Places To Visit In Gwalior In Hindi : ग्वालियर शहर का निर्माण राजा सूरजसेन द्वारा किया गया था। इस ऐतिहासिक ग्वालियर शहर की सुन्दरता, आकर्षित कर दने वाली स्मारकों, महलो और मंदिरों की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम हैं। यहां की मस्जिदों, रॉक मंदिरों और मूर्तियों की बनाबट में शानदार वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं। ग्वालियर पर्यटन स्थल खूबसूरत पहाड़ियों, सुन्दर हरियाली और मदमस्त कर देने वाली जलवायु से घिरा हुआ स्थान हैं। ग्वालियर का किला शहर की भव्यता को और अधिक बड़ा देता है और इस किले से पूरे शहर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन का जन्म ग्वालियर में ही हुआ था और तानसेन का मकबरा भी यही बना हुआ हैं।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको ग्वालियर और इसके आकर्षित पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। तो आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
ग्वालियर कई महलो, इमारतो, खंडरो, मंदिरों और पर्यटन स्थलों से भरी हुई नगरी हैं। यह शहर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं अरु दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों का मैला यहां लगा रहता हैं। तो आइए हम आपको ग्वालियर शहर के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देते है।
ग्वालियर का किला पूरे दक्षिण भारत का एक अभेद किला है। इस किले का निर्माण दो भागो में किया गया था। जोकि दो अलग अलग समय अवधि के दौरान हुआ था। ग्वालियर किले की सुन्दरता और विशालता का वर्णन शब्दों में करना कठिन हैं। इस किले में मन मंदिर, गुजरी महल, पानी के टैंक, कर्ण, जहागीर आदि है। ग्वालियर आने वाले पर्यटकों को एक बार इस किले में जरूर घूमने जाना चाहिए।
और पढ़े: ग्वालियर का किला घूमने की जानकारी और इतिहास
ग्वालियर का प्रसिद्ध जय विलास पैलेस जिसे जय विलास महल के रूप में भी जाना जाता हैं। जय विलास पैलेस आधुनिक समय में संरक्षित, सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति और भव्यता का प्रतीक माना जाता है। सन 1874 में वेल्स के तत्कालीन राजकुमार किंग एडवर्ड के भव्य स्वागत के लिए इस पैलेस का निर्माण किया गया था। इस महल में 30 कमरे हैं और एक आर्ट गैलरी में 5000 से अधिक पुस्तके रखी हुई है।
ग्वालियर का दर्शनीय स्थल तेली का मंदिर ग्वालियर किले में स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था और यह ग्वालियर की सबसे बड़ी ईमारत हैं। जिसकी ऊंचाई 100 फिट हैं। यह शानदार भव्य मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है।
ग्वालियर में देखने लायक जगहों में तानसेन का मकबरा भी शामिल हैं। यह मकबरा भारत के प्रसिद्ध संगीतकार और सम्राट अकबर के दरबार के प्रमुख गायक तानसेन का हैं जोकि अकबर के दरबार के नो रत्नों में से एक हैं। माना जाता है कि ग्वालियर का यह प्रसिद्ध संगीतकार अपने संगीत के जादू से बारिश करा देता था और जानवरों को अपने संगीत से मन्त्र मुग्ध कर देता था।
ग्वालियर के प्रसिद्ध किले के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित मान मंदिर पैलेस का निर्माण वर्ष 1486 और 1516 के दौरान तोमर शासक मान सिंह तोमर के नेतृत्व में किया गया था। इसी महल में औरंगज़ेब ने अपने भाई मुराद को बंदी बनाया था। महल के दो खुले कोर्ट हैं जिसमे दो स्तरों पर अपार्टमेंट बने हुए हैं। इल्तुतमिश की कुरूर सेना से बचने के लिए कई राजपूत महिलाओं की आत्म-हत्या की कहानी इस महल से जुडी हैं। महल घूमने के लिए आप स्थानीय गाइड को मूल चुका कर अपने साथ कर सकते हैं।
और पढ़े: झाँसी का किला घूमने की जानकारी
ग्वालियर में देखने वाला स्थानो में शामिल गुजरी महल मान सिंह द्वारा अपनी सबसे प्रिय पत्नी मृगनयनी के लिए 15वीं शताब्दी के दौरान बनबाया गया था। यह महल अब खंडरों में तब्दील होता जा रहा हैं। महल में एक पुरातात्विक संग्रहालय भी बना हुआ है।
ग्वालियर के प्रसिद्ध सास बहु मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। ग्वालियर का सास बहु मंदिर यहा आने वाले पर्यटकों और भक्तो को बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। मंदिर के नाम सास-बहू का अभिप्राय भगवान विष्णु के एक अन्य नाम शास्त्री बहू का संक्षिप्त रूप है।
ग्वालियर का यह खूबसूरत सिंधिया संग्रहालय जीवाजी राव सिंधिया को समर्पित हैं। यह संग्रहालय मध्य-प्रदेश के सबसे प्रमुख संग्रहालयों में से एक हैं। इसका निर्माण सन 1964 में किया गया था। यह संग्रहालय पांडुलिपियों, सिक्कों, चित्रों, हथियारों, मूर्तियों आदि के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है।
ग्वालियर में स्थित 16वीं शताब्दी के दौरान का यह मकबरा राजकुमार मोहम्मद गौस सुफी की कब्र अब हजीरा शहर में स्थित है। इस मकबरे में आश्चर्यजनक मुगल वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं। यह स्थान हिन्दुओं और मुसलमानों के लिए सामान रूप से पावन स्थान माना गया हैं।
ग्वालियर शहर समृद्ध विरासत वाला शहर एक आकर्षित और रोमांचक गतिविधियों से भी भरा हुआ है। सन 1922 में शाही परिवार के मधाओ राव सिंधिया द्वारा स्थापित किया गया गांधी चिड़ियाघर यहां का एक खूबसूरत जू हैं। यह स्थान वास्तव में फूल बाग के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बाग में कई प्रजातियों के सांभर, चित्तीदार हिरण, काले हिरन, बाइसन, लकड़ बग्घा और सफेद बाघ देखने को मिल जाते है।
और पढ़े: कान्हा नेशनल पार्क जाने की पूरी जानकारी
ग्वालियर के दर्शनीय स्थलों में शामिल यहां का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित हैं। सूर्य मंदिर ग्वालियर के सबसे शानदार मंदिरों में से एक है और साथ ही साथ इस मंदिर में शानदार वास्तुशिल्प है जो आश्चर्यचकित कर देती हैं। सूर्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1988 के दौरान एक प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला के द्वारा करबाया गया था। सूर्य मंदिर में आने वाले पर्यटकों की लम्बी कतार वर्ष भर लगी रहती हैं।
ग्वालियर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर पदावली कई प्राचीन मंदिरों से युक्त एक शानदार किला है। मंदिरों में जटिल नक्काशीयां देखने को मिलती है और इसके अलावा मंदिर में कामुक नक्काशी भी देखी जा सकती है। इसलिए ग्वालियर के इस स्थान को मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता हैं।
ग्वालियर के आकर्षण पर्यटक स्थल सूरजकुंड का निर्माण 10वीं शताब्दी के दौरान तोमर राजवंश के शासक सूरज पाल ने किया था। सूरज पाल खुद एक सूर्य उपासक भी थे और इसलिए तटबंध के पश्चिमी क्षेत्र में सूर्य मंदिर बनबाया गया था। सूरजकुंड ग्वालियर किले में स्थित एक टैंक हैं।
ग्वालियर में घूमने के स्थानों में तिघरा बांध शहर से थोड़ी दूरी पर बना है। यहां के स्थानीय और दूर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह बांध एक शानदार पिकनिक स्पार्ट हैं। बारिश के मौसम में डैम देखने के लिए यहां दूर-दूर से पर्यटक आते है।
और पढ़े: भीमबेटका की जानकारी इतिहास, पेंटिंग
ग्वालियर की श्याम वाटिका को गिनीज द्वारा विश्व के सबसे बड़े इनडोर म्यूरल के रूप में मान्यता प्रदान की गई हैं। श्याम वाटिका एक निजी स्वामित्व वाला बैंक्वेट हॉल है। यह लगभग 904 वर्ग के क्षेत्र में फैला हुआ हैं।
ग्वालियर आने वाले पर्यटकों में संगीत के शौकीन व्यक्ति अक्सर सरोद घर की ओर रुख करना पसंद करते है। सरोद घर संगीत का एक संग्रहालय है जिसे महान संगीत उस्ताद हाफिज अली खान के पैतृक घर में बनाया गया हैं। इस संग्रहालय में पुराने समय के कुछ संगीत वाद्ययंत्र रखे गए हैं।
ग्वालियर के लक्ष्मी बाई रोड पर दीनदयाल सिटी मॉल एक शानदार माल हैं जोकि हाई क्वालटी और लक्जरी मॉल की पेशकस करता हैं। यदि आपको उच्च क्वालटी की वस्तुए खरीदनी हैं तो आप इस माल का दौरा कर सकते है। इन मॉलो में देशी और विदेशी सभी प्रकार की वस्तुए आपको मिल जाएगी।
रूप सिंह स्टेडियम मध्य-प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है और यह क्रिकेट के खेल से जुड़ा हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। रूप सिंह स्टेडियम में ही वन डे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक भारत के महान खिलाडी सचिन तेंदुलकर ने इसी क्रिकेट ग्राउंड पर मेहमान टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था।
ग्वालियर के मृगनयनी एम्पोरियम में आप प्रसिद्ध चंदेरी और माहेश्वरी सरिस सहित हस्तशिल्प और कपड़े खरीद सकते हैं। मृगनयनी एम्पोरियम का नाम रानी मृगनयनी के नाम पर दिया गया है।
ग्वालियर का जियाजी चौक बाजार हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों और आभूषणों के लिए एक शानदार स्थान हैं।
और पढ़े: जयपुर में शॉपिंग के लिए प्रसिद्ध बाजारों की जानकारी
ग्वालियर के इस आकर्षित पाटनकर बाजार विभिन्न प्रकार की वस्तुओं हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद, पत्थर की नक्काशी और कलाकृतियां देखने को मिल जाएगी।
ग्वालियर का यह दर्शनीय गुरुद्वारा डेटा बंदी छोड सिखों के गुरु हर गोविन्द साहिब के नाम के साथ जुड़ा हुआ है। जोकि उनकी कैद और 52 राजाओं की रिहाई से सम्बंधित हैं। यह गुरुद्वारा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से परिपूर्ण हैं।
ग्वालियर में बनी उषा किरण पैलेस का निर्माण सन 1880 में सिंधिया शासकों द्वारा करबाया गया था। यह संपत्ति वर्तमान में भारत में होटल के ताज समूह के अधीन हैं और 9 एकड़ से अधिक भू-भाग में फैली हुई है।
ग्वालियर का गोपाचल पर्वत 7वीं और 15वीं शताब्दी के रॉक-कट जैन स्मारकों के जाना जाता है। यह स्मारक जैन तीर्थंकरों आदिनाथ, नेमिनाथ, महावीर और ऋषभनाथ को समर्पित हैं। इनकी मूर्ती ध्यान मुद्रा में देखी जा सकती हैं यह आपको लगभग 100 स्मारकों को देखने का अनुभव मिल सकता हैं।
ग्वालियर में रानी लक्ष्मी बाई की समाधी बनी हुई है जोकि ग्वालियर आने वाले पर्यटकों के लिए एक शानदार पर्यटन स्थल हैं। यहां के आकर्षण में रानी लक्ष्मी बाई की 8 मीटर उंची प्रतिमा बनी हुई हैं। यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक शानदार स्थान हैं।
और पढ़े: झाँसी की रानी स्टोरी और इतिहास
ग्वालियर में सिंधिया राजवंश की छतरियां यहां के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। इन छत्रियां का सबसे पहले सन 1817 में जियाजी राव सिंधिया की याद में निर्मित किया गया था।
स्प्लैश द सन सिटी ग्वालियर शहर के सबसे लोकप्रिय वाटर पार्कों में से एक है। पर्यटक यहां आपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ-साथ बच्चो को भी लेकर जा सकते है।
और पढ़े: गोवा के वाटर स्पोर्ट्स जो बनायेगें आपकी यात्रा को खास
ग्वालियर में कुछ स्पेशल करने के लिए हुरावली लिंक रोड पर स्थित एक ओल्ड वर्ल्ड वाटर पार्क हैं। जोकि शहर के शीर्ष वाटर पार्कों में से एक है। यह वाटर पार्क सभी उम्र के लोगो के लिए उपयुक्त स्थान हैं।
ग्वालियर में तानसेन संगीत समारोह का आयोजन यहा के बेहट गांव में किया जाता हैं। तानसेन संगीत सम्मेलन / तानसेन उत्सव संगीत कला का एक शानदार आकर्षण प्रस्तुत करता हैं। यह समारोह 4-5 दिन तक चलता हैं। तानसेन संगीत समरोह का आयोजन सन 2019 में 21 दिसंबर से लेकर 26 दिसंबर तक किया जायेगा।
ग्वालियर शहर अपने ऐतिहासिक स्मारकों के अलावा अपने खूबसूरत देहाती बाजारों के लिए भी जाना जाता हैं। ग्वालियर में आधुनिक ढंग के ढेरों मॉल बने हुए हैं। यहा से पर्यटक अपने पसंद की चीजो को खरीद सकते है। माहेश्वरी और चंदेरी सिल्क साड़ियों के साथ-साथ ग्वालियर के हथकरघा उद्योग का प्रतीक हैं। सर्राफा बाजार में लगी कोठारी की दुकान साड़ियों की बिक्री के लिए फेमस है।
और पढ़े: वेडिंग शॉपिंग के लिए बेस्ट हैं भारत की ये जगहें
ग्वालियर शहर को मध्य प्रदेश की पर्यटन राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ग्वालियर आने वाले पर्यटकों की लाइन पूरे साल लगी रहती हैं लेकिन अक्टूबर से मार्च महीने का समय सबसे बेस्ट माना जाता हैं। पर्यटकों को गर्मी से बचने की सलाह दी जाती हैं। अक्टूबर से मार्च महीने के दौरान यहां का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं।
ग्वालियर एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल हैं जहां पर्यटक भरी संख्या में आते हैं। पर्यटकों की महमान नवाजी ग्वालियर शहर स्वादिष्ट भोजन सामग्री के साथ करता हैं। मध्य-प्रदेश की प्रसिद्ध भोजन सामग्री के साथ-साथ कई अन्य प्रकार की भोजन सामग्री भी परोसता हैं। ग्वालियर शुद्ध साकाहारी भोजन के लिए जाना जाता हैं। सुबह नास्ता में यहा के फेमस कचौरी, समोसा, पोहा, जलेबी और बेडई शामिल हैं। इसके अलावा स्वादिष्ट भोजन में कबाब, जलेबी, इमरती, रोगन जोश, भुट्टे की कीस, दाल बाफला, मावा-बाटी और मालपुआ आदि शामिल हैं।
ग्वालियर शहर की शानदार यात्रा करने के बाद यदि अब आप कुछ दिन या कुछ समय यहा और बिताना चाहते है। तो हम आपको बता दें कि यहा लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के कई होटल आपको मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं।
और पढ़े: साँची स्तूप घूमने की जानकारी
ग्वालियर का ट्रिप प्लान करने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने निजी साधन में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
ग्वालियर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि ग्वालियर का हवाई अड्डा शहर के केंद्र से 8 किलोमीटर की दूरी पर हैं जोकि देश के प्रमुख शहरो से अच्छी तरह संपर्क में हैं। हवाई अड्डे से आप स्थानीय साधन के माध्यम से शहर में घूम सकते हैं।
ग्वालियर शहर रेल मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। यदि आपने ट्रेन के सफर का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि आप बहुत आसानी से ग्वालियर शहर पहुंच जाएंगे। ग्वालियर रेल्वे स्टेशन से आप स्थानीय साधन की मदद ले सकते है।
यदि आपने सडक मार्ग से ग्वालियर जाने की योजना बनाई हैं तो हम आपको बता दें कि आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प बस हो सकता हैं। राज्य परिवहन की बस के माध्यम से ग्वालियर राज्य के अन्य हिस्सों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। ग्वालियर शहर से इंदौर (169 किमी), कानपुर (265 किमी), दिल्ली (319 किमी) और जयपुर (348 किमी) की दूरी पर स्थित हैं।
और पढ़े: खजुराहो दर्शनीय स्थल, मंदिर और घूमने की जगह
इस आर्टिकल में आपने ग्वालियर में घूमने की जगहें के बारे में विस्तार से जाना है आपको यहाँ आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…