Bhedaghat Jabalpur In Hindi : अगर आप मध्यप्रदेश में झरनों और संगमरमर की चट्टानों का आनंद लेना चाहते हैं, तो जबलपुर के पास स्थित भेड़ाघाट जाना अच्छा विकल्प है। भेड़ाघाट मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में एक शहर और नगर पंचायत है। जबलपुर शहर से लगभग 20 किमी दूर भेड़ाघाट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। भेड़ाघाट को संगमरमरीय सौंदर्य और शानदार झरनों के लिए ही जाना जाता है, साथ ही धुआंधार जलप्रपात चमकती हुई मार्बल की 100 फीट ऊंची चट्टनों के लिए भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है।
यह जगह तब और खूबसूरत लगती है जब इन संगमरमर की सफेद चट्टानों पर सूर्य की किरणें और पानी पर छाया पड़ती है। तब काले और गहरे रंग के ज्वालामुखीय समुद्रों के साथ इन सफेद चट्टानों को देखना सुखद अनुभव होता है, इतना ही नहीं चांदनी रात में यह और भी ज्यादा जादुई प्रभाव पैदा करती हैं। नर्मदा नदी इन संगमरमर की चट्टानों के माध्यम से धीरे-धीरे बहती है और थोड़ी दूर जाकर धुंआधार के रूप में प्रसिद्ध एक झरने में मिल जाती है। प्रकृति को पसंद करने वालों के लिए यहां बोट राइडिंग की सुविधा भी है।
चांदनी रात में संगमरमर के रॉक पहाड़ों के बीच होने वाली नाव की यात्रा पर्यटकों को आकर्षित करती है। अगर आप मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और झरनों का आनंद लेना चाहते हैं तो छुट्टियों में भेड़ाघाट जरूर जाएं। यहां ऐसी कई दुकानें हैं जहां आपको संगमरमर के हस्तशिल्प और धार्मिक चिन्ह खरीदने को मिलेंगे। भेड़ाघाट में हर साल कार्तिक महीने में विशाल मेला आयोजित होता है। भारतीय मेलों की छटा और कला आपको इस मेले में देखने को मिलेगी। तो चलिए इस आर्टिकल में आज हम आपको सैर कराएंगे झरनों के स्थल भेड़ाघाट की।
भेड़ाघाट का इतिहास 180-250 करोड़ साल पुराना माना जाता है। भेड़ाघाट के नाम को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं। इतिहास की मानें तो प्राचीनकाल में भृगु ऋषी का आश्रम इसी जगह पर था और यह वह स्थल है जहां नर्मदा का पवित्र बावनगंगा के साथ संगम होता है। बुंदेली भाषा में भेड़ा का अर्थ भिड़ना या मिलने से होता है। क्योंकि ये दोनों नदियां यहां आकर मिलती हैं, इस मिलन के कारण ही इस जगह का नाम भेड़ाघाट रखा गया था।
भेड़ाघाट में मार्बल रॉक्स देखने लायक हैं। इन संगमरमर की चट्टानों के बीच ही अशोका फिल्म के गाने की शूटिंग करीना कपूर ने पानी के बीचों-बीच की थी। संगमरमर की चट्टानें पर्यटकों के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थल है।
नर्मदा नदी के दोनों किनारों की ऊंची चट्टानों से घिरा यह मशहूर मनमोहक स्थल है। यहां नर्मदा नदी मार्बल की चट्टानों के माध्यम से तेजी से अपना मार्ग प्रशस्त करती है और पहाड़ से 100 फुट नीचे की ओर झरने के रूप में गिरती है। पानी के इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण चारों तरफ धुंआ उठता दिखाई देता है और फुहार घनी होकर धुएं का रूप ले लेती हैं। इसी वजह से इस जगह को धुआंधार फॉल्स कहा जाता है। इस दौरान पानी का बहाव इतना तेज होता है कि दूर से भी गर्जन सुनाई देती है। यह घाट क्षेत्र से सिर्फ 1.5 किमी दूर है। धुआंधार जलप्रपात को आप केबल कार के जरिए भी देख सकते हैं।
धुंआधार से थोड़ी ही दूरी पर चौंसठ योगिनी मंदिर है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं में ब्रह्मांड की जननी मानी जाने वाली देवी दुर्गा को समर्पित है। यहां पर 10वीं शताब्दी के कलचुरी वंश की पत्थरों से तराशी गई मूर्तियां हैं। अब हालांकि ज्यादातर मूर्तियां टूट गई हैं। माना जाता है कि यह प्राचीन मंदिर के भूमिगत मार्ग से गोंड रानी दुर्गावती के महल से जाकर मिलता है। इस मंदिर की खासियत यहां बीच में स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा है। बताया जाता है कि इस मंदिर में आज भी 64 योगिनियां पहरा देती हैं। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है। इतिहासकारों के अनुसार एक जमाने में चौंसठ योगिनी मंदिर का नाम गोलकी मठ था।
सी वर्ल्ड वाटर पार्क दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए अच्छी जगह है। पूरा एक दिन बिताने के लिए यह आदर्श स्थान है। यहां बड़ों के अलावा बच्चों के लिए अलग से एक पूल है। यह जबलपुर का एक मात्र वॉटरपार्क है। यहां एडवेंचर वॉटर राइड और रोलर कोस्टर की सवारी आपके ट्रिप में जान डाल देगी। यह वॉटर पार्क सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुलता है। बड़ों के लिए यहां एंट्री फी 360 रूपए प्रति व्यक्ति है जबकि बच्चों के लिए 270 रूपए एंट्री फी रखी गई है। बता दें कि जबलपुर स्टेशन से वॉटर पार्क की दूरी 11.3 किमी है, जबकि जबलपुर एयरपोर्ट से यह 21.8 किमी दूर है।
यह जगह जबलपुर सिटी से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जगह शारदा देवी मंदिर के रास्ते में पड़ती है। यहां एक दीर्घगोलाकर शिला आश्चर्यजनक ढंग से एक विशाल चट्टान पर अपने गुरूत्व केंद्र पर टिका हुआ है। यह भूतात्तिव कारणों से अस्तित्व में आया, इसमें मानव का कोई योगदान नहीं है। इस शिला की खासियत यह है कि इसकी विशालता, भार, कठोरता और सटीक गुरूत्व केंद्र होने के कारण आज भी ये अपनी मूल अवस्था में बना हुआ है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह अच्छी जगह है। यहां आप 15-20 मिनट का समय बिता सकते हैं साथ ही फोटो भी क्लिक कर सकते हैं।
प्रकृति की इस खूबसूरत रचना की प्रशंसा करने के लिए, हर साल भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव के रूप में एक शुभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस भव्य कार्यक्रम में बॉलीवुड की प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा नृत्य, नाटक और संगीत की शानदार प्रस्तुति शामिल है। कार्यक्रम शरद पूर्णिमा ’यानी अक्टूबर को आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर प्रसिद्ध गायकों और कलाकारों की मौजूदगी दर्शकों की भारी भीड़ खींचती है और लोग इस पूर्णिमा की रात दूधिया सफेद पानी में नौका विहार का आनंद लेते हैं।
गर्मियों में भेड़ाघाट जाना थोड़ा सही समय है। यहां गर्मी बहुत ज्यादा नहीं रहती। तपमान अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस तक जाता है, लेकिन मई -जून का महीना यहां ज्यादा गर्म होता है। इसलिए आप चाहें तो मई से पहले की गर्मियों में आप यहां छुट्टियां बिताने आ सकते हैं।
मानसून में भेड़ाघाट – भेड़ाघाट जाने के लिए मानसून उपयुक्त समय नहीं है। यहां मानसून में भारी बरिश होती है और सबकुछ इस समय बंद हो जाता है। यहां तक की इस मौसम में जाकर आप बोट राइड का भी आनंद नहीं ले पाएंगे।
सर्दियों में भेड़ाघाट – मध्यप्रदेश में सर्दी बहुत नहीं पड़ती। इसलिए भेड़ाघाट को सर्दियों के ब्रेक के लिए उपयुक्त समय माना जाता है। इस दौरान यहां का मौसम सुहावना होता है। तापमान 10-20 डिग्री सेल्सियस ही होता है।
भेड़ाघाट संगमरमर की कलाकृतियों के लिए काफी मशहूर है। यहां सोपस्टोन नाम का बाजार प्रसिद्ध है। यहां आने वाले पर्यटक एक बार इस बाजार में जरूर जाते हैं। इस बाजार में हस्तशिल्प जैसे लिंगम, एशट्रेज और देवी-देवताओं की मूर्तियां आप खरीद सकते हैं।
भेड़ाघाट को विश्व के नक्शे में लाने की पहल के चलते यहां भेड़ाघाट के पंचवटी में लेजर शो शुरू किया गया है। इस लेजर शो के जरिए नर्मदा से दुनिया का परिचय कराया जाता है। इस शो में नर्मदा की गौरव गाथा अलग अंदाज में जानने को मिलती है। हजारों साल पुरानी परंपरा से लेकर आधुनिकता का दौर भी देखने को मिलता है। विश्व पटल पर संगमरमर की खूबसूरत वादियों की नई खूबियों से लोग परीचित होते हैं।
मंगलवार से शुक्रबार तक 7.30 से 8 बजे और 8:30 से 9 बजे तक दो ही शो आयोजित होता है। जबकि शनिवार और रविवार को तीन शो का आयोजन किया जाता है। 7:30 से 8 बजे, 8:15 से 8:45 और 9 बजे से 9:30 तक शो दिखाया जाता है। हर शो तीन भागों में विभाजित है। आधे घंटे के शो में हर भाग 10 मिनट का रखा गया है। पहले भाग में भेड़ाघाट की खूबसूरती का जिक्र होता है उसके बाद 10 मिनट तक देशभक्ति गीतों के जरिए फाउंटेन की रंगबिरंगी फुहारों के बीच दर्शकों को लुभाने का प्रयास किया जाता है।
भेड़ाघाट में बोट राइडिंग का समय सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होता है। संगमरमर पर सूरज की किरणें देखनी हैं तो शाम 4 बजे के स्लॉट पर जाएं। बोट राइड के दौरान कैप जरूर पहनें। अंतिम रोपवे यहां 6 बजे बंद हो जाता है। यहां आप नाव की यात्रा एक घंटे में तक कर सकते हैं। हालांकि पहले यहां चांदनी रात में नाव की सवारी कराई जाती थी, लेकिन असामाजिक गतिविधियों के कारण अधिकारियों ने रात में नाव की सवारी पर रोक लगा दी है। एक नाव में तीन लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है, जिसके लिए 800 रूपए चार्ज लिया जाता है, आप थोड़ा मोलभाव करके इसे 600 रूपए करा सकते हैं। नाव में बैठने से पहले टिकट काउंटर से लाइफ जैकेट जरूर लें।
और पढ़े : जबलपुर पर्यटन स्थल और घूमने की जानकारी
भेड़ाघाट जबलपुर के पास स्थित है, इसलिए आपको पहले जबलपुर जाना होगा। अगर आप फ्लाइट से भेड़ाघाट जाना चाहते हैं तो जबलपुर हवाई अड्डा भेड़ाघाट के नजदीक हैं जिसे डुमना एयरपोर्ट जबलपुर के नाम से जाना जाता है। हवाई अड्डे से भेड़ाघाट की दूरी मात्र 34.1 किमी है। इसके अलावा जबलपुर रेलवे स्टेशन भेड़ाघाट के करीब है, यहां से भेड़ाघाट 20 किमी दूर है। वहीं अगर आप बाय रोड बस या टैक्सी से जाते हैं तो रांझी बस स्टैंड भेड़ाघाट से पास पड़ेगा। यहां से भेड़ाघाट की दूरी 27.9 किमी है। यहां पहुंचने के बाद आप सार्वजनिक वाहन से भेड़ाघाट पहुंच सकते हैं।
भेड़ाघाट में आप सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक बोटिंग कर सकते हैं। जबकि केबल कार का समय सुबह 11 बजे से शाम के 6 बजे तक रहता है। बता दें कि मानसून के मौसम में यहां बोटिंग बंद होती है।
भेड़ाघाट जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल का है। इस समय यहां का मौसम सुहावना होता है और सबसे ज्यादा पर्यटक भी इसी समय झरनों का मजा लेने पहुंचते हैं। बोटिंग के माध्यम से मार्बल रॉक के सुखद नजारों का अनुभव करना है तो अक्टूबर से अप्रैल के बीच ही भेड़ाघाट घूमने जाइए।
नर्मदा एक बाराहमासी नदी है और भेड़ाघाट में पनी सैकड़ों फीट गहरा है, तब भी यहां आप नाव की सवारी करने के साथ खूबसूरत चट्टानें देख सकते हैं। लेकिन गर्मियों में भेड़ाघाट की यात्रा करना सही समय नहीं है। इस समय यहां का तापमान 40 डिग्री होता है, लेकिन फिर भी अगर आप मई के महीने में भेड़ाघाट जाना चाहते हैं तो सुबह जल्दी घाट पर जाने की कोशिश करें।
और पढ़े: मध्य प्रदेश की 10 सबसे डरावनी जगह
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…