Bharthari Baba Ka Mandir In Hindi :भर्तृहरि मंदिर अलवर शहर से लगभग 30 किमी दूर और प्रसिद्ध सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के करीब स्थित अलवर में सबसे प्राचीन पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर का नाम भरत (उज्जैन का शासक) के नाम पर रखा गया है। मंदिर पारंपरिक राजस्थानी शैली में विस्तृत दीर्घाओं, शिखर और मंडपों के पुष्प डिजाइन किए गए स्तंभों के साथ बनाया गया है। यहाँ मंदिर आस्था और शांति का महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है और अलवर में ऐतिहासिक महत्व रखता है।
भर्तृहरि मंदिर मंदिर तीन दिशाओं से पहाड़ियों से घिरा होने के कारण श्रधालुयो के लिए और अधिक लोकप्रिय बना हुआ है। पहाड़ियों पर झरने के साथ स्थित भर्तृहरि मंदिर, मन को शांत करने के लिए अलवर एक आदर्श स्थान है। जहा मंदिर केअनुयायी राजस्थान के कोने-कोने से आते हैं। तो अगर आप अपनी देनिक परेशानियों का भूलकर आस्था और शांति का अनुभव करना चाहते है तो भर्तृहरि मंदिर आपके लिए अलवर का आदर्श स्थान हो सकता है।
1. भर्तृहरि मंदिर का इतिहास – Bharthari Temple History In Hindi
पोराणिक कहानियो के अनुसार एक समय महाराज भर्तृहरि ने देखा की एक महिला ने अपने पति की चिता में कूदकर अपनी जान दे दी। और तभी से महाराज भर्तृहरि भी अपनी पत्नी की भक्ति की परीक्षा लेना चाहते थे। तो वह अगली बार जब वह शिकार के लिए गये, तो राजा के आज्ञा पर दूत ने रानी को महाराजा भर्तृहरि की झूठी मौत की खबर दे दी और खबर सुनते ही महारानी की मौत हो जाती है। रानी की मौत की सूचना महाराज को मिलते ही वह चकनाचूर हो गये। और अपने दुःख और सांसारिक विलासिता को त्याग कर गुरु गोरखनाथ के शिष्य बन गए। जहा उन्होंने भगवान् की शिव उपासना की और पानी के लिए प्रार्थना की। और जहा एक चट्टान की दरार से उन्हें पानी कि प्राप्ति होती है। और अंत में भर्तृहरि ने इसी स्थान पर समाधी ले ली।
2. भरतरी बाबा धाम कि विशेषता – Yogi Bharthari Nath Temple Religious Importance In Hindi
भर्तृहरि धाम चमत्कारों से भरा मंदिर है , जिसमे ‘धूना’ के रूप में जाना जाने वाला एक ‘अग्नि-कुंड’ है। यह मंदिर ‘नाथ’ या ‘योगी’ संस्कृति से संबंधित है इसलिए साधु, सन्यासी, नाथ, योगी और आध्यात्मिक शक्तियों वाले लोग यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं। मंदिर में भगवान शंकर (शिव) के सभी मेले आयोजित होते हैं। लेकिन यहाँ एक विशेष ‘मेला’ (मेला) प्रसिद्ध है जिसे ‘भर्तृहरि मेला’ या ‘भर्तृहरि अष्टमी’ कहा जाता है। जो भर्तृहरि की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार ‘अमावस्या’ के बाद ‘भाद्रपद’ के महीने में अष्टमी’ के दिन मनाया जाता है। इस मेले में लाखों तीर्थ यात्री शामिल होते है और मेले का आनंद प्राप्त करते हैं।
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3. भरतरी बाबा जी मंदिर के दर्शन का समय – Bharthari Baba Temple Timing In Hindi
भरतरी बाबा जी का मंदिर सुबह 6.00 से शाम 7.00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
4. भर्तृहरि मंदिर का लगने वाला प्रवेश शुल्क – Bharthari Temple Entry Fees In Hindi
भर्तृहरि मंदिर में तीर्थ यात्रियों का प्रवेश बिलकुल फ्री है यहाँ पर्यटकों को मंदिर में घूमने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नही देना पड़ता है।
5. भर्तृहरि बाबा मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Bharthari Baba Ka Mandir In Hindi
अगर आप अलवर में भर्तृहरि मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे नवंबर – मार्च का समय भर्तृहरि मंदिर व यहाँ के अन्य भागों की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि रात में मौसम के दौरान 8 डिग्री और 32 डिग्री सेल्यियस होता है। यहां गर्मियां बेहद गर्म होती हैं जिस दौरान तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुच जाता है। इसीलिए सर्दियों का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अनुकूल समय होता है।
6. भरतरी बाबा अलवर के आसपास के प्रसिद्ध आकर्षण और पर्यटक स्थल – Best Places To Visit Near Bharthari Dham Alwar In Hindi
अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ अलवर में भरतरी बाबा घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे कि यहाँ अलवर में भरतरी बाबा मंदिर के अलावा भी अन्य आकर्षक पर्यटक स्थल है। जिन्हें आप आपकी यात्रा की सूची में अवश्य शामिल कर सकते है-
6.1 बाला किला अलवर – Bala Fort Alwar In Hindi
बाला किला या अलवर किला अलवर शहर के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है। यह किला अलवर शहर के प्रमुख पर्यटन शहरों में से एक है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती द्वारा किया गया था।
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6.2 भानगढ़ का किला अलवर – Bhangarh Fort Alwar In Hindi
भानगढ़ का किला अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर स्थित है। यह किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है जो देखने में बेहद भयानक लगता है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है।
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6.3 सिलीसेढ़ झील – Siliserh Lake In Hindi
सिलीसेढ़ झील राजस्थान की खूबसूरत झीलें में से एक है जो अलवर कि लोकप्रिय जगहों में से एक है। जहा शहर के भीड़-भाड़ से दूर शांति, शुकून और मनोरंजन के लिए सिलीसेढ़ झील पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट बना हुआ है। तो यदि आप भर्तृहरि मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे है तो अपना कुछ समय सिलीसेढ़ झील में अवश्य व्यतीत करना चाहिए।
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6.4 सरिस्का नेशनल पार्क – Sariska National Park In Hindi
अरावली पहाड़ियों में बसा सरिस्का नेशनल पार्क लगभग 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फेला हुआ है जो अलवर में देखने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक है। घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन, चट्टानों और चट्टानी परिदृश्य को कवर करते हुए, सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य अब सरिस्का रिजर्व टाइगर के रूप में जाना जाता है। रिजर्व अपने राजसी रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध है, जो बाघों (रणथंभौर से) को सफलतापूर्वक स्थानांतरित करने वाला पहला बाघ अभयारण्य है।
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6.5 सरिस्का पैलेस अलवर – Sariska Palace Alwar In Hindi
सरिस्का पैलेस का निर्माण अलवर के महामहिम महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा 1892 ने करवाया था। भव्य सरिस्का पैलेस अलवर शहर में देखने की सबसे अच्छी जगह है। इस खूबसूरत महल का हर कौना बेहद आकर्षित है। यह भव्य महल 20 एकड़ के हरे भरे परिदृश्य में फैला है जो पर्यटकों को अपनी भव्यता में डूबने पर मजबूर कर देता है।
6.6 केसरोली अलवर – Kesroli Alwar In Hindi
केसरोली अलवर के दुर्लभ होटलों में से एक है जो 14 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। हिल फोर्ट-केसरोली उन लोगों के लिए बहुत अच्छी जगह है जो अपने शहर से दूर हफ्ते भर की छुट्टी मानाने के लिए किसी जगह की तलाश में हैं। नीमराना का हिल फोर्ट-केस्रोली एक शानदार प्राचीन विरासत महल है जो किसी को भी इतिहास में वापस ले जाता है। इस होटल में एक बड़ा स्विमिंग पूल और एक सुंदर बगीचे के साथ कई शानदार सुविधाएं भी हैं। इस होटल के कमरों को पूरी तरह से राजस्थानी शैली में सजाया गया है जो पर्यटकों को रॉयल्टी का अहसास कराते हैं। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने के लिए आ रहे हैं तो इस केसरोली को देखने जरुर जाएँ।
6.7 विनय विलास महल या सिटी पैलेस – Vinay Vilas Mahal In Hindi
विनय विलास महल अलवर के आकर्षक स्थलों में से एक है। यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसमे शाही जीवन शैली की एक झलक देखने को मिलती है। इसके भूतल के अलावा, अन्य सभी मंजिलें एक संग्रहालय के रूप में हैं, जो आपको पुराने ऐतिहासिक समय के मधुर रहस्यों और संस्मरणों और राजाओं की दृष्टि से परिचित कराती है। इसीलिए आपको अलवर की यात्रा में भर्तृहरि मंदिर के साथ साथ विनय विलास महल को भी अपनी सूची में अवश्य शामिल करना चाहिय।
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6.8 नीलकंठ महादेव मंदिर – Neelkanth Mahadev Temple In Hindi
नीलकंठ महादेव मंदिर टाइगर रिजर्व में लगभग 30 किमी दूर कुछ मंदिरों का एक समूह है जो अब लगभग एक खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यहां के स्थानीय लोग यहां रिज़र्व में स्थित कई मंदिरों में विश्वास रखते हैं। नीलकंठ मंदिर अपने धामिक महत्त्व, उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी और यहां के हरे-भरे जंगलों के लिए अलवर का एक प्रमुख स्थल है।
6.9 विजय मंदिर महल अलवर – Vijay Mandir Palace Alwar In Hindi
विजय मंदिर महल अलवर शहर के केंद्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अलवर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। बताया आता है कि विजय मंदिर पैलेस को जुनूनी राजा जय सिंह ने अपनी जुनून के परिणामस्वरूप बनाया था। जय सिंह वास्तुकला के संरक्षक थे, और उन्हें खूबसूरत महल बनाने का जूनून था। विजय मंदिर महल झील के पास शानदार उद्यानों के बीच में स्थित है और इस महल में 105 कमरे हैं जो अच्छी तरह से सजे हुए हैं।
6.10 पांडुपोल मंदिर अलवर – Pandupol Temple Alwar In Hindi
पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सरिस्का के जंगलों के अंदर स्थित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर में पांडवों ने अपना गुप्त समय बिताया था। अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग यहां पर हनुमान की मूर्ति एक वैराग्य की स्थिति में है।
6.11 मूसी महारानी की छतरी अलवर – Moosi Maharani Ki Chhatri, Alwar In Hindi
राजस्थान के राजपूत वास्तुकला में गर्व और सम्मान का चित्रण करने के लिए आमतौर पर छत्रियों का उपयोग किया जाता है। महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी (Queen Rani Moosi) की शाही समाधि (Cenotaph), को इस स्मारक के मुख्य महल की इमारत के बाहर रखा गया है। यह अलवर के शासकों का एक सुंदर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का स्मारक है।
7. अलवर का स्थानीय भोजन – Alwar Local Food In Hindi
अलवर शहर अलवर का मावा (दूध का केक) और कलाकंद का घर है। यह मिठाइयाँ शहर की परिभाषा है जिनका स्वाद लिए बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। अलवर आपको लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन और नाश्ते की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यहां शहर के रेस्टोरेंट के मेनू में पुरी, दाल बाटी चोइर्मा, रबड़ी, लस्सी, गट्टे की सब्जी जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
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8. भर्तृहरि मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Bharthari Temple Alwar In Hindi
अगर आप भर्तृहरि मंदिर घूमने का प्लान बना रहे है और सर्च कर रहे है की हम भर्तृहरि मंदिर अलवर केसे पहुचें तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे आप आप ट्रेन, सड़क या हवाई मार्ग से यात्रा करके भर्तृहरि मंदिर अलवर पहुच सकते हैं।
8.1 फ्लाइट से भर्तृहरि मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Bharthari Temple By Flight In Hindi
अलवर के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं है। अलवर का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली में है जो 165 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से अलवर पहुंचने के लिए आप बस या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं और फिर अलवर से टैक्सी या बस से भर्तृहरि मंदिर पहुच सकते हैं।
8.2 सड़क मार्ग से भर्तृहरि मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Bharthari Temple By Road In Hindi
राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बसे उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए टैक्सी या कैब किराए पर या अपनी कार से यात्रा करके भर्तृहरि मंदिर अलवर पहुच सकते हैं।
8.3 ट्रेन से भर्तृहरि मंदिर अलवर कैसे पहुँचे – How To Reach Bharthari Temple By Train In Hindi
भर्तृहरि मंदिर का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन है जो शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं। तो आप ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है और वहा से बस से या टैक्सी किराये पर ले कर भर्तृहरि मंदिर पहुच सकते हैं।
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इस लेख में आपने भर्तृहरि मंदिर अलवर के बारे में विस्तार से जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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9. भरतरी बाबा मंदिर अलवर का नक्शा – Baba Bharthari Temple Alwar Map
10. भर्तृहरि बाबा मंदिर की फोटो गैलरी – Yogi Bharthari Nath Temple Images
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Featured Image Credit: Rahul Meena