Laila Majnu Mazar In Hindi : लैला-मजनू की मजार या दरगाह श्रीगंगानगर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जो राजस्थान में अनूपगढ़ शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर बिंजौर गांव में स्थित है। इस मकबरे के बारे में कहा जाता है कि इस मकबरे का संबध प्रेमी लैला और मजनू से है। बताया जाता है कि लैला और मजनू सिंध से ताल्लुक रखते थे, जो लैला के माता-पिता और उसके भाई से बचने के लिए यहां बस गए थे, क्योंकि वे सभी लैला-मजनू के प्रेम के खिलाफ थे। लेकिन जब लैला मजनू की मृत्यु हो गई तो उन दोनों के इस जगह पर दफना दिया गया था जिसे आज लैला-मजनू की मजार के रूप में जाना जाता है।
लैला-मजनू का मकबरा आज शाश्वत प्रेम का प्रतीक बन गया है इसीलिए दूर-दूर से प्रेमी जोड़े यहां आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। लैला और मजनू के प्यार को मानाने के लिए यहां पर हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें ज्यादातर नवविवाहित जोड़े शामिल होते हैं। अगर आप लैला- मजनू की मजार और इसके आसपास के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें –
राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के अनूपगढ़ शहर के निकट बिंजौर गाँव में स्थित लैला मजनू की मजार प्यार करने वालों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। बता दें कि लैला और मजनू की यह समाधि भारत-पाकिस्तान सीमा पर अमर प्रेम की याद दिलाती है। लैला मजनू में प्यार के बारे कई कहानियां सुनाई जाती है जो लोगों को बेहद प्रभावित करती है। आइये अब जानते हैं लैला मजनू से जुड़ी कहानी के बारे में।
लैला मजनू और मजार को लेकर कई कहानियां कही जाती है, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहें हैं। आपको बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि लैला-मजनू सिंध से देश के इस हिस्से में आए थे। वे लोग लैला के माता-पिता और उसके भाई से बचने लिए यहां आये थे जो दोनों के प्यार के खिलाफ थे और उन्हें एक साथ नहीं देखना चाहते थे। कुछ लोगों का मानना है कि दोनों बिंजौर में प्यास से मर गए थे, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि लैला का एक भाई था जिसने मजनू की जान ले ली थी, जो उसकी बहन से बेहद प्यार करता था। कहा जाता है कि जब मजनू को मार दिया गया था, तो लैला ने अपने भाई की बेरूखी को देखते हुए मजनू के बगल में ही आत्महत्या कर ली।
लैला-मजनू के लेकर यहां के स्थानीय लोग एक दूसरी कहानी कहते हैं। उनका कहना है कि लैला के अमीर माता-पिता ने उसकी शादी एक अमीर व्यक्ति से कर दी थी और उसके पति को मजनू के बारे में पता चला तो उसने मजनू को चुनती दी और उसे तलवार से मार दिया। इसके बाद लैला भी उसी स्थान पर मर गई। लैला ने अपने प्रेमी का बहता खून देखकर उसी के बगल में आत्महत्या कर ली। लैला-मजनू को लेकर कही जाने वाली कहानियों में काफी भिन्नता है। बता दें कि आज भी कई इतिहासकारों का आज भी यह मानना है कि ये सिर्फ पौराणिक चरित्र हैं।
लैला-मजनू मेला हर साल 15 जून को लैला-मजनू मजार के पास आयोजित किया जाता है। आपको बता दें कि इस मेले में हिंदू- मुस्लिम के अलावा सिख और इसाई धर्म के प्रेमी जोड़े भी शामिल होते हैं। इस मेले में शामिल होकर नवविवाहित जोड़े अपने सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। लैला-मजनू की यह मजार सभी धर्म के प्रेमी जोड़ों के लिए एक बड़ी मिसाल है।
और पढ़े: श्रीगंगानगर पर्यटन में घूमने लायक आकर्षक स्थलों की जानकारी
अगर आप लैला-मजनू मजार की यात्रा करने जा रहें हैं तो इसके साथ ही आप इसके पास स्थित श्रीगंगानगर के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर भी कर सकते हैं।
ब्रोर विलेज या ब्रोर गाँव अनूपगढ़-रामसिंहपुर मार्ग पर स्थित है। आपको बता दें कि यह गांव सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप एक इतिहास प्रेमी हैं तो आपको इस गांव की यात्रा जरुर करना चाहिए। इस गाँव के पास आसपास के क्षेत्र में कई कलाकृतियाँ, कंकाल के अवशेष और इमारतें मिली हैं जिससे इस बात का पता चलता है कि उस समय की अवधि में यह क्षेत्र जीवन से संपन्न था।
अनूपगढ़ फोर्ट या किला अनूपगढ़ शहर में पाकिस्तान की सीमा के करीब स्थित है। आपको बता दें कि वर्तमान में अनूपगढ़ किला खंडहर हो चुका है। भले ही आज यह किला खंडहर है लेकिन अपने दिनों में यह एक बेहद भव्य संरचना हुआ करता था, जिसने भाटी राजपूतों को खाड़ी में रहने में मदद की थी। अनुपगढ किले का निर्माण वर्ष 1689 में मुगल गवर्नर द्वारा किया गया था, जो अनुपगढ को मुगल शासन के तहत रखना चाहते थे। अगर आप श्री गंगानगर की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार जरुर अनूपगढ़ फोर्ट देखने के लिए जाना चाहिए।
हिंदूमलकोट बॉर्डर श्री गंगानगर शहर में स्थित है जो भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग करती है। इस सीमा को बीकानेर के दीवान, हिंदूमल के सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है। यह बॉर्डर श्री गंगा नगर के प्रमुख पर्यटन आकर्षणों में से एक है। यह सीमा श्री गंगानगर से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो आम जनता के लिए सुबह 10:00 से शाम 5:30 के बीच खोली जाती है। अगर आप श्री गंगानगर शहर घूमने के लिए जा रहें हैं तो आपको एक बार हिंदूमलकोट बॉर्डर की सैर करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
श्री गंगानगर में गौरी शंकर मंदिर एक हिंदू धार्मिक आकर्षण है जहाँ साल भर भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और गर्भगृह में स्थित शिवलिंग को इसका मुख्य आकर्षण माना जाता है। गौरी शंकर मंदिर का निर्माण सामग्री के रूप में सैंडस्टोन का उपयोग करके बनाया गया था।
बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा श्री गंगा नगर का एक प्रमुख स्थल है जिसको एक महत्वपूर्ण घटना को मानाने के लिए बनाया गया था जब अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बलि का दोषी मासा रंगर 1740 में सुक्खा सिंह और मेहताब सिंह द्वारा न्याय के लिए लाया गया था। यह गुरुद्वारा में डाबला गांव में स्थित है जो एक पूजा स्थल भी है और यहां पर कई स्मारक और चित्र भी बने हुए हैं।
पदमपुर गंगानगर के स्थित एक प्रमुख शहर है जिसका नाम बीकानेर राज्य शाही परिवार के राजकुमार पदम सिंह के नाम पर रखा गया था। आपको बता दें कि यह गंगा नहर के निर्माण के बाद एक कृषि केंद्र के रूप में कार्य करता है। यहाँ पर गेहूं बाजरा, गन्ना, चना जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
और पढ़े: अमृतसर में घूमने वाली जगहों की जानकारी
अगर आप लैला मजनू की दरगाह की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय ठंड का मौसम होता है। लेकिन अगर आप यहां आयोजित होने वाले लैला मजनू मेले में शामिल होना चाहते हैं तो आपको आपको जून के महीने में यहां की यात्रा करना होगा क्योंकि यहां पर हर साल 15 जून के दिन दो दिनों के लिए लैला मजनू मैला लगता है. श्री गंगानगर में सर्दियों का मौसम नवंबर से फरवरी तक रहता है। यह मौसम शहर की यात्रा करने के लिए बहुत अच्छा है। सर्दियों में यहां का तापमान 10 ° C से 23 ° C के बीच रहता है। श्रीगंगानगर में गर्मी का मौसम बहुत गर्म और थकाऊ हैं। मार्च से मई के महीनों में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। गर्मियों के मौसम में आपको यहां की यात्रा करने से बचना चाहिए।
और पढ़े: लुधियाना के पर्यटन स्थलों की जानकारी
अगर आप राजस्थान के शहर श्री गंगानगर में स्थित लैला मजनू की दरगाह जाने की योजना बना रहें हैं तो बता दें यह शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर बिंजौर गांव में स्थित है। यहां के लिए आप बस, ट्रेन और हवाई मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं। परिवहन के विभिन्न तरीकों से श्रीगंगानगर जाने की जानकारी हमने नीचे दी है।
अगर आप हवाई जहाज द्वारा श्रीगंगानगर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि श्रीगंगानगर के पास का सबसे प्रमुख हवाई अड्डा अमृतसर में श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रमुख है जो श्री गंगानगर से 271 किलोमीटर दूर है। विकल्प के रूप में पर्यटक चंडीगढ़ और जयपुर के लिए भी उड़ान ले सकते हैं और सड़क मार्ग द्वारा श्रीगंगानगर पहुंच सकते हैं।
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा श्री गंगानगर की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि यह शहर सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा है जहां आप बस या कार की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं।
जो भी पर्यटक श्रीगंगानगर की यात्रा ट्रेन द्वारा करना चाहते हैं उनके लिए बता दें कि श्री गंगानगर – हनुमानगढ़ लाइन को ब्रॉड गेज में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे आप दिल्ली, बठिंडा, रेवाड़ी, हरिद्वार और नांदेड़ सहित अन्य प्रमुख शहरों से आसानी से ट्रेन द्वारा पहुंच सकते हैं।
और पढ़े: चंडीगढ़ के आसपास घूमने की 10 जगह
इस लेख में आपने लैला मजनू की मजार से जूड़ी कुछ रहस्यमय और घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Feature Image Credit: Rajasthan Tourism
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…