Kibber In Hindi : हिमाचल प्रदेश में स्पीति घाटी में स्थित किब्बर को दुनिया का सबसे ऊँचा मोटर योग्य गाँव माना जाता है। इसके अलावा यह गाँव अपने प्राकृतिक परिदृश्य और कई बौद्ध मठों के लिए भी प्रसिद्ध है। 4270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित किब्बर लद्दाख और टिबे (Tibe)के गांवों से मिलता जुलता है। किब्बर को कियबर के नाम से भी जाना जाता है, यह गांव स्थानीय मठ और किब्बर वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इस गाँव की उंचाई और प्रदूषण मुक्त वातावरण इसे स्काई गेजर्स और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श जगह बनाता है।
इस गाँव में तिब्बती वास्तुकला के लगभग 40 घर बनाए गए थे और यहाँ तिब्बती बौद्ध धर्म प्रमुख है। इसके अलावा भी इस गाँव के आसपास कई गाँव है जो प्राचीन संस्कृति और सुंदर नज़ारों के लिए देखने लायक हैं। तिब्बती बौद्ध धर्म यहाँ काफी प्रचलित है और यह गाँव बौद्धों के लिए बेहद खास है क्योंकि यहाँ पर दलाई लामा, सेरकोंग रिनपोछे के शिक्षक की मृत्यु हुई थी। इस आर्टिकल में हम किब्बर गाँव की यात्रा और आसपास की घूमने की जगहें के बारे में बताने वाले है इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
किब्बर वन्यजीव अभयारण्य 1992 में स्थापित क्या गया था जो 1400 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। बता दें कि यहां लगभग चालीस हिम तेंदुए खोजे गए हैं। इसके अलावा तिब्बती वुल्फ, इबेक्स, तिब्बती वूली हरे, पेल वीसेल, भारल, तिब्बती जंगली गधा और लाल लोमड़ी भी यहां पाई जाती है। हिमालयन बर्ड्स, जैसे ग्रिफन्स, दाढ़ी वाले ईगल और स्नो कॉक भी अभयारण्य में निवास करते हैं। यह जगह पारंपरिक दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों बनने में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ और लुप्तप्राय औषधीय पौधों की प्रजातियों का घर है। यहाँ के कई स्थानीय ऑपरेटर और होमस्टेस अभयारण्य के लिए भ्रमण और ट्रेक का आयोजन करते हैं।
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चिचम हिमालय का एक छोटा सा गाँव है जो 1000 फीट गहरे घाट के ऊपर स्टील के पुल के लिए जाना जाता है। यह पुल 150 मीटर ऊँचा है जिसको बनने में 14 साल का समय लगा, इससे पहले यहाँ ग्रामीण एक खतरनाक रोपवे का इस्तेमाल किया करते थे।
गेटे लगभग 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और किब्बर से केवल 7 किमी दूर एक गाँव है। यहाँ जाने के लिए आप रास्ते को ट्रेक कर सकते हैं क्योंकि मोटर योग्य सड़क पहले ही खत्म हो जाती है। यहाँ गंदगी और ढीली बजरी की वजह से वाहन लाने में दिक्कत हो सकती है। यहाँ का वातावरण और शांत परिदृश्य अदभुद है।
ताशीगंग की यात्रा आप गेटे के साथ कर सकते हैं और इसको स्पीति घाटी का सबसे ऊंचा गांव माना जाता है। भारत-तिब्बत सीमा के पास स्थित ताशीगंग तिब्बती शैली में निर्मित चार घर हैं। यहाँ रहने वाले लोगों के लिए कृषि आजीविका का मुख्य स्रोत है।
किब्बर गाँव के स्थानीय मठ का बौद्ध धर्म लिए बहुत बड़ा महत्व है। क्योंकि इसकी स्थापना दलाई लामा के गुरु सेरकॉन्ग रिनपोछे ने की थी। 1983 में उनकी मृत्यु हो गई और उन्होंने अपना अंतिम समय इस स्थान पर ही बिताया था।
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किब्बर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों के मौसम में जुलाई से अक्टूबर तक होता है इस समय यहाँ का ठंडा मौसम सहन करने योग्य होता है। रात में यहाँ आपको वूलेन कपड़ें पहनने की जरूरत हो सकती है। सर्दियों यहाँ का तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। यहाँ बर्फ गाँव की सुंदरता को बढाती है। लेकिन सदियों के मौसम में यहाँ रोहतांग दर्रा बंद हो जाता है, यह दर्रा गर्मियों के दौरान ही खुलता है। मानसून के दौरान किब्बर की यात्रा करना सही समय नहीं है क्योंकि इस दौरान भूस्खलन का खतरा है।
जब भोजन की बात आती है तो स्पीति घाटी में खाने के सीमित विकल्प उपलब्ध हैं। यहाँ पर जौ, मटर और आलू जैसी ताजा उगाई जाने वाली फसलें सबसे अच्छी लगती हैं। यहाँ पर कई कई गेस्टहाउस और होमस्टे हैं जो जौ के आटे और याक पनीर से बने पारंपरिक स्पिरिट फूड जैसे जौ की खीर, तिब्बती ब्रेड उपलब्ध कराते हैं। देशेख होमस्टे, नॉर्लिंग गेस्टहाउस, ताशी ज़ोम और सरखंग होमस्टे यहाँ के कुछ ऐसे रेस्टोरेंट हैं जहाँ के खाने को आप आजमा सकते हैं।
अगर आप किब्बर के अलावा इसके आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी को जरुर पढ़ें, यहाँ हम आपको किब्बर के पास प्रमुख के पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
चंद्रताल झील टूरिस्ट और ट्रेकर का स्वर्ग है। यह झील शक्तिशाली हिमालय में लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। “चंद्र ताल” (चंद्रमा की झील) नाम इसके अर्धचंद्राकार की वजह से पड़ा है। यह झील भारत की दो उच्च ऊंचाई वाली आर्द्रभूमि में से एक है जिसे रामसर स्थलों के रूप में नामित किया गया है। यह झील तिब्बती व्यापारियों के लिए स्पीति और कुल्लू घाटी की यात्रा के दौरान एक अस्थायी निवास के रूप में काम करती है। यह झील दुनिया भर से एडवेंचर्स को पसंद करने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस पवित्र झील के पानी का रंग दिन ढलने के साथ लाल से नारंगी और नीले से हरे रंग में बदलता रहता है। किब्बर से चंद्रताल झील की दूरी 46 किलोमीटर है।
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काई मठ (Key Monastery) भारत के लाहौल और स्पीति जिले में एक प्रसिद्ध तिब्बती बौद्ध मठ है। काई मठ समुद्र तल से 4,166 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में स्पीति नदी के बहुत करीब है। काई मठ और की मठ के रूप में भी जाना जाता है, यह माना जाता है कि ड्रोमटन द्वारा स्थापित किया गया था, जो 11 वीं शताब्दी में प्रसिद्ध शिक्षक आतिशा के छात्र थे। काई मठ किब्बर से 6 किलोमीटर दूर स्थित है।
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किब्बर से कुंजुम दर्रा की दूरी 58 किलोमीटर है। कुंजुम दर्रा को स्थानीय लोगों द्वारा Kunzum La भी कहा जाता है। यह भारत के सबसे ऊँचे भारत के सबसे ऊँचे मोटरेबल माउंटेन पासों में से एक है, जो समुद्र तल से 4,551 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह सुंदर पास कुल्लू और लाहौल से स्पीति घाटी के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता और मनाली से करीब 122 किमी की दूरी पर है। कुंजुम पास से प्रसिद्ध चंद्रताल झील (चाँद झील) के लिए 15 किमी की ट्रेक है। ऐसा माना जाता है कि पर्यटकों को देवी कुंजुम देवी के मंदिर के पास रास्ते में उनके सम्मान के रूप में बीहड़ इलाके से सुरक्षित रूप से यात्रा करने का आशीर्वाद लेने के लिए रुकना पड़ता है। यहाँ की मान्यता यह है कि यात्रियों को अपने वाहन से मंदिर का पूरा चक्कर लगाना होता है।
धनकर मठ से 5 किमी की दूरी पर खतरनाक चट्टानों के पास पहाड़ के दूसरी तरफ धनकर झील स्थित है। धनकर मठ से झील तक जाने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। आप इस झील के किनारे शांति भरा समय बिता सकते हैं और आकाश के बदलते रंगों को देख सकते हैं। किब्बर से धनकर झील की दूरी 52 किलोमीटर है।
धनकर मठ भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित है, जिसको 100 सबसे लुप्तप्राय स्मारकों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 12,774 फीट की ऊंचाई पर, मठ एक चट्टान के किनारे पर अविश्वसनीय रूप से झुका हुआ है और स्पीति घाटी के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। 1000 फीट ऊंचे पहाड़ पर एक हजार साल पहले निर्मित इस मठ से स्पीति और पिन नदियों के संगम के छू लेने वाले दृश्यों को देखा जा सकता है। धनकर मठ बौद्ध कला और संस्कृति के मुख्य केंद्रों में से एक होने की वजह से प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गया है। किब्बर से धनकर झील की दूरी 52 किलोमीटर है।
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ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण स्पीति क्षेत्र माउंटेन बाइकिंग के लिए सबसे अनुकूल है और किसी भी माउंटेन बाइकर की सबसे पहली पसंद है। यहाँ आप ऊँची सड़कों से बाइक पर यात्रा कर सकते हैं। स्पीति में माउंटेन बाइकिंग का मजा लेने का सबसे अच्छा समय जून से सितम्बर के महीनों के दौरान होता है।
शशूर मठ हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में स्थित ड्रग्पा संप्रदाय का एक बौद्ध मठ है। यह मठ एक तीन मंजिला संरचना है जो मनाली से 35-40 किमी की दूरी पर स्थित है। स्थानीय भाषा में “शशूर” का शाब्दिक अर्थ नीला चीड़ है, क्योंकि शशूर मठ के चारों ओर नीले देवदार के पेड़ पाए जा सकते हैं। शशूर मठ घाटी से 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहाँ से पहाड़ों और कीलोंग शहर का मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं। शशूर मठ को 7 वीं शताब्दी में बनाया गया था। जो भी इस मठ को देखने के लिए आता है वो इसके इंटीरियर्स और वास्तुकला की तारीफ जरुर करता है। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई में होता है जब यहाँ वार्षिक छम नृत्य उत्सव के दौरान होता है।
काजा हिमाचल प्रदेश के कोने में स्पीति नदी के मैदानों पर एक शांत जगह है, जो पर्यटकों को अपनी आकर्षण से बेहद प्रभावित करती है। बर्फ से ढंके राजसी पहाड़ों, छिटपुट बस्तियों के साथ बहती नदियों और धाराओं और सुरम्य बंजर परिदृश्यों से घिरा काजा एक सपने के सामान है। आपको बता दें कि काजा को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें से एक को पुराने काजा और दूसरे को नए काजा कहा जाता है। प्रत्येक में क्रमशः सरकारी कार्यालय और राजा का महल है। मठ, गोम्पा और अन्य ऐतिहासिक स्थल इस शहर के पुराने जादुई आकर्षण है। काजा आज आधुनिकता और अनूठी प्राचीन संस्कृति का अद्भुत मिश्रण है जो अपने रहस्य से किसी को भी मुग्ध कर देगा। काजा अपने रंगीन त्योहारों और शहर से 14 किमी दूर एक साइड घाटी में प्राचीन शाक्य तंगयूड मठ के लिए भी प्रसिद्ध है। काजा से किब्बर की दूरी 18 किलोमीटर है।
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बारलाचा ला को बारलाचा पास के नाम से भी जाना जाता है, एक उच्च पर्वत दर्रा है जो समुद्र तल से 16,040 फीट की ऊंचाई पर ज़ांस्कर श्रेणी में स्थित है। यह 8 किलोमीटर लंबा दर्रा हिमाचल प्रदेश में लाहौल जिले को जम्मू और कश्मीर के लद्दाख से जोड़ता है और यह लेह-मानगढ़ राजमार्ग के साथ स्थित है। इस पास से कुछ किलोमीटर की दूरी पर आपको भगा नहीं मिलेगी जो चेनाब नहीं की सहायक नहीं है और सूर्य ताल झील से निकलती है। बारालाचा दर्रा कई खूबसूरत स्थलों से घिरा हुआ है, जो कि लोगों को बेहद आकर्षित करते हैं।
त्रिलोकीनाथ मंदिर को श्री त्रिलोकीनाथजी मंदिर भी कहा जाता है, जो भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले के त्रिलोकीनाथ गाँव में स्थित है। त्रिलोकीनाथ मंदिर यहाँ उदयपुर गाँव से लगभग 9 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर दुनिया में एक मात्र ऐसा मंदिर है यहाँ पर हिंदू और बौद्ध दोनों पूजा करते हैं। हिन्दुओं द्वारा इस मंदिर में ‘भगवान शिव’ की पूजा की जाती है और बौद्ध इसे आर्य अवलोकितेश्वर के रूप में देखते हैं। हालांकि, यह माना जाता है कि त्रिलोकीनाथ मंदिर मूल रूप से एक बौद्ध मठ था।
पिन वैली नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिजर्व में स्थित है। यह किब्बर से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस नेशनल पार्क की उंचाई लगभग 3,500 मीटर से लेकर इसके शिखर तक 6,000 मीटर से अधिक है। पिन वैली नेशनल पार्क प्रसिद्ध हिमालयी हिम तेंदुओं और उनके शिकार, इबेक्स की दुर्लभ प्रजातियों का घर है। पिन वैली नेशनल पार्क अपने अविश्वसनीय ट्रेक के लिए सबसे प्रसिद्ध है जो अपने सभी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। इस ट्रेक पर साल में ज्यादातर समय बर्फ रहती है। पिन वैली पार्क का कोर ज़ोन 675 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका बफर ज़ोन लगभग 1150 वर्ग किमी में विस्तारित है। आज यह लुप्तप्राय हिम तेंदुए सहित वनस्पतियों और जीवों की लगभग 20 से अधिक प्रजातियों का घर है।
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किब्बर, स्पीति घाटी से 18 किलोमीटर दूर है। लाहौल और स्पीति को रोहतांग पास और कुंजुम दर्रे से कुल्लू से अलग किया जाता है और यह मनाली-लेह राजमार्ग पर स्थित है। यह मार्ग गर्मियों के दौरान स्पीति घाटी तक पहुँचने के लिए ठीक है लेकिन भारी बर्फबारी के कारण वर्ष के अधिकांश हिस्सों के लिए दुर्गम है। हालांकि, स्पीति घाटी शिमला से किन्नौर मार्ग के पूरे साल जा सकते हैं।
हिमाचल राज्य परिवहन ग्रीष्मकाल में दोनों मार्गों से बसें चलाता है। चंडीगढ़, शिमला, कुल्लू, मनाली और उत्तर भारत के कुछ स्थानों से यहाँ के लिए सीधी बसें उपलब्ध हैं।
स्पीति घाटी के लिए कोई सीधी उड़ान उपलब्ध नहीं है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा भुंतर में है, जो कुल्लू के पास स्थित है और घाटी से 245 किमी दूर है। हालाँकि, भुंतर हवाई अड्डा सीमित उड़ानों के साथ छोटा है। अन्य विकल्प के रूप में 522 किमी की दूरी पर स्थित चंडीगढ़ हवाई अड्डा निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
स्पीति से निकटतम ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ में स्थित है, जिसकी देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है। जोगिंद्रनगर में एक रेलवे स्टेशन भी है जो स्पीति के सबसे नजदीक है, लेकिन इस रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी बहुत खराब है।
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इस आर्टिकल में आपने किब्बर गाँव घूमने की जानकारी और आसपास के पर्यटन स्थलों को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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