सारी ट्रेनें हैं इसलिए ट्रेन से यात्रा करके अलोपी देवी मंदिर जाना सबसे अच्छे और सुविधाजनक विकल्पों में से एक है।
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इस लेख में आपने अलोपी देवी मंदिर इलाहाबाद के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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इलाहाबाद किला का मेप – Alopi Devi Mandir Map
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- Fearured Image Credit : Kamalakar Anthat