Tourist Places Of Coimbatore In Hindi : कोयम्बटूर भारत के तमिलनाडु राज्य का एक प्रमुख शहर है, जिसे कोवई (Kovai) और कोयमुथुर (Coyamuthur) के नाम से भी जाना जाता है। यह नोय्याल नदी (Noyyal River) के तट पर स्थित है और पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है। इसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर (Manchester Of South India) कहा जाता है। यह भारत के तेजी से विकसित हो रहे शहरों में से एक है और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर (Biggest City) है। यहां का मौसम पूरे साल खुशनुमा बना रहता है जिसके कारण कोयम्बटूर पर्यटन स्थल पर हमेशा पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं। यह अपने अनोखे मनमोहक एवं दर्शनीय स्थलों के कारण पूरी दुनिया भर में विख्यात है जिन्हें हम इस आर्टिकल में नीचे बताने जा रहे है –
दक्षिण भारत के सभी शहरों में कोयम्बटूर एक प्रसिद्ध शहर है। यहां देश के बेहतरीन झरने, जलप्रपात और मंदिर हैं। यहां के पर्यटन स्थल उत्तर भारत एवं देश के अन्य हिस्सों से काफी अलग हैं। यही कारण है कि यह शहर पर्यटकों को आकर्षित करता है। आइये जानते हैं कि कोयम्बटूर में घूमने की जगहों के बारे में।
कोवई कोंडट्टम एक ईको फ्रेंडली (Eco-Friendly) थीम पार्क है, जिसे तमिल अभिनेता विजय द्वारा बनवाया गया है। यहाँ आप एक्वा नृत्य (Aqua Dance), वेव पूल, डैशिंग कारें, पर्वतों की चढ़ाई (Rock Climbing), हारा किरि (Hara Kiri) और वीडियो पार्लर का आनंद उठा सकते हैं। पार्क में जन्मदिन, शादी और वर्षगाँठ मनाने की सुविधाएँ भी हैं।
यह मंदिर पश्चिमी घाट (Western Ghats) की उच्च भूमि में 500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मरुधमलाई मंदिर में भगवान मुरुगा (Lord Muruga) मुख्य देवता हैं। इस पहाड़ी की प्रमुख विशेषता यह है कि यहां महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियां (Medicinal Herbs) पायी जाती हैं।
इस मंदिर को अरुलमिगु पटेश्वरेश्वर स्वामी मंदिर (Arulmigu Patteeswarar Swamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को आमतौर पर भगवान नटराज को समर्पित मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यहां की प्राचीन कलाकृति (Sculptures), पेंटिंग, मूर्तियां और नक्काशी (Carvings) कला प्रेमियों को भी आकर्षित करती हैं। अरुलमिगु पटेश्वरेश्वर स्वामी मंदिर भी कोयंबटूर के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।
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वैदेही जल प्रपात कोयंबटूर की सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध (Magnificence) है। आमतौर पर पर्यटक यहां छुट्टियां बिताने और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
यह मंदिर मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है और वेलिंगिरी पहाड़ी पर 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर को सबसे अधिक विशिष्ट पूजा स्थल माना जाता है, जिसमें कोयम्बटूर और उसके आसपास के बहुत से पर्यटक आते हैं।
कोवई कुटरालम जलप्रपात सिरुवानी (Siruvani) के दर्शनीय क्षेत्र (Siruvani) में स्थित एक शानदार वाटर फॉल है। पानी के गिरते झरने को देखना बहुत अद्भुत होता है। कोयम्बटूर में पीने के पानी की प्रमुख आपूर्ति (Supply) सिरुवानी द्वारा की जाती है। अगर कोयम्बटूर में आपने यह जलप्रपात नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।
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कोयंबटूर में सिरुवानी झरना ऊंचाई से गिरने वाला यह एक अभूतपूर्व बांध और पानी का झरना है। यह इंजीनियरिंग चमत्कार का एक उत्कृष्ट (Excellent) उदाहरण है। इस बांध से अलिवर, पराम्बिकुलम, निरार, शोलेयार, थुनाकादुवु के लिए बिजली उत्पादन और सिंचाई परियोजनाएं संचालित होती हैं।
कोयंबटूर से 90 किलोमीटर की दूरी पर अमरावती बांध अमरावती नगर में स्थित है। यह बांध अन्नामलाई हिल्स और पलानी हिल्स से घिरा हुआ है और घाटियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
अवनाशी लिंगेश्वर मंदिर NH47 पर अवनाशी शहर में स्थित है। इसे अवनशियप्पार मंदिर (Avanashiappar Temple) भी कहा जाता है। 15वीं शताब्दी में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और प्रसिद्ध शैव मंदिरों में से एक है।
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यह मंदिर एक महत्वपूर्ण मंदिर है जो भगवान श्री अयप्पा (Sree Ayyappa) को समर्पित है। कोयम्बटूर में इस मंदिर को केरल के मूल सबरीमाला मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है और इस तरह इसे दूसरे सबरीमाला मंदिर के रूप में जाना जाता है। इसका कारण यह है कि दोनों मंदिरों की वास्तुकला और पूजा करने की शैली एक समान है।
सदाबहार (Evergreen) जंगलों और चट्टानों के बीच स्थित मंकी वाटर फाल्स हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इस झरने से बंदरों की मधुर ध्वनियां सुनाई देती है। पानी एक विशाल जलप्रपात की तरह नीचे गिरता है, यह सफेद फोम (White Foam) के बुलबुले बनाता है जहां यह पूल में विलीन हो जाता है।
भारत में ईशा योग आश्रम एक गैर-लाभकारी और गैर-धार्मिक (Non-Religious) केंद्र है, जो लंबे समय से दुनिया के विभिन्न हिस्सों से असंख्य लोगों को आकर्षित कर रहा है। आश्रम और योग केंद्र की स्थापना सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की है।
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कोयंबटूर की यात्रा का सबसे अच्छा समय सितंबर और मार्च के महीनों के बीच होता है। इस मौसम में यहां का तापमान बहुत अधिक नहीं होता है और पर्यटकों को घूमने में मजा आता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अक्टूबर एवं नवंबर में यहां वर्षा होती है जिसके कारण पर्यटक कम आते हैं जबकि दिसंबर से मार्च के बीच यहां का तापमान 15 ° C रहता है। कोयम्बटूर के घूमने का आनंद लेने के लिए ये महीने बहुत अच्छे हैं। यदि इस समय-सीमा के भीतर आप कोयम्बटूर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो छाता और कुछ ऊनी सामान लेकर जाएं।
तमिलनाडु का सबसे बड़ा शहर होने के कारण यहां घूमने लायक काफी बेहतरीन दर्शनीय स्थल हैं। चूंकि यहां भारी मात्रा में देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं इसलिए पर्यटकों को ठहरने के लिए बेहतर विकल्प मौजूद हैं। आपको यहां आपके बजट के अनुसार होटल में कमरे उपलब्ध हो सकते हैं। इसके अलावा यहां फाइव स्टार होटलों के अलावा लक्जरी होटल भी हैं। आप कोयम्बटूर में होटल किस्कॉल ग्रैंड्स (Kiscol Grands), सेलिब्रिटी रिजॉर्ट, अनन्या नेस्ट, द रेजिडेंसी टावर्स, विवांता सूर्या, होटल ले ग्रांड, होटल कैग प्राइड, रेडिसन ब्लू, फेयरफील्ड बाय मैरियट, होटल हेरिटेज इन, गोकुलम पार्क, वेल्कमहोटल, एम के रेजीडेंसी जैसे होटलों में रुक सकते हैं।
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कोयम्बटूर एक ऐसा शहर है जहां इसका अपना हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। इसलिए पर्यटकों को इस शहर के बाहर किसी स्थान पर नहीं उतरना पड़ता है। आइये जानते हैं कि कोयम्बटूर कैसे पहुंचें।
कोयम्बटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport) शहर के केंद्र से 11 किमी दूर है। यह प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां बैंगलोर, हैदराबाद, जयपुर, तिरुपति और विजयवाड़ा जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से एयर कोस्टा (Air Costa), एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज जैसी प्रमुख एयरलाइनों द्वारा नियमित उड़ान सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, एयर अरबिया (Air Arabia) और सिल्क एयरवेज शारजाह और सिंगापुर से भी उड़ानें संचालित होती हैं। हवाई अड्डे के बाहर से आप टैक्सी या स्थानीय बस द्वारा अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।
आप त्रिवेंद्रम, कोचीन (Kochin) और चेन्नई जैसे शहरों बहुत आसानी से कोयम्बटूर पहुंच सकते हैं। तमिलनाडु और केरल से कोयम्बटूर के लिए राज्य परिवहन और निजी बसें चलती हैं। इसके अलावा इन राज्यों से आप वोल्वो एवं वातानुकूलित बसों से भी कोयम्बटूर पहुंच सकते हैं। एनएच 67 और एनएच 209 मार्गों के कोयम्बटूर पहुंचने में लगभग तीन घंटे का समय लगता है।
कोयंबटूर जंक्शन यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो प्रमुख भारतीय शहरों और कस्बों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इस स्टेशन पर त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन एक्सप्रेस, कोंगु एक्सप्रेस (Kongu Express), कन्याकुमारी बैंगलोर एक्सप्रेस, चेरन एसएफ एक्सप्रेस (Cheran SF Express) और कोवई एक्सप्रेस (Kovai Express) आदि ट्रेनें आती हैं। इस रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या बस लेकर मुख्य शहर पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने कोयंबटूर के प्रमुख पर्यटक स्थलो के बारे में जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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