Gir National Park In Hindi : “गिर नेशनल पार्क” गुजरात में एक वन्यजीव अभयारण्य है। इसकी स्थापना एशियाटिक शेरों की सुरक्षा के लिए की गई थी, गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य को सासन गिर नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। गिर राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात स्टेट के तालाला गीर के पास स्थित है। सरकार के वन विभाग, वन्यजीव कार्यकर्ताओं और एनजीओ की मदद से गिर के वनस्पतियों और जीवों के साथ गिर इकोसिस्टम संरक्षित है। इस पार्क को 1965 में स्थापित किया गया था। अगर आप गिर नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़ें, यहां हमने गिर राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा को लेकर हर चीज़ को बहुत अच्छी तरह बताया है।
गिर राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिमी भारत के गुजरात में स्थित ‘बाघ संरक्षित क्षेत्र’ और वन्यजीव अभयारण्य है। इसे एशियाई शेरों की रक्षा करने के लिए बनाया गया था।
गिर नेशनल पार्क सोमनाथ के उत्तर-पूर्व में 43 किमी (27 मील), जूनागढ़ के दक्षिण-पूर्व में 65 किमी (40 मील) और अमरेली से 60 किमी (37 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। जिसका कुल क्षेत्रफल 1,412 किमी 2 (545 वर्ग मील) है, जिसमें से 258 किमी 2 (100 वर्ग मील) पूरी तरह से राष्ट्रीय उद्यान और 1,153 किमी 2 (445 वर्ग मील) वन्यजीव अभयारण्य के रूप में है। यह काठियावाड़-गिर शुष्क पर्णपाती जंगलों का हिस्सा है।
गिर नेशनल पार्क को खासकर शेर के संरक्षण के लिए बनाया गया है। बता दें कि 19वीं शताब्दी समय भारत के रियासती शासक शिकार अभियानों के लिए ब्रिटिश उपनिवेशवादियों को आमंत्रित करते थे। इसके बाद 19वीं शताब्दी के अंत तक ऐसा समय आ गया था कि भारत में केवल एक दर्जन एशियाई शेर बचे थे और ये सभी गिर के जंगल में थे। गिर के जंगल जूनागढ़ के निजी शिकार के मैदान के नवाब का हिस्सा था। बाद में शेरों की संख्या सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया के दूसरी जगह से भी गायब सी होने लगी।
तब जूनागढ़ के नवाब ने गिर एरिया को शेरों के लिए आरक्षित करने का ऐलान कर दिया और शेरों के शिकार पर भी रोक लगा दी। आपको जानकर हैरानी होगी कि सन 1990 के बाद गुजरात में सिर्फ 14 शेर ही बचे थे। शिकार अभियान के बाद वहां शेर की संख्या सिर्फ 20 रह गई थी जिसके बाद उनके बेटे नवाब मुहम्मद महाबत खान ने शेरों के संरक्षण में काफी मदद की।
इसके बाद के समय में वन विभाग भी इन शेरों की सुरक्षा के लिए आगे आया। और फिर 1913 में 20 शेरों की आबादी वाले गिर नेशनल पार्क में 2015 की जनगणना के अनुसार शेर 523 तक बढ़ गए हैं। चार जिलों के जंगल में 106 नर, 201 मादा और 213 उप-वयस्क शेर हैं।
आज गिर एशिया का एक सिर्फ ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर एशियाई शेर हैं। इसके साथ ही इसकी समर्थित प्रजातियों की वजह से आज गिर एशिया का एक सबसे खास संरक्षित क्षेत्र बन गया। गिर को संरक्षित करने में सरकारी वन विभाग, वन्यजीव कार्यकर्ताओं और एनजीओ का बड़ा योगदान रहा है। इन सभी संगठनों के प्रयास की वजह से आज गिर का इकोसिस्टम पूरी संरक्षित है।
गुजरात के पश्चिम में स्थित गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य अफ्रीका के बाद एकमात्र स्थान है जहाँ शेर दहाड़ते हुए आज़ाद घूमते हैं। यह पार्क 1412 वर्ग किमी में फैला हुआ है और यहाँ पर शुष्क पर्णपाती जंगल और सवाना वन का मिश्रण है। पार्क में बहने वाली बारहमासी और मौसमी नदियों के साथ पानी के अन्य निकायों ने दलदली मगरमच्छ, सरीसृप और पक्षियों के लिए यहाँ पर एक बहुत ही अनुकूल वातावरण बनाया है।
वर्तमान में इस पार्क में शेर और तेंदुए की आबादी काफी ज्यादा है जिसने इस प्रजाति के जानवरों के प्रेमियों के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है। वाइल्डकैट्स के साथ यहाँ पर और भी कई तरह की दुर्लब प्रजातियाँ जैसे कि जैकल, स्ट्राइप्ड हाइना, लंगूर, पोरपाइन, ब्लैक-लेपेड भी काफी मात्र में पाए जाते हैं। गिर एशिया के सबसे खास रिज़र्व पार्क में से एक है। गिर का पारिस्थितिक तंत्र बहुत ही बड़ा है और यहाँ पर सात नदियाँ बहती हैं जिनके नाम है हिरन, शेत्रुंजी, दतार्दी , शिन्गोदा, मछुन्दरी, गोदावरी और रावल।
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बता दें कि गिर नेशनल पार्क का पूरा वन क्षेत्र शुष्क और पर्णपाती है जो जलवायु के हिसाब से एशियाई शेरों के लिए बहुत अच्छा है। 2015 की गणना के अनुसार इस क्षेत्र में 523 शेर और 300 से अधिक तेंदुओं का निवास है। इन दो जानवरों के साथ ही इस पार्क में दो अलग-अलग प्रजाति के हिरन पाए जाते हैं। सांभर की गिनती भी भारत के सबसे बड़े हिरणों में की जाती है। इसके अलावा गिर को चौसिंघा के लिए भी जाना-जाता है। चौसिंघा दुनिया का एक मात्र चार सींग वाला एक मृग है।
गिर नेशनल पार्क में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजाति पाई जाती है और इस नेशनल पार्क को भारतीय पक्षी संरक्षण नेटवर्क द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया गया है। गिर नेशनल पार्क खास रूप से लुप्तप्राय सफेद समर्थित और लंबे समय तक बिल वाले गिद्धों के रहने का स्थान भी है।
गिर नेशनल पार्क में रेंगने वाले जानवर और उभयचरों की 40 से अधिक प्रजातियां उपस्थित है। कमलेश्वर-इस पार्क में एक बहुत बड़ा जलाशय है जहाँ मार्श मगरमच्छ बड़ी संख्या में है। पार्क में किंग कोबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर और क्रेट के साथ दूसरे सांप की कई प्रजातियां हैं।
इन सभी जानवरों के अलावा गिर नेशनल पार्क में जंगली बिल्लियाँ, चीता, स्लॉथ भालू, धारीदार हाइना, रतेल्स, स्वर्ण सियार, भारतीय पाम सिवेट्स, नेवला और विभिन्न बिल्लियाँ जैसे डेजर्ट बिल्ली, रसतेद धब्बेदार बिल्ली आप देख सकते हैं। मॉनिटर छिपकली, मार्श मगरमच्छ, भारतीय स्टार कछुआ भी यहाँ पाए जाते हैं।
अगर आप गिर नेशनल पार्क घूमने जा रहे हैं तो इसके साथ आप यहां पर इन 5 खास जगहों पर भी घूम सकते हैं और अपनी यात्रा का पूरा मजा उठा सकते हैं।
पोलो फारेस्ट (Polo Forest) गुजरात के विजय नगर में अभापुर गांव के पास स्थित 400 वर्ग किलोमीटर में फैला एक बहुत ही सुंदर वन क्षेत्र है। यह खास जगह अहमदाबाद शहर से सिर्फ 150km पर स्थित है। एक दिन की पिकनिक की बनाने के लिए भी यहां आ सकते हैं और पोलो जंगल के हरे-भरे वनों का मजा ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहाँ जाने के लिए आपको को कोई भी शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ता। आप यहाँ इंदौर के माध्यम से सीधे जा सकते हैं। यह जगह परिवार, दोस्तों और बच्चों के साथ घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है।
पोलो फारेस्ट एक ऐसी जगह जो बेहद सुंदर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, यहाँ से हरनव नदी निकलती है जो पूरे जंगल में फैली हुई है। इसके अलावा आप यहाँ हरनव बांध, प्राचीन शिव मंदिर, जैन मंदिर भी घूम सकते हैं। इसके साथ ही आप यहाँ के पोलो फारेस्ट माउंटेन में ट्रेकिंग भी कर सकते हैं।
अगर आप गिर नेशनल पार्क जाते हैं तो आप कमलेश्वर बांध भी घूम सकते हैं। कमलेश्वर बांध को सासन-गिर नेशनल पार्क द्वारा बहुत ही ध्यान रखते हुए व्यवस्थित किया गया है। कमलेश्वर बांध हिरन नदी पर बना हुआ है। यह बांध गिर पार्क की जीवन रेखा के रूप में भी जाना जाता है। यह बांध कई तरह के पक्षी के साथ-साथ गिर के दलदली मगरमच्छों का पालन स्थल है।
जमजिर वाटरफाल्स गुजरात राज्य में सासन गिर जिले में स्थित है। इस वाटरफॉल्स के पास का कोडिनार शहर है और यह गिर नेशनल पार्क से 23.4 Km की दुरी पर है।
जामजिर गिर वाटरफल गुजरात के जूनागढ़ में घुमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। जामवाला जामजीर वाटरफाल्स में एक सुंदर झरना है। जामजीर फॉल्स में चारों तरफ बहुत ही अद्भुद सुंदरता है।
जमेजर वाटरफाल्स जाने के लिए अगस्त से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा होता है। इस समय मानसून का समय होता है और इन दिनों हलकी सी गर्मी भी होती है इसके साथ ही झरने में पानी का प्रवाह काफी अच्छा होता है।
अगर आप गिर नेशनल पार्क घुमने जाते हैं तो आप यहाँ स्थित कंकाई माता मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जा सकते हैं। यह जगह सासन गिर से 25 किमी दूर जंगल के बीच में स्थित है। एक बहुत ही जंगली जगह है, यहाँ आप रात में शेरों की दहाड़ और दूसरे जानवरों की आवाज़ सुन सकते हैं। यहाँ पर वन विभाग रात ठहरने के लिए 50 से ज्यादा भक्तों को अनुमति को नहीं देता।
देवलिया सफारी पार्क, गिर से जुड़ा एक ऐसा क्षेत्र है, जो पर्यटकों को इस क्षेत्र में और अधिक सुंदरता और जंगल का एक खास अनुभव करवाता है। इस सफारी टूर पर एक सफारी जीप (Safari Jeep) के द्वारा ले जाया जाता है। इस जीप में ज्यादा से ज्यादा 6 लोग आ सकते हैं या आप अकेले भी जीप बुक कर सकते हैं। जीप को बुक करने के लिए आपको 5300 रूपये देने पड़ते हैं। जीप को आप ऑनलाइन बुक भी कर सकते हैं लेकिन गिर पहुँचते समय आईडी प्रूफ होना चाहिए। जीप आपको आपके होटल से पिकअप करके वहीँ छोड़ देगी। यह जीप आपको गिर के दूसरे क्रॉस सेक्शन में ले जाती है। इस 20 से 30 मिनट के टूर में पर्यटक एशियाई शेरों के साथ दूसरे अन्य वन्यजीव भी देख पाते हैं।
जून से लेकर अक्टूबर का महिना दक्षिण पश्चिम मानसून का समय रहता है जिसके चलते 16 जून से 15 अक्टूबर तक पार्क का प्रोटेक्टेड एरिया बंद रहता है। इसलिए दिसंबर से लेकर मार्च तक का समय मौसम के हिसाब से गिर नेशनल पार्क जाने के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा।
राष्ट्रीय उद्यान जो प्रोटेक्टेड एरिया है वो हर साल 16 जून से 15 अक्टूबर तक बंद रहता है। यह समय दक्षिण पश्चिम मानसून के आने का समय होता है। इस वजह से आप दिसंबर से लेकर मार्च के महीने में नेशनल पार्क की यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि इन महीनों में बारिश की सम्भावना बिलकुल नहीं होती।
गिर नेशनल पार्क घूमने के लिए कुछ शुल्क देने पड़ते हैं। भारतीय पर्यटकों के लिए, प्रवेश शुल्क 75 रुपये है जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह 100 रुपये है। सफारी के लिए वाहन शुल्क 35 रुपये है, फोटोग्राफी शुल्क 100 रुपये है और गाइड सेवा के 4 घंटे के लिए शुल्क 50 रुपये है। सफारी बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती है। एक जीप में 6 भारतीय व्यक्तियों के साथ 5300 रुपये प्रति जीप सफारी तक शुल्क लगता है। जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 13800 प्रति जीप सफारी तक शुल्क लगता है।
इसमें जीप और ड्राइवर शुल्क, परमिट शुल्क, गाइड शुल्क, एक कैमरा शुल्क, ऑनलाइन भुगतान गेटवे शुल्क, पिक एंड ड्रॉप सुविधा जीआईआर और सेवा प्रभार में से किसी भी रिसॉर्ट्स / होटल शामिल हैं।
गिर नेशनल पार्क बड़ी संख्या में पर्यटकों को एशियाई शेर देखने के लिए आकर्षित करता है, क्योंकि यह दुनिया भर में एकमात्र जगह है जहां ये जीव वर्तमान में पाए जाते हैं। विलुप्त होने के बाद, संरक्षण के प्रयासों के कारण इस शेरों की संख्याओं को पुनर्प्राप्त किया गया है। अभयारण्य हर साल 16 अक्टूबर से 15 जून तक पर्यटन के लिए खुला रहता है।
हवाई जहाज से गिर नेशनल पार्क जाने के लिए आपको इसके निकटतम हवाई अड्डे के बारे में पता होना चाहिए इसलिए आपको बता दें कि इस पार्क के निकट केशोद हवाई अड्डे और राजकोट हवाई अड्डे हैं। केशोद हवाई अड्डा पार्क से लगभग 70 किमी दूर स्थित है, जबकि राजकोट हवाई अड्डा लगभग 160 किमी की दूरी पर है। इन दोनों हवाई अड्डे से आप गिर नेशनल पार्क तक जाने के लिए लिए किसी कैब या बस की मदद ले सकते हैं।
विदेशों से गिर राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने का मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जाना सबसे अच्छा रहेगा। इसके बाद एक हवाई मार्ग के माध्यम से मुंबई हवाई अड्डे से दीव हवाई अड्डे तक जा सकते हैं, आपको दीप हवाई अड्डे से गिर नेशनल पार्क तक टैक्सी मिल जाएगी जो लगभग 2 घंटे लेगी। इसके अलावा आप मुंबई हवाई अड्डे से पोरबंदर हवाई अड्डे तक का विकल्प भी चुन सकतें हैं इसके बाद आपको पोरबंदर से गिर नेशनल पार्क तक पहुँचने के लिए में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगेगा।
जूनागढ़ और वेरावल रेलवे स्टेशन गिर नेशनल पार्क के सबसे करीब के रेलवे स्टेशन हैं, जो पार्क से लगभग समान दूरी पर स्थित है। दोनों रेलवे स्टेशन राज्य की मुख्य रेलवे लाइन में आते हैं। यह दोनों स्टेशन देश की सीधी ट्रेनों से सभी खास स्थानों से जुड़े हैं। जूनागढ़ और वेरावल रेलवे स्टेशन स्टेशनों में से किसी एक से गिर तक आप किसी कैब या टैक्सी या राज्य बस से पहुँच सकते हैं। यहाँ पहुचने में आपको लगभग 2 घंटे तक का समय लगेगा। इसके अलावा गिर के करीब राजकोट रेलवे स्टेशन है, जो गिर के जंगल से लगभग 165 किमी दूर है राजकोट से गिर तक जाने में 3 घंटे से 4 घंटे लगते हैं। यह रेलवे स्टेशन भी बहुत अच्छा रेलवे स्टेशन है, जो कि डायरेक्ट या कनेक्टिंग ट्रेनों द्वारा खास शहरों से जुड़ा हुआ है।
गिर नेशनल पार्क में रोड की मदद से जाना आपकी यात्रा को बेहद खास बना सकता है और किसी भी अन्य विकल्प की तुलना में सबसे अच्छा है। गुजरात की सड़के काफी अच्छी है और यह आपको एक सुखद आरामदायक यात्रा का एहसास दिलाएगी है। गिर नेशनल पार्क का रोड गुजरात के खास शहरों और स्थानों स अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गिर जाने के लिए आपके पास राज्य बस परिवहन सेवा और निजी बस दोनों आप्शन रहते हैं जो गुजरात के कई हिस्सों और शहरों से गिर के लिए लगातार बस सेवा प्रदान करती हैं। गिर नेशनल पार्क जाने के लिए आपको गुजरात के प्रमुख शहरों में कैब और टैक्सी भी आसानी से उपलब्ध हैं।
गिर राष्ट्रीय उद्यान से सोमनाथ की ड्राइविंग दूरी लगभग 50 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में लगभग 1 घंटा लगता है। जीएसआरटीसी की बसें और कुछ निजी बसें दोनों इन शहरों के बीच चलती हैं और आपको सीधे सासन गिर फॉरेस्ट में ले जाती हैं।
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